आज 80 प्रतिशत एक्टिव केस 10 राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है: प्रधानमंत्री मोदी
ये आवश्यकता थी, ये 10 राज्य एक साथ बैठकर समीक्षा करें, चर्चा करें और आज की इस चर्चा से हमें एक दूसरे के अनुभवों से काफी कुछ सीखने समझने को मिला भी है: पीएम मोदी
एक्टिव केस का प्रतिशत कम हुआ है, रिकवरी रेट बढ़ा है, तो इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास कारगर सिद्ध हो रहे हैं, सबसे अहम बात है कि इससे लोगों के बीच भी एक भरोसा बढ़ा है, आत्मविश्वास बढ़ा है और डर भी कुछ कम हुआ है: प्रधानमंत्री

नमस्कार।

आप सभी से बात करके जमीनी वस्तु-स्थिति की भी जानकारी और व्यापक होती है, और ये भी पता चलता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं! ये लगातार मिलना, चर्चा करना जरूरी भी है, क्योंकि जैसे-जैसे कोरोना महामारी को समय बीत रहा है, नई-नई परिस्थितियाँ भी पैदा हो रही हैं!

अस्पतालों पर दबाव, हमारे स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव, रोजमर्रा के काम में निरंतरता का ना आना पाना, ये हर दिन एक नई चुनौती लेकर आते हैं। मुझे संतोष है कि हर राज्य अपने-अपने स्तर पर महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, और चाहे केन्‍द्र सरकार हो चाहे राज्‍य सरकार हो, हम अनुभव कर रहे हैं कि हम लगातार एक टीम बन करके काम कर पा रहे हैं और यही टीम स्प्रिट जो हो वो एक परिणाम लाने में हम सफल हुए हैं। इतने बड़े संकट को हम जिस प्रकार से हमने मुकाबला किया है उसमें सबका साथ मिलकर के काम करना, ये बहुत बड़ी बात है।

सभी माननीय मुख्‍यमंत्री जी, आज 80 प्रतिशत Active cases, हम जो आज मिले हैं इन 10 राज्‍यों में हैं। और इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी हो जाती है। आज देश में active cases 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं! इसीलिए ये आवश्यकता लगी कि इन दस राज्‍यों एक साथ बैठकर हम समीक्षा करें, चर्चा करें! और उनकी जो best practices है उन्‍होंने किस-किस प्रकार नए initiatives लिए हैं। वह सबके ध्‍यान में आये क्‍योंकि हर कोई अपने-अपने तरीके से प्रयास कर ही रहा है और आज की इस चर्चा से हमें एक दूसरे के अनुभवों से काफी कुछ सीखने को समझने को मिला भी है! कहीं न कहीं ये एक भाव आज निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा!

साथियों, टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख तक पहुँच चुकी है, और लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम उसके परिणाम देख रहे हैं। हमारे यहाँ average fatality rate पहले भी दुनिया के मुक़ाबले काफी कम था, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रहा है! Active cases का प्रतिशत कम हुआ है, recovery rate लगातार बढ़ता जा रहा है, सुधरता जा रहा है, तो इसका अर्थ यह है कि हमारे प्रयास कारगर सिद्ध हो रहे हैं! सबसे अहम बात यह है, कि इससे लोगों के बीच भी एक भरोसा बढ़ा है, आत्मविश्वास बढ़ा है, और डर का माहौल भी कुछ कम हुआ है।

और जैसे-जैसे हम testing को बढ़ाते जाएंगे, हमारी ये सफलता आगे और भी बड़ी होगी! और एक संतोष का भाव हमें अनुभव होगा, हमने मृत्युदर को 1 प्रतिशत से भी नीचे लाने का जो लक्ष्य रखा है, इसे भी अगर हम थोड़ा और प्रयास करें, बड़े फोकस में हम प्रयास करें तो वो लक्ष्‍य भी हम हासिल कर सकते हैं। अब आगे हमें क्या करना है, कैसे बढ़ना है, इसे लेकर भी काफी स्पष्टता हमारे बीच में भी उभर कर आई है और एक प्रकार से grassroot level तक सब लोगों के दिमाग में पहुंच गया है, भाई क्‍या करना है, कैसे करना है, कब करना है, बात हिन्‍दुस्‍तान के हर एक नागरिक तक हम पहुंचा पाए हैं !

अब देखिए, जिन राज्यों में testing rate कम है, और जहां positivity rate ज्यादा है, वहाँ टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है! खासतौर पर, बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना, यहाँ टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने के बाद हमलोगों की बातचीत में उभरकर आ रही है!

साथियों, अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ containment, contact tracing और सरवेलंस, ये सबसे प्रभावी हथियार है! अब जनता भी इस बात को समझ रही है, लोग पूरी तरह सहयोग भी कर रहे हैं। ये जागरूकता की हमारी कोशिशों के एक अच्छे परिणाम की तरफ हम आगे बढ़े हैं। Home quarantine की व्यवस्था इसी वजह से आज इतने अच्छे तरीके से लागू कर पा रहे हैं।

एक्सपर्ट्स अब ये कह रहे हैं कि अगर हम शुरुआत के 72 घंटों में ही cases की पहचान कर लें, तो ये संक्रमण काफी हद तक धीमा हो जाता है। और इसलिए मेरा सबसे आग्रह है कि जैसे हाथ धोने की बात हो, दो गज की दूरी की बात हो, मास्‍क की बात हो, कहीं पर न थूकने का आग्रह हो, इन सबके साथ अब सरकारों में और सरकारी व्‍यवस्‍थाओं में भी और कोरोना वॉरियर के बीच भी और जनता में भी एक नया मंत्र हमें बराबर पहुंचाना पड़ेगा, और वो है, 72 घंटे में जिसको भी हुआ है, उसके आस-पास सबको उसका टेस्टिंग हो जाना चाहिए, उनका ट्रेसिंग हो जाना चाहिए, उनके लिए जो आवश्‍यक है, वह व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। अगर ये 72 घंटे वाली फार्मूला पर हम बल देते हैं तो आप मानिए कि बाकी जो-जो चीजें हैं उसके साथ अब इसका जोड़ देना है कि 72 घंटे के भीतर-भीतर इन सारे कामों को कर लेना है।

आज टेस्टिंग नेटवर्क के अलावा आरोग्य सेतु ऐप भी हमारे पास है। आरोग्य सेतु की मदद से अगर हमारी एक टीम regularly उसका एनालेसिस करें तो बहुत आसानी से किस एरिया से शिकायत आ रही है, हम पहुंच सकते हैं। हमने देखा कि हरियाणा के कुछ जिले, उत्‍तर प्रदेश के कुछ जिले और दिल्‍ली, एक ऐसा कालखंड आया कि बड़ी चिन्‍ता का विषय बन गया। सरकार ने भी दिल्‍ली में ऐसी घोषणा की कि लग रहा था कि बड़ा संकट पैदा होगा तो फि‍र मैंने एक review meeting की और हमारे होम मिनिस्‍टर श्रीमान अमित शाह जी के नेतृत्‍व में टीम बनाई और नए सिरे से सारा एप्रोच किया। उन पांचों जिलों में भी और शहर में भी, दिल्‍ली में बहुत बड़ी मात्रा में हम जो चाहते हैं वो परिणाम ला पाए।

मैं समझता हूं कि कितना ही बड़ा कठिन चित्र दिखता हो, लेकिन सिस्‍टेमेटिक तरीके से अगर आगे बढ़ते हैं तो चीजों को हम हफ्ते-10 दिन में अपनी तरफ मोड़ सकते हैं और ये हमने अनुभव करके देखा है और इसी रणनीति के भी जो बिन्दु यही थे, Containment zones को पूरी तरह से अलग कर देना, जहां जरूरत हो वहां micro containment का भी आग्रह करना, शत प्रतिशत स्क्रीनिंग करना, रिक्शा-ऑटो चालक और घरों में काम करने वाले लोगों को भी और अन्य हाइ-रिस्क लोगों की स्क्रीनिंग पूरी कर लेनी चाहिए। आज इन प्रयासों का परिणाम हमारे सामने है! Hospitals में बेहतर management, आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने जैसे प्रयासों ने भी बहुत मदद की है!

साथियों, सबसे ज्यादा प्रभावी आप सबका अनुभव है! आपके राज्यों में जमीनी हकीकत की निरंतर निगरानी करके जो नतीजे पाए गए सफलता का रास्ता उसी से बन रहा है! आज जितना भी हम कर पाए हैं, वो आप सबके अनुभव उसमें काफी मदद कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आपके इस अनुभव की ताकत से देश ये लड़ाई पूरी तरह से जीतेगा, और एक नई शुरुआत होगी! आपके और कोई सुझाव हों, कोई सलाह हो, तो हमेशा की तरह मैं हर समय आपके लिए उपलब्ध हूँ! आप जरूर बताइए और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं, सरकार के सभी अधिकारी भी आज मौजूद थे।

जिन-जिन बातों का आपने जिक्र किया है, जिसके लिए चिन्‍ता करने के लिए कहा है, टीम पूरी तरह तुरंत ही उसको आगे बढ़ाएगी, लेकिन हम जानते हैं कि ये जो कालखंड होता है, सावन, भादो और दीवाली तक का, तो कुछ बीमारी का और बीमारियों का भी माहौल बन जाता है उसको भी हमें संभालना है लेकिन मुझे विश्‍वास है कि हम जो एक प्रतिशत से नीचे मृत्‍यु दर लाने का लक्ष्‍य, रिकवरी रेट तेजी से बढाने का लक्ष्‍य, 72 घंटे में सारे contact person को तक पहुंच कर के उनकी व्‍यवस्‍था करना, इन मंत्रों को लेकर हम थोड़ा फोकस activity करेंगे तो हमारे जो 10 राज्‍य, जहां पर 80 percent cases हैं हमारे 10 राज्‍य, जहां 82 प्रतिशत मृत्‍यु हैं, हम 10 राज्‍य इस पूरी स्थिति को पलट सकते हैं। हम 10 राज्‍य मिलकर के हम भारत को विजयी बना सकते हैं और मुझे विश्‍वास है कि हम इस काम को कर पाएंगे। मैं फिर एक बार, आपने बहुत समय निकाला, समय की कमी के बावजूद भी बहुत ही अच्‍छे ढ़ंग से आपने अपनी सारी बातें रखी हैं।

मैं आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
UPI reigns supreme in digital payments kingdom

Media Coverage

UPI reigns supreme in digital payments kingdom
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister watches ‘The Sabarmati Report’ movie
December 02, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi today watched ‘The Sabarmati Report’ movie along with NDA Members of Parliament today.

He wrote in a post on X:

“Joined fellow NDA MPs at a screening of 'The Sabarmati Report.'

I commend the makers of the film for their effort.”