भारत के पास विविधता, मांग और पैमाने की तिहरी ताकत है: प्रधानमंत्री
पिछले 10 वर्षों में, भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए हैं: प्रधानमंत्री
आज, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जहाँ कई स्टार्टअप खाद्य और कृषि क्षेत्रों में काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री
भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा में निरंतर योगदान दे रहा है: प्रधानमंत्री
आज, छोटे किसान बाजार में एक बड़ी ताकत बन रहे हैं: प्रधानमंत्री
भारत में, सहकारी समितियाँ हमारे डेयरी क्षेत्र और हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई ताकत दे रही हैं: प्रधानमंत्री

रूस के डिप्टी प्राइम-मिनिस्टर दिमित्री पात्रुशेव, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी चिराग पासवान, रवनीत जी, प्रतावराव जाधव जी, अलग-अलग देशों से यहां आए सभी मंत्रिगण, अन्य प्रतिनिधि, अतिथिगण, देवियों और सज्जनों!

World Food India में आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन। आज इस आयोजन में हमारे किसान, आंत्रप्रन्योर्स, इन्वेस्टर्स, कंज्यूमर्स, सभी एक ही जगह मौजूद हैं। वर्ल्ड फूड इंडिया, एक नए कॉन्टैक्ट, नए कनेक्ट और क्रिएटिविटी का आयोजन बन गया है। मैं अभी-अभी यहां लगी Exhibitions को भी देखकर आया हूं। मुझे खुशी है कि इसमें सबसे अधिक फोकस Nutrition पर है, Oil कन्जंपशन कम करने पर है, और Packaged Products की Healthiness को बढ़ाने पर भी काफी ज़ोर दिय़ा गया है। मैं आप सभी को इस आयोजन की बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

Friends,

हर इन्वेस्टर, इन्वेस्टमेंट से पहले जहां वो इनवेस्ट करने जा रहे हैं, वहां की नैचुरल स्ट्रेंथ्स को देखता है। भारत की तरफ भी आज दुनिया और खासकर फूड सेक्टर से जुड़ा इन्वेस्टर, बहुत उम्मीद से देख रहा है। क्योंकि भारत के पास Diversity, Demand और Scale की तिहरी शक्ति है। भारत में हर अनाज की, हर फल और सब्जी की पैदावार होती है। इस डायवर्सिटी की वजह से भारत दुनिया में सबसे खास है। हर सौ किलोमीटर पर हमारे यहां खाना और खाने का स्वाद बदल जाता है। भारत में विभिन्न तरह के खानों की जबरदस्त डिमांड होती है, ये डिमांड, भारत को एक Competitive Edge देती है, और इन्वेस्टर्स के लिए भारत को एक प्रिफर्ड डेस्टिनेशन भी बनाती है।

साथियों,

भारत आज जिस स्केल पर काम कर रहा है, वो अभूतपूर्व है, अप्रत्याशित है। बीते 10 सालों में, भारत के 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है। ये सभी साथी अब नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, देश की सबसे एनर्जेटिक, सबसे एस्पेरेशनल क्लास है। इतने सारे लोगों की एस्पिरेशन्स, हमारे Food Trends को सेट करने वाली हैं। ये वो Aspiring Class है, जो हमारी Demand को बढ़ा रहा है।

साथियों,

आज देश का Talented Youth, हर सेक्टर में कुछ अलग कर रहा है। हमारा फूड सेक्टर भी, इससे पीछे नहीं है। आज भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Start-Up Ecosystem है। और इनमें से कई सारे Start-Ups, Food और Agriculture Sectors में काम करते हैं। AI, E-Commerce, Drones और Apps को भी इस सेक्टर से जोड़ा जा रहा है। हमारे ये स्टार्ट-अप्स Supply Chains, Retail और Processing के तरीके बदल रहे हैं। यानी भारत में Diversity, Demand और इनोवेशन सब कुछ मौजूद है। ये सारी चीजें, भारत को इन्वेस्टमेंट्स के लिए सबसे Attractive Destination बनाते हैं। इसलिए मैं लाल किले से कही अपनीं बात फिर दोहराउंगा, इंवेस्टमेंट का, भारत में विस्तार करने का, यही समय है, सही समय है।

साथियों,

ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में दुनिया के सामने कितनी सारी चुनौतियां हैं, इससे हम सभी भलीभांति परिचित हैं। आप ये भी जानते हैं कि जब-जब, जो-जो challenges दुनिया के सामने आए हैं, भारत ने आगे बढ़कर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाई है। ग्लोबल फूड सिक्योरिटी में भी भारत निरंतर कंट्रीब्यूट कर रहा है। हमारे किसानों, हमारे पशुपालकों, हमारे मछुआरों के परिश्रम और सरकार की नीतियों से भारत का सामर्थ्य निरंतर बढ़ रहा है। बीते दशक में हमारे Food Grain Production में काफी वृद्धि हुई है। आज भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है, और दुनिया की 25 परसेंट Milk Supply सिर्फ भारत से होती है। हम Millets के भी सबसे बड़े Producer हैं। Rice और Wheat में हम दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं। Fruits, Vegetables और Fisheries में भी भारत का योगदान बहुत बड़ा है। इसलिए, जब-जब दुनिया में फसलों पर संकट आता है, सप्लाई चेन डिसरप्ट होती है, तो भारत मजबूती से अपना दायित्व निभाने के लिए सामने आता है।

Friends,

वैश्विक हित में हमारा प्रयास है कि भारत की कैपेसिटी, हमारा कंट्रीब्यूशन और अधिक बढ़े। इसके लिए आज सरकार, फूड और न्यूट्रिशन से जुड़े हर स्टेकहोल्डर को, पूरे इकोसिस्टम को मजबूत कर रही है। हमारी सरकार, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही है। इसलिए इस सेक्टर में 100 परसेंट FDI की अनुमति दी गई है। इसके अलावा PLI स्कीम और मेगा फूड पार्क्स के विस्तार से भी इस सेक्टर को मदद मिली है। भारत आज दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम भी चला रहा है। सरकार के इन प्रयासों का परिणाम भी दिख रहा है। बीते 10 साल में भारत की Processing Capacity में 20 गुणा वृद्धि हुई है। हमारे Processed Food से जुड़े Exports भी दोगुने से ज्यादा हो गए हैं।

साथियों,

फूड सप्लाई और वैल्यू चेन में हमारे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों, और छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट्स की बहुत बड़ी भूमिका है। बीते एक दशक में इन सभी स्टेकहोल्डर्स को हमारी सरकार ने मजबूत किया है। आप जानते हैं कि भारत में eighty five percent से अधिक small या मार्जिनल फार्मर्स हैं। इसलिए हमने ऐसी पॉलिसीज बनाईं, ऐसा सपोर्ट सिस्टम डेवलप किया, कि आज ये छोटे किसान मार्केट की बड़ी ताकत बन रहे हैं।

साथियों,

अब जैसे माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं, इनको हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स चलाते हैं। इन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स में हमारे गांवों के करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। इनको सपोर्ट करने के लिए हमारी सरकार Credit-Linked Subsidies दे रही है। आज भी इन साथियों को करीब 800 करोड़ रुपये की सब्सिडी अभी-अभी आपके सामने ट्रांसफर की गई है।

साथियों,

इसी तरह, हमारी सरकार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानी FPOs का विस्तार कर रही है। 2014 के बाद से देश में 10 हजार FPOs बन चुके हैं। हमारे लाखों छोटे किसान जुड़े हैं। ये छोटे किसानों को बड़े स्केल पर अपनी उपज को मंडी तक पहुंचाने में मदद करते हैं। और ये FPOs यहीं तक सीमित नहीं हैं। ये फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और ब्रांडेड प्रोडक्ट्स डेवलप कर रहे हैं। आप हमारे FPOs की ताक़त देखेंगे, तो हैरान रह जाएंगे। आज हमारे FPOs के 15 हज़ार से भी ज़्यादा प्रोडक्ट्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। कश्मीर का बासमती चावल, केसर, अखरोट, हिमाचल के जैम और ऐपल जूस, राजस्थान के मिलेट कुकीज़, मध्य प्रदेश के सोया नगेट्स, बिहार का सुपरफूड मखाना, महाराष्ट्र का मूंगफली का तेल और गुड़ और केरला के बनाना चिप्स और नारियल का तेल, यानी, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, भारत की एग्रीकल्चर डायवर्सिटी को हमारे ये FPOs घर-घर पहुंचा रहे हैं। और आपको जानकर अच्छा लगेगा कि 1100 से अधिक FPOs करोड़पति बन गए हैं, यानी उनका एनुअल टर्नओवर एक करोड़ से अधिक का हो चुका है। FPOs आज किसानों की आय बढ़ाने और नौजवानों को रोजगार देने में, बड़ा रोल निभा रहे हैं।

साथियों,

FPOs के अलावा, भारत में को-ऑपरेटिव्स की भी बहुत बड़ी ताकत है। और ये साल तो, International Year Of Cooperatives का है। भारत में भी Cooperatives, हमारे डेयरी सेक्टर को, हमारी रूरल इकोनॉमी को एक नई शक्ति दे रहे हैं। Cooperatives के इसी महत्व को समझते हुए, हमने इसके लिए एक अलग से मिनिस्ट्री बनाई है, ताकि हमारी पॉलिसीज़ को, इन को-ऑपरेटिव्स की जरूरत के हिसाब से ढाला जा सके। इस सेक्टर के लिए Tax और Transparency Reforms भी किए गए हैं। पॉलिसी लेवल पर हुए इस बदलाव के कारण Cooperative Sector को नई मजबूती मिली है।

साथियों,

मरीन और फिशरीज में भी, भारत की ग्रोथ शानदार है। बीते दशक में, फिशरीज सेक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का हमने विस्तार किया। हमने मछुआरों को फंडिंग सपोर्ट दी, डीप सी फिशिंग बोट के लिए मदद दी। इससे हमारा मरीन प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट दोनों बढ़े हैं। आज ये सेक्टर करीब तीन करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है। हमारा प्रयास मरीन प्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग में भी विस्तार करने का है। इसके लिए Modern Processing Plants, कोल्ड चेन और स्मार्ट हार्बर के जैसी फैसिलिटीज पर निवेश किया जा रहा है।

साथियों,

फसलों को सुरक्षित रखने के लिए भी हम मॉडर्न टेक्नॉलॉजी पर इन्वेस्ट कर रहे हैं। किसानों को Food इरैडिएशन की तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इससे हमारे एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ बढ़ी है और फूड सिक्योरिटी मज़बूत हुई है। इस काम से जुड़ी यूनिट्स को सरकार हर तरह से मदद दे रही है।

साथियों,

आज का भारत इनोवेशन और रिफॉर्म्स के नए पथ पर अग्रसर है। आजकल हमारे यहां नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स की बहुत चर्चा है। किसानों के लिए ये Reforms कम लागत और ज्यादा लाभ का भरोसा लेकर आए हैं। Butter और Ghee पर अब सिर्फ 5% GST से उन्हें बहुत फायदा होगा। Milk Cans पर भी सिर्फ 5 परसेंट ही टैक्स है। इससे किसानों और Producers को और बेहतर दाम मिलेंगे। इससे गरीब और मिडिल क्लास को कम कीमत में ज्यादा न्यूट्रिशन मिलना सुनिश्चित हुआ है। Food Processing Sector को भी इन रिफॉर्म्स से बड़ा लाभ मिलना तय हुआ है। Ready-To-Consume और Preserved Fruits, Vegetables और Nuts पर सिर्फ 5 परसेंट GST है। आज 90 परसेंट से अधिक Processed Food Products, जीरो परसेंट या 5 परसेंट Slab में हैं। Bio-Pesticides और Micro-nutrients पर टैक्स कम हो गया है। GST रिफॉर्म्स से, Bio-Inputs सस्ते हुए हैं, छोटे Organic Farmers और FPOs को सीधा फायदा मिलना तय हुआ है।

साथियों,

आज समय की मांग, बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग की भी है। हमारे प्रोडक्ट फ्रेश रहें, बेहतर रहें, ये जरूरी है, लेकिन इसके साथ-साथ नेचर के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार ने बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग पर GST को भी 18 परसेंट से घटाकर 5 परसेंट कर दिया है। मैं इंडस्ट्री के सभी साथियों से भी आग्रह से कहना चाहूंगा कि बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग से जुड़े इनोवेशन्स में इन्वेस्ट करना चाहिए और जल्दी से जल्दी हमारे सारे प्रोडक्ट को पैकेजिंग के लिए बायोडिग्रेडेबल की तरफ शिफ्ट कर देना चाहिए।

साथियों,

भारत ने खुले मन से अपने देश के दरवाज़े दुनिया के लिए खोल रखे हैं। हम फूड चेन से जुड़े हर Investors के लिए Open हैं। हम Collaborations के लिए खुले दिल से तैयार हैं। मैं एक बार फिर आप सभी को भारत में सबसे ज्यादा investment करने के लिए निमंत्रित करता हूं, इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं, इसका आप फायदा उठाएं और इस आयोजन के लिए मैं सभी संबंधित लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। धन्यवाद।

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