पिछले 2 महीनों में छठी वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया
“राजस्थान को आज अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिली, इससे परिवहन-संपर्क में वृद्धि होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा”
"वंदे भारत ने 'भारत प्रथम, हमेशा प्रथम' की भावना को साकार किया"
"वंदे भारत ट्रेन विकास, आधुनिकता, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का पर्याय बन गई है"
"दुर्भाग्य से रेलवे जैसी नागरिकों की एक महत्वपूर्ण और बुनियादी जरूरत को राजनीति के अखाड़े में बदल दिया गया"
"राजस्थान के लिए रेल बजट 2014 की तुलना में 14 गुना बढ़ा दिया गया है, जो 2014 के 700 करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष 9500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है"
"भारत गौरव सर्किट ट्रेनें ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को लगातार मजबूत कर रही हैं"
“जब रेलवे जैसी परिवहन-संपर्क की अवसंरचना मजबूत होती है, तो देश मजबूत होता है, इससे देश के आम नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है।”

नमस्कार, राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान अशोक गहलोत जी, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी, राजस्थान सरकार के मंत्रीगण, विधानसभा और विधान परिषद में नेता विपक्ष, मंच पर विराजमान सभी सांसदगण, विधायकगण, अन्य सभी महानुभाव, और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

मां भारती की वंदना करने वाली राजस्थान की धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट-अजमेर वंदेभारत एक्सप्रेस से, जयपुर-दिल्ली आना-जाना और आसान हो जाएगा। ये ट्रेन, राजस्थान की टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बहुत मदद करेगी। तीर्थराज पुष्कर हो या फिर अजमेर शरीफ, आस्था के ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में भी अब श्रद्धालुओं को ज्यादा आसानी होगी।

भाइयों और बहनों,

बीते 2 महीनों में ये छठी वंदेभारत एक्सप्रेस है जिसे हरी झंडी दिखाने का मुझे सौभाग्य मिला है। मुंबई-शोलापुर वंदेभारत एक्सप्रेस, मुंबई-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरुपति वंदेभारत एक्सप्रेस, चेन्नई कोयंबटूर वंदेभारत एक्सप्रेस, और अब ये जयपुर-दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस आज शुरू हो रही है। जब से ये आधुनिक ट्रेनें शुरू हुई हैं, तब से करीब-करीब 60 लाख लोग, इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, कि ये लोगों का समय बचा रही हैं। और एक स्टडी है कि एक वंदे भारत की यात्रा करने पर लोगों के कुल मिलाकर, हर ट्रिप में करीब-करीब ढाई हजार घंटे बचते हैं। यात्रा में बचने वाले ये ढाई हजार घंटे, लोगों को अन्य कार्यों के लिए उपलब्ध हो रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग कौशल से लेकर सुरक्षा की गारंटी तक, तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक, वंदे भारत तमाम खूबियों से संपन्न है। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए आज देशभर में वंदेभारत ट्रेन का गौरवगान हो रहा है। वंदे भारत ने एक तरह से कई नई शुरुआत की है। वंदे भारत, पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जो मेड इन इंडिया है। वंदे भारत, पहली ऐसी ट्रेन है जो इतनी compact और efficient है। वंदे भारत, पहली ट्रेन है जो स्वदेशी safety system कवच के अनुकूल है। वंदे भारत, भारतीय रेलवे के इतिहास की वो पहली ट्रेन है, जिसने बिना अतिरिक्त इंजन के सह्याद्रि घाट की ऊंची चढ़ाई पूरी कर दी। वंदे भारत एक्सप्रेस India की First, always first! की भावना समृद्ध करती है। मुझे खुशी है कि वंदे भारत ट्रेन आज विकास, आधुनिकता, स्थिरता और आत्म-निर्भरता का पर्याय बन चुकी है। आज की वंदे भारत की यात्रा, कल हमें विकसित भारत की यात्रा की ओर ले जाएगी। ये राजस्थान के लोगों को वंदेभारत ट्रेन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था, जो सामान्य मानवी के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है, उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भी भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, कौन नहीं बनेगा। राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर चलेगी। राजनीतिक स्वार्थ ने ही बजट में ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं करवाईं, जो कभी चली ही नहीं। हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। हालत ये थी कि गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। देश में मौजूद हजारों मानव रहित क्रॉसिंग को भी अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया था। रेलवे की सुरक्षा, रेलवे की स्वच्छता, रेलवे प्लेटफॉर्म्स की स्वच्छता, सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ है। जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई, जब देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई, जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा, तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी। आज हर भारतवासी, भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर गर्व से भरा हुआ है।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान के लोगों ने हमेशा हम सभी को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया है। शूरवीरों की इस धरती को आज हमारी सरकार, नई संभावनाओं और नए अवसरों की धरती भी बना रही है। राजस्थान, देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में से एक है। ये बहुत जरूरी है कि राजस्थान आने वाले सैलानियों का समय बचे, उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कनेक्टिविटी की है। राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर जो काम बीते वर्षों में केंद्र सरकार ने किया है, वो वाकई स्वीकार करना होगा ये काम अभूतपूर्व हुआ है। फरवरी में ही मुझे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से के लोकार्पण के लिए दौसा आने का मौका मिला था। इस एक्सप्रेसवे से दौसा के साथ ही, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों के लोगों को बहुत लाभ होगा। केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। अभी करीब एक हजार किलोमीटर की सड़कें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है।

साथियों,

हमारी सरकार, रोड के साथ ही राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। तारंगाहिल से अंबाजी होते हुये आबूरोड़ तक नई रेल लाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है। इस रेल लाइन की मांग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है, जो अब भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद के बीच रेल लाइन को भी ब्रॉड गेज में बदलने का काम हम पूरा कर चुके हैं। इससे मेवाड़ क्षेत्र, गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान के करीब 75 प्रतिशत नेटवर्क का Electrification पूरा किया जा चुका है। 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में अभी हमारे अश्विनी जी ने विस्तार से बताया 14 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी भी की गई है। 2014 के पहले जो मिलता था और आज जो मिलता है 14 गुणा बढ़ोतरी। 2014 से पहले राजस्थान के लिए औसत रेल बजट का जहां लगभग 700 करोड़ के आसपास था, वहीं इस वर्ष साढ़े 9 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है। इस दौरान रेल लाइनों को डबल करने की गति भी दोगुने से अधिक हुई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम बीते वर्षों में हुए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को हुआ है। डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौडगढ़, पाली और सिरोही जिलों में रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है। रेलवे लाइनों के साथ-साथ राजस्थान के रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। राजस्थान के दर्जनों स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।

साथियों,

टूरिस्ट्स की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार, अलग-अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप्स लगा चुकी है। इन ट्रेनों में 15 हजार से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। अयोध्या-काशी, या फिर दक्षिण के क्षेत्रों के दर्शन हों, द्वारका जी के दर्शन हों, सिख समाज के गुरुओं के तीर्थ स्थल हों, ऐसे अनेक स्थानों के लिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें आज चलाई जा रही हैं। हम अक्सर सोशल मीडिया पर देखते हैं कि इन यात्रियों से कितना अच्छा फीडबैक मिल रहा है, इन ट्रेनों को कितनी सराहना मिल रही है। ये ट्रेनें, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी निरंतर सशक्त कर रही हैं।

साथियों,

भारतीय रेलवे ने बीते वर्षों में एक और प्रयास किया है जिसने राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को भी देश भर में पहुंचाने में मदद की है। ये है वन स्टेशन वन प्रोडक्ट अभियान। भारतीय रेल ने राजस्थान में लगभग 70 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स में जयपुरी रजाईयां, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट की चादरें, गुलाब से बने उत्पाद, दूसरे हस्तशिल्प की जमकर बिक्री हो रही है। यानि राजस्थान के छोटे किसान, कारीगरों, हस्तशिल्पियों को बाज़ार तक पहुंचने का ये नया माध्यम मिल गया है। ये विकास में सबकी भागीदारी यानि सबका विकास का प्रयास है। जब रेल जैसा कनेक्टिविटी का इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होता है तो देश सशक्त होता है। इससे देश के सामान्य नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है। मुझे विश्वास है कि आधुनिक वंदेभारत ट्रेन, राजस्थान के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी। और मुझे गहलोत जी का विशेष रूप से मैं आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वो राजनीतिक आपादापी में उनका अनेक संकटों से वो गुजर रहे हैं। उसके बावजूद भी विकास के काम के लिए समय निकालकर के आए, रेलवे कार्यक्रम में हिस्स लिया। ये मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं और मैं गहलोत जी को कहना चाहता हूं। गहलोत जी आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं। आपके रेल मंत्री राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। तो आपको तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं और दूसरा जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, अब तक नहीं हो पाया लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है, इतना भरोसा है कि आज वो काम भी आपने मेरे सामने रखे हैं। आपका से विश्वास यही मेरी मित्रता की अच्छी ताकत है और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं इसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी को फिर से मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं, राजस्थान को बधाई देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान और वैश्विक पुरस्कारों की सूची
December 18, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सभी सम्मान पीएम मोदी के नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिंब हैं जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है।

आइए, एक नजर डालते हैं पिछले 7 वर्षों में पीएम मोदी को दिए गए पुरस्कारों पर।

विभिन्न देशों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पुरस्कार:

1.अप्रैल 2016 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- 'किंग अब्दुलअजीज सैश' से सम्मानित किया गया था। किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से पीएम मोदी को सम्मानित किया।

2. उसी वर्ष, प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

3. वर्ष 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिलिस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा की, तो उन्हें 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला फिलिस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।

4. प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में 'ऑर्डर ऑफ जायद' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

5. रूस ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान जुलाई 2024 में अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्राप्त किया।

6. 2019 में मालदीव ने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला अपना सर्वोच्च सम्मान 'निशान इज्जुद्दीन' से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मानित किया।

7. पीएम मोदी को 2019 में 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बहरीन द्वारा प्रदान किया गया था।

8. 2020 में पीएम मोदी को यूनाइटेड स्टेट आर्म्ड फोर्सेस अवार्ड 'लीजन ऑफ मेरिट' से सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट सेवाओं और उपलब्धियों के प्रदर्शन में असाधारण मेधावी आचरण के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा दिया जाता है।

9. भूटान ने दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी को, सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने मार्च 2024 में, भूटान यात्रा के दौरान यह पुरस्कार ग्रहण किया।

10. 2023 में पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान पीएम मोदी को पलाऊ गणराज्य के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप्स जूनियर द्वारा एबाक्ल अवॉर्ड (Ebakl Award) से सम्मानित किया गया।

11. पीएम नरेन्द्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए फिजी के सर्वोच्च सम्मान, कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका द्वारा प्रदान किया गया।

12. पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने पीएम मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया। यह पापुआ न्यू गिनी का सर्वोच्च सम्मान है।

13. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने जून 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ नाइल' से सम्मानित किया।

 14. 13 जुलाई 2023 को पीएम मोदी को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

 15. 25 अगस्त 2023 को ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू ने पीएम मोदी को 'द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया।

16. डोमिनिका ने पीएम मोदी को ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। यह सम्मान पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी गुयाना यात्रा के दौरान डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन द्वारा प्रदान किया गया।

17. नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू द्वारा प्रदान किया गया।

18. गुयाना ने पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने प्रदान किया।

19. बारबाडोस की पीएम मिया अमोर मोटली ने नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा के दौरान पीएम मोदी को ‘ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के अपने सरकार के निर्णय की घोषणा की।

20. दिसंबर 2024 में, पीएम मोदी को कुवैत के महामहिम अमीर, शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा द्वारा ‘मुबारक अल-कबीर ऑर्डर’ से सम्मानित किया गया।

21. मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति धरमबीर गोकुल ने पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया।

22. अप्रैल 2025 में पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को श्रीलंका के सर्वोच्च सम्मान 'श्रीलंका मित्र विभूषण' अवार्ड से सम्मानित किया।

23) पीएम मोदी को जून 2025 में उनकी साइप्रस यात्रा के दौरान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा प्रदान किया गया।

24) पीएम मोदी को जुलाई 2025 के दौरे पर ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

25) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में अपनी यात्रा के दौरान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

26) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में ब्राजील दौरे पर, ‘द ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति लूला ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

27) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में उनकी नामीबिया यात्रा के दौरान ‘The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पीएम मोदी को प्रेसिडेंट Dr. Netumbo Nandi-Ndaitwah ने प्रदान किया।

28) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ से सम्मानित किया गया। यह इथियोपिया का सबसे बड़ा सम्मान है। दिसंबर 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान यह सम्मान उन्हें इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली द्वारा प्रदान किया गया।

29) दिसंबर 2025 में मस्कट की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम नरेन्द्र मोदी को ओमान के सुल्तान ने ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ का प्रथम श्रेणी सम्मान प्रदान किया।

सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के अलावा, पीएम मोदी को दुनिया भर के प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

1. सियोल शांति पुरस्कार : यह सियोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन द्वारा उन व्यक्तियों को द्विवार्षिक रूप से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने मानव जाति के सदभाव, राष्ट्रों के बीच सुलह और विश्व शांति में योगदान के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी को 2018 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2. संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड : यह संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक मंच पर साहसिक पर्यावरण नेतृत्व के लिए पीएम मोदी सम्मानित किया।

3. 2019 में प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी राष्ट्र के नेता को दिया जाता है। पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि पीएम मोदी को उनके "राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट नेतृत्व" के लिए चुना गया।

4. पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'ग्लोबल गोलकीपर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने यह पुरस्कार उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को 'जन-आंदोलन' में बदल दिया और अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

5. 2021 में कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स CERA द्वारा ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड पीएम मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के भविष्य के प्रति नेतृत्व की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।