Quote6,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई हवाईअड्डा परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया
Quoteआज की विकास पहलों से नागरिकों, विशेषकर हमारी युवा शक्ति को बहुत लाभ होगा: प्रधानमंत्री
Quoteबीते 10 सालों में हमने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया है: प्रधानमंत्री
Quoteकाशी एक मॉडल सिटी है जहां विकास भी हो रहा है और विरासत भी संरक्षित हो रही है: प्रधानमंत्री
Quoteसरकार ने महिला सशक्तीकरण को नई शक्ति दी है, समाज का विकास तब होता है जब समाज की महिलाएं और नौजवान सशक्त होते हैं: प्रधानमंत्री

नम: पार्वती पतये…

हर-हर महादेव !

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, इस कार्यक्रम में टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़े अन्य राज्यों के सम्मानित गवर्नर, मुख्यमंत्री गण, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्री नायडू जी, टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़े केंद्र में मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक जी, यूपी सरकार के अन्य मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण, और बनारस के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

आज एक बार फिर बनारस के घरे आवे के मौका मिलल हौ...आज चेतगंज में - नक्कटैया क मेला भी हौ...धनतेरस, दीपावली अऊर छठी मईया के त्योहार- सब आवते हौ...औसे पहिले, आज काशी विकास के पर्व क साक्षी बनत हौ. आप सबके बहुत खूब बधाई।

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साथियों,

काशी के लिए आज का दिन, बहुत ही शुभ है। अभी मैं आंखों के एक बड़े अस्पताल का लोकार्पण करके आपके पास आया हूं, और इसलिए आने में थोड़ी देर भी हो गई। शंकरा नेत्र अस्पताल से बुजुर्गों और बच्चों को बहुत मदद मिलने वाली है। बाबा के आशीर्वाद से अभी यहां हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें देश और यूपी के विकास की, उसको नई ऊंचाई देने वाले प्रोजेक्ट्स भी हैं। आज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, एमपी और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग एयरपोर्ट्स का शुभारंभ हुआ है। इसमें बाबतपुर एयरपोर्ट के अलावा आगरा और सहारनपुर का सरसावा एयरपोर्ट भी शामिल है। कुल मिलाकर देखें तो आज शिक्षा, कौशल विकास, खेल, स्वास्थ्य, पर्यटन हर सेक्टर के प्रोजेक्ट्स बनारस को मिले हैं। ये सारे प्रोजेक्ट्स सुविधा के साथ-साथ, हमारे नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक नए अवसर भी लेकर आए हैं। यहां तो सारनाथ है, भगवान बुद्ध की उपदेश भूमि है। कुछ दिन पहले ही मैं अधिधम्म महोत्सव में सम्मिलित हुआ था। आज मुझे, सारनाथ के विकास से जुड़ी करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करने का भी अवसर मिला है, और आप तो जानते हैं कुछ समय पहले हमने कुछ भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी, उसमें पाली और प्राकृत भाषाएं भी हैं। और पाली भाषा का सारनाथ से विशेष नाता है, काशी से विशेष नाता है, प्राकृत भाषा का भी विशेष नाता है। और इसलिए उसका शास्त्रीय भाषा के रूप में गौरव प्राप्त होना ये हम सबके लिए गौरव का विषय है। मैं विकास की इन सभी परियोजनाओं के लिए आप सब मेरे काशीवासियों को और देश के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आपने मुझे जब लगातार तीसरी बार सेवा करने का आदेश दिया था, तब मैंने तीन गुना गति से काम करने की बात कही थी। अभी सरकार को बने सवा सौ दिन भी नहीं हुए हैं। इतने कम समय में ही देश में 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं-परियोजनाओं पर हम काम शुरु कर चुके हैं। इसमें से ज्यादातर बजट गरीबों, किसानों और नौजवानों के नाम पर रहा है। आप सोचिए, 10 साल पहले तक सरकार के लाखों करोड़ रुपए के घोटालों की चर्चा अखबारों में छाई रहती थी, बातचीत का मुद्दा ही लाखों-करोड़ों का घोटाला होता था। आज सिर्फ सवा सौ दिन में ही 15 लाख करोड़ रुपए के काम शुरु होने की चर्चा घर-घर में हो रही है। यही तो वो बदलाव है, जो देश चाहता है। जनता का पैसा, जनता पर खर्च हो, देश के विकास पर खर्च हो, पूरी ईमानदारी से खर्च हो, ये हमारी बड़ी प्राथमिकता है।

साथियों,

बीते 10 सालों में हमने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया है। और इंफ्रास्ट्रक्चर के इस अभियान के दो सबसे बड़े लक्ष्य हैं। पहला लक्ष्य- निवेश से नागरिकों की सुविधा बढ़ाने की है। दूसरा लक्ष्य- निवेश से नौजवानों को नौकरी देने का है। आज देश भर में आधुनिक हाईवे बन रहे हैं, नए-नए रूट्स पर रेलवे ट्रैक्स बिछाए जा रहे हैं, नए-नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, और ये सिर्फ ईंट-पत्थर और लोहे-सरिया का काम नहीं हो रहा, बल्कि इससे लोगों की सुविधा बढ़ रही है, देश के युवाओं को नौकरियां भी मिल रही हैं।

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साथियों,

आप देखिए, जब हमने बाबतपुर एयरपोर्ट वाला हाईवे बनाया, एयरपोर्ट पर आधुनिक सुविधाएं बढ़ाईं, तो क्या फायदा सिर्फ आने-जाने वालों को मिला? नहीं, इससे बनारस के कितने ही लोगों को रोजगार मिला। इससे खेती, उद्योग और पर्यटन, तीनों को बल मिला। आज बनारस आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कोई घूमने के लिए आ रहा है, कोई व्यापार के लिए आ रहा है, और इसमें फायदा आपका हो रहा है। इसलिए अब जब बाबतपुर हवाई अड्डे का और विस्तार होगा, तो आपको और ज्यादा फायदा होगा। आज इस पर काम भी शुरु हो गया है। ये काम जब पूरा हो जाएगा तो यहां ज्यादा विमान उतर पाएंगे।

साथियों,

आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के इस महायज्ञ में हमारे एयरपोर्ट्स, उनकी शानदार इमारतें, आधुनिक से आधुनिक सुविधाएं आज दुनिया भर में चर्चा का विषय हैं। 2014 में हमारे देश में सिर्फ 70 एयरपोर्ट थे। और नायडू जी ने अभी विस्तार से उसका वर्णन किया, आज डेढ़ सौ से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। और जो पुराने एयरपोर्ट हैं, हम उन्हें भी रेनोवेट कर रहे हैं। पिछले साल देश में एक दर्जन से अधिक एयरपोर्ट्स पर नई सुविधाओं का निर्माण हुआ, मतलब हर महीने एक। इनमें अलीगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती और चित्रकूट एयरपोर्ट भी शामिल हैं। अयोध्या भी एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट, हर रोज रामभक्तों का स्वागत कर रहा है। आप ज़रा सोचिए, वो भी दिन थे जब यूपी को खस्ताहाल सड़कों के लिए ताने दिए जाते थे। आज यूपी की पहचान एक्स्प्रेस-वे वाले राज्य के रूप में है। आज यूपी की पहचान सबसे अधिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स वाले राज्य की है। नोएडा के ज़ेवर में भी जल्द ही एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार होने जा रहा है। यूपी की इस प्रगति के लिए, मैं योगी जी, केशव प्रसाद मौर्या जी, ब्रजेश पाठक जी उनकी पूरी टीम की सराहना करता हूं।

साथियों,

बनारस का सांसद होने के नाते भी जब यहां की प्रगति देखता हूं, तो संतोष होता है। काशी को शहरी विकास की मॉडल सिटी बनाने का सपना तो हम सभी ने साथ मिलकर देखा है। एक ऐसा शहर जहां विकास भी हो रहा है और विरासत भी संरक्षित हो रही है। आज काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ के भव्य और दिव्य धाम से होती है, आज काशी की पहचान रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से होती है, आज काशी की पहचान रिंग रोड और गंजारी स्टेडियम जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से होती है। आज काशी में रोपवे जैसी आधुनिक सुविधा बन रही है। ये चौड़े रास्ते, ये गलियां, ये गंगा जी के सुंदर घाट, आज सबका मन मोह रहे हैं।

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साथियों,

हमारा निरंतर प्रयास है कि हमारी काशी, हमारा पूर्वांचल व्यापार-कारोबार का और बड़ा केंद्र बने। इसलिए कुछ दिन पहले ही सरकार ने गंगा जी पर एक नए रेल-रोड ब्रिज के निर्माण को स्वीकृति दी है। -इ जौन राजघाट क पुल हौ न...एकरे पास में- एक ठे भव्य पुल और बने जात हौ...एकरे नीचे- कई ठे ट्रेन चली...औरी ऊपर- 6 लेन क हाइवे भी बनी...एकर लाभ - बनारस औरी चंदौली के लाखन लोगन के मिली।

साथियों,

हमारी काशी, अब खेलों का भी एक बहुत बड़ा केंद्र बनती जा रही है। सिगरा स्टेडियम अब नए रंग-रूप में आपके सामने है। नए स्टेडियम में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से लेकर ओलंपिक तक की तैयारियों के इंतजाम हो गए हैं। यहां खेलों की आधुनिक सुविधाएं बनी हैं। काशी के नौजवान खिलाड़ियों का सामर्थ्य क्या है, ये सांसद खेल प्रतियोगिता के दौरान हमने देखा है। अब पूर्वांचल के हमरी बेटा-बेटी के बड़ा खेल के तैयारी बदे- अच्छी सुविधा मिल गईल हौ।

साथियों,

समाज का विकास तब होता है, जब समाज की महिलाएं और नौजवान सशक्त होते हैं। इसी सोच के साथ सरकार ने नारी शक्ति को नई शक्ति दी है। करोड़ों महिलाओं को मुद्रा लोन देकर उन्हें व्यापार करने की सहूलियत दी गई है। आज हम गांव-गांव में लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। आज गांव की हमारी बहनें, अब ड्रोन पायलट भी बन रही हैं। और ये तो काशी है, यहां साक्षात शिव भी माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगते हैं। काशी ये सिखाती है कि समाज तभी समृद्ध होगा, जब नारी सशक्त होगी। इसी भावना से हमने विकसित भारत के हर संकल्प में नारी शक्ति को केंद्र में रखा है। जैसे पीएम आवास योजना ने करोड़ों महिलाओं को उनके अपने घर की सौगात दी है। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां बनारस की महिलाओं को भी मिला है। आपको पता है, सरकार अब तीन करोड़ और नए घर बनाने जा रही है। यहां बनारस में भी जिन महिलाओं को पीएम आवास के घर नहीं मिले हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द ये घर दिए जाएंगे। हमने घर-घर नल, नल से जल और उज्ज्वला गैस तो पहुंचाई ही है। अब मुफ्त बिजली और बिजली से कमाई वाली योजना भी चल रही है। पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना से हमारी बहनों का जीवन और आसान होने वाला है।

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साथियों,

अपनी काशी बहुरंगी सांस्कृतिक नगरी है। यहां भगवान शंकर का पावन ज्योतिर्लिंग है, मणिकर्णिका जैसा मोक्ष तीर्थ है, यहां सारनाथ जैसा ज्ञान स्थल है। दशकों-दशक बाद बनारस के विकास के लिए इतना काम एक साथ हो रहा है। वर्ना काशी को तो जैसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया था। इसलिए आज मैं हर काशीवासी के सामने एक सवाल उठा रहा हूं। आखिर वो कौन सी मानसिकता है, जिसके चलते पहले काशी को विकास से वंचित रखा गया? 10 साल पहले की स्थिति याद करिए, बनारस को विकास के लिए तरसाया जाता था। जिन लोगों ने यूपी में लंबे समय तक सरकारें चलाईं, जो लोग दिल्ली में दशकों तक सरकार में बैठे रहे, उन्होंने कभी बनारस की परवाह क्यों नहीं की? इसका जवाब है- परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति। कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी ऐसे दलों के लिए बनारस का विकास ना पहले प्राथमिकता में था, ना भविष्य में कभी होगा। इन दलों ने विकास में भी भेदभाव किया। जबकि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलती है। हमारी सरकार, किसी योजना में भेदभाव नहीं करती। हम जो कहते हैं, वो डंके की चोट पर करके दिखाते हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा, आज अयोध्या में, हर रोज लाखों लोग राम लला के दर्शन करने जा रहे हैं। महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में आरक्षण की बात भी बरसों से लटकी रही थी । ये ऐतिहासिक काम भी हमारी सरकार ने ही पूरा किया है। तीन तलाक की कुरीति से कितने ही परिवार पीड़ित थे। मुस्लिम बेटियों को इससे मुक्ति दिलाने का काम हमारी सरकार ने किया। ये भाजपा सरकार ही है, जिसने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, ये भाजपा सरकार है, एनडीए सरकार ही है, जिसने बिना किसी का हक छीने गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया।

साथियों,

हमने अपना काम किया। नेक नीयत से नीतियां लागू कीं, ईमानादरी से देश के हर परिवार का जीवन बदलने का प्रयास किया, इसलिए देश भी हमें लगातार आशीर्वाद दे रहा है। अभी हरियाणा में हमने देखा है कि कैसे वहां तीसरी बार लगातार भाजपा की सरकार बनी है। जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा को रिकॉर्ड वोट मिले हैं।

साथियों,

आज भारत के सामने परिवारवादी राजनीति का भी बहुत बड़ा खतरा है। ये परिवारवादी सबसे ज्यादा नुकसान, देश के युवाओं को करते हैं। ये कभी भी युवाओं को मौका देने में विश्वास नहीं करते। इसलिए मैंने लाल किले से आह्वान किया है, मैं देश के 1 लाख ऐसे नौजवानों को राजनीति में लाउंगा, जिनके परिवार का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। ये भारत की राजनीति की दिशा बदलने वाला अभियान है। ये भ्रष्टाचार और परिवारवादी मानसिकता को मिटाने का अभियान है। ये काशी के, उत्तर प्रदेश के नौजवानों से भी कहूंगा कि आप खुले मन से नई राजनीति की धुरी बनें। काशी का सांसद होने के नाते, मैं यहां के नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा आगे लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

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साथियों,

काशी का ये मंच एक बार फिर, पूरे देश के नए विकास प्रतिमानों का आरंभ स्थल बना है। काशी एक बार फिर, राष्ट्र को नई गति देने की साक्षी बनी है। मैं एक बार फिर आज के विकास कार्यक्रम से जुड़े सभी राज्यों को, सभी माननीय गर्वनर्स को, सभी माननीय मुख्यमंत्रियों को और काशी के लोगों को, देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-

नम: पार्वती पतये...

हर-हर महादेव !

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आइए, हम सब योग को एक जन-आंदोलन बनाएं; जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए: पीएम मोदी
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Quoteयोग हमें विश्व के साथ एकरूपता की दिशा में ले जाता है, यह हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग नहीं, बल्कि प्रकृति का ही हिस्सा हैं: प्रधानमंत्री
Quoteयोग एक ऐसी प्रणाली है जो हमें 'मैं' से 'हम' की ओर ले जाती है: प्रधानमंत्री
Quoteयोग मानवता के लिए सांस लेने, संतुलन बनाए रखने और फिर से संपूर्ण बनने के लिए आवश्यक पौज बटन है: प्रधानमंत्री
Quoteआइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 के आरंभ के रूप में मनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाती है: प्रधानमंत्री

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!