साझा करें
 
Comments
“सरकार ने पिछले 8 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखाया है”
“वह दिन दूर नहीं जब भारत भी ऐसा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट आयोजित करेगा और हर भारतीय भी हमारी टीम का स्वागत करेगा”
"विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन तक सीमित नहीं है"
"आज हम जो परिवर्तन देख रहे हैं, वह हमारे इरादों, संकल्पों, प्राथमिकताओं और हमारी कार्य संस्कृति में बदलाव का परिणाम है"
"केंद्र सरकार इस साल सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जबकि 8 साल पहले यह खर्च 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम था"
"पीएम-डिवाइन के तहत अगले 3-4 साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है"
"आदिवासी समाज की परंपरा, भाषा और संस्कृति को बनाए रखते हुए जनजातीय क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता"
“लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए ‘डिवाइड’ की सोच थी और हम ‘डिवाइन’ का इरादा लेकर आए हैं”

मेघालय के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री अमित भाई शाह, सर्बानंद सोनोवाल, किरण रिजिजू जी, जी किशन रेड्डी जी, बीएल वर्मा जी, मणिपुर, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और सिक्किम के सभी मुख्यमंत्री गण और मेघालय के मेरे प्यारे भाइयो और बहनों !

खुबलेइ शिबोन !(खासी और जयंतिया में नमस्ते) नमेंग अमा ! (गारो में नमस्ते) मेघालय प्रकृति और संस्कृति से समृद्ध प्रदेश है। ये समृद्धि आपके स्वागत-सत्कार में भी झलकती है। आज एक बार फिर मेघालय के विकास के उत्सव में सहभागी होने का हमें अवसर मिला है। सभी मेघालय के मेरे भाईयों- बहनों को कनेक्टिविटी, शिक्षा, कौशल, रोजगार की दर्जनों परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई हो।

भाइयों और बहनों,

ये संयोग ही है कि आज जब फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल हो रहा है, तब मैं यहां फुटबॉल के मैदान में ही फुटबॉल प्रेमियों के बीच में हूं। उस तरफ फुटबॉल की स्पर्धा चल रही है और हम फुटबॉल के मैदान में विकास की स्पर्धा कर रहे है। मुझे ऐहसास है कि मैच कतर में हो रहा है, लेकिन उत्साह और उमंग यहां भी कम नहीं है। और साथियों जब फुटबॉल के मैदान में हूं और फुटबॉल फीवर चारों तरफ है तो क्यों न हम फुटबॉल की परिभाषा में ही बात करें, फुटबॉल का ही उदाहरण देके बात करें। हम सबको मालूम है कि फुटबॉल में अगर कोई खेल भावना के विरूद्ध sportsmanship spirit के खिलाफ अगर कोई भी व्यवहार करता है। तो उसे Red Card दिखाकर बाहर कर दिया जाता है। इसी तरह पिछले 8 वर्षों में हमने नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को Red Card दिखा दिया है| भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजावाद, हिंसा, प्रोजेक्टों को लटकाना-भटकाना, वोट बैंक की राजनीति को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आप भी जानते हैं, देश भी जानता है। इन बुराईयों की, बीमारीयों की जड़ें बहुत गहरी हैं, इसलिए हम सबको मिलकर के उसे हटाकर के ही रहना है। हमें विकास के कार्यों को ज्यादा रफ्तार देने और ज्यादा प्रभावशाली बनाने में प्रयासों को अच्छा परिणाम भी नजर आ रहा है। यही नहीं, स्पोर्ट्स को लेकर भी केंद्र सरकार आज एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ नॉर्थ ईस्ट को हुआ है, नॉर्थ ईस्ट के मेरे जवानों को, हमारी बेटें-बेटियों को हुआ है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट में है। आज नॉर्थ ईस्ट में मल्टीपर्पज हॉल, फुटबॉल मैदान, एथलेटिक्स ट्रैक, ऐसे 90 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। आज शिलॉन्ग से मैं ये कह सकता हूं कि आज भले ही हमारी नज़र कतर में चल रहे खेल पर है, मैदान में विदेशी टीम हैं उन पर हैं, लेकिन मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर भरोसा है। इसलिए विश्वास से कह सकता हूँ कि वो दिन दूर नहीं जब हम भारत में ऐसा ही उत्सव मनाएंगे और तिरंगे के लिए चीयर करेंगे।

भाइयों और बहनों,

विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन इन्ही ritual तक सीमित नहीं है। ये तो साल 2014 से पहले भी होता रहता था। फीते काटने वाले पहुंच जाते थे।, नेता मालाएं भी पहन लेते थे, जिंदाबाद के नारे भी लग जाते थे। तो फिर आज बदला क्या है? आज जो बदलाव आया है, वो हमारे इरादे में आया है। हमारे संकल्पों में आया है, हमारी प्राथमिकताओं में आया है, हमारी कार्यसंस्कृति में आया है, बदलाव प्रक्रिया और परिणाम में भी आया है। संकल्प, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक कनेक्टिविटी से विकसित भारत के निर्माण का है। इरादा, भारत के हर क्षेत्र, हर वर्ग को तेज विकास के मिशन से जोड़ने का है, सबका प्रयास से भारत के विकास का है। प्राथमिकता, अभाव को दूर करने की है, दूरियों को कम करने की है, कैपेसिटी बिल्डिंग की है, युवाओं को अधिक अवसर देने की है। कार्यसंस्कृति में बदलाव यानि हर प्रोजेक्ट, हर प्रोग्राम समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए।

साथियों,

जब हमने केंद्र सरकार की प्राथमिकताएं बदलीं,priority बदली, तो पूरे देश में इसका पॉजिटिव असर भी दिख रहा है। इस वर्ष देश में 7 लाख करोड़ रुपए, ये आंकडा मेघालय के भाई-बहन याद रखना, नार्थ ईस्ट के मेरे भाई-बहन याद रखना। सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार 7 लाख करोड़ रुपया खर्च कर रही है। जबकि 8 वर्ष पहले ये खर्च 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम था। यानि आज़ादी के 7 दशक बाद भी सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचे और 8 वर्षों में लगभग 4 गुणा क्षमता हमने बढ़ाई है। आज इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर अनेक राज्य भी, राज्यों के बीच मे competition हो रही है, स्पर्धा हो रही है, विकास की स्पर्धा हो रही है। देश में जो ये बदलाव आया है उसका सबसे बड़ा लाभार्थी भी आज ये मेरा नॉर्थ ईस्ट ही है। शिलॉन्ग सहित नॉर्थ ईस्ट की सभी राजधानियां रेल-सेवा से जुड़ें, इसके लिए तेज़ी से काम चल रहा है। साल 2014 से पहले जहां हर हफ्ते 900 उड़ानें ही संभव हो पाती थीं, आज इनकी संख्या करीब एक हजार नौ सौ तक पहुंच गई है। कभी 900 हुआ करती थी, अभी 1900 हुआ करेगी। आज मेघालय में उड़ान योजना के तहत 16 रूट्स पर हवाई सेवा चल रही है। इससे मेघालय वासियों को सस्ती हवाई सेवा का लाभ मिल रहा है। बेहतर एयर कनेक्टिविटी से मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के किसानों को भी लाभ हो रहा है। केंद्र सरकार की कृषि उड़ान योजना से यहां के फल-सब्जी देश और विदेश के मार्केट तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं।

साथियों,

आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उससे मेघालय की कनेक्टिविटी और सशक्त होने वाली है। पिछले 8 वर्षों में मेघालय में नेशनल हाईवे के निर्माण पर 5 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पिछले 8 वर्षों में जितनी ग्रामीण सड़कें मेघालय में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी हैं, वह उससे पहले 20 वर्षों में बनी सड़कों से सात गुना ज़्यादा है।

भाइयों और बहनों,

नॉर्थ ईस्ट की युवा शक्ति के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी से नए अवसर बनाए जा रहे हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी से सिर्फ बातचीत, कम्यूनिकेशन नहीं, उतना ही लाभ मिलता है ऐसा नहीं है। बल्कि इससे टूरिज्म से लेकर टेक्नॉलॉजी तक, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक, हर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ती हैं, अवसर बढ़ते हैं। साथ ही विश्व में तेज़ी से उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था का सामर्थ्य भी इससे बढ़ता है। 2014 की तुलना में नॉर्थ ईस्ट में ऑप्टिकल फाइबर की कवरेज लगभग 4 गुणा बढ़ी है। वहीं मेघालय में ये वृद्धि 5 गुणा से अधिक है। नॉर्थ ईस्ट के कोने-कोने तक बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचे, इसके लिए 6 हज़ार मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। इस पर 5 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया जा रहा है। आज मेघालय में अनेक 4G मोबाइल टावर्स का लोकार्पण इन प्रयासों को गति देगा। ये इंफ्रास्ट्रक्चर यहां के युवाओं को नए अवसर देने वाला है। मेघालय में IIM का लोकार्पण और टेक्नॉलॉजी पार्क का शिलान्यास भी पढ़ाई और कमाई के अवसरों का विस्तार करेगा। आज नॉर्थ ईस्ट के आदिवासी क्षेत्रों में डेढ़ सौ से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं, इसमें से 39 मेघालय में हैं। दूसरी तरफ IIM जैसे प्रोफेशनल एजुकेशन के संस्थानों से युवाओं को प्रोफेशनल एजुकेशन का लाभ भी यहीं मिलने वाला है।

भाइयों और बहनों,

नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए भाजपा की, एनडीए की सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। इस वर्ष ही 3 नई योजनाएं शुरु की गई हैं, जो या तो सीधे नॉर्थ ईस्ट के लिए हैं या फिर उनसे नॉर्थ ईस्ट का सबसे अधिक लाभ होने वाला है। पर्वतमाला योजना के तहत रोप-वे का नेटवर्क बनाया जा रहा है। इससे नॉर्थ ईस्ट के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में सुविधा बढ़ेगी और टूरिज्म का विकास भी होगा। PM DEVINE योजना तो नॉर्थ ईस्ट के विकास को नई गति देने वाली है। इस योजना से नॉर्थ ईस्ट के लिए बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स अधिक आसानी से स्वीकृत हो पाएंगे। यहां महिलाओं और युवाओं की आजीविका के साधन विकसित होंगे। पीएम-डिवाइन के तहत आने वाले 3-4 साल के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए का बजट तय किया जा चुका है।

भाइयों और बहनों,

लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए Divide की सोच थी और हम DEVINE का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो, या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिविजन को दूर कर रहे हैं। आज नॉर्थ ईस्ट में हम विवादों के बॉर्डर नहीं बल्कि विकास के कॉरिडोर बना रहे हैं उस पर बल दे रहे हैं। बीते 8 वर्षों में अनेक संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है, स्थाई शांति की राह पकड़ी है। नॉर्थ ईस्ट में AFSPA की आवश्यकता ना पड़े, इसके लिए लगातार राज्य सरकारों के साथ मिलकर स्थितियों को सुधारा जा रहा है। यही नहीं, राज्यों के बीच सीमाओं को लेकर भी दशकों से जो विवाद चल रहे थे, उनको सुलझाया जा रहा है।

साथियों,

हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट, हमारे बॉर्डर एरिया, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेट-वे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार-कारोबार भी यहीं से होता है। इसलिए एक और महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लाभ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को होने वाला है। ये योजना है वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज बनाना है। इसके तहत सीमावर्ती गांवों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। ये सोचा जाता था, मैं तो कल्पना भी नहीं कर सकता हूं। क्या ऐसा भी कभी सोचा जा सकता है? पहले की सरकार की इस सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप, जो भी आवश्यक है एक के बाद एक उसके निमार्ण का काम तेज गति से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं। जो गति हमारे शहरों के लिए महत्वपूर्ण है, हमारे बॉर्डर पर भी वही गति होनी आवश्यक है। इससे यहां टूरिज्म भी बढ़ेगा और जो लोग गांव छोड़कर गए हैं, वे भी वापस लौटकर आएंगे।

साथियों,

पिछले साल मुझे वेटिकन सिटी जाने का अवसर मिला, जहां मेरी मुलाकात His Holiness the Pope से हुई। मैंने उन्हें भारत आने का न्यौता भी दिया है। इस मुलाकात ने मेरे मन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। हम दोनों ने उन चुनौतियों पर चर्चा की, जिनसे आज पूरी मानवता जूझ रही है। एकता और समरसता की भावना से कैसे सबका कल्याण हो सकता है, इस पर एकजुट प्रयासों के लिए सहमति बनी। इसी भाव को हमें सशक्त करना है।

साथियों,

शांति और विकास की राजनीति का सबसे अधिक लाभ हमारे जन-जातीय समाज को हुआ है। आदिवासी समाज की परंपरा, भाषा-भूषा, संस्कृति को बनाए रखते हुए आदिवासी क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए बांस की कटाई पर जो प्रतिबंध था उसे हमने हटा दिया है। इससे बांस से जुड़े आदिवासी उत्पादों के निर्माण को बल मिला। वनों से प्राप्त उपज में वैल्यू एडिशन के लिए नॉर्थ ईस्ट में साढ़े 8 सौ वनधन केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। इनसे अनेक सेल्फ-हेल्प ग्रुप जुड़े हैं, जिनमें अनेक हमारी माताएं-बहनें काम कर रही हैं। यही नहीं, घर, पानी, बिजली, गैस जैसे सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी नॉर्थ ईस्ट को सबसे अधिक लाभ हुआ है। बीते वर्षों में मेघालय में 2 लाख घरों तक पहली बार बिजली पहुंची है। गरीबों के लिए लगभग 70 हज़ार घर स्वीकृत हुए हैं। लगभग तीन लाख परिवारों को पहली बार नल से जल की सुविधा मिली है। ऐसी सुविधाओं के सबसे बड़ी लाभार्थी हमारे आदिवासी भाई-बहन हैं।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट में तेज़ विकास की ये धारा ऐसे ही प्रवाहित होती रहे, इसके लिए आपका आशीर्वाद हमारी ऊर्जा है। अभी कुछ ही दिनों में क्रिसमस का पर्व आ रहा है, ये त्यौहार आ रहा है। आप सभी को आज जब मैं नार्थ ईस्ट आया हूं तो इसी धरती से सभी देशवासियों को, सभी मेरे नॉर्थ ईस्ट के भाई-बहनों को आने वाले क्रिसमस के त्यौहार की अनेक-अनेक शुभकामनाए देता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। खुबलेई शिबोन ! (खासी और जयंतिया में धन्यवाद) मितेला ! (गारो में धन्यवाद)

Explore More
आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PM-KISAN helps meet farmers’ non-agri expenses too: Study

Media Coverage

PM-KISAN helps meet farmers’ non-agri expenses too: Study
...

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 22 मार्च 2023
March 22, 2023
साझा करें
 
Comments

Citizens Appreciates India’s Remarkable Growth in Telecom Sector with The Modi Government