कांग्रेस, भारत को एक राष्ट्र मानने को भी तैयार नहीं है : रुद्रपुर की जनसभा में पीएम मोदी
'पर्वतमाला' परियोजना के तहत नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में रोपवे कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी: पीएम मोदी
'वे गरीबी हटाने के बारे में झूठ बोलते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ये गरीब को ही हटाने में लगते रहते हैं।': पीएम मोदी ने उत्तराखंड में विपक्ष पर निशाना साधा।

भारत माता की...भारत माता की...

जय मां नैना देवी!

मैं मानसखंड की पवित्र भूमि से मां पूर्णागिरि देवी, चैती देवी, मोटेश्वर महादेव और पंच मंदिर को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं रीठा साहिब और नानकमत्ता साहिब को आज सिर झुका करके प्रणाम करता हूं। यहां गुरुनानक देव जी के चरण पड़े थे, उनके चरणों से ये धरती पवित्र हुई है। मैं वीर उधम सिंह जी को भी नमन करता हूं, जिनके नाम पर उधमसिंह नगर जिला बसा है।

आजादी के अमृत महोत्सव में ऊधम सिंह जी जैसे शहीद देश के लिए बड़ी प्रेरणा हैं। आप हम सभी को अपना स्नेह देने के लिए, इतनी बड़ी मात्रा में यहां आए हो, मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मैं देवभूमि के आप सब लोगों का कोटि-कोटि अभिनंदन करता हूँ।

साथियों,
उधमसिंह नगर में एक तरह से मिनी इंडिया की झलक दिखती है। हिंदुस्तान का ऐसा कोई कोना नहीं होगा, जहां के लोग यहां नहीं रहते हों, यहां अपना भाग्य आजमाने नहीं आते हों। आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत की जीवंत तस्वीर हैं। आपने आज उत्तराखंड में एक बार फिर डबल इंजन की सरकार पर मुहर लगा दी है। चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है और मेरी उत्तराखंड में इस चुनाव अभियान कि आखिरी प्रचार सभा आपके आशीर्वाद के साथ पूरी होने वाली है।

मैं आज देख रहा हूं पूरे रास्ते भर और यहां पर भी आज जो उत्साह उमंग आप लोगों में है। इससे देख कर ऐसा लग रहा कि आप मेरी सभा सुनने नहीं आए हैं। आप तो मुझे चुनाव नतीजे से बाद भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार के शपथ ग्रहण का निमंत्रण देने आए हैं। 14 फरवरी को आपको, पूरे उत्तराखंड को घर से जरूर निकलना है, कमल के निशान पर बटन दबाना है।

साथियों,

कोरोना महामारी के चलते शुरू में लग रहा था कि इस बार इस तरह से रैली करना संभव होगा की नहीं होगा। लेकिन देश की ताकत, उत्तराखंड के लोगों की ताकत ने आज इस रैली को सच कर दिखाया। ये इसलिए मुमकिन हो रहा है, क्योंकि आज उत्तराखंड के पास वैक्सीन का सुरक्षा कवच है। हमारे उत्तराखंड ने रिकॉर्ड समय में शत प्रतिशत आबादी का सिंगल डोज वैक्सीनेशन करके दिखाया है। मैं इस जागरूकता और निष्ठा के लिए आप सभी नागरिक भाईयों और बहनों को हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मैं आपके युवा मुख्यमंत्री श्रीमान धामी जी को उनकी पूरी सरकार की टीम को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने वैक्सीनेशन का काम गांव-गांव , घर-घर पहुंचाया, कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी पहुंचाया। धामी जी के काम ने ऐसे लोगों का मुंह बंद कर दिया है, जो कहते थे कि दूर-सुदूर पहाड़ों में इतनी ऊंचाइयों पर वैक्सीन तो पहुंच ही नहीं सकती है। आपको मालूम है न ऐसी बातें कौन करते थे, जानते हो न आप लोग, निराशा से भरी हुई बातें किसकी होती थीं। उनको भलीभांति पहचानते हो न। ये वही लोग हैं, जिन्होंने वैक्सीनेशन अभियान के दौरान भारत की वैक्सीन को लगातार बदनाम किया। लगातार बदनाम किया। ये वही लोग हैं जो वैक्सीन को लेकर चारों तरफ, दिन-रात अफवाहें फैलाने में लगे थे।

साथियों,

आप एक बात और सोचिए। वैक्सीन तो सबके लिए होती है, फिर इनको वैक्सीन से क्या तकलीफ थी? इनको तकलीफ ये थी कि वैक्सीन की वजह से हर देशवासी सुरक्षित हो जाएगा। और सुरक्षित हो जाएगा तो ये पहले भी मोदी का जय जयकार करते थे, अब तो और ज्यादा जोर से मोदी का जयकारा करेंगे और साथ-साथ धामी जी का भी जय जयकारा करेंगे। ये लोग नहीं चाहते थे कि उत्तराखंड में फिर से, भाइयों और बहनों ये ऐसे विकृत राजनीति वाले लोग हैं कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए औरों का बुरा सोचते हैं, बुरा देखते हैं , ये लोकतंत्र में नहीं चल सकता है।

भाइयों और बहनों,

वो तो नहीं चाहते थे कि वैक्सीन लग जाएगी तो फिर बद्रीनाथ , केदारनाथ, मसूरी, नैनीताल, यात्री आना शुरू हो जाएंगे टूरिस्ट शुरू हो जाएंगे। फिर उनकी राजनीति की खिचड़ी कैसे पकेगी और इसलिए वो वैक्सीन के लिए लोगों को गुमराह करते थे। ये नहीं चाहते थे कि वैक्सीन का कवच पाने के बाद रोजगार और उद्योग धंधे फिर से चल पड़े। आप उधमसिंह नगर के लोग तो अच्छी तरह समझते हैं कि इन्होंने कितना खतरनाक खेल खेला। और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जानते हैं क्या थी? ये सोचते थे कि सब कुछ पटरी पर आ जाएगा तो ये मोदी को गाली कैसे देंगे? फिर ये भारत को बदनाम कैसे करेंगे? लेकिन ये लोग उत्तराखंड का सामर्थ्य भूल जाते हैं।

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

ये नया दशक उत्तराखंड का दशक है। ये दस साल उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज जो 18 साल के नौजवान हैं, बहनें-बेटियां हैं, उनके लिए ये 10 साल उनकी जिंदगी का भी महत्वपूर्ण अवसर होता है। हमारा देश, हमारा उत्तराखंड ऐसे लोगों से रुकने वाला नहीं है। आज उत्तराखंड में पर्यटन रोजगार फिर से पटरी पर लौटने लगा है। उधमसिंह नगर के उद्योगों ने फिर से गति पकड़नी शुरू कर दी है।

साथियों,

सौ साल में ऐसी महामारी दुनिया भर ने नहीं देखी है। पूरी मानव जाति को दो साल से इस महामारी ने अपनी चपेट में लिया हुआ है। भाइयों और बहनों भारत में हमारी सरकार ने लगातार प्रयास किया कि कोरोना की वजह से तबाही कम से कम हो। हमारे जो छोटे उद्यमी हैं, जो MSME सेक्टर है, उसे विशेष तौर पर इस संकट के समय में ढाई लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई।

एक रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत सरकार की इस योजना के कारण MSME’s को समय पर मदद मिलने के कारण लाखों MSME’s इस कोरोना के कारण बंद होने की कगार पर थे। ये लाखों MSME’s बंद होने से बच गए और लाखों लोगों का रोजगार भी सुरक्षित हो गया। हमारी सरकार ने जो MSME’s की परिभाषा बदली है, उसका भी लाभ यहां के छोटे उद्यमियों को हुआ है।

साथियों,

कोरोना के इस काल में डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड में विकास को भी रफ्तार दी है, और गरीबों की चिंता भी की है। इतना बड़ा संकट आया, सौ साल की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन यहां के तराई क्षेत्र से लेकर पहाड़ों पर बसे गांवों तक, हमारी सरकार ने किसी भी गरीब को भूखे नहीं सोने दिया।

हमने चिंता की गरीब के घर का चूल्हा जलते रहना चाहिए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए, आज भी हर गरीब को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। और मैं तो देख रहा हूं, कभी-कभी सोशल मीडिया पर नजर करता हूं तो उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के दूरसुदूर गावों की गरीब महिलाएं खेत में काम करती हो, रास्ते से गुजर रही हो, सर पर बोझा ढोया हुआ हो।

और कोई पूछ ले चुनाव के विषय में और वो जिस प्रकार से मोदी को आशीर्वाद देती हैं। एक मां की वीडियो मेरे दिल को छू गया है। उत्तराखंड के दूर-सुदूर गांव से वो मां बोल रही थी। यहां की लोकल भाषा में वो बोल रही थी, उसने कहा हमने हमारे बच्चों को 9 महीने हमारे पेट में पाला। बड़े होकर ये अपने-अपने में खो गए, लेकिन ये मोदी है जो हमारी चिंता करता है, हमें हमारा बेटा अगर सच्चा कोई है। वो मां कह रही है अगर मेरा कोई सच्चा बेटा है तो वो मोदी है।

भाईयों-बहनों,

माताओं-बहनों का इतना आशीर्वाद, इतना बड़ा सामर्थ्य आज मोदी के साथ खडा़ है तो मोदी जी-जान से माताओं-बहनों के कल्याण के लिए उत्तराखंड के कल्याण के लिए, उत्तराखंड के नौजवानों के कल्याण के लिए कभी पीछे नहीं हटेगा।

भाईयों-बहनों,

कोरोना के कारण पर्यटन प्रभावित होने की वजह से जिन लोगों पर असर पड़ा था, उनके लिए भी धामी जी की सरकार ने आर्थिक सहायता भी जारी की। आज गरीब, मजदूर कह रहा है, महिलाएं कह रही हैं कि अगर कांग्रेस के शासनकाल में ऐसी महामारी आती तो न जाने क्या होता! मैं भी आपसे पूछता हूं, ये मुफ्त राशन क्या पहले की सरकार होती तो क्या आप तक पहुंचता क्या?

आप तक पहुंचता क्या? आप तक पहुंचता क्या? कहीं और बिक जाता कि नहीं बिक जाता, घोटाला करते कि नहीं करते। उत्तराखंड की बहनों को जो मुफ्त सिलेंडर मिले, आप कल्पना कर सकते हैं कि आजादी के इतने साल बाद भी, वो रहते तो आपको पहुंचता क्या। उत्तराखंड की लाखों बहनों के बैंक खातों में जो रुपये भेजे गए। क्या ये कांग्रेस को लोग होते तो बैंक के खाते खुलते क्या। खुलते क्या।, क्या इन खातों में पैसे आते क्या। ये पैसे आप के काम आते क्या।

भाईयों-बहनों,

सरकार के खजाने से निकल जाता आप तक नहीं पहुंचता कहीं बाहर चला जाता। उत्तराखंड के हजारों किसानों के बैंक खातों में साल में तीन बार, भारत सरकार की ओर से सीधे पैसे पहुंच रहे हैं क्या कांग्रेस के जमाने में कोई सोच सकता है किसी के खाते में सीधे पैसे पहुंच जाएं।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस पार्टी की दशकों से एक ही पॉलिसी रही है। चुनाव में वादे करो, सरकार बनाओ और घोटाले करो, भ्रष्टाचार करो। चुनाव आए तो फिर नए वादे करो। इस बार भी जो वादे इन्होंने किए हैं, वो झूठ का पुलिंदा हैं। ये गरीबी हटाने का झूठ बोलते हैं। 40 साल से गरीबी हटाओ कहते रहे हैं गरीबों को और गरीबी में धकेलने के लिए काम करते रहते हैं।

लेकिन इनकी सच्चाई ये है कि ये गरीब को ही हटाने में लगे रहते हैं। दशकों तक इन लोगों ने पहाड़ के लोगों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा, गरीबों को पलायन के लिए मजबूर किया। गरीबों को पक्का घर, गरीब बहनों को गैस कनेक्शन, गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन, टॉयलेट की सुविधा, नल से जल की सुविधा, ऐसी मूल सुविधाएं देने के लिए डबल इंजन की सरकार ही आपके लिए काम कर रही है। माताओं और बहनों, इन सुविधाओं का सबसे बड़ा लाभ हमारी उत्तराखंड की माताओं को, बहनों-बेटियों को हो रहा है।

साथियों,

उत्तराखंड के विकास के लिए हम कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। धामी जी की सरकार ने यहां नई सड़कों का रिकॉर्ड बनाया है। चार धाम प्रोजेक्ट के तहत ऑल वेदर रोड का काम भी पूरा होने वाला है। इसका लाभ पर्यटन और उद्योग, दोनों ही क्षेत्रों को मिलेगा। केदारखंड की तर्ज पर ही कुमाऊं क्षेत्र के लिए मानसखंड का विकास करने का संकल्प धामी सरकार ने लिया है। टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन के जरिए उन इलाकों में भी रेल पहंचने जा रही है, जहां पहले लोग सोचते भी नहीं थे।

कांग्रेस की सरकारों ने दशकों तक इस परियोजना को लटकाए रखा था। हल्द्वानी, काठगोदाम और लालकुआं में 2300 करोड़ रुपये की लागत से बाइपास भी बनाया जा रहा है। ताकि यहां के नागरिकों को गति भी मिले और बाकियों को सुविधा भी मिले। रामपुर से रुद्रपुर के बीच फोरलेन सड़क का भी काम जल्दी ही पूरा होने वाला है। इस क्षेत्र को हरिद्वार और देहरादून से जोड़ने के लिए नगीना- हरिद्वार और नगीना-काशीपुर के बीच 4 लेन हाईवे भी बन रहा है। यहां पंतनगर एयरपोर्ट को भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की योजना है।

यही फर्क है हमारी और उनकी सोच में, उनकी सरकार ने उत्तराखंड को सड़कों तक से वंचित रखा। वो कहते थे पहाड़ी राज्य में आधुनिक हाइवेज कहां बनेंगे। हम यहां हाइवे भी बना रहे हैं, रेलवे से भी जोड़ रहे हैं, और एयरपोर्ट भी विकसित कर रहे हैं। इस बार के बजट में पर्वतमाला परियोजना की घोषणा भी की गई है। जहां सड़क चाहिए वहां सड़क बनेगी, जहां सड़क नहीं बन सकती वहां रोपवे बनेंगे। उत्तराखंड के बहनों-भाइयों को हम हर हाल में हर जरूरी सुविधा पहुंचाएंगे।

साथियों,

उत्तराखंड में फूलों की खेती की भी अपार सम्भावनाएं हैं। वैली ऑफ फ्लावर दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही है। और अब हम वहां गुरुद्वारा तक जाने के लिए रोपवे बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं, भाइयों और बहनों, जो पहाड़ के किसान हैं, उनके लिए भी फूलों की खेती के अनेक अवसर जुड़े हुए हैं।

भारत का शहद, अब विदेशी बाजारों में भी आसानी से पहुंच रहा है। इसलिए मधुमक्खी पालन, शहद-Honey का उत्पादन, ये कमाई का नया जरिया बन रहे हैं। बी वैक्स की भी बहुत मांग है। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार 500 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन औऱ शहद मिशन भी चला रही है।

इसका भी लाभ उत्तराखंड के, इस हिमालय की पहचान वाले इलाके के लोगों को इसका विशेष लाभ मिलने वाला है और देखना, देखते ही देखते दुनिया में इसकी एक नई पहचान बनने वाली है। देहरादून के सेलाकुई में सगंध पौधा केंद्र की शुरुआत भी हो गई है। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए सिडकुल द्वारा काशीपुर में एरोमा पार्क विकसित किया जा रहा है। एरोमा पार्क भी यहां ने नौजवानों के लिए नए उद्योग का क्षेत्र बनने वाला है। सितारगंज के सिडकुल में 40 एकड़ में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क भी स्थापित किया जा रहा है।

साथियों,

आज ये आपके बीच आकर झूठ का चौका लगा रहे हैं। लेकिन इसकी सच्चाई यही है कि ये उत्तराखंड में घोटालों के चौके-छक्के लगाते रहे हैं। ऐसा ही उनका चरित्र है, ये तो वो लोग हैं जिन्होंने खनन माफियाओं के साथ मिलकर मां गंगा को ही नहर घोषित कर दिया था।

ये लोग मां गंगा को भी लूटने में लग गए थे! यही उनमें और हमारे में फर्क है। हम मां गंगा की स्वच्छता के लिए काम करते हैं, ये गंगा पर हाथ चालाकी करके, वहां की रेत में से खनन करके, रुययों की चोरी करने में लगे रहते हैं। उधमसिंह नगर जिले में नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिए 17 नालों को बंद करने का काम भी किया जा रहा है। इन नालों के पानी को साफ करने के लिए करोड़ों की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए जा रहे हैं।

भाइयों बहनों,

भाजपा और उत्तराखंड के बीच का रिश्ता, हमारी विरासत है। अटल जी ने उत्तराखंड बनाया और उनके प्रयासों से ऊधमसिंह नगर और इस इलाके में नए उद्योग आए। हम आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के नेटवर्क से इन उद्योगों की ताकत और आगे बढ़ा रहे हैं। अटल जी ने ऋषिकेश के लिए एम्स दिया था। हमने ऊधमसिंह नगर में एम्स का सैटेलाइट सेंटर खोलकर सेवा का विस्तार किया है। भइयों, इस क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता था। अब यहीं बेहतर इलाज होगा, हर सुविधा मिलेगी। हम उत्तराखंड में चार और मेडिकल कॉलेज भी खोल रहे हैं।

पांच नए डिग्री कॉलेज का काम भी प्रगति पर है। साथियों मेडिकल कॉलेज बनने के कारण, अन्य डिग्री कॉलेज बनने के कारण, गरीब का बेटा भी पढ़-लिख करके डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे अपने ही राज्य में डॉक्टर बनने की सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं, हमने तो ये भी कहा है कि मेडिकल इंजीनियरिंग लोगों को उनकी भाषा में पढ़ाना चाहिए, ताकि अंग्रेजी के अभाव के कारण, गरीब का बेटा-बेटी डॉक्टर बनने से रूक न जाए, ये काम हम कर रहे हैं। विकास के कामों को लेकर कुछ लोग भाजपा की डबल इंजन सरकार का मुक़ाबला नहीं कर पा रहे हैं।

ये लोग अपने समय की लूट-खसोट और भ्रष्टाचार पर जवाब नहीं दे पा रहे हैं। अचानक इन्हें उत्तराखंड की संस्कृति भी याद आने लगी है। जिन लोगों को देश की विरासत कभी समझ नहीं आई, जिन लोगों ने कभी मां भारती की रक्षा के लिए मरने-मिटने वालों का सम्मान नहीं किया, वो आज संस्कृति की बात कर रहे हैं। इतने सालों तक राज किया मेरे इस क्षेत्र में लाखों बंगाली परिवार रहते हैं। बंगाली परिवारों ने जिंदगी अपनी यहां लगा दी है।

लेकिन, देखिए, हिंदुस्तान के लोग भी सुन कर के हैरान हो जाएंगे। आजादी के बाद से लेकर के हमारे बंगाली भाई-बहन यहां रहते हैं लेकिन उनके पहचान पत्र में ये लिखा हुआ रहता था, पूर्वी पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान, आजादी के इतने सालों के बाद भी मेरे बंगाली भाई, उनको मैं मां भारती का बेटा हूं, ये हक पाने के लिए लड़ते रहना पड़ा। मैं धामी जी की सरकार को बधाई देता हूं कि उन्होंने मेरे बंगाली भाईयों के इस हक को स्वीकार किया, आज पूर्वी पाकिस्तान जो लिखा गया था पहचानों में, उसे हटाने का काम कर दिया।

भाइयों-बहनों।

इन लोगों ने आज संस्कृति याद आ रही, विरासत याद आ रही है, अरे जरा देखो हमारे गुरुओं ने हमें कितनी बड़ी शिक्षा दी। गुरु गोविंद सिंह जी ने आदर्शों के लिए, मूल्यों के लिए कितना बड़ा बलिदान दिया। वीर साहिबजादों का बलिदान हिंदुस्तान के बच्चों-बच्चों को आने वाली सदियों तक प्रेरणा देने की ताकत रखता है।उसे भी भुला दिया गया उन्हें वीर साहिबजादों का बलिदान कभी नजर नहीं आया। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया है।

मैं इन लोगों से पूछना चाहता हूं क्या तुष्टिकरण के लिए यूनिवर्सिटी की स्थापना देवभूमि की संस्कृति को ताकत देने वाली है? क्या मां गंगा का अपमान देवभूमि की संस्कृति का अपमान क्या आपलोग सहन करेंगे? क्या आप सहन करेंगे? आप देखिए इसी धरती की संतान, और यहां तो कोई घर ऐसा नहीं, जहां का कोई न कोई परिवार जन फौज में देश के लिए मर मीटने के लिए तैयार न हो। उस सेना के सेनापति को, इसी धरती की संतान बिपिन रावत को ये लोग क्या कहते थे मालूम है वे उनको ‘सड़क का गुंडा’ बोल दिए थे।

सेना के जवान का ये अपमान सिर्फ बिपिन रावत जी का अपमान नहीं है। सेना के यूनिफॉर्म को आप सड़क का गुंडा कहते हो। मेरे उत्तराखंड का एक-एक नौजवान जो सेना में है उन हरेक दिल को चोट पहुंचाते हो, उसके परिवार के दिल को चोट पहुंचाते हो। जो लोग उत्तराखंड की पहचान को ही खत्म करने के लिए साजिश कर रहे हैं, वो लोग उत्तराखंड की संस्कृति के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।

बहुत पुरानी कहावत है भाइयों- मुंह में राम, बगल में छुरी। ये लोग तो ऐसे हैं जिनके मुंह से तो राम कभी निकलता ही नहीं है। लेकिन ये उत्तराखंड को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। और आपने अभी सुना होगा, ये कांग्रेसी अब भारत को भी राष्ट्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं। आप मुझे बताइये, उत्तराखंड की इस वीर धरती के घर-घर से सेना में नौजवान जाते हैं, देश की हिफाज़त के लिए जाते हैं, देश पर मर मिटने के लिए जाते हैं।

वो सिर्फ उत्तराखंड की सीमाओं पर नहीं बैठते, वो हिंदुस्तान के किसी भी कोने में जाते हैं। नॉर्थ-ईस्ट में दिखेंगे, जम्मू-कश्मीर देखो तो वहां दिखेंगे। लेह-लद्दाख देखो तो वहां दिखेंगे। गहरे समुंदर में देखो तो मेरे उत्तराखंड के जवान दिखेंगे। भाइयों-बहनों उत्तराखंड का कोई ऐसा कोना नहीं है, हिंदुस्तान की सीमा का कोई क्षेत्र नहीं है जिसकी रक्षा में कहीं न कहीं मेरे उत्तराखंड का नौजवान न हो उत्तराखंड की मेरी बहन-बेटियां न हो। उत्तराखंड की माताओं की दशकों की तपस्या को नकार देने का अधिकार इन कांग्रेसियों को किसने दिया? भाइयों-बहनों, भारत एक है, ये देश एक है, हिंदुस्तान एक है।

इसलिए उत्तराखंड के पहाड़ का बच्चा, केरल के अंदर समुद्री तट पर बैठकर के मां भारती की रक्षा का काम करता है, क्योंकि ये देश उनके दिल में बसा हुआ है। और कांग्रेस वाले कहते हैं राष्ट्र है ही नहीं। जो लोग भारत को राष्ट्र ही न मानते हों, राष्ट्र की भावना का अपमान करते हों, राष्ट्र के लिए शहीद होने वाले वीरों का अपमान करते हों, वो लोग उत्तराखंड को तबाह करने के इरादे से यहां आए हैं। उत्तराखंड की सेवा तो आप तभी कर पाएंगे जब आपमें इस धरती के लिए आस्था हो।ये आस्था भाजपा को है। ये धरती हमारे ऋषियों मुनियों की धरती है। हमने अपने दृष्टिपत्र में कहा है कि भाजपा सरकार देवभूमि ‘उत्तराखंड के देवत्व की रक्षा’ करेगी। मैं उत्तराखंड के हर विरोधी को डंके की चोट पर कह रहा हूं- उत्तराखंड के देवत्व के साथ हम कोई खिलवाड़ नहीं होने देंगे।

भाइयों बहनों,

14 तारीख को आपको उत्तराखंड में तुष्टीकरण के मंसूबों को चूर-चूर कर देना है, करारा जवाब देना है, ये सपने उनका हमेशा के लिए चूर-चूर हो जाने चाहिए। आने वाली 14 तारीख को आपको कांग्रेस के हर झूठ, फरेब और षड्यंत्रों का जवाब देना है और साथियों आपको याद रखना है कि पूरे देश में कांग्रेस को लोग लगातार नकार रहे हैं और आज से ही नहीं दशकों से देश के अलग-अलग राज्यों में यही हो रहा है। मैंने अभी संसद में भी विस्तार से बताया था कि एक बार जिस राज्य ने कांग्रेस को बाहर निकाला, वहां दोबारा घुसने नहीं दिया।

बंगाल के लोगों ने 50 साल हो गए 50 साल कांग्रेस को पैर रखने नहीं दिया है, कांग्रेस को वहां से खेदड़ा है। उसके बाद बंगाल में कभी कांग्रेस वापस नहीं आ पाई। तमिलनाडु में छह दशक से वहां के लोगों ने कांग्रेस को वहां की सरकार को वापस नहीं करने दिया है। त्रिपुरा हो, उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो, गुजरात हो ऐसे अनेक राज्य हैं जहां तीन-तीन, चार-चार दशक हो गए, एक बार कांग्रेस गई, मतलब गई।

भाइयों-बहनों बहुत से राज्यों ने कांग्रेस से कह चुके हैं कि आजादी के बाद बहुत समय दे दिया आपको काम करने का, अब आप पर भरोसा नहीं कर सकते, आपके वादों पर भरोसा नहीं कर सकते। अब हम आपको घुसने नहीं देंगे। उत्तराखंड के पास भी अवसर है कि वो भी कांग्रेस को यहां से बेदखल करें। उत्तराखंड के पास आज भाजपा जैसा भरोसेमंद सेवक है। तो मुझे पूरा विश्वास है कि वो कांग्रेस को हमेशा-हमेशा के लिए उत्तराखंड से विदा करेंगे साथियों 14 फरवरी को आपका भाजपा के पक्ष में दिया गया एक-एक वोट एक नया इतिहास बनाएगा।

आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए, आप सभी का एक बार फिर से मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरी और एक बात आप याद जरूर रखिएगा कि पहले मतदान फिर जलपान।

आपको आपने तो वोट करना ही है अपने अड़ोस-पड़ोस के लोगों से भी वोट करवाना है– बहुत-बहुत धन्यवाद मेरे साथ बोलिए

भारत माता की…भारत माता की...भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।