सम्मानित संसद के अध्यक्ष श्री चमाल राजपक्षा जी,

सम्मानित श्रीलंका के प्रधानमंत्री श्रीमान रानिल विक्रमसिंहे जी,

सम्मानित विपक्ष के नेता श्री निमाल सिरीपाला डि सिल्वा,

सम्मानित संसद सदस्य,

गणमान्य अतिथि,

30 PM Modi to Address Sri Lankan Parliament (4)

मैं श्रीलंका आकर सचमुच प्रसन्न हूं, जो सौंदर्य, संस्कृति और मैत्री की भूमि है।

इस संसद में आकर मैं काफी सम्मानित महसूस करता हूं। मैं इसके समृद्ध इतिहास से अवगत हूं।

यह संसद एशिया के सबसे पुराने सबसे सशक्त लोकतांत्रिक देशों में से एक का प्रतिनिधित्व करती है।

विश्व में कई अन्य देशों की तुलना में श्रीलंका ने काफी पहले प्रत्येक व्यक्ति को एक मत और आवाज दी।

श्रीलंका की जनता के लिए, आयुबुवान, वनक्कम।

मैं 125 करोड़ मित्रों और श्रीलंकाई क्रिकेट के करोड़ों प्रशंसकों की ओर से बधाईयां लेकर आया हूं।

मैं बोधगया की भूमि से अनुराधापुरा की भूमि तक आशीर्वाद लेकर आया हूं।

मैं यहां हमारी साझा विरासत और हमारे साझा भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के सम्मान के लिए खड़ा हूं।

विगत मई में जब मैंने पद की शपथ ली तो मैं उस समारोह में दक्षिण एशियाई नेताओं की उपस्थिति द्वारा सम्मानित किया गया था।

30 PM Modi to Address Sri Lankan Parliament (3)

उनकी उपस्थिति हमारे क्षेत्र में लोकतंत्र की यात्रा का एक उत्सव थी। यह हमारी साझा नियति की भी मान्यता थी।

मैं मानता हूं कि किसी देश का भविष्य उसके पड़ोसी देशों द्वारा प्रभावित होता है।

जो सपने में भारत के भविष्य के लिए देखता हूं वही कामना अपने पड़ोसी देशों के लिए भी करता हूं।

इस क्षेत्र में हम समान यात्रा पर हैं, यानी हमारी जनता के जीवन में सुधार लाना।

जब हम कदम से कदम मिलाकर चलेंगे तो हमारा रास्ता आसान होगा, हमारी यात्रा जल्दी पूरी होगी और हमारा गंतव्य अपेक्षाकृत निकट होगा।

जैसा कि मैं यहां कोलम्बो में खड़ा हूं और उत्तर में हिमालय की ओर देखता हूं, तो मैं हमारे क्षेत्र की अद्वितीयता हमारी समृद्ध विविधता और हमारी साझा सभ्यता के संबंधों पर अचंभित हूं।

हम सभी समान तंतुओं और हमारे अन्योन्याश्रित इतिहास से बनाए गए हैं।

आज हम गौरवान्वित, स्वतंत्र और समान राष्ट्रों के रूप में एक साथ खड़े हैं।

यद्यपि भारत और श्रीलंका के बीच कोई भूमि सीमा नहीं है, किंतु हम सभी अर्थों में निकटतम पड़ोसी हैं।

चाहे हम भारत अथवा श्रीलंका में कहीं भी नजर आएं, हम धर्म, भाषा, संस्कृति, खाद्य, रीति-रिवाज, परंपरा, धर्मग्रंथों के माध्यम से जुड़े हैं और ये हमें मेल-जोल और मैत्री के सशक्त बंधन में बांधकर एक साथ लाते हैं।

हमारे संबंध महेन्द्र और संघमित्रा की यात्रा द्वारा काफी अच्छे रूप में परिभाषित हैं। उन्होंने दो सहस्त्राब्दि से भी अधिक पहले शांति, सहनशीलता और मैत्री संदेश लेकर आए थे।

महान तमिल ग्रंथ सिलापतिकरम के मुख्य पात्र कन्नागी द्वारा इसका चित्रण किया गया है, जिसे श्रीलंका में पट्टीनी की देवी के रुप में पूजा जाता है।

श्रीलंका में रामायण की निशानी में इसका स्थान है।

नागोर अंडावर की दरगाह और वेलांकनी के ईसाई धर्म स्थल पर भक्ति के रुप में यह अपने आप को प्रकट करता है।

यह स्वामी विवेकानंद और श्रीलंका और भारत में महाबोधि सोसायटी के संस्थापक अनागरिका धर्मापाला की मैत्री में प्रतिबिंबित है।

भारत और श्रीलंका में महात्मा गांधी के अनुयायियों के कार्य में यह स्थित है।

कुल मिलाकर हमारे संबंध आम भारतीय और श्रीलंका के लोगों के एक ही जैसे जीवन-यापन पर भी आधारित हैं।

हमारा स्वतंत्र जीवन लगभग एक ही समय में शुरु हुआ।

तब से लेकर श्रीलंका ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

मानवीय विकास के क्षेत्र में यह राष्ट्र हमारे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा है। श्रीलंका में उद्यमशीलता और कौशल के साथ असाधारण बौद्धिक विरासत मौजूद है।

यहां विश्वस्तरीय व्यापार मौजूद है।

दक्षिण एशिया में सहयोग बढ़ाने के मामले में श्रीलंका की अग्रणी भूमिका है।

यह हिंदमहासागर क्षेत्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

श्रीलंका की प्रगति और समृद्धि भारत के लिए भी शक्ति का स्रोत है।

इसलिए श्रीलंका की सफलता भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

एक मित्र के रूप में श्रीलंका के साथ हमारी शुभकामनाएं, हमारा समर्थन और एकजुटता हमेशा रही है।

और, आपके लिए यह हमेशा रहेगा।

हमारे क्षेत्र में हम सबके लिए हमारी सफलता इस बात पर निर्भर है कि हम अपने आप को एक राष्ट्र के रुप में किस प्रकार परिभाषित करते हैं।

इस क्षेत्र में हम सभी, वस्तुतः प्रत्येक विविधतापूर्ण राष्ट्र ने अपने समाज के विभिन्न हिस्से की पहचान और समावेशन, अधिकार और दावे, सम्मान और अवसर के मुद्दे से निपटने का काम किया है।

हम सब ने इन्हें विविध रुपों में देखा है। हमने दुखदायी हिंसा का सामना किया है। हमने बर्बर आतंकवाद का मुकाबला किया है। हमने शांतिपूर्ण समाधानों के सफल उदाहरण भी देखे हैं।

हम सभी अपने तरीके से इन जटिल समस्याओं के समाधान में जुटे हैं।

निश्चित तौर पर मेरे सामने भी कुछ समस्याएं हैं और हम उनका समाधान चाहते हैं।

विविधता राष्ट्रों के लिए शक्ति का एक स्रोत हो सकता है।

जब हम हमारे समाज के सभी हिस्से की आकांक्षाओं को एक साथ लाते हैं तो राष्ट्र को प्रत्येक व्यक्ति का शक्ति प्राप्त होती है।

और, जब हम राज्यों, जिलों और गांवों का सशक्तिकरण करते हैं तब हमारा देश अधिकाधिक मजबूत बनता है।

इसे आप मेरी तरफदारी कह सकते हैं, क्योंकि मैं 13 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहा हूं और प्रधानमंत्री तो एक वर्ष से भी कम समय से हूं।

आज भारत के राज्यों को और भी मजूबत बनाना मेरी शीर्ष प्राथमिकता है। मैं एक सहयोग आधारित संघवाद में पूरी तरह विश्वास रखता हूं।

इसलिए हम राज्यों के लिए और भी अधिक शक्ति और संसाधन विकसित करने में जुटे हैं। इसी क्रम में हम उन्हें निर्णय लेने की राष्ट्रीय प्रक्रिया में औपचारिक साझेदार बना रहे हैं।

श्रीलंका कई दशकों से दुखदायी हिंसा और विवाद के साये में रहा है। आपने आतंकवाद को सफलतापूर्वक पराजित किया है और संघर्ष को समाप्त किया है।

अब आपके सामने समाज के सभी हिस्से के दिलों को जीतने और उनके जख्मों को ठीक करने का एक ऐतिहासिक अवसर है।

श्रीलंका में हाल में सम्पन्न चुनावों ने राष्ट्र की सामूहिक आवाज दर्शाने के साथ-साथ बदलाव, समाधान और एकता की उम्मीद भी जगाई है।

30 PM Modi to Address Sri Lankan Parliament (10)

हाल में आपने जो कदम उठाए हैं वे मजबूत और सराहनीय हैं। वे नई शुरूआत के परिचायक हैं।

मुझे श्रीलंका के एक ऐसे भविष्य के प्रति भरोसा है जो एकता व अखण्डता, शांति और भाईचारा तथा सबके लिए अवसर और सम्मान के द्वारा परिभाषित है।

इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए श्रीलंका की क्षमता में मेरा भरोसा है।

यह हमारी सभ्यता की साझा विरासत की जड़ में स्थित है।

भविष्य का मार्ग एक ऐसा विकल्प है जिसे श्रीलंका को चुनना होगा और समाज के सभी हिस्से तथा देश के सभी राजनीतिक दलों का यह सामूहिक उत्तरदायित्व है।

किन्तु मैं आपको इसका आश्वासन दे सकता हूं।

भारत के लिए श्रीलंका की एकता और अखण्डता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

यह हमारे हित के मूल में है। इस सिद्धांत में हमारे अपने मौलिक विश्वास से यह अंकुरित होता है।

माननीय अध्यक्ष और गणमान्य सदस्यो,

एक आदर्श पड़ोस का मेरा दृष्टिकोण ऐसा है जिसमें व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी अवधारणा और व्यक्ति आसानी से सीमा के आर-पार पहुंचते हैं। जब क्षेत्र में साझेदारी नियमित तौर पर आसानी को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती है।

भारत में विकास के दौर को पुनर्स्थापित किया गया है। भारत विश्व में सबसे तीव्र बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।

विश्व भारत को आर्थिक अवसर के एक नए क्षितिज के रुप में देखता है।

किन्तु हमारे पड़ोसी देशों का भारत पर पहला दावा होना चाहिए और मैं फिर दोहराता हूं कि भारत पर पहला दावा हमारे पड़ोसियों का, श्रीलंका का है।

यदि भारत अपने पड़ोसियों की प्रगति का उत्प्रेरक बनता है तो मुझे खुशी होगी।

हमारे क्षेत्र में, श्रीलंका के पास हमारा सबसे मजबूत आर्थिक साझेदार साबित होने की संभावना है।

हम व्यापार बढ़ाने और इसे और भी अधिक संतुलित करने के लिए आपके साथ काम करेंगे।

भारत का व्यापारिक वातावरण और भी अधिक खुला बन रहा है। इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में श्रीलंका को दूसरों की तुलना में पीछे नहीं होना चाहिए।

यही कारण है कि हमें एक महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता कायम करना चाहिए।

भारत और किसी अन्य देश में निर्यात के लिए और आपके बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश के लिए भारत एक स्वाभाविक स्रोत भी हो सकता है। हमने इस समय अच्छी प्रगति की। महासागरीय अर्थव्यवस्था की व्यापक संभावना का लाभ उठाने के लिए हमें साथ आना चाहिए।

दक्षिण एशियाई क्षेत्र और संबंधित बिम्सटेक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में हमारे दोनों देशों को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।

भूमि और समुद्र द्वारा जुड़े इस विशाल क्षेत्र को जोड़ते हुए हमारे दोनों देश क्षेत्रीय समृद्धि का वाहक बन सकते हैं।

श्रीलंका के साथ साझेदारी विकसित करने के लिए भारत की ओर से पूरी प्रतिबद्धता का मैं आपको आश्वासन भी देता हूं। हम इसे एक जिम्मेदार मित्र और पड़ोसी की जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं।

भारत ने विकास सहायता में 1.6 अरब अमरीकी डालर की प्रतिबद्धता की है। आज हमने रेलवे क्षेत्र के लिए अधिकतम 31.8 करोड़ डालर की अतिरिक्त सहायता की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

हम विकास के क्षेत्र में अपनी साझेदारी जारी रखेंगे। हम आपकी सरकार द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे और हम उस पारदर्शिता के समान स्तर के साथ ऐसा करेंगे, जिसकी उम्मीद हम अपने देश में करते हैं।

पिछले माह हमने नाभकीय ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग पर आधारित समझौते पर हस्ताक्षर किए।

कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में हम श्रीलंका के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए व्यापक संभावना देखते हैं जो इस क्षेत्र में किसी स्थान की तुलना में अधिक है।

हम आशा करते हैं कि श्रीलंका सार्क क्षेत्र के लिए भारतीय उपग्रह से पूरा लाभ प्राप्त करेगा। दिसम्बर, 2016 तक इसे अंतरिक्ष में होना चाहिए।

जनता हमारे संबंधों के केन्द्र में है। जब हम लोगों से जुड़ते हैं तो देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होते हैं। यही कारण है कि हमने श्रीलंका के नागरिकों के लिए आगमन पर वीजा सुविधा का विस्तार करने का निर्णय लिया है।

हम दोनों देशों के बीच संपर्कता भी बढ़ाएंगे। हम संस्कृति और धर्म के सबंधों को भी मजबूत करेंगे। पिछले महीने हमने दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय और कपिलवस्तु के अवशेषों को देखने के लिए आने वाले श्रीलंका के नागरिकों के लिए शुल्कों में कटौती की घोषणा की है। हम एक प्रदर्शनी के माध्यम से हमारी साझा बौद्ध विरासत को आपके लिए और भी निकट लाएंगे। इसके साथ ही, हम बौद्ध और रामायण से जुड़े स्थलों को विकसित करेंगे। मेरी जन्मभूमि बड़नगर प्राचीनकाल में बौद्ध शिक्षण का एक अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र था। उत्खन्न कार्यों से 2000 छात्रों के लिए एक छात्रावास होने का पता चला है और हमारे पास इसके केन्द्र को फिर से विकसित करने की योजना है।

30 PM Modi to Address Sri Lankan Parliament (8)

माननीय अध्यक्ष जी,

समृद्ध भविष्य के लिए हमारे देशों में सुरक्षा का एक मजबूत आधार और क्षेत्र में शांति तथा स्थायित्व होने की जरुरत है।

हमारे दोनों देशों की सुरक्षा अदृश्य है। उसी प्रकार, हमारे समुद्री पड़ोस के लिए हमारा साझा उत्तरदायित्व स्पष्ट है।

भारत और श्रीलंका इतने करीब हैं कि वे एक दूसरे की उपेक्षा नहीं कर सकते। न ही हम एक दूसरे से अलग हो सकते हैं।

हमारे हाल के इतिहास ने दर्शाया है कि हम एक साथ कष्ट झेलते हैं और जब हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं तो और भी अधिक प्रभावित होते हैं।

हमारे सहयोग से वर्ष 2004 में सुनामी विभीषिका से निपटने में मदद मिली। एक मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 2001 में भुज में आए भूकंप के बाद पुनर्निर्माण के क्षेत्र में हमारे अनुभव को साझा करके मुझे प्रसन्नता हुई थी।

हमारे दोनों देशों के सामने स्थानीय चुनौतियां शेष हैं। किन्तु, हम नए रूपों में और नये स्रोतों से उत्पन्न होती चुनौतियों को देखते हैं। हम आतंकवाद के वैश्वीकरण को देख रहे हैं। हमारा सहयोग की आवश्यकता कभी भी आज की तुलना में सशक्त नहीं रही है।

हिंदमहासागर हमारे दोनों देशों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है और यदि हम साथ मिलकर काम करेंगे, विश्वास का एक वातावरण कायम करेंगे, और एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील बने रहेंगे। तो हम इन लक्ष्यों तक पहुंचने में और भी अधिक सफल हो सकते हैं।

हम श्रीलंका के साथ अपने सुरक्षा सहयोग को काफी महत्व देते हैं। हमें भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना चाहिए ताकि हिंदमहासागर क्षेत्र के अन्य देशों को इसमें शामिल किया जा सके।

मैं अक्सर कहता हूं कि 21वीं सदी की प्रगति हिंदमहासागर की धाराओं द्वारा निर्धारित होगी। इस क्षेत्र में इसकी दिशा को निर्धारित करना देशों का उत्तरदायित्व है।

हिंदमहासागर के आर-पार हम दो राष्ट्र हैं। एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध समुद्री पड़ोस के निर्माण में आपका नेतृत्व और हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है।

आपस में काफी गहराई से जुड़े हमारे जीवन में अंतर होना स्वाभाविक है। कभी-कभी इससे आम लोगों का जीवन प्रभावित होता है। हमें अपनी वार्ता में खुलापन लाने के साथ-साथ हमारे मानवीय मूल्यों को सशक्त बनाने और उनके समाधान के लिए अपने संबंध में सदभाव लाना जरुरी है।

माननीय अध्यक्ष महोदय,

श्रीलंका और भारत अपनी जनता के सपनों को साकार करने के लिए एक महान अवसर और उत्तरदायित्व के क्षण में हैं।

यह समय हमारी साझेदारी की नई शुरूआत और उसकी नई मजबूती के लिए हमारे संबंधों में नवीनता लाने का है।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी नजदीकी हमेशा निकटता के रूप में बदले।

हमने उस समय सम्मानित महसूस किया जब राष्ट्रपति सिरीसेना ने पिछले माह भारत को अपने पहले गंतव्य के रूप में चुना। मैं यहां उनके सबसे पहले अतिथि के रूप में भी सम्मानित महसूस करता हूं।

कल मैं माधु रोड के लिए रेलगाड़ी को झण्डी दिखाकर रवाना करने के लिए तलाईमन्नार जाउंगा। यह भारत और लंका के बीच पुराने रेल संपर्क का हिस्सा है।

मैं 20वीं सदी की शुरूआत में महान राष्ट्रवादी कवि सुब्रमण्यन भारती द्वारा रचित प्रसिद्ध गीत "सिंधु नादिइन मिसाई" की पंक्तियों को याद करता हूं :

"सिंगलातिवुक्किनोर पालाम एमेईप्पोम" (हम श्रीलंका तक एक सेतु बनाएंगे)

मैं इस सेतु के निर्माण की आशा के साथ आया हूं- एक सेतु जो हमारी साझा विरासत के सशक्त स्तम्भों, साझा मूल्यों और दृष्टिकोण, परस्पर सहायता और एकजुटता, मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और लाभदायक सहयोग से भी अधिक एक-दूसरे के प्रति विश्वास और हमारी साझा नियति के स्तम्भों पर खड़ा हो। आपके साथ होकर सम्मानित होने के लिए आपको एक बार फिर धन्यवाद।

आपको बहुत-बहुत धन्यवाद

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मोबिलिटी सेक्टर में अपना फ्यूचर देखने वाले हर इन्वेस्टर के लिए भारत एक शानदार डेस्टिनेशन: पीएम
January 17, 2025
विकसित भारत की यात्रा मोबिलिटी क्षेत्र में अप्रत्‍याशित कायाकल्‍प और अभूतपूर्व वृद्धि की साक्षी बनेगी: प्रधानमंत्री
यात्रा में सुगमता आज भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है: प्रधानमंत्री
‘मेक इन इंडिया’ पहल की ताकत देश के ऑटो उद्योग की विकास संभावनाओं को बढ़ावा देती है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी समाधानों के सात सी- कॉमन, कनेक्‍टेड, कनविनिएंट, कंजेशन फ्री, चार्ज्ड, क्‍लीन और कटिंग एज: प्रधानमंत्री
भारत हरित प्रौद्योगिकी, ईवी, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक प्रत्येक निवेशक के लिए भारत एक उत्कृष्ट गंतव्य है: प्रधानमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान नितिन गडकरी जी, जीतन राम मांझी जी, मनोहर लाल जी, एच. डी. कुमारस्वामी जी, पीयूष गोयल जी, हरदीप सिंह पुरी जी, देश-विदेश से आए ऑटो इंडस्ट्री के सभी दिग्गज, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों!

पिछली बार जब मैं आपके बीच आया था, तब लोकसभा के चुनाव ज्यादा दूर नहीं थे। उस दौरान मैंने आप सबके विश्वास के कारण कहा था कि अगली बार भी भारत मोबिलिटी एक्सपो में जरूर आऊंगा। देश ने तीसरी बार हमें आशीर्वाद दिया, आप सभी ने एक बार फिर मुझे यहां बुलाया, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि इस वर्ष, भारत मोबिलिटी एक्सपो का दायरा काफी बढ़ गया है। पिछले साल, 800 से ज्यादा एक्जिबिटर्स ने हिस्सा लिया, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने विजिट किया, इस बार भारत मंडपम के साथ-साथ, द्वारका के यशोभूमि और ग्रेटर-नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में भी ये एक्सपो चल रहा है। आने वाले 5-6 दिनों में बहुत बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। अनेक नई गाड़ियां भी यहां लॉन्च होने वाली हैं। ये दिखाता है कि भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को लेकर कितनी पॉजिटिविटी है। यहां कुछ Exhibitions में विजिट करने, उन्हें देखने का अवसर भी मुझे मिला है। भारत की Automotive Industry, Fantastic भी है और Future Ready भी है। मैं आप सभी को अपनी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत के ऑटो सेक्टर के इतने बड़े आयोजन में, मैं आज रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी को भी याद करूंगा। भारत के ऑटो सेक्टर की ग्रोथ में, मिडिल क्लास के सपने को पूरा करने में इन दोनों महानुभावों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुझे भरोसा है कि रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी की लिगेसी भारत के पूरे मोबिलिटी सेक्टर को inspire करती रहेगी।

साथियों,

आज का भारत Aspirations से भरा हुआ है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है। यही Aspirations हमें भारत की Automotive Industry में दिखाई देती है। बीते साल में भारत की ऑटो इंडस्ट्री करीब 12 परसेंट की ग्रोथ से आगे बढ़ी है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र पर चलते हुए अब एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। इतनी तो दुनिया के कई देशों की पॉपुलेशन नहीं है, जितनी हर साल भारत में गाड़ियां बिक रही हैं। एक साल में करीब ढाई करोड़ गाड़ियां बिकना, ये दिखाता है कि भारत में डिमांड लगातार कैसे बढ़ रही है। ये दिखाता है कि जब मोबिलिटी के फ्यूचर की बात आती है, तो भारत को क्यों इतनी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है।

साथियों,

भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है। और पैसेंजर व्हीकल मार्केट के रूप में देखें, तो हम दुनिया में नंबर-3 पर हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब भारत दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी में शामिल होगा, तब हमारा ऑटो मार्केट कहां होगा? विकसित भारत की यात्रा, मोबिलिटी सेक्टर के भी अभूतपूर्व ट्रांसफॉर्मेशन की, कई गुना विस्तार की यात्रा होने वाली है। भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को ड्राइव करने वाले कई फैक्टर्स हैं। जैसे, भारत की सबसे बड़ी युवा आबादी, मिडिल क्लास का लगातार बढ़ता दायरा, तेज़ी से होता अर्बनाइज़ेशन, भारत में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मेक इन इंडिया से अफोर्डबल व्हीकल, ये सारे फैक्टर्स, भारत में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ को push करने वाले हैं, नई ताकत देने वाले हैं।

साथियों,

ऑटो इंडस्ट्री के विकास के लिए Need और Aspirations, ये दोनों बहुत जरूरी होते हैं। और सद्भाग्य से भारत में आज ये दोनों वाइब्रेंट हैं। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। यही युवा, आपका सबसे बड़ा कस्टमर है। इतना बड़ा युवा वर्ग, कितनी बड़ी डिमांड क्रिएट करेगा, इसका अनुमान आप भली-भांति लगा सकते हैं। आपका एक और बड़ा कस्टमर, भारत का मिडिल क्लास है। बीते 10 वर्षों में, 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। ये निओ मिडिल क्लास अपना पहला व्हीकल ले रहा है। जैसे-जैसे तरक्की होगी, ये अपने व्हीकल को भी अपग्रेड करेंगे। और इसका बेनिफिट ऑटो सेक्टर को मिलना पक्का है।

साथियों,

कभी भारत में गाड़ियां न खरीदने का एक कारण, अच्छी सड़कों, चौड़ी सड़कों का अभाव भी था। अब ये स्थिति भी बदल रही है। ईज़ ऑफ ट्रैवल, आज भारत की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। पिछले वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए थे। आज भारत में मल्टीलेन हाईवे का, एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को गति मिल रही है। इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट कम हो रही है। नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी की वजह से भारत दुनिया में सबसे कंपीटिटिव लॉजिस्टिक्स कॉस्ट वाला देश होने वाला है। इन सारे प्रयासों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं के अनेक नए द्वार खुल रहे हैं। देश में गाड़ियों की डिमांड बढ़ने के पीछे, ये भी एक बड़ी वजह रही है।

साथियों,

आज अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी को भी इंटीग्रेट किया जा रहा है। फास्टैग से भारत में ड्राइविंग एक्सपीरियंस काफी आसान हुआ है। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भारत में सीमलेस ट्रैवल के प्रयासों को और बल मिल रहा है। अब हम स्मार्ट मोबिलिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। कनेक्टेड व्हीकल्स, ऑटोनॉमस ड्राइविंग की दिशा में भी भारत तेजी से काम कर रहा है।

साथियों,

भारत में ऑटो इंडस्ट्री के विकास की संभावनाओं में, मेक इन इंडिया की मज़बूती का भी बड़ा रोल है। मेक इन इंडिया अभियान को PLI स्कीम्स से नई गति मिली है। PLI स्कीम ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की सेल में मदद की है। इस स्कीम से ही, इस सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा डायरेक्ट जॉब क्रिएट हुए हैं। आप जानते हैं, आप अपने सेक्टर में तो जॉब्स क्रिएट करते ही हैं, इसका दूसरे सेक्टर्स में भी मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स, हमारा MSME सेक्टर बनाता है। जब ऑटो सेक्टर बढ़ता है, तो MSMEs लॉजिस्टिक्स, टूर और ट्रांसपोर्ट इन सभी सेक्टर में भी नई जॉब्स अपने आप बढ़ने लग जाती हैं।

साथियों,

भारत सरकार ऑटो सेक्टर को हर लेवल पर सपोर्ट दे रही है। बीते एक दशक में इस इंडस्ट्री में FDI, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्लोबल पार्टनरशिप के नए रास्ते बनाए गए हैं। पिछले 4 सालों में इस सेक्टर में Thirty Six Billion Dollar से ज्यादा का Foreign Direct Investment आया है। आने वाले सालों में, ये कई गुणा और बढ़ने वाला है। हमारा प्रयास है कि भारत में ही ऑटो मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो।

साथियों

मुझे याद है, मैंने मोबिलिटी से जुड़े एक कार्यक्रम में Seven-Cs के विजन की चर्चा की थी। हमारे Mobility Solutions ऐसे हों जो, Common हो, Connected हो, Convenient हो, Congestion-free हों, Charged हों, Clean हों, और Cutting-edge हों। ग्रीन मोबिलिटी पर हमारा फोकस, इसी विजन का हिस्सा है। आज हम एक ऐसे Mobility System के निर्माण में जुटे हैं, जो इकोनॉमी और इकोलॉजी, दोनों को सपोर्ट करे। एक ऐसा सिस्टम जो फॉसिल फ्यूल के हमारे इंपोर्ट बिल को कम करे। इसलिए, आज Green Technology, EVs, Hydrogen Fuel, Biofuels, ऐसी टेक्नोलॉजी के डेवपलमेंट पर हमारा काफी फोकस है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसे अभियान इसी विजन के साथ शुरू किए गए हैं।

साथियों,

बीते कुछ सालों से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर भारत में बहुत तेज़ ग्रोथ देखी जा रही है। बीते दशक में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में six hundred forty गुना की वृद्धि हुई है, 640 गुना। दस साल पहले जहां एक साल में सिर्फ 2600 के आसपास इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके थे, वर्ष 2024 में, 16 लाख 80 हजार से ज्यादा व्हीकल बिके हैं। यानि 10 साल पहले जितने इलेक्ट्रिक व्हीकल पूरे साल में बिकते थे, आज उससे भी दोगुने इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ एक दिन में बिक रहे हैं। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या 8 गुना तक बढ़ सकती है। ये दिखाता है कि इस सेगमेंट में आपके लिए कितनी ज्यादा संभावनाएं बढ़ रही हैं।

साथियों,

देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए सरकार लगातार पॉलिसी डिसीजन्स ले रही है, इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है। 5 साल पहले फेम-2 स्कीम शुरु की गई थी। इसके तहत 8 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक का इंसेंटिव दिया गया है। इस राशि से, इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में सब्सिडी दी गई, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इससे 16 लाख से अधिक EVs को सपोर्ट मिला, जिनमें से 5 हज़ार से अधिक तो इलेक्ट्रिक बसें हैं। यहां दिल्ली में भी भारत सरकार द्वारा दी गई, 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अपने तीसरे टर्म में हम पीएम ई-ड्राइव स्कीम लेकर आए हैं। इसके तहत टू व्हीलर, थ्री-व्हीलर, ई-एंबुलेंस, ई-ट्रक, ऐसे करीब 28 लाख EVs खरीदने के लिए मदद दी जाएगी। करीब 14 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जाएंगी। देशभर में अलग-अलग वाहनों के लिए 70 हज़ार से अधिक फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। तीसरे टर्म में ही, पीएम ई-बस सेवा भी शुरु की गई है। इसके तहत, देश के छोटे शहरों में करीब thirty eight thousand ई-बसें चलाने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार, EV मैन्युफेक्चरिंग के लिए इंडस्ट्री को लगातार सपोर्ट कर रही है। ईवी कार मैन्युफेक्चरिंग में जो ग्लोबल इन्वेस्टर भारत आना चाहते हैं, उसके लिए भी रास्ते बनाए गए हैं। भारत में क्वालिटी ईवी मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार में, वैल्यू चेन के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियो,

ग्लोबल वॉर्मिंग की, क्लाइमेट की चुनौती से निपटने के लिए हमें सोलर पावर को, अल्टरनेटिव फ्यूल को लगातार प्रमोट करते रहना है। भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान ग्रीन फ्यूचर पर बहुत ज़ोर दिया है। आज भारत में EV के साथ ही सोलर पावर को लेकर भी बहुत बड़े लेवल पर काम चल रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली स्कीम से, रूफटॉप सोलर का एक बड़ा मिशन चल रहा है। ऐसे में इस सेक्टर में भी बैटरी की, स्टोरेज सिस्टम की डिमांड लगातार बढ़ने वाली है। सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार करोड़ रूपए की PLI स्कीम शुरु की है। यानि इस सेक्टर में बड़े इन्वेस्टमेंट्स का आपके लिए ये सही समय है। मैं देश के ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को भी एनर्जी स्टोरेज सेक्टर में स्टार्ट अप्स के लिए invite करूंगा। हमें ऐसे इनोवेशन्स पर काम करना है, जो भारत में ही मौजूद मैटेरियल से बैटरी बना सकें, स्टोरेज सिस्टम बना सकें। इसको लेकर देश में काफी काम हो भी रहा है, लेकिन इसको मिशन मोड पर आगे बढ़ाना ज़रूरी है।

साथियों,

केंद्र सरकार का इंटेंट और कमिटमेंट एकदम साफ है। चाहे नई पॉलिसी बनानी हों या फिर रिफॉर्म्स करने हों, हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। अब आपको इन्हें आगे बढ़ाना है, इनका फायदा उठाना है। अब जैसे व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी है। जितने भी manufacturers हैं, आप सभी से मेरा आग्रह है कि इस पॉलिसी का लाभ उठाएं। आप अपनी कंपनी में भी, अपनी भी एक incentive स्कीम लेकर आ सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियां लेकर स्क्रैप करने के लिए आगे आएंगे। ये मोटिवेशन बहुत ज़रूरी है। ये देश के environment के लिए भी आपकी तरफ से बहुत बड़ी सर्विस होगी।

साथियों,

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, इनोवेशन ड्रिवन है, टेक्नोलॉजी ड्रिवन है। इनोवेशन हो, टेक हो, स्किल हो या फिर डिमांड, आने वाला समय East का है, एशिया का है, भारत का है। मोबिलिटी में अपना फ्यूचर देखने वाले हर सेक्टर के लिए भारत एक शानदार इन्वेस्टर के लिए भी, शानदार डेस्टिनेशन है। मैं आप सभी को फिर विश्वास दिलाता हूं, सरकार हर तरह से आपके साथ है। आप मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र के साथ इसी तरह आगे बढ़ते रहें। आप सभी को फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!