अध्‍यक्ष महोदया, श्रीमती सांति बाई हनुमानजी। प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्‍नाथ जी। विपक्ष के नेता, श्री पॉल बेरेंजेर। सदस्‍य गण,

मॉरीशस के स्‍वतंत्रता दिवस पर मेरी हार्दिक बधाई। किसी राष्‍ट्रीय एसेंबली को संबोधित करने को सदैव बड़ा सम्‍मान माना जाता है। मगर इतिहास और संस्‍कृति के गहरे संबंधों को साझा करने वाले देश की जनता की और एक ऐसे देश जिसे मित्र और भागीदार कहते हुए हमें गर्व होता है उसकी एसेंबली को संबोधित करना सचमुच एक विशेष अवसर है।

17 PM Modi's Address to the National Assembly, Mauritius (4)

इस एसेंबली में आपके राष्‍ट्रीय दिवस के अवसर पर उपस्थित होना मेरे लिए एक सौभाग्‍यशाली क्षण है।

स्‍वतंत्रता दिवस पर हम न केवल स्‍वतंत्र होने का जश्‍न मनाते हैं अपितु स्‍वतंत्रता प्राप्‍त करने के लिए किए गए संघर्षों और बलिदानों का स्‍मरण भी करते हैं। आज का दिन भारत के स्‍वंतत्रता संग्राम के इतिहास में विशेष महत्‍व रखता है।

1930 में आज ही के दिन महात्‍मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी।

और इससे भारत अपने स्‍वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाकर आगे बढ़ा।

आपके राष्‍ट्रीय दिवस से महात्‍मा गांधी को भी सम्‍मान मिलता है और यह दोनों देशों के बीच भावनात्‍मक संबंधों का आधार भी है।

मॉरीशस के स्‍वतंत्रता संग्राम के कुशल नेतृत्‍व के लिए मैं आज सर शिवसागर रामगुलाम और उनके दर्शन तथा दोनों देशों के बीच भागीदारी के विकास में उनके नेतृत्‍व को नमन करता हूं।

मैं आज यहां हमारे संबंधों के आयोजन के लिए नहीं अपितु उपलब्धियों की सराहना के लिए उपस्थित हूं।

विश्‍व में कई ऐसे देश हैं जहां स्‍वतंत्रता का उल्‍लास धीमा होकर दिशा भ्रम की निराशा में दब गया।17 PM Modi's Address to the National Assembly, Mauritius (7)

मॉरीशस में मगर स्‍वतंत्रता की आशाएं और वायदे दिन ब दिन उज्‍जवल हुए हैं।

मॉरीशस लोकतंत्र के उज्‍जवल दीप की तरह खड़ा रहा है।

मॉरीशस 10 लाख से अधिक बेहद सद्भाव में रह रहे विविध संस्‍कृति वाले लोगों का देश है।

यह एक ऐसा देश है जो मजबूती से समृद्धि के मार्ग पर बढ़ रहा है।

मैंने मॉरीशस द्वारा स्‍मार्ट विकल्‍प चुनने और परिश्रम तथा उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहित करने की सदैव प्रशंसा की है। इसने कृषि अर्थव्‍यवस्‍था की बजाय अब मध्‍य आय और विविध अर्थव्‍यवस्‍था का रूप लिया है और इसने वस्‍त्र और पर्यटन क्षेत्र के अवसरों का दोहन किया है और अब यह वित्‍त और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।

भारत के लोगों की कई पीढि़यों ने पहले अनिश्चित नये जीवन की अनिश्चित रास्‍ते पर अनजान क्षेत्र में यात्रा की शुरूआत की थी।

उन्‍होंने अपने जीवन को नये स्‍थान पर स्‍थापित किया और शिवरात्रि तथा कावड़, होली के रंगों और ईद के उल्‍लास, वर्षा के स्‍वागत के गीतों और फसलों के जश्‍न में नृत्‍यों के अलावा हिमालय और गंगा की स्‍मृतियों को जीवित रखा।

वे आज मॉरीशस के गौरवशाली नागरिक हैं और सफलता में योगदान देकर यहां देश की गतिशीलता में फल फूल रहे हैं।

यह द्वीप उनकी संरक्षित आस्‍था और संस्‍कृति से बंधा है। फिर भी वे विश्‍व के अन्‍य भागों से आने वाली लहरों और हवाओं से विकसित जीवनशैली के साथ भी आसानी से रिश्‍ता बनाये हुए है।

मुझे आज सुबह गंगा तालाब जाने का शुभ अवसर मिला। वहां जाकर मुझे अपने संसदीय क्षेत्र बनारस की गंगा के घाटों के साथ अपना निजी लगाव भी महसूस हुआ।

और मैंने दिलों के उस सशक्‍त संपर्कों को महसूस किया जो इस शानदार देश में काल और दूरी के बावजूद स्‍थाई बने हुए हैं।

यह संपर्क आज हमारे संबंधों की मजबूत बुनियाद हैं। इनसे ऐसी सद्भाव और स्‍फूर्ति बनी है जो अंतर्राष्‍ट्रीय संबंधों में महसूस करना बहुत मुश्किल है। इनसे हमारे आपसी विश्‍वास की अटूट श्रृंखला का भी विकास हुआ है।

हमें आज समान रूप से ऐसे संबंध पर गर्व है जो हमारे समय की आवश्‍यकताओं के अनुरूप है। हम साझा लोकतांत्रिक मूल्‍यों के सुखद आभास के कारण एक-दूसरे से जुड़े हैं। हम दोनों देशों की आर्थिक प्रगति में भागीदार हैं। हम हिंद महासागर में सुरक्षा को बढ़ाने की जिम्‍मेदारी कंधे से कंधा मिलाकर साझा करते हैं। हम विकासशील विश्‍व और अपने ग्रह- पृथ्‍वी के भविष्‍य के हित में एक ही सुर में बोलते हैं।

मैं मॉरीशस को हिंद महासागर समुदाय के अगुआ और अफ्रीका के साथ सेतु के रूप में देखते हैं।

आपके नेतृत्‍व से विश्‍व में हिंदी को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।

भारत मॉरीशस का अपने यहां विश्‍व हिंदी सचिवालय स्‍थापित करने के लिए धन्‍यवाद करता है।

अध्‍यक्ष महोदया, यह हमारी विरासत की दौलत है। यह हमारी भागीदारी की समृद्धता है।

पिछले वर्ष दोनों देशों में लोकतांत्रिक तरीके से सत्‍ता का हस्‍तांतरण हुआ। दोनों देशों के लिए दो बातें समान हैं।

दोनों देशों में लंबे समय के बाद किसी एक पार्टी को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला।

और यह संयोग और रूचि की बात है कि दोनों देशों की संसद में अध्‍यक्ष का पदभार महिला को मिला है।

हमें मालूम है कि लोकतां‍त्रिक परिवर्तनों से हमारे संबंधों की मजबूती में कोई अंतर नहीं आ सकता।

हमारे पास आज एक ऐसा अनूठा अवसर है जो दोनों देशो में आर्थिक विकास में तेजी लाने का स्थिर मंच है।

पिछले नौ महीनों के दौरान, हम भारत में समावेशी विकास की स्‍पष्‍ट दृष्टि की ओर बढ़े हैं।

हमने आर्थिक विकास को बढ़ाने; अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाने और हमारे नागरिकों के जीवन को बदलने; सुदूर क्षेत्रों के गांवों और किसानों, सर्वाधिक वंचित युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए तेजी, संकल्‍प, नवाचार और निर्भीकता के साथ काम किया है।

मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री जगन्‍नाथ के नेतृत्‍व में मॉरीशस में विकास और अधिक प्रभावशाली बनेगा।

और, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम हमेशा आपके साथ रहेंगे- आपके प्रयासों के समर्थन में और आपकी कामयाबी के जश्‍न में।

कल मैंने प्रधानमंत्री जगन्‍नाथ को कहा कि हम आपकी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए विदेश स्थित बैंकिंग सेक्‍टर के महत्‍व को समझते हैं। हम भारत पर इस निर्भरता को लेकर जागरूक हैं। हम अपने दोहरे कर वंचन समझौते के दुरूपयोग को रोकने के लिए अपने साझा उद्देश्‍य के साथ मिलकर काम करेंगे। मैं आपको आपके समर्थन के लिए धन्‍यवाद देता हूं। लेकिन, मैं आपको यह भी भरोसा दिलाता हूं कि हम अपने सबसे घनिष्‍ठ रणनीतिक साझेदारों में से एक इस गतिशील क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं करेंगे।

मॉरीशस के लिए एक विकास साझेदार बनना बड़ा विशेषाधिकार रहा है। हम आपकी इच्‍छाओं के अनुरूप और अधिक करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।

कल, हमने मॉरीशस में नागरिक परियोजनाओं के विकास के लिए 500 मिलियन डॉलर के नये ऋण की घोषणा की। प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी ने 2003 में मॉरीशस में पहली साइबर सिटी के निर्माण में सहयोग दिया था। वह हमारी जीवंत आर्थिक साझेदारी का एक प्रतीक बन गया है। मैं मॉरीशस में दूसरी साइबर सिटी के लिए अपने समर्थन की घोषणा करते हुए प्रसन्‍नता महसूस कर रहा हूं।

हालांकि हम सूचना प्रौद्योगिकी की बात कर रहे हैं, मॉरीशस में ई-हेल्‍थ एक सराहनीय पहल है। और हम इसके विकास को समर्थन देकर प्रसन्‍न होंगे।

हम मॉरीशस की पेट्रोलियम की जरूरतों की पूर्ति के लिए उसका साझेदार बनने पर गर्व का अनुभव कर रहे हैं। हम यहां पेट्रोलियम भंडारण केन्‍द्र का निर्माण करने की एक नई परियोजना की शुरूआत कर रहे हैं। यह एक क्षेत्रीय आर्थिक केन्‍द्र के रूप में मॉरीशस की स्थिति को और मजबूत बनाएगा।

मॉरीशस ने मत्‍स्‍य पालन से लेकर पर्यटन तक इसकी समुद्री अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में गहरी दृष्टि प्रदर्शित की है।

भारत भी समुद्रों पर काफी निर्भर है। हम अपनी समुद्री अर्थव्‍यवस्‍था को विकसित करने और नई संभावनाओं की तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं। हम इसे एक टिकाऊ तरीके से कर रहे हैं, जो हमारे समुद्रों की जटिल पारिस्थितिकी प्रणाली को संरक्षित करता है। वास्‍तव में, समुद्रों में हमारी समृद्धि को आगे बढ़ाने और विश्‍व की चुनौतियों का सामना करने की विशाल संभावनाएं हैं।

यही वजह है कि मैं अपने राष्‍ट्रीय ध्‍वज में नीले चक्र को नीली क्रांति के एक प्रतीक के रूप में देखता हूं; जैसे केसरिया रंग ऊर्जा क्रांति का, श्‍वेत दुग्‍ध क्रांति का और हरा रंग हरित क्रांति का प्रतिनिधित्‍व करता है।

यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। हम आपसे सीख सकते हैं। एक साथ मिलकर हम अपनी समुद्री परिस्थितिकी और नये अवसरों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। हम ज्‍यादा टिकाऊ कार्यों के लिए अपनी क्षमता को और बेहतर बना सकते हैं।

17 PM Modi's Address to the National Assembly, Mauritius (6) हमारी साझेदारी में जलवायु परिवर्तन की चुनौती भी अनिवार्य रूप से शामिल होनी चाहिए। भारत के लिए यह एक अभियान है, जिसे हम पूरी तरह नये स्‍तर और आवश्‍यकता के एक नये भाव के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। हमने 2022 तक सौर ऊर्जा के 100 गिगावाट तथा पवन ऊर्जा के 60 गिगावाट का एक महत्‍वकांक्षी लक्ष्‍य निर्धारित किया है। हम अपनी ऊर्जा कुशलता को उल्‍लेखनीय रूप से बढ़ाना चाहेंगे, जो ऊर्जा का सबसे स्‍वच्‍छ रूप हो।

यह विकल्‍प भविष्‍य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से, साथ ही हमारे सिद्धांतों से भी प्रेरित है। और मेरे लिए यह एक विश्‍वास की बात है।

हमने विरासत में एक प्राचीन परंपरा और बुद्धिमता प्राप्‍त की है, जिसने प्रकृति के संरक्षण को एक पवित्र कार्य बना दिया है; जो धरती को एक मां की तरह पूजता है; और जो प्रकृति के शोषण को एक अपराध मानता है।

मॉरीशस जलवायु परिवर्तन पर एक अग्रणी अंतर्राष्‍ट्रीय आवाज रहा है, न केवल द्वीपीय राज्‍यों का बल्कि हमारे सामूहिक भविष्‍य का भी पक्षधर रहा है। हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ

अधिक ठोस वैश्विक कार्रवाई के लिए आपके साथ काम करने की उम्‍मीद करते हैं।

अगर हम शांति, सुरक्षा और हमारे विश्‍व में स्थिरता को लेकर आश्‍वस्‍त हैं तो हम एक टिकाऊ और समृ‍द्ध भविष्‍य के सपनों को साकार कर सकते हैं।

भारत और मॉरीशस में हमारी नियति हिंद महासागर की धाराओं के साथ जुड़ी है।

हमारी सुरक्षा साझेदारी हमारे संबंधों के लिए एक मजबूत स्‍तंभ रही है। और यह कठिन समय में भी अडिग रही है।

इसका आधार असाधारण आपसी भरोसे और विश्‍वास पर टिका है

इसकी जड़ें एक-दूसरे के प्रति उत्‍तरदायित्‍वों में निहित हैं, जो हमारी मैत्री में स्‍वाभाविक रूप से प्रदर्शित होती है।

यह हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि को लेकर हमारी साझी प्रतिबद्धता से उत्‍पन्‍न होता है।

जैसे मॉरीशस द्वीपों और जलीय क्षेत्रों को ज्‍यादा सुरक्षित बनाने का प्रयास करता है; जैसे आप अपने विशाल विशिष्‍ट आर्थिक क्षेत्र को संरक्षित करने का प्रयास करते हैं, हम हमेशा आपकी सहायता के लिए तत्‍पर रहेंगे।

हम अपने सहयोग को और मजबू‍त बनायेंगे और अपनी सक्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के लिए हर संभव कार्य करेंगे। आज बाराकुड़ा का आपकी राष्‍ट्रीय तटरक्षक सेवा में जलावतरण करने का मुझे सम्‍मान प्राप्‍त होगा।

मॉरीशस का राष्‍ट्रीय ध्‍वज सम्‍मान से लहराते हुए आज यह हमारी दोस्‍ती के प्रतीक के रूप में समुद्र यात्रा करेगा।

आपने हम में जो विश्वास जताया है, उसके लिए भारत आभारी है। मॉरीशस, हिन्‍द महासागर के इस हिस्‍से को सुरक्षित करने की भारी जिम्‍मेदारी उठा रहा है, इसलिए हम जानते है कि हमारा क्षेत्र एक सु‍रक्षित स्‍थान होगा।

लेकिन हम इस क्षेत्र में स्‍थाई स्थिरता और समृद्धि स्‍थापित करने के लिए व्‍यापक सोच में साझेदार है।

हमें विश्‍वास है कि हमारे क्षेत्र के सभी राष्‍ट्रों को हमारी साझा जिम्‍मेदारी में सहयोग देने के लिए एकजुट होना चाहिए।

हम अपने क्षेत्र में घनिष्‍ठ सुरक्षा, आर्थिक, सांस्‍कृतिक, वैज्ञानिक और हर व्‍‍यक्ति के लिए संबंधों में व्‍यापक भागीदारी चाहते हैं।

मॉरीशस हिन्‍द महासागर रिम एसोसिएशन का मेज़बान है, जिसके लिए हम उसके शुक्रगुजार हैं। हमारे दृष्टिकोण को प्राप्‍त करने के लिए आपका नेतृत्‍व महत्‍वपूर्ण रहेगा। वैश्‍विक संस्‍थानों में आपका दृढ़ समर्थन हमें अपने साझा हितों के बारे में विचार रखने के लिए अधिक मजबूती प्रदान करता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भारी उथल-पुथल के समय 70वें वर्ष में प्रवेश किया है। हम इस संगठन को सुधारने और आज के युग की जरूरत के अनुसार इसे अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए आपकी मदद चाहते हैं।

मैं 21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍ताव में जोरदार समर्थन देने के लिए मॉरीशस को धन्‍यवाद देना चाहता हूं। यह संकल्‍प रिकॉर्ड समय में अधिकतम देशों के समर्थन से पारित किया गया था।

यह हमारी साझा विरासत को नमन हैं। मैं जानता हूं कि आप इसे मॉरीशस में पूरे जोश के साथ मनाएंगे।

17 PM Modi's Address to the National Assembly, Mauritius

अध्‍यक्ष महोदया,

एक राष्‍ट्र के जीवन में एक व्‍यक्ति के जीवन की तरह ही एक सच्‍चे दोस्‍त और शुभचिंतक से भी ज्‍यादा कोई मूल्‍यवान और संतुष्टि प्रदान करने वाली चीज नहीं है। उसके मिलन से अधिक कुछ संतोषजनक नही है, उसके विश्‍वास से अधिक मूल्‍यवान कुछ भी नही है, उसकी मदद से अधिक कुछ भी आश्‍वस्‍त करने वाला नहीं है और उसकी भागीदारी से अधिक बहुमूल्‍य कुछ भी नही है।

इसलिए हम आपकी मैत्री से अपने आपको सौभाग्‍यशाली मानते हैं और हमेशा यह कहते हैं कि अगर कोई ऐसा देश है जो हम पर पूरा अधिकार महसूस करता है, तो वह मॉरीशस ही है।

यह हमारे दिलों और भावनाओं का संबंध है, जिन्‍हें किन्‍हीं सीमाओं द्वारा कभी भी सीमित नही किया जा सकता।

हम भारत में इसे समृद्ध बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। यह संबंध हमारे दोनों देशों के लिए सदैव प्रसन्‍नता और मजबूती का एक स्रोत बना रहेगा।

यह हमारे क्षेत्र और पूरे विश्‍व के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण रहेगा।

मैं इस सम्‍मान के लिए आपको धन्‍यवाद देता हूं।

मैं एक बार फिर आपको इस राष्‍ट्रीय दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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मोबिलिटी सेक्टर में अपना फ्यूचर देखने वाले हर इन्वेस्टर के लिए भारत एक शानदार डेस्टिनेशन: पीएम
January 17, 2025
विकसित भारत की यात्रा मोबिलिटी क्षेत्र में अप्रत्‍याशित कायाकल्‍प और अभूतपूर्व वृद्धि की साक्षी बनेगी: प्रधानमंत्री
यात्रा में सुगमता आज भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है: प्रधानमंत्री
‘मेक इन इंडिया’ पहल की ताकत देश के ऑटो उद्योग की विकास संभावनाओं को बढ़ावा देती है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी समाधानों के सात सी- कॉमन, कनेक्‍टेड, कनविनिएंट, कंजेशन फ्री, चार्ज्ड, क्‍लीन और कटिंग एज: प्रधानमंत्री
भारत हरित प्रौद्योगिकी, ईवी, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक प्रत्येक निवेशक के लिए भारत एक उत्कृष्ट गंतव्य है: प्रधानमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान नितिन गडकरी जी, जीतन राम मांझी जी, मनोहर लाल जी, एच. डी. कुमारस्वामी जी, पीयूष गोयल जी, हरदीप सिंह पुरी जी, देश-विदेश से आए ऑटो इंडस्ट्री के सभी दिग्गज, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों!

पिछली बार जब मैं आपके बीच आया था, तब लोकसभा के चुनाव ज्यादा दूर नहीं थे। उस दौरान मैंने आप सबके विश्वास के कारण कहा था कि अगली बार भी भारत मोबिलिटी एक्सपो में जरूर आऊंगा। देश ने तीसरी बार हमें आशीर्वाद दिया, आप सभी ने एक बार फिर मुझे यहां बुलाया, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि इस वर्ष, भारत मोबिलिटी एक्सपो का दायरा काफी बढ़ गया है। पिछले साल, 800 से ज्यादा एक्जिबिटर्स ने हिस्सा लिया, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने विजिट किया, इस बार भारत मंडपम के साथ-साथ, द्वारका के यशोभूमि और ग्रेटर-नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में भी ये एक्सपो चल रहा है। आने वाले 5-6 दिनों में बहुत बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। अनेक नई गाड़ियां भी यहां लॉन्च होने वाली हैं। ये दिखाता है कि भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को लेकर कितनी पॉजिटिविटी है। यहां कुछ Exhibitions में विजिट करने, उन्हें देखने का अवसर भी मुझे मिला है। भारत की Automotive Industry, Fantastic भी है और Future Ready भी है। मैं आप सभी को अपनी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत के ऑटो सेक्टर के इतने बड़े आयोजन में, मैं आज रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी को भी याद करूंगा। भारत के ऑटो सेक्टर की ग्रोथ में, मिडिल क्लास के सपने को पूरा करने में इन दोनों महानुभावों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुझे भरोसा है कि रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी की लिगेसी भारत के पूरे मोबिलिटी सेक्टर को inspire करती रहेगी।

साथियों,

आज का भारत Aspirations से भरा हुआ है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है। यही Aspirations हमें भारत की Automotive Industry में दिखाई देती है। बीते साल में भारत की ऑटो इंडस्ट्री करीब 12 परसेंट की ग्रोथ से आगे बढ़ी है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र पर चलते हुए अब एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। इतनी तो दुनिया के कई देशों की पॉपुलेशन नहीं है, जितनी हर साल भारत में गाड़ियां बिक रही हैं। एक साल में करीब ढाई करोड़ गाड़ियां बिकना, ये दिखाता है कि भारत में डिमांड लगातार कैसे बढ़ रही है। ये दिखाता है कि जब मोबिलिटी के फ्यूचर की बात आती है, तो भारत को क्यों इतनी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है।

साथियों,

भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है। और पैसेंजर व्हीकल मार्केट के रूप में देखें, तो हम दुनिया में नंबर-3 पर हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब भारत दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी में शामिल होगा, तब हमारा ऑटो मार्केट कहां होगा? विकसित भारत की यात्रा, मोबिलिटी सेक्टर के भी अभूतपूर्व ट्रांसफॉर्मेशन की, कई गुना विस्तार की यात्रा होने वाली है। भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को ड्राइव करने वाले कई फैक्टर्स हैं। जैसे, भारत की सबसे बड़ी युवा आबादी, मिडिल क्लास का लगातार बढ़ता दायरा, तेज़ी से होता अर्बनाइज़ेशन, भारत में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मेक इन इंडिया से अफोर्डबल व्हीकल, ये सारे फैक्टर्स, भारत में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ को push करने वाले हैं, नई ताकत देने वाले हैं।

साथियों,

ऑटो इंडस्ट्री के विकास के लिए Need और Aspirations, ये दोनों बहुत जरूरी होते हैं। और सद्भाग्य से भारत में आज ये दोनों वाइब्रेंट हैं। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। यही युवा, आपका सबसे बड़ा कस्टमर है। इतना बड़ा युवा वर्ग, कितनी बड़ी डिमांड क्रिएट करेगा, इसका अनुमान आप भली-भांति लगा सकते हैं। आपका एक और बड़ा कस्टमर, भारत का मिडिल क्लास है। बीते 10 वर्षों में, 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। ये निओ मिडिल क्लास अपना पहला व्हीकल ले रहा है। जैसे-जैसे तरक्की होगी, ये अपने व्हीकल को भी अपग्रेड करेंगे। और इसका बेनिफिट ऑटो सेक्टर को मिलना पक्का है।

साथियों,

कभी भारत में गाड़ियां न खरीदने का एक कारण, अच्छी सड़कों, चौड़ी सड़कों का अभाव भी था। अब ये स्थिति भी बदल रही है। ईज़ ऑफ ट्रैवल, आज भारत की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। पिछले वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए थे। आज भारत में मल्टीलेन हाईवे का, एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को गति मिल रही है। इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट कम हो रही है। नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी की वजह से भारत दुनिया में सबसे कंपीटिटिव लॉजिस्टिक्स कॉस्ट वाला देश होने वाला है। इन सारे प्रयासों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं के अनेक नए द्वार खुल रहे हैं। देश में गाड़ियों की डिमांड बढ़ने के पीछे, ये भी एक बड़ी वजह रही है।

साथियों,

आज अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी को भी इंटीग्रेट किया जा रहा है। फास्टैग से भारत में ड्राइविंग एक्सपीरियंस काफी आसान हुआ है। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भारत में सीमलेस ट्रैवल के प्रयासों को और बल मिल रहा है। अब हम स्मार्ट मोबिलिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। कनेक्टेड व्हीकल्स, ऑटोनॉमस ड्राइविंग की दिशा में भी भारत तेजी से काम कर रहा है।

साथियों,

भारत में ऑटो इंडस्ट्री के विकास की संभावनाओं में, मेक इन इंडिया की मज़बूती का भी बड़ा रोल है। मेक इन इंडिया अभियान को PLI स्कीम्स से नई गति मिली है। PLI स्कीम ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की सेल में मदद की है। इस स्कीम से ही, इस सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा डायरेक्ट जॉब क्रिएट हुए हैं। आप जानते हैं, आप अपने सेक्टर में तो जॉब्स क्रिएट करते ही हैं, इसका दूसरे सेक्टर्स में भी मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स, हमारा MSME सेक्टर बनाता है। जब ऑटो सेक्टर बढ़ता है, तो MSMEs लॉजिस्टिक्स, टूर और ट्रांसपोर्ट इन सभी सेक्टर में भी नई जॉब्स अपने आप बढ़ने लग जाती हैं।

साथियों,

भारत सरकार ऑटो सेक्टर को हर लेवल पर सपोर्ट दे रही है। बीते एक दशक में इस इंडस्ट्री में FDI, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्लोबल पार्टनरशिप के नए रास्ते बनाए गए हैं। पिछले 4 सालों में इस सेक्टर में Thirty Six Billion Dollar से ज्यादा का Foreign Direct Investment आया है। आने वाले सालों में, ये कई गुणा और बढ़ने वाला है। हमारा प्रयास है कि भारत में ही ऑटो मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो।

साथियों

मुझे याद है, मैंने मोबिलिटी से जुड़े एक कार्यक्रम में Seven-Cs के विजन की चर्चा की थी। हमारे Mobility Solutions ऐसे हों जो, Common हो, Connected हो, Convenient हो, Congestion-free हों, Charged हों, Clean हों, और Cutting-edge हों। ग्रीन मोबिलिटी पर हमारा फोकस, इसी विजन का हिस्सा है। आज हम एक ऐसे Mobility System के निर्माण में जुटे हैं, जो इकोनॉमी और इकोलॉजी, दोनों को सपोर्ट करे। एक ऐसा सिस्टम जो फॉसिल फ्यूल के हमारे इंपोर्ट बिल को कम करे। इसलिए, आज Green Technology, EVs, Hydrogen Fuel, Biofuels, ऐसी टेक्नोलॉजी के डेवपलमेंट पर हमारा काफी फोकस है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसे अभियान इसी विजन के साथ शुरू किए गए हैं।

साथियों,

बीते कुछ सालों से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर भारत में बहुत तेज़ ग्रोथ देखी जा रही है। बीते दशक में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में six hundred forty गुना की वृद्धि हुई है, 640 गुना। दस साल पहले जहां एक साल में सिर्फ 2600 के आसपास इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके थे, वर्ष 2024 में, 16 लाख 80 हजार से ज्यादा व्हीकल बिके हैं। यानि 10 साल पहले जितने इलेक्ट्रिक व्हीकल पूरे साल में बिकते थे, आज उससे भी दोगुने इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ एक दिन में बिक रहे हैं। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या 8 गुना तक बढ़ सकती है। ये दिखाता है कि इस सेगमेंट में आपके लिए कितनी ज्यादा संभावनाएं बढ़ रही हैं।

साथियों,

देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए सरकार लगातार पॉलिसी डिसीजन्स ले रही है, इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है। 5 साल पहले फेम-2 स्कीम शुरु की गई थी। इसके तहत 8 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक का इंसेंटिव दिया गया है। इस राशि से, इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में सब्सिडी दी गई, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इससे 16 लाख से अधिक EVs को सपोर्ट मिला, जिनमें से 5 हज़ार से अधिक तो इलेक्ट्रिक बसें हैं। यहां दिल्ली में भी भारत सरकार द्वारा दी गई, 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अपने तीसरे टर्म में हम पीएम ई-ड्राइव स्कीम लेकर आए हैं। इसके तहत टू व्हीलर, थ्री-व्हीलर, ई-एंबुलेंस, ई-ट्रक, ऐसे करीब 28 लाख EVs खरीदने के लिए मदद दी जाएगी। करीब 14 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जाएंगी। देशभर में अलग-अलग वाहनों के लिए 70 हज़ार से अधिक फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। तीसरे टर्म में ही, पीएम ई-बस सेवा भी शुरु की गई है। इसके तहत, देश के छोटे शहरों में करीब thirty eight thousand ई-बसें चलाने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार, EV मैन्युफेक्चरिंग के लिए इंडस्ट्री को लगातार सपोर्ट कर रही है। ईवी कार मैन्युफेक्चरिंग में जो ग्लोबल इन्वेस्टर भारत आना चाहते हैं, उसके लिए भी रास्ते बनाए गए हैं। भारत में क्वालिटी ईवी मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार में, वैल्यू चेन के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियो,

ग्लोबल वॉर्मिंग की, क्लाइमेट की चुनौती से निपटने के लिए हमें सोलर पावर को, अल्टरनेटिव फ्यूल को लगातार प्रमोट करते रहना है। भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान ग्रीन फ्यूचर पर बहुत ज़ोर दिया है। आज भारत में EV के साथ ही सोलर पावर को लेकर भी बहुत बड़े लेवल पर काम चल रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली स्कीम से, रूफटॉप सोलर का एक बड़ा मिशन चल रहा है। ऐसे में इस सेक्टर में भी बैटरी की, स्टोरेज सिस्टम की डिमांड लगातार बढ़ने वाली है। सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार करोड़ रूपए की PLI स्कीम शुरु की है। यानि इस सेक्टर में बड़े इन्वेस्टमेंट्स का आपके लिए ये सही समय है। मैं देश के ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को भी एनर्जी स्टोरेज सेक्टर में स्टार्ट अप्स के लिए invite करूंगा। हमें ऐसे इनोवेशन्स पर काम करना है, जो भारत में ही मौजूद मैटेरियल से बैटरी बना सकें, स्टोरेज सिस्टम बना सकें। इसको लेकर देश में काफी काम हो भी रहा है, लेकिन इसको मिशन मोड पर आगे बढ़ाना ज़रूरी है।

साथियों,

केंद्र सरकार का इंटेंट और कमिटमेंट एकदम साफ है। चाहे नई पॉलिसी बनानी हों या फिर रिफॉर्म्स करने हों, हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। अब आपको इन्हें आगे बढ़ाना है, इनका फायदा उठाना है। अब जैसे व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी है। जितने भी manufacturers हैं, आप सभी से मेरा आग्रह है कि इस पॉलिसी का लाभ उठाएं। आप अपनी कंपनी में भी, अपनी भी एक incentive स्कीम लेकर आ सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियां लेकर स्क्रैप करने के लिए आगे आएंगे। ये मोटिवेशन बहुत ज़रूरी है। ये देश के environment के लिए भी आपकी तरफ से बहुत बड़ी सर्विस होगी।

साथियों,

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, इनोवेशन ड्रिवन है, टेक्नोलॉजी ड्रिवन है। इनोवेशन हो, टेक हो, स्किल हो या फिर डिमांड, आने वाला समय East का है, एशिया का है, भारत का है। मोबिलिटी में अपना फ्यूचर देखने वाले हर सेक्टर के लिए भारत एक शानदार इन्वेस्टर के लिए भी, शानदार डेस्टिनेशन है। मैं आप सभी को फिर विश्वास दिलाता हूं, सरकार हर तरह से आपके साथ है। आप मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र के साथ इसी तरह आगे बढ़ते रहें। आप सभी को फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!