Quoteप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में एकीकृत उर्जा विकास योजना की शुरुआत की
Quoteप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी रिंग रोड फेज- I की आधारशिला रखी
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी से बाबतपुर तक एनएच 56 के विकास की आधारशिला रखी
Quoteप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईपीडीएस के अंतर्गत वाराणसी के चौक सबस्टेशन की आधारशिला रखी
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने आईपीडीएस के अंतर्गत वाराणसी के कज्जतपुर सबस्टेशन की आधारशिला रखी
Quoteप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित ट्रामा सेंटर राष्ट्र को समर्पित किया
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने रामनगर डाकघर में यात्री आरक्षण सुविधा का उद्घाटन किया
Quoteमैंने आप सभी से साफ-सफाई पर काम करने का आग्रह किया था और वाराणसी को स्वच्छ बनाने के लिए सबने एक साथ मिलकर काम किया: प्रधानमंत्री
Quoteवाराणसी में पर्यटन को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है: प्रधानमंत्री
Quoteजन भागीदारी के माध्यम से हमें भारत को आगे ले जाना है: मोदी
Quoteसार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के अलावा ‘व्यक्तिगत’ क्षेत्र भी आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन है: प्रधानमंत्री

विशाल संख्‍या में पधारे मेरे बनारस के प्‍यारे भाइयों और बहनों,

ये कार्यक्रम तो बनारस की धरती पर हो रहा है लेकिन ये कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान के लिए हो रहा है। ये बनारस की धरती है, जिसने सदियों से मानव जाति को ज्ञान का प्रकाश दिया और ज्ञान का प्रकाश देने वाली ये नगरी ऊर्जा वाला प्रकाश भी देने का नेतृत्‍व करने जा रही है और इसलिए मैं देशवासियों को बधाई देता हूं, बनारस वासियों को विशेष बधाई देता हूं।

वैसे तो ये समारोह एक है लेकिन इस एक समारोह में सात कार्यक्रम लगे हैं, सात। एक तो आपने अभी-अभी video देखा कि बिजली के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए पूरे देश में हम क्‍या करने जा रहे हैं। दूसरा, वाराणसी में एक कठिनाई लम्‍बे अर्से से चली है, वाराणसी वासियों की एक मांग अनेक वर्षों से रही है और वो है वाराणसी के रिंग रोड की मांग। आज इस मंच से उस रिंग रोड के कार्यक्रम का भी शिलान्‍यास हो रहा है। काशी तीर्थयात्रियों का धाम है, विश्‍व के टूरिस्‍टों का भी आकर्षण है, लेकिन एयरपोर्ट से काशी पहुंचने तक आने वाले यात्री के मन में से विश्‍वास उठा जाता है के मैं सही जगह पर जा रहा हूं कहीं और जा रहा हूं और उसका मूल कारण काशी से बाबतपुर हवाई अड्डे तक का जो मार्ग है उसकी दुर्दशा। आज यहां से उस काम का भी शिलान्‍यास हो रहा है कि जिसमें उस रास्‍ते को चौड़ा किया जाएगा, आधुनिक बनाया जाएगा, सौंदर्यीकरण किया जाएगा ताकि काशी पहुंचने वाला विश्‍व का या देश का कोई भी यात्री आते ही अनुमान करेगा कि मैं किस भव्‍य और पुरातन नगरी में प्रवेश कर रहा हूं उसका उसको अनुमान हो जाएगा।

आज ये जो देशभर के लिए IPDS योजना का प्रारंभ हुआ उस IPDS योजना को लागू करने के लिए बनारस में दो नए Substation…Chowk Substation का शिलान्‍यास भी आज इस मंच से हो रहा है और योजना को लागू करने का काम आज आरंभ हो रहा है। एक Chowk Substation, दूसरा Kazzakpura Substation, ये दो Substations का भी शिलान्‍यास आज इसी मंच से हो रहा है। बनारस में आरोग्य की सुविधा में एक नया नजराना...कुछ समय से जो Trauma Centre चालू हुआ है, यहां के नागरिकों को उसकी सेवाएं उपलब्‍ध हैं, आज उसका लोकार्पण भी यहां हो रहा है। उसी प्रकार से गंगा घाट पर ही बसा हुआ हमारा रामनगर, धीरे-धीरे उसकी आबादी बढ़ रही है, उस तरफ के नागरिकों के लिए सुविधा की आवश्‍यकता रहती थी कि रेलवे रिजर्वेशन के लिए उनको यहां तक आना पड़ता था अगर उसकी व्‍यवस्‍था वहां हो जाए तो आज रामनगर कस्‍बे में VSAT के माध्‍यम से रेलवे रिजर्वेशन सुविधा का भी आरंभ करने का यहां पर एक समारोह हो रहा है। एक प्रकार से इस एक मंच पर से देश के लिए एक योजना और काशीवासियों के लिए उस योजना के समेत कुल सात योजनाओं का लोकार्पण करते हुए मुझे गर्व हो रहा है।

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मैं काशी बहुत बार आता था। पार्टी कार्यकर्ता के नाते संगठन का काम करने के लिए आता था, इस धरती का एक आकर्षण था उसके लिए भी आता था, लेकिन हर बार ऊपर की तरफ नजर करता था तो मैं चौंक जाता था। जहां भी देखो तार ही तार लगे रहते थे। इतने पुरातन शहर की शोभा उन तार के झुंड को देखते ही खराब हो जाती थी। तो जब मैं सांसद चुना गया और एक नागरिक अभिवादन था उसमें मैंने कहा था भाई इसको तो हटाना है। और आज मुझे खुशी है कि 572 करोड़ रुपया पूरे काशी में एक नई ऊर्जा भर देगा। कभी-कभी बिजली बंद हो जाना, तार पुराने हो जाना, Transmission लाइनें खराब हो जाना, बाबा आदम के जमाने की चीजें लटकी पड़ी हुई हैं किसी को ठीक करने के लिए फुरसत नहीं है, गाड़ी चलती रहती है, ये खराब हुआ चलिए ठीक कर लो, उधर खराब हुआ, ठीक कर लो, patchwork का काम चलता रहा है। और ये मुसीबत सिर्फ बनारस की नहीं है। हिंदुस्‍तान के कई शहर हैं और जिसके कारण बिजली का line loss भी बहुत होता है, नागरिकों को परेशानी भी बहुत होती है, और इसलिए बिजली को पहुंचाने वाला जो पूरा Infrastructure है उसको आधुनिक बनाने की आवश्‍यकता है, Smart बनाने की आवश्‍यकता है। और एक प्रकार से बनारस को जो Smart City बनाने की कल्‍पना है उसकी पहली शुरूआत ये बिजली के माध्‍यम से हो रही है। और ये बनारस, आज जो पसंद किया गया है, पूरे देश की योजना को लागू करने के लिए, लोगों को लगता होगा कि प्रधानमंत्री यहां से MP है इसलिए हो रहा है। मैं रहस्‍य बता देता हूं। ये कारण तो बाद में आता है। पहला कारण ये है कि हमारे जो ऊर्जा मंत्री हैं पीयूष गोयल जी, उनके पिताजी बनारस में इंजीनियर हुए, BHU में। वो यहीं पढ़ते थे और यहीं से इंजीनियर बने थे और यहीं से समाज सेवा के लिए भी निकले थे, तो स्‍वाभाविक रीत है पीयूष जी को लगा होगा कि जो आपके पिताजी की शिक्षा-दीक्षा भूमि रही है वहीं से इस कार्यक्रम को आरंभ किया जाए, ताकि पिताजी को भी संतोष होगा और इसलिए आज बनारस से पूरे देश को ये नजराना मिल रहा है। पूरे देश में इस योजना के पीछे 45 हजार करोड़ रुपया लगने वाला है और उसके कारण ऊर्जा के क्षेत्र में जो धांधलियां चल रही हैं, जो परेशानियां चल रही हैं उनसे शहरी क्षेत्र को बहुत बड़ी मुक्‍ति मिलने वाली है। काम बड़ा है, काम कठिन है, लेकिन इसको किए बिना कोई चारा भी नहीं है और इसलिए क्‍योंकि हमारा एक सपना है कि 2022, जब देश आजादी के 75 साल मनाएगा। जब आजादी के 75 साल हम मनाएंगे तब जिन्‍होंने हमें आजादी दी, जो आजादी के लिए फांसी के तख्‍त पर चढ़ गए, जिन्‍होंने आजादी के लिए जवानी जेलों में खपा दी, जिन्‍होंने आजादी के लिए अपने शरीर पर ब्रिटिश सल्‍तनत के कोड़े झेले उनको हम जवाब क्‍या देंगे। यही देंगे कि आपने हमें आजादी दी, हमने मौज की। लेकिन जो सपना आपने देखा था वो तो हमने पूरा नहीं किया, ये बात तो हमें मंजूर नहीं हो सकती। क्‍या किसी हिन्‍दुस्‍तानी को ये बात मंजूर हो सकती है? क्‍या आजादी देने वाले को उनके सपनों के अनुकूल देश बनाके देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। आजादी के 75 साल जब मनाए, तब देशवासियों का योगदान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? देश में बदलाव होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? एक अच्‍छा हिन्‍दुस्‍तान, देशभक्‍तों के सपनों का हिन्‍दुस्‍तान पूरा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? उसमें एक महत्‍वपूर्ण काम है 24 घंटे, 365 दिन बिजली। आज बिजली चार घंटे, छ घंटे, आठ घंटे मिलती है। हमारा सपना है गांव हो, जंगलों का इलाका हो, दूर-सुदूर एक झोपड़ी हो, 2022 जब आजादी के 75 साल हो तब गरीब से गरीब के घर में भी 24 घंटे बिजली मिलती हो, ऐसी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए और इसके लिए एक महत्‍वपूर्ण काम उसके infrastructure का जिसमें आज 45 हजार करोड़ रुपया और अकेले काशी के लिए 572 करोड़ रुपया लगाकर के ये बदलाव का आज प्रारंभ हो रहा है।

मुझे आप सब के आशीर्वाद चाहिए। बाबा भोलेनाथ के आशीर्वाद चाहिए ताकि, ताकि देश में ये ऊर्जा पहुंचाने का काम, देश को ऊर्जावान बनाने के लिए एक बहुत बड़ी नींव का पत्‍थर बना रहे, उस दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते हैं। बनारस बढ़ता चला गया। अगल-बगल के जिलों से जो भी यातायात है, शहर के बीच से गुजरना पड़ता है। शहर के ट्रेफिक के मामले भी बड़े गंभीर है। परेशानियों का तो हिसाब लगाओ तो बढ़ती ही जाती है। उससे मुक्‍ति दिलाने के लिए एक महत्‍वपूर्ण काम था यहां रिंग रोड बनना चाहिए ताकि बाहर से जिसको गुजरना है शहर को disturb किए बिना वो काम चलता रहे। बहुत बड़ा काम है, करीब 600 करोड़ रुपयों का काम है। आज उसका भी शिलान्‍यास हुआ है और इस इलाके में काशी के साथ अगल-बगल के जितने जिले हैं उन जिलों को जोड़ने वाले रास्‍ते भी बनाने हैं ताकि उन सभी गांवों का लाभ हो। करीब-करीब 11 हजार करोड़ रुपया उसके लिए आबंटित करने का निर्णय किया गया है। आने वाले दिनों में अड़ोस-पड़ोस के जितने जिले हैं, काशी के साथ जुड़े हुए और तब जाकर के पूरा इलाका एक आर्थिक विकास का growth centre बन सकता है। एक बहुत बड़ा केन्‍द्र बन सकता है और इसलिए बिजली, पानी, सड़क ये तीन क्षेत्रों में हम इस प्रकार का यहां पर जाल बिछाएं ताकि जो पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के विकास के सामने सवालिया निशान होते हैं उससे हम मुक्‍ति दिला सके। उन बातों को बनारस की धरती से भले शुरू होते हो, लेकिन पूरे उत्‍तर प्रदेश में, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में खास इस जाल को फैलाने की दिशा में हमने काम को आरंभ किया है और आने वाले दिनों में देखते ही देखते उसके नतीजे दिखेंगे।

अभी आपने देखा, आप लोग भी घाट पर जाते हैं और LED की रोशनी आने के बाद तो मुझे बताया गया कि बहुत लोग जाते हैं, देखने के लिए जाते हैं। आपने देखा होगा कितना बड़ा बदलाव आया है। हम चाहते हैं हर परिवार में, मेरे काशी के हर परिवार में बिजली का बिल कम होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। आप चाहते हैं कि बिजली का बिल कम हो? आप चाहते हैं आपके पैसे बचे? सचमुच में चाहते हो? तो मेरी एक बात मानोगे, पक्‍का मानोगे? वादा करो, भोले बाबा को याद करके वादा करो। आप अपने घर में जितने बल्‍ब है, ट्यूब लाइट है, LED लगा दीजिए। आप देखिए, आपका बिजली का बिल एकदम से कम हो जाएगा, आपके पैसे बच जाएंगे और रोशनी बढ़ जाएगी। ये double मुनाफा वाले काम है और पूरे भारत में मुझे आंदोलन खड़ा करना है कि पुराने जो बिजली के बल्‍ब है उससे मुक्‍ति लीजिए। ये नई technology है, जो हमारी आंखों के लिए अच्‍छी है, रोशनी के लिए अच्‍छी है और जेब के लिए भी अच्‍छी है। हम काशी में एक आंदोलन चलाए। सब लोग उस बात को आगे बढ़ाए तो काशी के अंदर भी हम इसका लाभ ले सकते हैं और मैंने देखा है street light. काशी की जो Street light है उन Street light को भी LED में convert करना है उसके कारण काशी महानगर पालिका का जो बिजली का बिल है वो भी बहुत कम हो जाएगा और वो जो पैसे बचेंगे वो काशी को अगर स्‍वच्‍छता के लिए लगा दिए गए तो मेरा काशी चमकता रहेगा। शाम को रोशनी से चमकेगा और दिन में सफाई से चमकेगा और दुनिया के लोग आएंगे तो एक नई काशी को देखकर के जाएंगे।

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मैं काशीवासियों का आज हृदय से एक बात के लिए अभिनंदन करना चाहता हूं, आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं। मैं जब चुनाव जीतकर के यहां आया था और गंगा आरती में बैठा था। मां गंगा के आशीर्वाद लेकर के मैं यहां से गया था, बाद में प्रधानमंत्री पद के शपथ लिए थे। पहले मैं आज इस धरती को नमन करने आया था और उस दिन मैंने कहा था, उस दिन मैंने कहा था कि बनारस के नागरिकों ने बनारस की सफाई की जिम्‍मेवारी लेनी चाहिए। बनारस के नागरिकों ने बनारस को साफ-सुथरा रखना चाहिए। ये बात मैंने कही थी। आज देश में इस प्रकार की बात करना सरल नहीं होता है। लेकिन मैंने देखा कि बनारस के लोगों ने मेरी इस बात को सर आंखों पर लिया और बनारस के नागरिकों के अनेक संगठन तैयार हुए, अनेक नौजवान तैयार हुए। महिलाएं, लड़कियां, कॉलेज की लड़कियां, इन लोगों ने बनारस को साफ बनाने का, स्‍वच्‍छ रखने का एक बड़ा अभियान उठाया है और उस अभियान के तहत बनारस को आगे सुंदर बनाने का काम चल रहा है।

मैं देख रहा हूं, मैं देख रहा हूं कि आज बनारस विकास की नई ऊंचाइयों पर जाने का एक केन्‍द्र बिन्‍दु बना है। चाहे road का infrastructure हो, चाहे रेल का infrastructure हो, चाहे बिजली की व्‍यवस्‍था हो, चाहे skill development का काम हो, चाहे हमारे बुनकरों के कल्‍याण का काम हो, इन सभी विषयों पर आज बनारस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक बड़ा अभियान आज हमने प्रारंभ किया है और इसी काम के लिए आज मुझे यहां आने का अवसर मिला।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के द्वारा इस देश के गरीबों को बैंक account के द्वारा आने वाले दिनों में एक आर्थिक व्‍यवस्‍था के मूल केन्‍द्र में लाने में है। एक बड़ा सफल प्रयास हुआ है। मुझे विश्‍वास है कि इसके कारण आने वाले दिनों में परिवर्तन आएगा।

पिछले कुछ दिनों से उत्‍तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को लेकर के एक परिस्‍थिति पैदा हुई है। मैंने उत्‍तर प्रदेश सरकार से पूछा कि मामला क्‍या है, उन्‍होंने मुझे बताया कि अभी तक हमारे पास कोर्ट का ऑर्डर आया नहीं है। कोर्ट ने मौखिक सूचना दी है, लेकिन लिखित ऑर्डर नहीं आया है। आज मैंने शिक्षा मित्रों के कुछ नेताओं को बुलाया था। उनकी समस्‍या समझने का मैंने प्रयास किया और मैंने उनको कहा कि आप जरा मुझे बताइए तो उनकी भी तकलीफ थी कि उनके पास कोर्ट का ऑर्डर नहीं था। कोर्ट क्‍या कहना चाहती थी वो भी जानकारियां नहीं थी। मैंने उनसे कहा है कि कोर्ट का ऑर्डर आते ही मेरे पास भेजिए। भारत सरकार भी इसका अध्‍ययन करेगी और उत्‍तर प्रदेश सरकार को जो हमें सुझाव देने होंगे वो भी हम सुझाव देंगे। लेकिन मैं शिक्षक मित्रों से आज एक अनुरोध करना चाहता हूं। मैंने सुना था कि हमारे उत्‍तर प्रदेश के एक शिक्षा मित्र ने आत्‍महत्‍या की। मैं आज, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं। अभी कोर्ट का ऑर्डर नहीं आया है और हम अपने जीवन को संकट में डाले तो समस्‍या का समाधान नहीं होता है। शिक्षक मित्र, आत्‍महत्‍या करके वो तो चला जाएगा, लेकिन बाद में उस परिवार का क्‍या होगा, उन बच्‍चों का क्‍या होगा और इसलिए मेरी मेरे शिक्षक मित्रों से अनुरोध है कि जीवन में कभी लड़ाई हारनी नहीं चाहिए, हौसला खोना नहीं चाहिए। आत्‍महत्‍या का मार्ग हमारा नहीं हो सकता। एक बार कोर्ट का ऑर्डर आने दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार क्‍या कहना चाहती है, उसको देखकर के ज़रा सुने। मैं भी समझने का प्रयास करूंगा और उत्‍तर प्रदेश सरकार से मुझे जो भी बात करनी होगी उसको मैं करने की जिम्‍मेवारी लेता हूं और मैं आपकी बात उत्‍तर प्रदेश सरकार को आपके MP के नाते मैं अवश्‍य पहुंचाऊंगा और मुझे विश्‍वास है कि मेरे शिक्षक मित्र जो विद्यार्थियों के जीवन को तैयार करते हैं, जो विद्यार्थियों का हौसला बुलंद करते हैं। जो विद्यार्थियों को जीने की प्रेरणा देते हैं उनके जीवन में आत्‍महत्‍या का मार्ग कभी उचित नहीं हो सकता है। उत्‍तर प्रदेश की सरकार भी इन संवेदनशील मामलों को पूरी तरह गंभीरता से लेती है, ऐसा मुझे विश्‍वास है और इसलिए कोर्ट का ऑर्डर आने दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार को समय दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार मैं नहीं मानता हूं कि आपके साथ अन्‍याय करना चाहेगी और मैं भी उत्‍तर प्रदेश सरकार से बात करूंगा। समाधानकारी रास्‍ते क्‍या हो सकते हैं, इसका मार्ग खोजा जाएगा। भारत माता की।

भाइयों-बहनों आज काशी में tourism को बढ़ावा देना बहुत आवश्‍यक है। आज प्रात: मैंने tourism को बल मिले उस प्रकार की रिक्‍शाओं का भी लोकार्पण किया है। वो अपने आप में भविष्‍य में tourist सेंटरों के लिए एक मॉडल बनने वाला है। हम यहां के छोटे-छोटे लोगों को भी उस काम में जोड़ना चाहते हैं। आपने जब मैं बनारस आया तो बनारस के कुछ लोगों ने मुझे कहा था कि 7 अगस्‍त को Handloom Day घोषित करना चाहिए। बनारस के बुनकरों की मांग थी। आज मुझे गर्व से कहना है कि आज उसने हमें हैंडलूम दिवस घोषित कर दिया। चेन्‍नई के अंदर उसका बड़ा समारोह किया और मेरे काशी के बुनकर चेन्‍नई आए थे और उनका भी मान-सम्‍मान बढ़ाने का मुझे अवसर मिला था।

काशी की जो शक्‍ति है वो उसकी कलाकारी की विधि है। काशी की जो संस्‍कृति है वो उसकी कला विधि में है। काशी की जो शक्‍ति है वो उसकी संगीत की विरासत में है। काशी को आगे तो बढ़ना है, काशी को आधुनिक भी बनना है। लेकिन साथ-साथ काशी को अपनी इस विरासत को भी अपने साथ बचाए रखना है। इसको भी बचाए रखना है और उसको लेकर के हम काशी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। अनेक क्षेत्रों में आपने देखा होगा हमारे केन्‍द्र के ढेर सारे मंत्री बारी-बारी से आए हैं। अनेक नई योजनाओं को उन्‍होंने बल दिया है। उन्‍होंने अनेक नई योजनाओं का एक cumulative effect होने वाला है कि काशी एक नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा।

और मैं काशीवासियों को विश्‍वास दिलाता हूं कि आपने मुझे MP बनाया है और आप ही के लोग हो, जिनके कारण आज मुझे प्रधानमंत्री पद पर बैठने का और देश की सेवा करने का सौभाग्‍य मिला है। देश चहुं और विकास कैसे करे, देश में नौजवानों को रोजगार कैसे मिले और हो सके तो अपने ही इलाके में रोजगार कैसे मिले, उसको लेकर के skill development का एक बहुत बड़ा अभियान जिसके कारण देश के कोटि-कोटि नौजवान, जिसके हाथ में डिग्री का कागज तो होता है, लेकिन हाथों में हुनर नहीं होता है और सिर्फ कागज से गाड़ी चलती नहीं है। उसके हाथ में हुनर होना चाहिए, कौशल्‍य होना चाहिए। दुनिया में हम सबसे युवा है। 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है। 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है उन भुजाओं में अगर कौशल्‍य हो, तो पूरी दुनिया को महारत करने की ताकत हिन्‍दुस्‍तान के नौजवान में आ जाती है और इसी बात को लेकर के skill development के द्वारा पूरे देश में एक विकास की नई ऊंचाई बनाने के लिए हमने प्रयास किया है।

आपने देखा होगा मैंने 15 अगस्‍त को लाल किले पर से एक घोषणा की थी और मैंने कहा था ये जो interview नाम की चीज है। driver चाहिए तो भी interview, peon चाहिए तो भी interview, छोटा clerk चाहिए तो भी interview और उसके कारण लाखों नौजवान रोजगार के लिए किसी न किसी की सिफारिश ढूंढते हैं। कोई न कोई बिचौलिया उनके हाथ लग जाता है और नौकरी मिले या न मिले उसका जेब तो काट ही लेते हैं। और छोटी जगह पर बहुत बड़ी मात्रा में interview होते हैं। बहुत बड़ी मात्रा में लोग भर्ती करने पड़ते हैं। अगर एक-एक व्‍यक्‍ति से 5-5, 10-10 हजार रुपया भी लूटना शुरू करे तो गरीब आदमी के 10 हजार रुपया, वो जीवन भर का कर्जदार बन जाता है और इसलिए मेरी सरकार ने एक मैंने 15 अगस्‍त को सुझाव दिया था कि interview नाम की चीज बंद होनी चाहिए। और आज मैं नौजवानों को कहता हूं कि मेरी सरकार उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ी है। कुछ department ने already काम चालू कर दिया है। अभी दो दिन पहले मुझे रेलवे वालों ने बता दिया कि उनकी एक level के नीचे की जो भर्ती है, बोले बिना interview लिए हम online exam लेकर के पूरा कर लेंगे। हमारे नौजवान को रोजगार के लिए इस प्रकार से परेशानियां भुगतनी पड़े और आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में भी जो बुराईयां घुस गई हैं उसकी सफाई होके रहेगी ये मैं नौजवानों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं।

हम सबने मिल करके जन-भागीदारी से देश को आगे कैसे बढ़ाया जा सकता है। आज पूरा दिन मैंने जो बिताया है, एक एक मिनट सिर्फ और सिर्फ विकास की बातों पर ही मैंने लगाया है। जब से मैं यहां Land किया हूं हर विषय जिनसे मिला जिनसे बातें कीं और आज मैं बनारस के सभी जीवन के क्षेत्र के लोगों से मुझे मिलने का सौभाग्‍य मिल गया है। बहुत बातें उनसे की मैंने। पूरे दिन भर उनकी बातें सुनता रहा। उनसे विषयों को समझता रहा और केंद्र बिंदु सिर्फ विकास था। और मेरा ये विश्‍वास है कि हमारी सारी समस्‍याओं का समाधान भी सिर्फ एक ही बात से होने वाला है, उस बात का नाम है विकास। अगर विकास होगा तो रोजगार मिलेंगे, रोजगार मिलेंगे तो गरीबी से लड़ाई लड़ पाएंगे, रोजगार मिलेंगे तो बच्‍चों को शिक्षा दे पाएंगे। रोजगार मिलेंगे विकास की नई ऊंचाईयां होंगी, व्‍यवस्‍थाएं विकसित होंगी और इसलिए सरकार व्‍यवस्‍थाओं को भी विकसित करना चाहती है और नागरिकों को सामर्थ्‍यवान भी बनाना चाहती है। आर्थिक सामर्थ्‍य देना चाहती है, शैक्षणिक सामर्थ्‍य देना चाहती है, आरोग्‍य की दृष्टि से अच्‍छे दिन आएं उसके जीवन में, उसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।

आज पूरे विश्‍व ने भारत की जय-जयकार करना शुरू किया है ये पहले नहीं था। पूरी दुनिया भारत के प्रति देखने को तैयार नहीं थी। अभी हमने जून महीने में अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस- इसका हमने विश्‍व के समाने प्रस्‍ताव रखा। हर हिंदुस्‍तानी को खुशी होगी और बनारस वालों को ज्‍यादा खुशी होगी क्‍योंकि वो चीजें हैं जो बनारस की धरती से पनपी हैं। अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस किया और अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस को दुनिया के hundred and ninety three countries, 193 देशों ने उसको समर्थन किया और विश्‍व के सभी देशों ने योगा दिवस को मनाया। ये सिर्फ योगा दिवस को मनाना मतलब हाथ-पैर हिलाने वाला मसला नहीं है भारत के साथ जुड़ने का मसला है। ये योग विश्‍व को भारत के साथ योग करता है जुड़वाता है। ये वो योग है जो हमें जोड़ रहा है, एक ही बात कितना बड़ा बदलाव ला सकती है इसके उदाहरण हैं। आज पूरा विश्‍व भारत के प्रति‍ आशा की नजर से, गर्व की नजर से देख रहा है। और इसी बातों से देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में एक अवसर पैदा होता है और उस अवसर की पूर्ति के लिए हम दिन-रात कोशिश कर रहे हैं। मां गंगा की सफाई का अभियान पांचों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को साथ ले करके जहां से गंगा गुजरती है, सभी पांचों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को साथ ले करके उस योजनाओं को लागू कर रहा हो और मैंने एक ही आग्रह किया है कि बाकी कुछ आप कर पाओ के न कर पाओ कम से कम गंगा में अब गंदगी नहीं चाहिए, गंदगी जानी नहीं चाहिए, कोई भी शहर अपना गट्टर का पानी गंगा में जाने न दे इतना प्रबंध राज्‍य सरकारों ने करना चाहिए। उसके लिए दंड देना पड़ेगा दें, दंड देने के लिए तैयार है। अभी माता अमृतानंदमयी केरल में है, आश्रम केरल में है लेकिन मां गंगा के लिए 100 करोड़ रुपयों का दान दे दिया। सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में मां गंगा के प्रति‍ इतना भक्ति है, सब देशवासी गंगा के लिए कुछ न कुछ करने के लिए तैयार हैं लेकिन शुरूआत हमें करनी पड़ेगी। जिम्‍मेवारी हमें लेनी पड़ेगी। राज्‍यों के पास जो दायित्‍व हैं उसको राज्‍यों को पूरा करना पड़ेगा। और भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके राज्‍यों के साथ काम करेगी और मां गंगा की सफाई का काम हमें समय-सीमा में पूरा करना है।

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मैं जानता हूं ये काम कठिन है ।1984 से nineteen eighty four से ये विषय चल पड़ा है। हजारों करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और इसलिए योजना की सफलता के प्रति आशंकाओं का कारण भी है। उसके बावजूद भी हमने अपने प्रयास छोड़ने नहीं चाहिए। हमने इतने बड़े देश ने इस एक काम को करके दिखाना चाहिए। और गंगा शुद्ध हो, गंगा साफ हो, गंगा गंदगी से मुक्‍त हो इस गंगा के बेटे के नाते हम सबका दायित्‍व बन जाता है और उस दायित्‍व को हम सबने निभाना चाहिए।

और मुझे विश्‍वास है भाइयो एक जागरूकता आई है। स्‍वच्‍छता का अभियान देख लीजिए, एक जागरूकता आई है, एक बदलाव आया है। घर में बच्‍चे भी कूड़ा-कचरा फेंकने वालों को टोकते हैं ये पहले कभी नहीं होता था। स्‍वच्‍छता एक दिन में आने वाली ऐसा कोई सोचता नहीं था। पहले भी कोई सोचता नहीं था। लेकिन पहली बार मैं नहीं मानता हिंदुस्‍तान की संसद ने स्‍वच्‍छता के ऊपर कभी debate की हो। लेकिन जबसे मैंने स्‍वच्‍छता अभियान चलाया है आज संसद भी स्‍वच्‍छता के विषय पर चर्चा करती है, विपक्ष में बैठे हुए हमारी आलोचना भी करते हैं, लेकिन कम से कम भारत की संसद को स्‍वच्‍छता के लिए बात करने के लिए फुरसत तो मिली। ये छोटी बात नहीं है और संसद, संसद स्‍वच्‍छता के लिए इतनी जागरूक हो जाए तो बात नीचे पहुंचेगी ये मेरा पूरा विश्‍वास है भाइयो।

हमारे देश में विकास के लिए दो शब्‍द हम हमेशा देखें हैं आर्थिक विकास औद्योगिक विकास। एक शब्‍द प्रयोग चलता है private sector, दूसरा शब्‍द प्रयोग चलता है public sector. यानी government के जो PSUs हैं वो हैं, या तो कॉरपोरेट हाउस हैं बड़े-बड़े उद्योग कार हैं। ये हमने आर्थिक जो विकास की पटरी है वो इन दो पटरी पर आर्थिक गाड़ी चलाने का प्रयास किया है। मैं मानता हूं ये दो पटरी पर जितनी गाड़ी तेज जानी चाहिए जा नहीं सकती है। Public Sector, Private Sector इन्‍हीं दो पिलर पर अगर हम हिंदुस्‍तान को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उतनी ताकत नहीं मिलेगी। और इसलिए मैं तीसरे सेक्‍टर पर बल दे रहा हूं। एक तरफ है Public Sector, Private Sector और मैं एक विचार ले करके चल रहा हूं, Personal Sector, एक individual भी देश की बहुत बड़ी अमानत है। ये Personal Sector कैसे आगे बढ़े? Private Sector, Public Sector की बराबरी में Personal Sector दो कदम आगे कैसे चले उस योजना को ले करके मैं काम कर रहा हूं।

और उस Personal Sector में आता है एक योजना हमने बनाई है मुद्रा बैंक की। हमारे देश में करीब 6-7 करोड़ लोग है जो छोटे और निम्‍न स्‍तर के व्‍यापारी है। छोटा-मोटा उद्योग चलाते हैं। एकाध-दो एकाध लोगों को रोजगार देते हैं। छोटा कारोबार चलाते हैं, लेकिन किसी के पास हाथ फैलाते नहीं, अपने बलबूते पर खड़े रहते हैं। इन लोगों की ताकत इतनी है कि करीब-करीब 15 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, ये छोटे-छोटे लोग। दूध बेचने वाला भी एकाध बच्‍चे को इनको रोजगार देता है। अगर ये personal sector है। ये personal sector को अगर ताकत दी जाए। जो आज 15 करोड़ को नौकरी देता है वो कल 30 करोड़ को नौकरी दे सकता है, इतनी ताकत उसमें है। और इसलिए बाल काटने वाला हो, धोबी हो, चाय बेचने वाला हो, पकौड़े बेचने वाला हो, रिक्‍शा चलाने वाला हो, सब्‍जी बेचने वाला हो, फ्रूट बेचने वाला हो, छोटे-मोटे दुकान पर readymade कपड़े बेचता हो, प्रसाद बेचता हो छोटे-छोटे लोग। इस personal sector को ताकतवर बनाना है मुझे। उसको आर्थिक मदद करनी है और मुद्रा बैंक से किसी भी प्रकार की गारंटी के बिना 10 हजार से 50 हजार रुपए तक देना उस नागरिक को देना ताकि उसको साहूकार की ब्‍याज की चुंगल से बाहर निकले और वो अपने पैरों पर खड़ा हो जाए, उस दिशा में एक बहुत बड़ा अभियान चलाने वाले हैं। ये personal sector भारत के लिए बहुत बड़ी आर्थिक moment बन सकता है। हमने 50 साल तक private sector, public sector की बात की है, अब वक्‍त है हम personal sector पर बल दे और personal sector के द्वारा एक-एक व्‍यक्‍ति की उद्यमशीलता। उसको पैसे चाहिए पैसे दे, technology चाहिए technology दे, skill development करना है तो skill development दे, उसको नौजवान की जरूरत है, नौजवान दे, उसको उद्योग जगाने के लिए जगह चाहिए तो जगह दे, व्‍यापार करने के लिए अवसर चाहिए तो अवसर दे। पूरा खुला पल्ला दें, आप देखिए हिन्‍दुस्‍तान का ये सामान्‍य व्‍यक्‍ति, हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

और इसलिए आज मैं काशी की धरती पर पहली बार ये personal sector के विषय को मैं प्रकट कर रहा हूं और आने वाले दिनों में इस personal sector काशी की धरती से आशीर्वाद लेकर के सवा सौ करोड़ देशवासी, 65 प्रतिशत लोग, 35 से कम आयु के लोग वो personal sector है जिसको एक ताकत देकर के मुझे देश को आगे बढ़ाना है। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बधुत-बहुत धन्‍यवाद।

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46 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स से जम्मू-कश्मीर के विकास को नई गति मिलेगी: कटड़ा में पीएम मोदी
June 06, 2025
Quoteप्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज-चिनाब पुल और भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया
Quoteविशाल अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन जम्मू और कश्मीर की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है : प्रधानमंत्री
Quoteहमने हमेशा गहरी श्रद्धा के साथ 'कश्मीर से कन्याकुमारी तक' कहते हुए मां भारती का आह्वान किया है, आज यह हमारे रेलवे नेटवर्क में भी एक वास्तविकता बन गई है: प्रधानमंत्री
Quoteउधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन परियोजना एक नए, सशक्त जम्मू और कश्मीर का प्रतीक है और भारत की बढ़ती ताकत का एक शानदार उद्घोष है: प्रधानमंत्री
Quoteचिनाब और अंजी पुल जम्मू और कश्मीर के लिए समृद्धि के प्रवेश द्वार के रूप में काम करेंगे: प्रधानमंत्री
Quoteजम्मू और कश्मीर भारत का मुकुट रत्न है: प्रधानमंत्री
Quoteभारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा, जम्मू और कश्मीर के युवाओं ने अब आतंकवाद को करारा जवाब देने का मन बना लिया है: प्रधानमंत्री
Quoteजब भी पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा, उसे अपनी शर्मनाक हार की याद आ जाएगी: प्रधानमंत्री

ॐ.. माता वैष्णो देवी दे चरने च मत्था टेकना जय माता दी!

जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, जितेंद्र सिंह, वी सोमन्ना जी, डिप्टी सीएम सुरेंद्र कुमार जी, जम्मू कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष सुनील जी, संसद में मेरे साथी जुगल किशोर जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। वीर जोरावर सिंह जी की यह भूमि है, मैं इस धरती को प्रणाम करता हूं।

साथियों,

आज का ये कार्यक्रम भारत की एकता और भारत की इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है। माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से आज वादी-ए-कश्मीर भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। मां भारती का वर्णन करते हुए हम श्रद्धाभाव से कहते आए हैं- कश्मीर से कन्याकुमारी। ये अब रेलवे नेटवर्क के लिए भी हकीकत बन गया है। उधमपुर, श्रीनगर, बारामुला, ये रेल लाइन प्रोजेक्ट, ये सिर्फ नाम नहीं है। ये जम्मू कश्मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है। भारत के नए सामर्थ्य का जयघोष है। थोड़ी देर पहले मुझे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का लोकार्पण करने का अवसर मिला है। आज ही दो नई वंदे भारत ट्रेनें जम्मू कश्मीर को मिली हैं। यहां जम्मू में नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हुआ है। 46 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्टस जम्मू और कश्मीर के विकास को नई गति देंगे। मैं आप सभी लोगों को विकास के नए दौर के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

जम्मू कश्मीर की अनेक पीढ़ियां रेल कनेक्टिविटी का सपना देखते देखते गुजर गई। मैं कल सीएम उमर अब्दुल्ला जी का एक बयान देख रहा था और अभी भाषण में भी बताया, वो भी बोले थे कि जब वो सातवीं-आठवीं में पढ़ते थे, तब से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। आज जम्मू कश्मीर के लाखों लोगों का सपना पूरा हुआ है। और ये भी हकीकत है, जितने अच्छे काम हैं ना, वो मेरे लिए ही बाकी रहे हैं।

साथियों,

ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि इस प्रोजेक्ट ने हमारे कार्यकाल में गति पकड़ी और हमने इसे पूरा करके दिखाया। बीच में कोविड के कालखंड के कारण भी अनेक मुसीबतें आई, लेकिन हम डटे रहे।

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साथियों,

रास्ते में आने जाने की मुश्किलें, मौसम की परेशानी, लगातार पहाड़ों से गिरते पत्थर, ये प्रोजेक्ट पूरा करना मुश्किल था, चुनौतीपूर्ण था। लेकिन हमारी सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना है। आज जम्मू कश्मीर में बन रहे अनेकों ऑल वेदर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इसका उदाहरण हैं। कुछ महीने पहले ही सोनमर्ग टनल शुरू हुई है। अभी कुछ देर पहले ही मैं चिनाब और अंजी ब्रिज से होकर आपके बीच आया हूं। इन पुलों पर चलते हुए मैंने भारत के बुलंद इरादों को, हमारे इंजीनियर्स, हमारे श्रमिकों के हुनर और हौसलों को जीया है। चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। लोग फ्रांस में, पैरिस में एफिल टावर देखने के लिए जाते हैं। औऱ ये ब्रिज एफिल टावर से भी बहुत ऊंचा है। अब लोग चिनाब ब्रिज के ज़रिए कश्मीर देखने तो जाएंगे ही, ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा। सब लोग सेल्फी प्वाइंट पर जाकर के सेल्फी निकालेंगे। हमारा अंजी ब्रिज भी इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। ये भारत का पहला केबल सपोर्टेड रेलवे ब्रिज है। ये दोनों ब्रिज सिर्फ ईंट, सीमेंट, स्टील और लोहे के ढांचे नहीं हैं, ये पीर पंजाल की दुर्गम पहाड़ियों पर खड़ी, भारत की शक्ति का जीवंत प्रतीक है। ये भारत के उज्ज्वल भविष्य की सिंहगर्जना है। ये दिखाता है, विकसित भारत का सपना जितना बड़ा है, उतना ही बुलंद हमारा हौसला है, हमारा सामर्थ्य है। और सबसे बड़ी बात नेक इरादा है, अपार पुरुषार्थ है।

साथियों,

चिनाब ब्रिज हो या फिर अंजी ब्रिज, ये जम्मू की और कश्मीर की, दोनों क्षेत्रों की समृद्धि का ज़रिया बनेंगे। इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही, इकॉनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा। जम्मू और कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी, दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी। इससे यहां की इंडस्ट्री को गति मिलेगी, अब कश्मीर के सेब कम लागत में देश के बड़े बाजारों तक पहुंच पाएंगे और समय पर पहुंच पाएंगे। सूखे मेवे हों या पश्मीना शॉल, यहां का हस्तशिल्प अब आसानी से देश के किसी भी हिस्से तक पहुंच पाएगा। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को देश के दूसरे हिस्सों में आना-जाना भी बहुत आसान होगा।

साथियों,

मैं यहां संगलदान के एक स्टूडेंट का अखबार में कमेंट पढ़ रहा था। उस स्टूडेंट ने कहा कि उसके गांव के उन्हीं लोगों ने अब तक ट्रेन देखी थी, जो गांव से बाहर गए थे। गांव के ज्यादातर लोगों ने ट्रेन का सिर्फ वीडियो ही देखा था। उन्हें अब तक यकीन ही नहीं हो रहा, कि असली ट्रेन उनकी आंखों के सामने से गुजरेगी। मैंने ये भी पढ़ा कि बहुत से लोग ट्रेनों के आने-जाने का टाइम याद कर रहे हैं। एक और बिटिया ने बड़ी अच्छी बात कही, उस बिटिया ने कहा- अब मौसम नहीं तय करेगा कि रास्ते खुलेंगे या बंद रहेंगे, अब ये नई ट्रेन सेवा, हर मौसम में लोगों की मदद करती रहेगी।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर, मां भारती का मुकुट है। ये मुकुट एक से बढ़कर एक खूबसूरत रत्नों से जड़ा हुआ है। ये अलग-अलग रत्न जम्मू-कश्मीर का सामर्थ्य हैं। यहां की पुरातन संस्कृति, यहां के संस्कार, यहां की आध्यात्मिक चेतना, प्रकृति का सौंदर्य, यहां की जड़ी-बूटियों का संसार, फलों और फूलों का विस्तार, यहां के युवाओं में, आप लोगों में जो टैलेंट है, वो मुकुट मणि की तरह चमकता है।

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साथियों,

आप भलीभाँति जानते हैं, मैं दशकों से जम्मू औऱ कश्मीर आता जाता रहा हूं, interior इलाकों में मुझे जाने का, रहने का अवसर मिला है। मैंने इस सामर्थ्य को लगातार देखा है, महसूस किया है और इसलिए मैं पूरे समर्पण भाव के साथ जम्मू-कश्मीर के विकास में जुटा हूं।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर, भारत की शिक्षा और संस्कृति का गौरव रहा है। आज भारत, दुनिया के बड़े नॉलेज हब्स में से एक, हमारा जम्मू कश्मीर बन रहा है, तो इसमें जम्मू कश्मीर की भागीदारी भी भविष्य में भी बढ़ने वाली है। यहां IIT, IIM, AIIMS और NIT जैसे संस्थान हैं। जम्मू और श्रीनगर में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज हैं। जम्मू और कश्मीर में रिसर्च इकोसिस्टम का भी विस्तार हो रहा है।

साथियों,

यहां पढ़ाई के साथ-साथ दवाई के लिए भी अभूतपूर्व काम हो रहे हैं। बीते कुछ सालों में ही, दो स्टेट लेवल के कैंसर संस्थान बने हैं। पिछले पाँच वर्षों में यहां सात नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। आप भी जानते हैं, जब मेडिकल कॉलेज खुलता है तो उससे मरीजों के साथ ही उस क्षेत्र के युवाओँ को भी सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। जम्मू-कश्मीर में अब MBBS सीटों की संख्या 500 से बढ़कर 1300 तक पहुंच गई है। मुझे खुशी है कि अब रियासी जिले को भी नया मेडिकल कॉलेज मिलने जा रहा है। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस, ये आधुनिक अस्पताल तो है, ये दान-पुण्य करने की हमारी जो संस्कृति है, उसका भी उदाहरण है। इस मेडिकल कॉलेज को बनाने में जो राशि लगी है, उसके लिए भारत के कोने-कोने से, माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले लोगों ने दान दिया हुआ है। मैं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को, उनके अध्यक्ष मनोज जी को इस पवित्र कार्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। इस अस्पताल की क्षमता भी 300 बेड से बढ़ाकर 500 बेड की जा रही है। कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आने वाले लोगों को भी इससे बहुत सहूलियत रहने वाली है।

साथियों,

केंद्र में भाजपा-एनडीए की सरकार को अब 11 साल हो रहे हैं। ये 11 साल, गरीब कल्याण के नाम समर्पित रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना से 4 करोड़ गरीबों का पक्के घर का सपना पूरा हुआ है। उज्ज्वला योजना से 10 करोड़ रसोइयों, उसमें धुएं का अंत हुआ है, हमारी बहनों को, बेटियों को, उनकी सेहत की रक्षा हुई है। आयुष्मान भारत योजना से 50 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से हर थाली में भरपेट अनाज सुनिश्चित हुआ है। जनधन योजना से पहली बार 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों के लिए बैंक का दरवाज़ा खुला है। सौभाग्य योजना से अंधेरे में जी रहे ढाई करोड़ परिवारों में बिजली की रोशनी पहुंची है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने 12 करोड़ शौचालयों ने खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति दिलाई है। जल जीवन मिशन से 12 करोड़ नए घरों में नल से जल पहुंचने लगा है, महिलाओं का जीवन आसान हुआ है। पीएम किसान सम्मान निधि से 10 करोड़ छोटे किसानों को सीधी आर्थिक सहायता मिली है।

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साथियों,

सरकार के ऐसे अनेक प्रयासों से पिछले 11 साल में 25 करोड़ से ज्यादा गरीबों ने, गरीबी को हमारे ही गरीब भाई-बहनों ने, गरीबी के खिलाफ जंग लड़ी और 25 करोड़ गरीब, गरीबी को परास्त करकर के, वियजी होकर के, गरीबी से बाहर निकले हैं। अब वो नए मध्यम वर्ग का हिस्सा बने हैं। जो लोग अपने आप को समाज व्यवस्था के एक्सपर्ट मानते हैं, बड़े एक्सपर्ट मानते हैं, जो लोग अगले पिछले की राजनीति में डूबे रहते हैं, जो लोग दलितों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकते रहे हैं, जरा जिन योजनाओं का मैंने सिर्फ उल्लेख किया है, उसकी तरफ नजर कर लीजिए। कौन लोग हैं जिनको ये सुविधाएं मिली हैं, वो कौन लोग हैं जो आजादी के 7-7 दशक तक इन प्राथमिक सुविधाओं से वंचित रहे थे। ये मेरे दलित भाई-बहन हैं, ये मेरे आदिवासी भाई-बहन हैं, ये मेरे पिछड़े भाई-बहन हैं, ये पहाड़ों पर गुजारा करने वाले, ये जंगलों में बसने वाले, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी पूरी करने वाले, ये वो परिवार हैं, जिनके लिए मोदी ने अपने 11 साल खपा दिए हैं। केंद्र सरकार का प्रयास है कि गरीबों को, नए मध्यम वर्ग को ज्यादा से ज्यादा ताकत दे। वन रैंक वन पेंशन हो, 12 लाख रुपए तक की सैलरी को टैक्स फ्री करना हो, घर खरीदने के लिए आर्थिक सहायता देना हो, सस्ती हवाई यात्रा के लिए मदद देनी हो, हर तरह से सरकार, गरीब और मध्यम वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

साथियों,

गरीबों को गरीबी से मुक्ति पाने के लिए उनकी मदद करना, लेकिन ईमानदारी से जीने वाले, देश के लिए समय-समय पर टैक्स देने वाले, मध्यम वर्ग की ताकत बढ़ाना, इसके लिए भी आजादी में पहली बार इतना काम हुआ है, जो हमने करके दिखाया है।

साथियों,

हम अपने यहां नौजवानों के लिए लगातार रोजगार के नए अवसर बढ़ा रहे हैं। और इसका एक अहम जरिया है- टूरिज्म। टूरिज्म से रोजगार मिलता है, टूरिज्म लोगों को जोड़ता है। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे पड़ोस का देश, मानवता का विरोधी, मेलजोल का विरोधी, टूरिज्म का विरोधी, इतना ही नहीं वो ऐसा देश है, गरीब की रोज़ी-रोटी का भी विरोधी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में जो कुछ हुआ, वो इसी का उदाहरण है। पाकिस्तान ने पहलगाम में इन्सानियत और कश्मीरियत, दोनों पर वार किया। उसका इरादा भारत में दंगे कराने का था। उसका इरादा कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई को रोकना था। इसलिए पाकिस्तान ने टूरिस्ट्स पर हमला किया। वो टूरिज्म, जो बीते 4-5 साल में लगातार बढ़ रहा था, हर साल यहां रिकॉर्ड संख्या में टूरिस्ट आ रहे थे। जिस टूरिज्म से, जम्मू कश्मीर के गरीबों के घर चलते हैं, उसको पाकिस्तान ने निशाना बनाया। कोई घोड़े चलाने वाला, कोई पोर्टर, कोई गाइड, कोई गेस्ट हाउस वाला, कोई दुकान-ढाबा चलाने वाला, पाकिस्तान की साजिश इन सबको तबाह करने की थी। आतंकियों को चुनौती देने वाला नौजवान आदिल, वो भी तो वहां मेहनत-मजदूरी करने गया था, लेकिन अपने परिवार की देख रेख कर सके, इसलिए मेहनत कर रहा था। आतंकियों ने उस आदिल को भी मार दिया।

साथियों,

पाकिस्तान की इस साजिश के खिलाफ जिस प्रकार जम्मू-कश्मीर के लोग उठ खड़े हुए हैं, जम्मू कश्मीर की आवाम ने इस बार जो ताकत दिखाई है, ये सिर्फ पाकिस्तान नहीं, दुनियाभर की आतंकवादी मानसिकता को, जम्मू कश्मीर के लोगों ने कड़ा संदेश दिया है। जम्मू-कश्मीर का नौजवान अब आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने का मन बना चुका है। ये वो आतंकवाद है, जिसने घाटी में स्कूल जलाए, और सिर्फ स्कूल यानी इमारत नहीं जलाई थी, दो-दो पीढ़ी का भविष्य जला दिया था। अस्पताल तबाह किए। जिसने कई पीढ़ियों को बर्बाद किया। यहां जनता अपनी पसंद के नुमाइंदे चुन सके, यहां चुनाव हो सकें, ये भी आतंकवाद के चलते बड़ी चुनौती बन गया था।

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साथियों,

बरसों तक आतंक सहने के बाद जैसे जम्मू-कश्मीर ने इतनी बर्बादी देखी थी कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने सपने देखना ही छोड़ दिया था, आतंकवाद को ही अपना भाग्य मान लिया था। जम्मू-कश्मीर को इस स्थिति से निकालना जरूरी था, और हमने ये करके दिखाया है। आज जम्मू-कश्मीर का नौजवान नए सपने भी देख रहा है और उन्हें पूरे भी कर रहा है। अब कश्मीर का नौजवान बाज़ारों को, शॉपिंग मॉल्स को, सिनेमा हॉल को गुलज़ार देखकर के खुश है। यहां के लोग जम्मू कश्मीर को फिर से फिल्मों की शूटिंग का प्रमुख केंद्र बनते देखना चाहते हैं, इस क्षेत्र को स्पोर्ट्स का हब बनते देखना चाहते हैं। यही भाव हमने अभी माता खीर भवानी के मेले में भी देखा है। जिस तरह हजारों लोग माता के दर पर पहुंचे, वो नए जम्मू कश्मीर की तस्वीर दिखाता है। अब 3 तारीख से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है। ईद की उमंग भी हम चारों तरफ देख रहे हैं। विकास का जो वातावरण जम्मू-कश्मीर में बना था, वो पहलगाम के हमले से डिगने वाला नहीं है। जम्मू-कश्मीर के आप सभी लोगों को, और आप सबसे नरेंद्र मोदी का वायदा है, मैं यहां विकास को रुकने नहीं दूंगा, यहां के नौजवानों को सपने पूरा करने से कोई भी बाधा अगर रूकावट बनती है, तो उस बाधा को पहले मोदी का सामना करना पड़ेगा।

साथियों,

आज 6 जून है, याद कीजिए एक महीने पहले, ठीक एक महीने पहले, 6 मई की वो रात, पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा, तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी। पाकिस्तानी फौज और आतंकियों ने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत, पाकिस्तान में सैंकड़ों किलोमीटर अंदर जाकर के आतंकवादियों पर इस तरह वार करेगा। बरसों की मेहनत से उन्होंने आतंक की जो इमारतें बनाईं थीं, वो कुछ मिनटों में ही खंडहर में बदल गईं हैं। और ये देख पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया था, और उसने अपना गुस्सा जम्मू के, पूंछ के, दूसरे जिलों के लोगों पर भी निकाला। पूरी दुनिया ने देखा कि पाकिस्तान ने कैसे यहां घर उजाड़े, बच्चों पर गोले फेंके, स्कूल-अस्पताल तबाह किए, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों पर शेलिंग की। आपने जिस तरह पाकिस्तान के हमलों का मुकाबला किया, वो हर देशवासी ने देखा है। इसलिए अपने परिवारजनों, उनके साथ हर देशवासी पूरी शक्ति से खड़ा है।

साथियों,

जिन लोगों की क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में मृत्यु हुई है, उनके परिवार के सदस्य को कुछ दिन पहले ही नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। शेलिंग से प्रभावित 2 हजार से ज्यादा परिवारों की तकलीफ भी हमारी अपनी तकलीफ है। इन परिवारों को शेलिंग के बाद अपने घर की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद दी गई थी। अब केंद्र सरकार ने ये तय किया है, कि इस मदद को और बढ़ाया जाए। आज के इस कार्यक्रम में, मैं इसकी भी जानकारी आपको देना चाहता हूं।

साथियों,

जिन घरों में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें अब 2 लाख रुपए और जो घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 1 लाख रुपए की सहायता अलग से दी जाएगी, अतिरिक्त दी जाएगी। यानी अब उन्हें पहली बार की मदद के बाद ये एक्सट्रा धनराशि मिलेगी।

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साथियों,

हमारी सरकार बॉर्डर किनारे बसे लोगों को देश का प्रथम प्रहरी मानती है। बीते दशक में सरकार ने बॉर्डर के जिलों में विकास और सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व काम किया है, इस दौरान करीब दस हज़ार नए बंकर्स बनाए गए हैं। इन बंकरों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद बने हालात में लोगों का जीवन बचाने में बड़ी मदद की है। मुझे ये बताते हुए खुशी है, कि जम्मू औऱ कश्मीर डिविजन के लिए दो बॉर्डर बटालियन बनाई गई है। दो वूमन बटालियन बनाने का भी काम पूरा कर लिया गया है।

साथियों,

हमारा जो इंटरनेशनल बॉर्डर है, उसके पास जो बहुत दुर्गम इलाके हैं, वहां भी सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च करके नया इंफ्रा बनाया जा रहा है। कठुआ से जम्मू हाईवे को सिक्स लेन का एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, अखनूर से पूंछ हाईवे का भी चौड़ीकरण किया जा रहा है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत भी बॉर्डर के गांवों में विकास के काम को और गति दी जा रही है। जम्मू-कश्मीर के 400 ऐसे गांव जहां ऑल वेदर कनेक्टिविटी नहीं थी, उन्हें 1800 किलोमीटर की नई सड़कें बिछाकर जोड़ा जा रहा है। इस पर भी सरकार 4200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही है।

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साथियों,

आज मैं जम्मू-कश्मीर के आप लोगों से, खासकर यहां के नौजवानों से एक विशेष आग्रह भी करने आया हूं और जम्मू कश्मीर की धरती से मैं देश को भी आग्रह करना चाहता हूं। आपने देखा है कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर ने आत्मनिर्भर भारत की ताकत दिखाई है। आज दुनिया भारत के डिफेंस इकोसिस्टम की चर्चा कर रही है। और इसके पीछे एक ही कारण है, हमारी सेनाओं का ‘Make in India’ पर भरोसा। सेनाओं ने जो कर दिखाया, अब वही हर भारतवासी को दोहराना है। इस साल के बजट में हमने मिशन मैन्युफैक्चरिंग की घोषणा की है। इस मिशन के तहत सरकार मैन्युफैक्चरिंग को नई उड़ान देने का काम कर रही है। मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से कहूंगा, आइए, इस मिशन का हिस्सा बनिए। देश को आपकी आधुनिक सोच चाहिए, देश को आपके इनोवेशन की जरूरत है। आपके आइडिया, आपकी स्किल, भारत की सुरक्षा को, भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई देंगे। पिछले दस वर्षों में भारत एक बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर बना है। अब हमारा लक्ष्य है, दुनिया के टॉप डिफेंस एक्सपोर्टर्स में भारत का नाम भी शामिल हो। इस लक्ष्य की ओर हम जितना तेजी से बढ़ेंगे, उतनी ही तेजी से भारत में रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हमें एक और संकल्प लेना है, जो सामान भारत में बना हो, जिसमें हमारे देशवासियों का पसीना लगा हो, हम सबसे पहले उसे ही खरीदें और यही राष्ट्रभक्ति है, यही राष्ट्र की सेवा है। सीमा पर हमें हमारी सेनाओं का मान बढ़ाना है और बाजार में हमें मेड इन इंडिया का गौरव बढ़ाना है।

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साथियों,

एक सुनहरा और उज्ज्वल भविष्य जम्मू-कश्मीर का इंतजार कर रहा है। केंद्र सरकार और यहां की सरकार मिलकर, विकास के कार्यों में जुटी हैं, एक दूसरे का सहयोग कर रही हैं। शांति और खुशहाली के जिस रास्ते पर हम आगे बढ़ रहे हैं, हमें उसे लगातार मजबूत करना है। मां वैष्णो के आशीर्वाद से विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर का ये संकल्प सिद्धि तक पहुंचे, इसी कामना के साथ आप सभी को फिर से ये ढेर सारे विकास के प्रोजेक्ट्स के लिए और एक से बढ़कर इतने शानदार प्रोजेक्ट्स के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिये -

भारत माता की जय! आवाज हिन्दुस्तान के हर कोने में गूँजनी चाहिए।

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद!