पाक्योंग एयरपोर्ट के जरिए हिंदुस्तान ने शतक लगाया है, इसके खुलते ही देश में 100 एयरपोर्ट काम करने लगे हैं: प्रधानमंत्री मोदी
पाक्योंग एयरपोर्ट से सिक्किम के लोगों को लाभ मिलेगा, यह पर्यटन को बढ़ावा देगा और इससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा: पीएम मोदी
आज देश में 100 हवाई अड्डों में से 35 पिछले 4 सालों में परिचालित किए गए हैं: प्रधानमंत्री

सिक्किम के राज्‍यपाल श्रीमान गंगाप्रसाद जी, राज्‍य के मुख्‍यमंत्री श्रीमान पवन चामलिंग जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान सुरेश प्रभु जी, डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह जी, एस.एस.अहलूवालिया जी, राज्‍य विधानसभा के अध्‍यक्ष श्रीमान के.एन.राय जी, राज्‍य सरकार में मंत्री श्रीमान दोरजी शेरिंग लेपच्‍या जी, यहां उपस्थित अन्‍य सभी महानुभाव और मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

साथियो, मैं बीते तीन दिनों से हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी इलाके में, पूर्वी भारत में दौरा कर रहा हूं और इस दौरान infrastructure और मानवता की सेवा से जुड़े बहुत बड़े-बड़े projects देश को समर्पित करने का मुझे सौभाग्‍य मिला है।

कल झारखंड में प्रधानमंत्री जन-आरोग्‍य योजना PMJAY की शुरूआत आयुष्‍मान भारत योजना को लॉन्‍च करने के बाद, कल शाम को मैं सिक्किम आ गया था। और आज सुबह सिक्किम में सिक्किम की सुबह, उगता सूरज, ठंडी हवा, पहाड़ों की प्रकृति की खूबसूरती, तो मैं भी आज सुबह कैमरे पर हाथ लगाने लग गया था। यहां की सुंदरता, भव्‍यता को कौन पसंद नहीं करता होगा। हर कोई उसका मुरीद है। प्रकृति ने आपको इतना सब दिया है, उसको पाने के लिए हर कोई यहां दौड़ आता है।

भाइयो-बहनों, पूर्व दिशा का हमारी संस्‍कृति और परम्‍परा में क्‍या महत्‍व है, ये आप भी भलीभां‍ति जानते हैं, देश भी भलीभांति जानता है।

पूर्व में भी उत्तर-पूर्व North-East का तो अलग ही महत्‍व है। इस खूबसूरत पूर्वी राज्‍य में रहने वाले आप सभी लोगों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूंऔर सिक्किम का, आप सभी का पहला Pakyong airport आपको भेंट करता हूं।

आज का ये दिन सिक्किम के लिए तो ऐतिहासिक है ही, देश के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। Pakyong airportके खुलते ही आपको भी गर्व होगा। क्रिकेट के मैदान में लोग सेंचुरी लगाते हैं, आज हिन्‍दुस्‍तान ने सेंचुरी लगाई है। यानी कि ये एयरपोर्ट खुलने के बाद पूरे हिन्‍दुस्‍तान में 100 एयरपोर्ट, hundred airports काम करने लग गए हैं और इस अर्थ में देश ने आज सेंचुरी लगाई है। और देश कैसे बदल रहा है ये हमारा सिक्किम फुटबॉल के लिए जाना जाता है। हर कोई फुटबॉल खेलता है। लेकिन वही सिक्किम अब क्रिकेट में भी हाथ आजमाने लगा है।

और मैंने कल, आज अखबार में पढ़ा कि यहां के कैप्‍टन नीलेश लामीछा ने सेंचुरी लगाई। अगर सिक्किम जब फुटबॉल खेलता था वहां का नीलेश सेंचुरी लगाता क्रिकेट में पहला सिक्किवासी सेंचुरी लगाने वाला बन सकता है तो यहां का एयरपोर्ट देश की सेंचुरी का शतक यहां पूरा कर रहा है।

भाइयो और बहनों, ये एयरपोर्ट आपके जीवन को और आसान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। आज तक हम सभी को अगर देश के दूसरे हिस्‍से से सिक्किम आना हो और फिर यहां से दूसरे क्षेत्र में जाना हो, तो कितना मुश्किल होती थी। ये यहां के लोग भी जानते हैं और यहां आने वाले लोग भी जानते हैं।

पहले पश्चिम बंगाल के बागडोरा तक हवाई जहाज से उतरो, फिर वहां से करीब सवौ सो किलोमीटर तक के ऊंचे-नीचे रास्‍ते पर 5-6 घंटा थका देने वाला सफर और तब जा करके गंगटोक पहुंच पाते थे। लेकिन अब Pakyong airport इस थका देने वाली दूरी को मिनटों में समेटने वाला है।

भाइयो और बहनों, इससे सफर तो आसान और कम हुआ ही है, सरकार ने ये भी कोशिश की है यहां से आना-जाना सामान्‍य व्‍यक्ति की पहुंच में भी रहे। और इसलिए इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़ा गया है। इस योजना के तहत 2500-2600 रुपये तक ही देने होते हैं। ढाई हजार रुपया करीब-करीब।

सरकार के इसी vision और प्रयासों की वजह से आज हवाई जहाज का सफर रेलवे के एयरकंडीशन क्‍लास जितना सस्‍ता हो गया है। और हमारे यहां कहते हैं ना- Time is money, सुनते आए हैं ना, Time is money. हवाई जहाज में जाने से टाइम बचता है मतलब money बचता है। यही कारण है कि देश के लाखों मध्‍यम वर्ग के परिवारआज हवाई यात्रा करने में सक्षम हुए हैं।

साथियो, अभी तो एयरपोर्ट की शुरूआत हुई है। अभी-अभी मुझे एयरपोर्ट का उद्घाटन करने का मौका मिला है। लेकिन अगले एक-दो हफ्ते के भीतर ही यहां से गुवाहाटी और कलकत्ता के लिए regular flight शुरू हो जाएगी।आने वाले दिनों में देश के दूसरे हिस्‍सों में और पड़ोसी देशों को भी यहां से connect करने का प्रयास किया जाएगा।

साथियो, Pakyong airport न सिर्फ सुंदरता बल्कि हमारे इंजीनियरिंग कौशल का भी प्रतीक है।जो लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए होंगे, उन्‍होंने पिछले तीन दिन से इस एयरपोर्ट की तस्‍वीर और प्रकृति की गोद में किस प्रकार से जहाज उतर रहा है, ये तस्‍वीरें शायद सोशल मीडिया में इतनी वायरल हुई हैं; आपने देखा होगा। आज, उद्घाटन तो आज हुआ है लेकिन लोगों ने इसका जय-जयकार लगातार शुरू कर दिया है।

साढ़े 500 करोड़ की लागत से बना ये एयरपोर्ट हमारे इंजीनियरों, कामगारों, उनकी क्षमता का एक गौरवपूर्ण पहलू है। कैसे पहाड़ों को काटा गया, उसके मलबे से खाई को भरा गया, भारी बारिश की चुनौतियों से निपटा गया। यहां से गुजरने वाली जलधाराओं को एयरपोर्ट के नीचे से गुजारा गया। सच में ये अद्भुत इंजीनियरिंग का कमाल है।

आज इस अवसर पर मैं एयरपोर्ट की planning और निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियर्स, सभी श्रमिकों को इस अद्भुत कार्य के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी ने वाकई कमाल करके दिखाया है।

भाइयो और बहनों, सिक्किम को और North-East में infrastructure और emotional, दोनों ही तरह की connectivity को विस्‍तार देने का काम तेजी से चल रहा है। बीते चार वर्षों के दौरान अनेक बार मैं खुद North-East के राज्‍यों में आप सभी का आशीर्वाद लेने, यहां के विकास की जानकारी लेने के लिए रूबरू आया हूं।

इतना ही नहीं, हर हफ्ते-दो हफ्ते में कोई न कोई केंद्र सरकार का मंत्री North-East के किसी न किसी राज्‍य में भ्रमण करता है, आता है, पूछताछ करता है, कामकाज का हिसाब लेता है। इसका परिणाम क्‍या हुआ है, ये भी आप सभी आज जमीन पर देख रहे हैं।

सिक्किम हो, अरुणाचल प्रदेश हो, मेघालय हो, मणिपुर हो, नागालैंड हो, असम हो, त्रिपुरा हो, मिजोरम हो, North-East के सभी राज्‍यों में बहुत से काम, आजादी के बाद बहुत से काम पहली बार हो रहे हैं। हवाई जहाज पहली बार पहुंचे हैं। रेल connectivity पहली बार पहुंची है। कई जगह बिजली भी पहली बार पहुंची है।

चौड़े National Highway बन रहे हैं, गांव की भी सड़कें बन रही हैं। नदियों पर बड़े-बड़े पुल बन रहे हैं।Digital India का विस्‍तार हो रहा है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चल रही हमारी सरकार क्षेत्रीय असंतुलन, उसको दूर करने और पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत को देश की growth story का engine बनाने के लिए पुरजोश मेहनत कर रही है, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसी vision के तहत सिक्कित को अपना एयरपोर्ट देने का काम हमने तेज किया। अड़चनों को दूर किया और आज आपका सपना पूरा हुआ है। वरना आप भी भलीभां‍ति जानते हैं करीब-करीब 6 दशक पहले एक छोटा सा जहाज यहां से उड़ा था। उसके बाद छह दशक तक आपको एयरपोर्ट के लिए इंतजार ही इंतजार करना पड़ा।

साथियों, सिक्किम ही नहीं, अरुणाचल समेत देश के अनेक राज्‍यों में नए एयरपोर्ट बने हैं।जैसे कि पहले ही मैंने शुरू में बताया कि आज हमारे 100 एयरपोर्ट, hundred airport चालू हो गए हैं। और आपको जान करके हैरानी होगी, इसमें से thirty five airport, 35 एयरपोर्ट पिछले चार साल में बने हैं।

आजादी के बाद से 2014 तक, तेज गति से काम होने का मतलब क्‍या होता है?  चारों दिशाओं में काम होने का मतलब क्‍या होता है?Vision के साथ काम करने का मतलब क्‍या होता है? इस एक उदाहरण से आप समझ पाओगे। आजादी के बाद से 2014 तक यानी sixty seven years, 67 साल में 65 एयरपोर्ट थे, sixty five. sixty seven years में sixty fiveairport, यानी कि एवरेज एक साल में एक हवाई अड्डा। बात समझ आ रही है आपको? मेरी बात आपको समझ आ रही है? एक साल में एक हवाई अड्डा। ये उनकी गति थी, ये उनकी सोच थी। बीते चार वर्षों में एक साल में 9 एयरपोर्ट उड़ान के लिए तैयार हैं। 9 गुना गति से यानी इसी काम को पूरा करना होता तो शायद वो 40 साल और लगा लेते, जो हमने चार साल में करके दिखाया है।

भाइयो-बहनों, आज भारत domestic flights के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है, दुनिया का तीसरा। भारत में हवाई सेवा देने वाली कम्‍पनियों के पास विमान कम पड़ गए हैं। नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। आपको एक और आंकड़ा में देता हूं, वो भी आपको जरा ताज्‍जुब करेगा। आजादी के 70 वर्षों में देश में करीब 400 विमान सेवा दे रहे थे, 400 विमान। 70 साल में 400 विमान। अब विमान सेवा देने वाली कम्‍पनियों ने इस एक वर्ष में 1000 नए विमानों का ऑर्डर दिया है। 70 साल में 400 और एक साल में 1000 नए। आप कल्‍पना कर सकते हैं। और इसी से पता चलता है जो मेरा सपना है, हवाई चप्‍पल पहनने वाले सामान्‍य व्‍यक्ति को हवाई यात्रा कराने का हमारा सपना कितनी तेजी से पूरा हो रहा है।

भाइयो और बहनों, आपका अपना एयरपोर्ट बनने से आप सभी को देश के दूसरे हिस्‍सों में आने-जाने की सुविधा तो मिलेगी ही, आपकी आमदनी भी बढ़ेगी, income भी बढ़ेगी। सिक्किम तो वैसे ही देशी-विदेशी टूरिस्‍टों का प्रिय destination रहा है। यहां जनसंख्‍या से ज्‍यादा टूरिस्‍ट आते हैं। मुझे बताया गया है कि एयरपोर्ट न होने के बावजूद राज्‍य की कुल आबादी से डेढ़ गुना पर्यटक यहां आते हैं।

अब ये एयरपोर्ट बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्‍या इतनी सीमित नहीं रहने वाली है, मानके चलिए। इस दिवाली में ही दिखाई देगा, इस दुर्गा पूजा में ही दिखाई देगा कि किस प्रकार से टूरिस्‍टों का मेला लगने वाला है यहां।

एयरपोर्ट सिक्किम के नौजवानों के लिए रोजगार का नया  Gateway साबित होने वाला है। और इसकी वजह से यहां hotel, motel, guest house, camping sites, homestay, tourist, guide, restaurant, कितने ही। और टूरिज्‍म ऐसा है, गरीब से गरीब आदमी भी कमाता है,सींग-चना बेचने वाला भी कमाएगा, फूल-पौधे बेचने वाला भी कमाएगा, ऑटो-रिक्‍शा वाला भी कमाएगा, गेस्‍ट हाउस वाला भी कमाएगा और चाय बेचने वाला भी कमाएगा।

साथियो, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्‍म को सरकार ने transformation का साधन बनाया है। आस्‍था से जुडे स्‍थान हों, आध्‍यात्‍म से जुड़े स्‍थल हों, आदिवासी पहचान के क्षेत्र हों; इन सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं के लिए, पर्यटकों के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में तो सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा भी है और यहां पर नाथूला दर्रा भी है। जिसको हमारी सरकार ने ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए खोला है।

यहां श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का निर्माण करने के लिए 40 करोड़ से अधिक स्‍वीकृत भी किए गए हैं। यहां के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सिक्किम को हरा-भरा बनाए रखने के लिए भी राज्‍य सरकार के साथ मिल करके अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने National river conservation plan के तहत 350 करोड़ से अधिक की राशि स्‍वीकृ‍त की है। इसके तहत जो 9 projects मंजूर हुए हैं, और उनमें 8 गंगटोक और सिंगटम के लिए हैं। करीब डेढ सौ करोड़ के projects रानीचू नदी को प्रदूषित होने से बचाने वाले हैं। इसके अलावा पर्यावरण बचाने के लिए पूरे North-East के लिए करीब सवा सौ करोड़ रुपये की स्‍वीकृति दी जा चुकी है जिसमें से 50 करोड़ से अधिक रिलीज भी किए जा चुके हैं।

साथियो, पर्यावरण, परिवहन और पर्यटन, इसका आपस में गहरा रिश्‍ता है। इसलिए सिक्किम के लिए सिर्फ air connectivity पर ही बल नहीं दिया जा रहा है, दूसरे साधनों को भी मजबूत किया जा रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये से अधिक के National Highway project पर भी यहां काम चल रहा है। इसके अलावा करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से छोटी-छोटी सड़कों को बनाया जा रहा है, चौड़ा किया जा रहा है।

सड़क के साथ-साथ सिक्किम में रेलवे कोभी मजबूत किया जा रहा है। गंगटोक को broadguage से जोड़ने का काम तेज गति से चल रहा है।

सिक्किम में बिजली की व्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए transmission line को ठीक करने के लिए 1500 करोड़ से अधिक की सहायता राज्‍य को दी गई है। मुझे बताया गया है कि इस वर्ष दिसंबर तक इस काम को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके अलावा बिजली पैदा करने के मामले में भी सिक्किम को देश के अग्रणी राज्‍यों में खड़ा करने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं। करीब 14 हजार करोड़ की लागत से 6 हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं पर यहां पर काम चल रहा है।

भाइयो और बहनों, मैं आप सभी सिक्किम वासियों को, यहां की सरकार को और विशेषकर यहां के किसानों को बधाई देता हूं कि आप organic farming को लेकर देश मेंउदाहरण बन करके सामने आए हैं।सिक्किम शत-प्रतिशत organic farmingstate बनने वाला पहला राज्‍य है।

Organic farming को देशभर में बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इसके लिए परम्‍परागत कृषि विकास योजना के तहत काम किया जा रहा है। न सिर्फ organic farming को बल दिया जा रहा है, बल्कि उसके लिए value addition और मार्केट की व्‍यवस्‍था भी की जा रही है। और ये जो हवाई अड्डा है, आज तो पैसेंजर के लिए शुरू हो रहा है, लेकिन वो दिन दूर नहीं होगा जब यहां से फल, फूल घंटे भर में दिल्‍ली के बाजार में पहुंच जाएं, वो दिन दूर नहीं होगा।

हिन्‍दुस्‍तान के कई भगवान होंगे जिनके चरणों में अब सिक्किम के किसानों ने जो फूल तैयार किए हैं वो पहुंचने वाले हैं।North-East के राज्‍यों में सरकार ने mission organic value development for North-Eastern region नाम से एक विशेष योजना भी चलाई है। इसके लिए करीब 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

साथियो, ऑर्गेनिक उत्‍पाद न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए, हमारी धरती के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि हमें बीमारियों से भी दूर रखते हैं। देशवासियों का स्‍वास्‍थ्‍य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। और मुझे कल मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि यहां पर पिछले दस साल में इस organic सफलता का एक सीधा परिणाम दिखाई दे रहा है, यहां आयु अब बढ़ रही है। पहले की दुनिया में पिछले दस साल में जीवन जीने के उम्र की सीमा तेज गति से बढ़ रही है और उसमें भी पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं की बढ़ रही है।

मुझे विश्‍वास है कि देश के लोग भी ये केमिकल फर्टिलाइजर से मुक्ति पा करके कितना जीवन अच्‍छा जीआ जा सकता है, वो जरूर सिक्किम से सीखेंगे, समझेंगे।

मुझे जानकारी है कि स्‍वच्‍छता ही सेवा की मुहिम को सिक्किमवासियों ने एक प्रकार से गले लगाया है, बहुत आगे बढ़ाया है। आप सभी के प्रयास, आपकी जागरूकता की वजह से सिक्किम ने 2016 में सबसे पहले सिक्किम को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया था।Open defecation free. इतना ही नहीं, प्‍लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए भी आप लोगों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है।

भाइयो और बहनों, जैसे मैंने पहले कहा, कल देश में आयुष्‍मान भारत के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी Health care scheme, इसका प्रारंभ हुआ है। और सिक्किम भी इसके साथ जुड़ा हुआ है। और उसके कारण सिक्किम के गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक की बीमारी, गंभीर बीमारी का खर्चा अब सरकार की तरफ से दिया जाएगा। और यहां का नागरिक हिन्‍दुस्‍तान के किसी भी कोने में जाए, उसको वहां अस्‍पताल की जरूरत पड़ी तो वहां भी वो पैसा दिया जाएगा। बीमार व्‍यक्ति जहां भी जाएगा, ये जो आयुष्‍मान भारत का सुरक्षा कवच है, ये उसकेसाथ-साथ चलेगा।

साथियो, बीते चार वर्षों में सामान्‍य जन के जीवनस्‍तर को ऊपर उठाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है, जिसका सिक्किम को भी लाभ मिल रहा है। जन-धन योजना की वजह से यहां के करीब एक लाख लोगों के बैंक खाते खुले हैं। लगभग 80 हजार भाई-बहनों को सिर्फ एक रुपये महीना और 90 पैसे प्रतिदिन सुरक्षा बीमा योजनाओं से जोड़ा गया है।

उज्‍ज्‍वला योजना के तहत करीब 38 हजार गरीब परिवारों को किचन तक मुफ्त में गैस कनेक्‍शन पहुंचाया गया है।

सा‍थियो, पूर्वी भारत, पूर्वोत्‍तर के जीवन को सरल बनाने, यहां की मुश्किल परिस्थितियों को सरल बनाने के लिए, ease of living  सुनिश्चित करने के लिए एनडीए के सरकार प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। हम इस क्षेत्र को विकास के लिए नए युग के साथ जोड़ना चाहते हैं।न्‍यू इंडिया की नई धुरी बनाना चाहते हैं।

इस एयरपोर्ट की वजह से यहां अनेक सुविधाएं यहां विक‍सित होंगी जो सिक्किम को विकास में नई ऊंचाई देंगी। आप सभी को अपने पहले एयरपोर्ट के लिए मैं फिर एक बार हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुख्‍यमंत्री जी ने कई विषयों का उल्‍लेख किया है, इन सारे विषयों की मेरी उनके साथ व्‍यक्तिगत चर्चा होत रहती है। और इसलिए उसको सार्वजनिक रूप से अलग से मुझे उल्‍लेख करने की जरूरत नहीं है। लेकिन मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं इस देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, सिक्किम को भी आगे बढ़ाना है, सिक्किम के हर समाज को, हर व्‍यक्ति को, हर नौजवान को, उसकेसपनों को पूरा करने के लिए हर कोशिश की जाएगी।

इस विश्‍वास के साथ मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

धन्‍यवाद।

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December 18, 2025

नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!