श्रीलंका के राष्‍ट्रपति, माननीय श्री मैत्रीपाल सिरिसेना,

मीडिया के सदस्‍य,

27 PM Modi at Joint Press Statement WITH President Mr. Maithripala Sirisena, in Colombo Sri Lanka (9)

मैं श्रीलंका के इस खूबसूरत शहर कोलम्‍बो में आकर प्रसन्‍न हूं।

मैं अपने करीबी पड़ोसी देशों में से एक इस देश का दौरा करने के लिए उत्‍साहित था, जिसके साथ हम कई बातें साझा करते है। मैं आपकी गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण स्‍वागत से सम्‍मानित महसूस कर रहा हूं। मैं इस यात्रा के महत्‍व को समझता हूं। 1987 के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय श्रीलंका यात्रा है।

पिछले महीने राष्‍ट्रपति के रूप में श्री सिरिसेना ने पहली बार भारत का दौरा कर हमें सम्‍म‍ानित किया था और इतनी जल्‍दी यहां आकर मैं खुश हूं।

पड़ोसियों के बीच ऐसा ही होना चाहिए। हमें नियमित रूप से मिलते रहना चाहिए।

इससे हमें एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझने, आपसी चिंताओं का समाधान खोजने और हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

राष्‍ट्रपति श्री सिरिसेना के साथ आज की मेरी बैठक की यही उपलब्धि है।

27 PM Modi at Joint Press Statement WITH President Mr. Maithripala Sirisena, in Colombo Sri Lanka (6)

आर्थिक संधियां हमारे संबंधों के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍तम्‍भ है।

जो प्रगति हमने की है, वह मजबूत आर्थिक सहयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

पिछले दशक में हमारे बीच व्‍यापार में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। मुझे भारत के साथ व्‍यापार के बारे में आपकी चिंताओं की जानकारी है। जैसाकि मैंने दिल्‍ली में कहा था कि हम इनके समाधान की कोशिश करेंगे। हमारे सीमा शुल्‍क प्राधिकारियों के बीच सहयोग पर समझौता इस दिशा में एक कदम है। इससे दोनों देशों के बीच व्‍यापार सरल होगा और दोनों तरफ की गैर प्रशुल्‍क बाधाओं में कमी आएगी।

हम केवल समस्‍याओं के समाधान पर ही नहीं, बल्कि नये अवसरों पर भी अपना ध्‍यान केन्द्रित कर रहे है।

आज, लंका आईओसी और सिलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन आपसी तय शर्तों पर त्रिंकोमाली में चीन की खाड़ी प्रतिष्‍ठान के अपर टैंक फार्म को संयुक्‍त रूप से विकसित करने पर राजी हो गए हैं।

इसके तौर तरीकों के बारे में जल्‍द ही एक संयुक्‍त कार्यबल गठित किया जाएगा। त्रिंकोमाली को एक क्षेत्रीय पेट्रोलियम केन्‍द्र बनाने में भारत मदद के लिए तैयार है।

मैं आशा करता हूं कि सिमपुर कोयला विद्युत परियोजना पर जल्‍द ही कार्य शुरू होगा। इस महत्‍वपूर्ण परियोजना से श्रीलंका की बिजली की आवश्‍यकता पूरी हो सकेगी।

27 PM Modi at Joint Press Statement WITH President Mr. Maithripala Sirisena, in Colombo Sri Lanka (7)

समुद्र आधारित अर्थव्‍यवस्‍था नया क्षेत्र है जो, दोनों देशों के लिए संभावना के नए द्वार खोलती है। दोनों देशों के लिए यह प्राथमिकता भी है। समुद्र आ‍धारित अर्थव्‍यवस्‍था के लिए एक संयुक्‍त कार्य बल का गठन करने का हमारा निर्णय भी, खासकर हमारी निकटता को देखते हुए महत्‍वपूर्ण है।

हमारे संबंधों के केन्‍द्र में हमारे लोग हैं। हमने लोगों के आपसी मेलजोल, सम्‍पर्क और पर्यटन को बढ़ाने के‍ लिए कई कदम उठाए हैं।

हम श्रीलंका के नागरिकों के लिए सिंहाला तथा तमिल नववर्ष 14 अप्रैल, 2015 को आगमन पर वीजा और इलैक्‍ट्रॉनिक ऑथराइजेशन की सुविधा का विस्‍तार करेंगे।

एयर इंडिया जल्‍द ही नई दिल्‍ली से कोलंबो के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करेगी।

हम श्रीलंका में रामायण से और भारत में महात्‍मा बुद्ध से जुड़े स्‍थलों के विकास के लिए सहयोग करेंगे।

इस वर्ष हम श्रीलंका में भारत महोत्‍सव का आयोजन करेंगे। श्रीलंका में सही अर्थों में बौद्ध धर्म फला-फूला है। भारत महोत्‍सव में हमारे बौद्ध स्‍थलों का प्रदर्शन भी किया जायेगा।

27.5 PM Modi and President Mr. Maithripala Sirisena AT signing of agreements between India and Sri La (3)

युवा मामलों में सहयोग पर सहमति पत्र हमारे संबंधों में एक महत्‍वपूर्ण दीर्घकालिक निवेश बनेगा।

भारत को श्रीलंका के विकास में सहयोग करने का सौभाग्‍य मिला है

हम रेल क्षेत्र के लिए 318 मिलियन अमरीकी डॉलर तक का एक नया ऋण देंगे। इस राशि का उपयोग रोलिंग स्‍टॉक की खरीद तथा रेलवे पटरियों को दोबारा बिछाने और उन्‍हें उन्‍नत बनाने के लिए किया जायेगा।

हमें खुशी है कि हमने मतारा के रूहुना विश्‍वविद्यालय में रवीन्‍द्रनाथ टैगोर सभागार के निर्माण के लिए सहायता की।

मैं, कल उन आवास और कुछ अन्‍य परियोजनाओं का निरीक्षण करूंगा, जिनका निर्माण भारत की वित्‍तीय सहायता से किया जा रहा है। मुझे प्रसन्‍नता है कि इन योजनाओं के तहत 27 हजार से अधिक मकानों का निर्माण किया जा चुका है।

27 PM Modi at Joint Press Statement WITH President Mr. Maithripala Sirisena, in Colombo Sri Lanka (3)

भारतीय रिजर्व बैंक और सैंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौता किया हैं। इससे श्रीलंका के रूपये को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।

हमने मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा की। इस जटिल मुद्दे में दोनों पक्षों के आजीविका और मानवीय चिंता से जुड़े हित शामिल हैं। इस मुद्दे को हमें इसी नजरिये से देखने की जरूरत है। साथ ही, इस मुद्दे का एक दीर्घकालिक समाधान ढूंढने की भी आवश्‍यकता है।

यह महत्‍वपूर्ण है कि भारत और श्रीलंका की मछुआरा एसोसिएशन बैठक कर शीघ्र ही इस मुद्दे का दोनों पक्षों को स्‍वीकार्य समाधान खोजें। इस स्‍वीकार्य समाधान को दोनों देशों की सरकारें आगे बढ़ा सकती है

इस अवसर पर मैं कहना चाहता हूं कि राष्‍ट्रपति सिरिसेना द्वारा श्रीलंका के समावेशी भविष्‍य निर्माण के लिए किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय है।

मैं, श्रीलंका में शांति, सामंजस्‍य और प्रगति की नई यात्रा के लिए समर्थन और शुभकामनाएं देता हूं।

हम, श्रीलंका में तमिल समुदाय के साथ समाज के सभी वर्गों को समानता, न्‍याय, शांति और सम्‍मान दिलाने के भविष्‍य निर्माण के प्रयासों का समर्थन करते हैं।

27 PM Modi at Joint Press Statement WITH President Mr. Maithripala Sirisena, in Colombo Sri Lanka (1)

हमारा विश्‍वास है कि 13वें संशोधन को शीघ्र और पूरी तरह से लागू करने से इन प्रयासों में प्रगति होगी।

मैं, इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग को मजबूत करने में भारत की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त करता हूं।

मैं, गर्मजोशी भरे स्‍वागत और आतिथ्‍य के लिए राष्‍ट्रपति सिरिसेना को एक बार फिर धन्‍यवाद देना चाहता हूं।

आज की बैठक सकारात्‍मक रही है। इससे आत्‍मविश्‍वास और उम्‍मीद जगी है कि हमारे संबंध भविष्‍य में और बेहतर बनेंगे।

धन्‍यवाद।

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देश के युवाओं की आवाज़ को विकसित भारत के निर्माण की नीति-रणनीति में ढालना चाहती है सरकार: पीएम मोदी
December 11, 2023
"भारत के इतिहास का यह वह दौर है जब देश लंबी छलांग लगाने जा रहा है"
"भारत के लिए यही समय है, सही समय है"
"हमारा स्वतंत्रता संग्राम बहुत बड़ी प्रेरणा है जब राष्ट्रीय प्रयास एकमात्र लक्ष्य आजादी पर केंद्रित हो गया था"
"आज आपका लक्ष्य, आपका संकल्प एक ही होना चाहिए-विकसित भारत"
"जैसे भारत (इंडिया) की शुरूआत आई यानी ‘मैं’ से होती है वैसी ही आइडिया यानी विचार की शुरूआत भी आई यानी ‘मैं’ से होती है, इसी तरह विकास के प्रयास स्वयं से शुरू होते हैं"
"जब नागरिक अपनी भूमिका में अपना कर्तव्य निभाना शुरू करते हैं, तो देश आगे बढ़ता है"
“देश के नागरिक के रूप में हमारे लिए परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई है, हमारे सामने 25 साल का अमृत काल है, हमें दिन के 24 घंटे काम करना होगा”
"युवा शक्ति परिवर्तन की वाहक भी है और परिवर्तन की लाभार्थी भी"
“प्रगति का रोडमैप केवल सरकार द्वारा नहीं बल्कि राष्ट्र द्वारा तय किया जाएगा सबके प्रयास से ही विकसित भारत का निर्माण होना है''

नमस्कार!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी धर्मेंद्र प्रधान जी, देशभर से हमारे साथ जुड़े राज्यपाल श्री, शिक्षा जगत के महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज विकसित भारत के संकल्पों को लेकर बहुत ही अहम दिन है। मैं सभी गवर्नर्स को विशेष बधाई दूंगा कि उन्होंने विकसित भारत के निर्माण से जुड़ी इस वर्कशॉप का आयोजन किया है। देश की युवा शक्ति को दिशा देने का दायित्व जिन साथियों पर है, उनको आप एक मंच पर लाए हैं। शिक्षण संस्थानों की भूमिका व्यक्ति निर्माण की होती है, और व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण होता है। और आज जिस कालखंड में भारत है, उसमें व्यक्ति निर्माण का अभियान बहुत ज्यादा अहम हो गया है। मैं आप सभी को वॉयस ऑफ यूथ वर्कशॉप की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

हर देश को इतिहास एक ऐसा कालखंड देता है, जब वो अपनी विकास यात्रा को कई गुना आगे बढ़ा लेता है। ये एक तरह से उस देश का अमृतकाल होता है। भारत के लिए ये अमृतकाल इसी समय आया है। ये भारत के इतिहास का वो कालखंड है, जब देश, एक क्वांटम जंप लगाने जा रहा है। हमारे इर्द- गिर्द ही ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने एक तय समय में ऐसा ही क्वांटम जंप लेकर खुद को विकसित बना लिया। इसलिए ही मैं कहता हूं, भारत के लिए भी यही समय है, सही समय है। हमें इस अमृतकाल के पल-पल का लाभ उठाना है, हमें एक भी पल गंवाना नहीं है।

साथियों,

हम सभी के सामने प्रेरणा के लिए, आजादी का हमारा लंबा संघर्ष भी है। जब हम एक ध्येय के साथ, एक जोश-एक जज्बे के साथ, आज़ादी को अंतिम लक्ष्य मानकर मैदान में उतरे, तब हमें सफलता मिली। इस दौरान, सत्याग्रह हो, क्रांति का रास्ता हो, स्वदेशी को लेकर जागरूकता हो, सामाजिक और शैक्षणिक सुधार की चेतना हो, ये सारी धाराएं एक साथ मिलकर आज़ादी के आंदोलन की ताकत बन गईं थीं। इसी कालखंड में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, विश्वभारती, गुजरात विद्यापीठ, नागपुर यूनिवर्सिटी, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, आंध्र यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ केरल, ऐसे अनेक संस्थानों ने देश की चेतना को सशक्त किया। यही वो कालखंड था, जब हर धारा में युवाओं के भीतर आज़ादी को लेकर नई चेतना का संचार हुआ। आज़ादी के लिए समर्पित एक पूरी युवा पीढ़ी खड़ी हो गई। एक ऐसा विचार देश में बन गया कि जो भी करना है, वो आज़ादी के लिए करना है और अभी करना है। कोई चरखा कातता था, तो वो भी आजादी के लिए। कोई विदेशी सामान का बहिष्कार करता था, वो भी आज़ादी के लिए। कोई काव्य पाठ करता था, वो भी आज़ादी के लिए। कोई किताब या अखबार में लिखता था, वो भी आज़ादी के लिए। कोई अखबार के पर्चे बांटता था, तो वो भी आज़ादी के लिए। ठीक इसी तरह, आज हर व्यक्ति, हर संस्था, हर संगठन को इस प्रण के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो कुछ भी करूंगा वो विकसित भारत के लिए होना चाहिए। आपके लक्ष्य, आपके संकल्पों का ध्येय एक ही होना चाहिए- विकसित भारत। एक शिक्षक के तौर पर आप ये सोचें कि ऐसा क्या करेंगे कि विकसित भारत के लक्ष्य में देश की मदद हो? एक विश्वविद्यालय के तौर पर आप ये सोचें कि ऐसा क्या करें कि भारत तेजी से विकसित बने? आप जिस क्षेत्र में हैं, वहां ऐसा क्या हो, किस तरह हो कि भारत विकसित बनने के अपने मार्ग में तेजी से आगे बढ़े?

साथियों,

आप जिन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को रिप्रेजेंट करते हैं, वहां आपको देश की युवा ऊर्जा को इस एक लक्ष्य के लिए चैनलाइज़ करना है। आपके संस्थानों में आने वाला हर युवा, कुछ न कुछ विशेषताओं के साथ आता है। उसके विचारों को, चाहे वो कितने भी विविध क्यों न हो, उन सबको विकसित भारत के निर्माण की धारा से जोड़ना है। मैं चाहूंगा कि आप सभी Viksit Bharat@2047 के विजन में कंट्रीब्यूट करने के लिए अपने दायरे से बाहर जाकर भी सोचें, out of box सोचें। देश के हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अधिक से अधिक युवा इस अभियान में शामिल हो सकें, इसके लिए भी आपको विशेष अभियान चलाना चाहिए, नेतृत्व करना चाहिए, सरल भाषा में चीजों को व्यक्त करना चाहिए। आज ही MyGov के अंदर Viksit Bharat@2047 section लॉन्च हुआ है। इसमें विकसित भारत के विजन के लिए Ideas का एक सेक्शन है। और क्योंकि Idea की शुरुआत ही ‘I’ से होती है, इसलिए इसमें ऐसे Ideas चाहिए, जिसमें वर्णन हो कि मैं स्वयं भी क्या कर सकता हूं। और आइडिया में जैसे ‘I’ सबसे पहले है, इंडिया में भी ‘I’ सबसे पहले है। यानि हमें अगर सफलता पानी है, लक्ष्यों की प्राप्ति करनी है, उचित परिणाम लाना है तो स्वयं के ‘I’ से ही शुरू होता है। इस MyGov पर इस online ideas के portal पर 5 अलग-अलग थीम्स पर सुझाव दिए जा सकते हैं। सबसे बेहतरीन 10 सुझावों के लिए पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई है।

साथियों,

जब मैं सुझावों की बात करता हूं, तो आपके सामने खुला आसमान है। हमें देश में एक ऐसी अमृतपीढ़ी को तैयार करना है, जो आने वाले वर्षों में देश की कर्णधार बनेगी, जो देश को नेतृत्व और दिशा देगी। हमें देश के एक ऐसी नौजवान पौध को तैयार करना है, जो देशहित को सर्वोपरि रखे, जो अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखे। हमें सिर्फ शिक्षा और कौशल तक ही सीमित नहीं रहना है। एक नागरिक के तौर पर चौबीसों घंटे देश के नागरिक कैसे सजग रहें, इस दिशा में भी प्रयास बढ़ाने आवश्यक हैं। हमें समाज में वो चेतना लानी है, कैमरे लगे हों या ना लगे हों, लोग ट्रैफिक की रेड लाइट जंप ना करें। लोगों में कर्तव्यबोध इतना ज्यादा हो कि वो समय पर दफ्तर पहुंचें, अपने दायित्वों को निभाने के लिए आगे बढ़कर काम करें। हमारे यहां जो भी प्रॉडक्ट बने, उसकी क्वालिटी इतनी बेहतर हो कि मेड इन इंडिया देखकर, लेने वाले का गर्व और बढ़ जाए। जब देश का हर नागरिक, जिस भी भूमिका में है, जब वो अपने कर्तव्यों को निभाने लगेगा, तो देश भी आगे बढ़ चलेगा। अब जैसे प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से जुड़ा विषय है। जब जल संरक्षण को लेकर गंभीरता बढ़ेगी, जब बिजली बचाने को लेकर गंभीरता बढ़ेगी, जब धरती मां को बचाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल कम होगा, जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के प्रति गंभीरता होगी, तो समाज पर, देश पर, हर क्षेत्र में बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मैं ऐसे कितने ही उदाहरण आपको गिना सकता हूं।

आप भी मानेंगे कि ये छोटी-छोटी बातें हैं। लेकिन इनका impact बहुत बड़ा होता है। स्वच्छता के जनआंदोलन को नई ऊर्जा कैसे दी जाए, इसके लिए भी आपके सुझाव अहम होंगे। हमारे युवा कैसे आधुनिक लाइफस्टाइल के साइडइफेक्ट्स का मुकाबला करें, इसके लिए आपके सुझाव अहम होंगे। मोबाइल की दुनिया के अलावा हमारे युवा बाहर की दुनिया भी देखें, ये भी उतना ही जरूरी है। एक शिक्षक के तौर पर आपको ऐसे कितने ही विचारों की Seeding वर्तमान और अगली पीढ़ी में करनी है। और आपको खुद भी अपने विद्यार्थियों का रोल मॉडल बनना है। देश के नागरिक जब देश के हित की सोचेंगे, तभी एक सशक्त समाज का निर्माण होगा। औऱ आप भी जानते हैं कि जिस तरह समाज का मानस होता है, वैसी ही झलक हमें शासन-प्रशासन में भी नजर आती है। मैं अगर शिक्षा के क्षेत्र की बात करुं, तो उससे जुड़े भी कितने ही विषय हैं। तीन-चार साल के कोर्स के बाद हमारे शिक्षण संस्थान प्रमाण पत्र देते हैं, डिग्रियां देते हैं। लेकिन क्या हमें ये सुनिश्चित नहीं करना चाहिए कि हर छात्र के पास कोई न कोई स्किल अनिवार्य रूप से हो? ऐसी चर्चाएं, इससे जुड़े सुझाव ही विकसित भारत की यात्रा का मार्ग स्पष्ट करेंगे। इसलिए आपको अपने हर कैंपस, हर संस्थान और राज्य के स्तर पर इन विषयों पर मंथन की एक व्यापक प्रक्रिया के रूप में आगे बढ़ना चाहिए।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण का ये अमृतकाल वैसा ही है, वैसा ही समय है, जैसे हम अक्सर परीक्षाओं के दिनों में देखते हैं। विद्यार्थी अपने परीक्षा के प्रदर्शन को लेकर बहुत आत्मविश्वासी होते हैं, लेकिन फिर भी अंतिम समय तक वो कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ता है। हर विद्यार्थी अपना सब कुछ झोंक देता है, समय का पल-पल एक ही ध्येय से जोड़ देता है। और जब परीक्षा की तारीखें आ जाती हैं, डेट डिक्लेयर हो जाती है, तो ऐसा लगता है कि पूरे परिवार की परीक्षा की तारीख आ गई है। सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि पूरा परिवार ही एक अनुशासन के दायरे में हर काम करता है। हमारे लिए भी देश के नागरिक के तौर पर परीक्षा की डेट डिक्लेयर हो चुकी है। हमारे सामने 25 साल का अमृतकाल है। हमें चौबीसों घंटे, इसी अमृतकाल और विकसित भारत के लक्ष्यों के लिए काम करना है। यही वातावरण हमें एक परिवार के रूप में बनाना ये हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।

साथियों,

आज दुनिया की आबादी तेज़ी से बुज़ुर्ग हो रही है औऱ भारत युवाशक्ति से सशक्त है। एक्सपर्ट बताते हैं कि आने वाले 25-30 वर्षों तक वर्किंग एज पॉपुलेशन के मामले में भारत सबसे अग्रणी रहने वाला है। इसलिए भारत के युवाओं पर पूरी दुनिया की नज़र है। युवाशक्ति, एजेंट ऑफ चैंज भी है और बेनिफिशरीज़ ऑफ चैंज भी है। आज जो युवा साथी, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ में हैं, उनके करियर को भी यही 25 साल तय करने वाले हैं। यही युवा नए परिवार बनाने वाले हैं, नया समाज बनाने वाले हैं। इसलिए ये तय करना कि विकसित भारत कैसा हो, ये हक भी सबसे अधिक हमारी युवा शक्ति को ही है। इसी भाव के साथ सरकार, देश के हर युवा को विकसित भारत के एक्शन प्लान से जोड़ना चाहती है। देश के युवाओं की आवाज़ को विकसित भारत के निर्माण की नीति-रणनीति में ढालना चाहती है। युवाओं के साथ आप सबसे ज्यादा संपर्क में रहते हैं, इसलिए इसमें आप सभी साथियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।

साथियों,

हमें प्रगति के जिस रोडमैप पर चलना है, वो सिर्फ सरकार तय नहीं करेगी, उसे देश तय करेगा। देश के हर नागरिक का इनपुट उसमें होगा, सक्रिय भागीदारी उसमें होगी। सबका प्रयास यानि जन भागीदारी, एक ऐसा मंत्र ,है जिस से बड़े से बड़े संकल्प सिद्ध होते हैं। स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया अभियान हो, कोरोना से मुकाबला हो, वोकल फॉर लोकल होने की बात हो, हम सभी ने सबका प्रयास की ताकत देखी है। सबका प्रयास, से ही विकसित भारत का निर्माण होना है। आप सभी विद्वत जन, स्वयं भी देश के विकास के विजन को शेप करने वाले लोग हैं, युवा शक्ति को चैनलाइज़ करने वाले लोग हैं। इसलिए आपसे अपेक्षाएं कहीं अधिक हैं। ये देश का भविष्य लिखने का एक महाअभियान है। आपका हर सुझाव, विकसित भारत की इमारत की भव्यता को और निखारेगा। एक बार फिर आप सभी को आज के इस वर्कशाप की तो शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन आज से जो आंदोलन शुभारंभ हो रहा है, और मेरा पक्का विश्वास है कि 2047 तक हम विकसित भारत बना सकते हैं, मिलकर के बना सकते हैं। आज यात्रा का आरंभ हो रहा है, नेतृत्व शिक्षाविदों के हाथ में है, नेतृत्व विद्यार्थियों के हाथ में है, नेतृत्व शिक्षण जगत के इंस्टीट्यूशन्स के हाथ में है, और ये अपने आप में देश बनाने वाली और स्वयं को भी बनाने वाली पीढ़ी का कालखंड है। उन सबके लिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं है। धन्यवाद!