तीन प्रमुख बंदरगाहों और 17 गैर-प्रमुख बंदरगाहों के साथ, तमिलनाडु समुद्री व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन गया है
भारत विश्व को सतत विकास और दूरदर्शी सोच का मार्ग दिखा रहा है
नवाचार और सहयोग भारत की विकास यात्रा की सबसे बड़ी ताकत हैं
भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख हितधारक बन रहा है और यह बढ़ती क्षमता हमारी आर्थिक वृद्धि की नींव है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से तूतीकोरिन अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल के उद्घाटन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा का एक अहम पड़ाव है। उन्होंने नए तूतीकोरिन अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल को 'भारत के समुद्री बुनियादी ढ़ांचे की एक नई उपलब्धि' बताया। वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह के विस्तार में तूतीकोरिन अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 14 मीटर से अधिक गहरे ड्राफ्ट और 300 मीटर से अधिक लंबे बर्थ के साथ, यह टर्मिनल वी.ओ.सी. बंदरगाह की क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस नए टर्मिनल से वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह पर रसद लागत कम होने के साथ भारत के लिए विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के लोगों को बधाई दी और वी.ओ.सी. बंदरगाह से संबंधित कई परियोजनाओं को याद किया जो दो साल पहले उनकी तमिलनाडु यात्रा के दौरान शुरू की गई थीं। प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं का कार्य तेजी से पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लैंगिक विविधता के प्रति प्रतिबद्धता इस टर्मिनल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है, जिसमें 40 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं और यह समुद्री क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व के विकास का प्रतीक है।

भारत के आर्थिक विकास को गति देने में तमिलनाडु के समुद्र तट की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए श्री मोदी ने कहा कि तीन प्रमुख बंदरगाहों और 17 गैर-प्रमुख बंदरगाहों के साथ, तमिलनाडु समुद्री व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत बाह्य बंदरगाह कंटेनर टर्मिनल के विकास में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है और वी.ओ.सी. बंदरगाह की क्षमता लगातार बढ़ रही है। श्री मोदी ने कहा कि वी.ओ.सी.बंदरगाह भारत के सामुद्रिक विकास का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है।

 

श्री मोदी ने भारत के बुनियादी ढांचे के विकास से परे, व्यापक समुद्री मिशन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व को सतत विकास और दूरदर्शी सोच का रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने बताया कि वी.ओ.सी. बंदरगाह को हरित हाइड्रोजन केन्द्र और अपतटीय पवन ऊर्जा के लिए नोडल बंदरगाह के रूप में मान्यता दी जा रही है। ये पहल जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार और सहयोग भारत की विकास यात्रा में सबसे बड़ी ताकत हैं। उन्होंने कहा कि टर्मिनल का उद्घाटन सामूहिक शक्ति का प्रमाण है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब सड़कों, राजमार्गों, जलमार्गों और वायुमार्गों के विशाल नेटवर्क से बेहतर ढंग से जुड़ा हुआ है और इस जुड़ाव से वैश्विक व्यापार में देश की स्थिति मजबूत हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख हितधारक बन रहा है और यह बढ़ती क्षमता हमारी आर्थिक वृद्धि की नींव है। श्री मोदी ने अपने संबोधन का समापन इस विश्वास के साथ किया कि विकास की यह गति भारत को जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित करेगी और तमिलनाडु इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

 

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