प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में 7800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे
प्रधानमंत्री कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में 2550 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अनेक सीवर अवसंरचना परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे
प्रधानमंत्री हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे
प्रधानमंत्री कोलकाता मेट्रो की जोका-तारातला पर्पल लाइन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री अनेक रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे; न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड सेनीटेशन का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 दिसंबर, 2022 को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 11.15 बजे सुबह हावड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे, जहां वे हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। वे कोलकाता में मेट्रो की जोका-तारातला पर्पल लाइन की आधारशिला रखेंगे और विभिन्न रेल परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। बारह बजे दोपहर में प्रधानमंत्री आईएनएस नेताजी सुभाष पहुंचकर नेताजी सुभाष की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड सेनीटेशन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत पश्चिम बंगाल के लिये अनेक सीवर अवसंरचना परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे लगभग 12.25 बजे अपराह्न राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

प्रधानमंत्री आईएनएस नेताजी सुभाष में

देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की एक और पहल के क्रम में प्रधानमंत्री कोलकाता में 30 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, परिषद के सदस्य केंद्रीय मंत्रीगण तथा उत्तराखंड़, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सम्मिलित होंगे। राष्ट्रीय गंगा परिषद को गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण की रोकथाम तथा उनकी अविरलता का दायित्व दिया गया है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत विकसित सात सीवर अवसंरचना परियोजनाओं (20 सीवर उपचार संयंत्रों और 612 किलोमीटर के सीवर नेटवर्क) का उद्घाटन करेंगे। इनकी लागत 990 करोड़ रुपये से अधिक की है। इन परियोजनाओं से नबादीप, कछारपाड़ा, हलिशर, बज-बज, बैरकपोर, चंदन नगर, बांसबेरिया, उतरापाड़ा काटरुंग, बैद्याबाती, भद्रेश्वर, नैहाटी, गारूलिया, तीतागढ़ और पानीहाटी के नगर निगमों को लाभ होगा। ये परियोजनायें पश्चिम बंगाल में 200 एमएल़डी की सीवर उपचार क्षमता बढ़ा देंगी।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत विकसित होने वाली पांच सीवर अवसंरचना परियोजनाओं (आठ सीवर उपचार संयंत्रों और 80 किलोमीटर सीवर नेटवर्क) की आधारशिला भी रखेंगे। इनकी लागत 1585 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से पश्चिम बंगाल में 190 एमएलडी की नई सीवर उपचार क्षमता जुड़ जायेगी। इन परियोजनाओं से उत्तर बैरकपोर, हुगली-चिनसुरा, कोलकाता केएमसी क्षेत्र – गार्डन रीच व आदि गंगा (टॉली नाला) और महेसताला टाउन को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड सेनीटेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसे अनुमानतः लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से जोका, डायमंड हार्बर रोड, कोलकाता में विकसित किया गया है। यह संस्थान देश में जल, सफाई और स्वच्छता (वॉश) पर प्रमुख निकाय के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के लिये सूचना व जानकारी का केंद्र-स्थल बनेगा।

प्रधानमंत्री हावड़ा रेलवे स्टेशन पर

प्रधानमंत्री हावड़ा रेलवे स्टेशन से हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह अत्याधुनिक सेमी हाई स्पीड गाड़ी उत्कृष्ट यात्री सुविधाओं से लैस है। गाड़ी दोनों दिशाओं में आते-जाते समय मालदा टाउन, बारसोई और किशनगंज स्टेशनों पर रुकेगी।

प्रधानमंत्री जोका-एसप्लेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) की जोका-तारातला लाइन का उद्घाटन करेंगे। इस लाइन में छह स्टेशन हैं – जोका, ठाकुरपुकुर, सखर बाजार, बेहला चौरस्ता, बेहला बाजार और तारातला। इसकी निर्माण लागत 2475 करोड़ रुपये से अधिक है। कोलकाता सिटी के दक्षिणी इलाकों, जैसे सरसुना, डाकघर, मुचीपाड़ा और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को इस परियोजना के चालू हो जाने से बहुत लाभ होगा।

अपने कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री चार रेल परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इनमें 495 करोड़ रुपये लागत से विकसित बोनची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन; 565 करोड़ रुपये की लागत से विकसित डानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना; 254 करोड़ रुपये की लागत से विकसित निमितिया-न्यू फरक्का डबल लाइन; 1080 करोड़ रुपये से अधिक लागत से विकसित अमबारी फरक्का-न्यू मायानगरी-गुमानीहाट डब्लिंग परियोजना शामिल है। प्रधानमंत्री 335 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन की पुनर्विकास परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे।

 

 

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प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रमुखों के साथ राउंडटेबल मीटिंग की
September 10, 2024
सेमीकंडक्टर डिजिटल युग का आधार है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी मिलकर मानवता का कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं
प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि भारत के पास सेमीकंडक्टर की विविध आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार बनने की क्षमता है
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार एक पूर्वानुमानित और स्थिर नीति व्यवस्था का पालन करेगी
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने देश में उद्योग के लिए उपयुक्त माहौल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग के आकर्षण का केंद्र भारत की ओर स्थानांतरित होने लगा है
कारोबारी माहौल पर भरोसा व्यक्त करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा है कि उद्योग जगत में इस बात पर सर्वसम्मति है कि भारत निवेश के लिए सही जगह है
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा है कि वर्तमान में भारत में मौजूद अपार अवसर पहले कभी नहीं देखे गए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह नई दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर सेमीकंडक्टर क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि उनके विचार न केवल उनके व्यवसाय को बल्कि भारत के भविष्य को भी साकार करेंगे। यह उल्लेख करते हुए कि आने वाला समय प्रौद्योगिकी आधारित होगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजिटल युग का आधार है और वह दिन दूर नहीं जब सेमीकंडक्टर उद्योग हमारी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी आधार होगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी मिलकर मानवता का कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपने वैश्विक दायित्व को पहचानते हुए इस पथ पर आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने विकास के स्तंभों के बारे में बात की, जिसमें सामाजिक, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास, समावेशी विकास को प्रोत्साहन देना, अनुपालन बोझ को कम करना और विनिर्माण तथा नवाचार में निवेश आकर्षित करना शामिल है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत के पास सेमीकंडक्टर की विविध आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार बनने की क्षमता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के प्रतिभा वर्ग और कौशल पर सरकार के अत्यधिक ध्यान देने के बारे में बात की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उद्योग के लिए प्रशिक्षित कार्यबल उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान ऐसे उत्पाद विकसित करने पर है जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हों। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उच्च प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए एक बड़ा बाजार है। श्री मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा आज साझा किए गए उत्साहजनक विचार सरकार को इस क्षेत्र के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार एक पूर्वानुमानित और स्थिर नीति व्यवस्था का पालन करेगी। प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की परिकल्पना पर बल देते हुए कहा कि सरकार हर कदम पर उद्योग को सहायता प्रदान करना जारी रखेगी।

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि आज जो हुआ है वह अभूतपूर्व है जिसमें पूरे सेमीकंडक्टर क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को एक छत के नीचे लाया गया है। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग की अपार वृद्धि और भविष्य के दायरे के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग के आकर्षण का केंद्र भारत की ओर स्थानांतरित होने लगा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि देश में अब उद्योग के लिए उपयुक्त वातावरण है जिसने भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर ला दिया है। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि जो भारत के लिए अच्छा है वह दुनिया के लिए अच्छा होगा, उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कच्चे माल में वैश्विक शक्ति का केंद्र बनने की अद्भुत क्षमता है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भारत में व्यापार अनुकूल वातावरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि जटिल भू-राजनीतिक स्थिति वाले वर्तमान विश्व में भारत स्थिर है। भारत की क्षमता में अपने अपार विश्वास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग जगत में इस बात पर सर्वसम्मति है कि भारत निवेश के लिए उपयुक्त जगह है। उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए प्रोत्साहन का स्मरण किया और कहा कि आज भारत में जो अपार अवसर मौजूद हैं, वे पहले कभी नहीं देखे गए और उन्हें भारत के साथ साझेदारी करने पर गर्व है।

बैठक में सेमीकंडक्टर उपकरण और सामग्री इंटरनेशनल (एसईएमआई), माइक्रोन, नेक्स्ट एक्स्पीरियंस (एनएक्सपी), पावरचिप सेमीकंडक्टर विनिर्माण निगम (पीएसएमसी), आईएमईसी, रेनेसा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल), टोक्यो इलेक्ट्रॉन लिमिटेड, टॉवर, सिनोप्सिस, कैडेंस, रैपिडस, जैकब्स, जेएसआर, इनफिनॉन, एडवांटेस्ट, टेराडाइन एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च, मर्क, सीजी पावर और कायन्स टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रमुख और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर के प्रोफेसर भी उपस्थित थे।