भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करेगा
शतरंज ओलंपियाड में पहली बार ओलंपिक शैली में मशाल रिले की शुरुआत
भविष्य में सभी शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले भारत से शुरू होगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 जून को शाम 5 बजे नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के लिए ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

इस वर्ष, पहली बार, शतरंज की अंतरराष्ट्रीय निकाय, फिडे, ने शतरंज ओलंपियाड मशाल की शुरुआत की है जोकि ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है और जिसे शतरंज ओलंपियाड में अबतक कभी शामिल नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले की शुरुआत करने वाला पहला देश बनेगा। उल्लेखनीय है कि शतरंज के साथ भारत के रिश्ते को और नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से, शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल रिले की यह परंपरा अब हमेशा भारत से शुरू होगी और मेजबान देश तक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों से होकर गुजरेगी।

फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच इस मशाल को प्रधानमंत्री को सौंपेंगे, जिसे प्रधानमंत्री आगे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को सौंपेंगे। इस मशाल को अंतिम रूप से चेन्नई के निकट महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि के दौरान 75 शहरों में ले जाया जाएगा। हर स्थान पर उस प्रदेश के शतरंज के ग्रैंडमास्टर इस मशाल को प्राप्त करेंगे।

44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त 2022 के दौरान चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। 1927 से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में किया जा रहा है। 189 देशों की भागीदारी के साथ, यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में अबतक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी।

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
India’s GDP To Grow 7% In FY26: Crisil Revises Growth Forecast Upward

Media Coverage

India’s GDP To Grow 7% In FY26: Crisil Revises Growth Forecast Upward
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 16 दिसंबर 2025
December 16, 2025

Global Respect and Self-Reliant Strides: The Modi Effect in Jordan and Beyond