प्रभु राम हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा के स्रोत थे: पीएम मोदी
हमारे लोकतंत्र के त्योहार, भारत को 'लोकतंत्र की जननी' के रूप में और मजबूत करते हैं: पीएम मोदी
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा ने एक साझा सूत्र बुना है, जो पूरे देश के लोगों को एकजुट कर रहा है: पीएम मोदी
21वीं सदी का भारत, महिला नेतृत्व वाले विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है: पीएम मोदी
पद्म पुरस्कार विजेता अपने-अपने क्षेत्र में बेजोड़ काम कर रहे हैं: पीएम मोदी
आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा के लिए मानकीकृत शब्दावली बनाई है: पीएम मोदी

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | 2024 का ये पहला ‘मन की बात’का कार्यक्रम है | अमृतकाल में एक नयी उमंग है, नयी तरंग है | दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वाँ गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मनाया है | इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष हो रहे हैं | हमारे लोकतंत्र के ये पर्व, mother of democracy के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं | भारत का संविधान इतने गहन मंथन के बाद बना है कि उसे जीवंत दस्तावेज कहा जाता है | इसी संविधान की मूल प्रति के तीसरे अध्याय में भारत के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का वर्णन किया गया है और ये बहुत दिलचस्प है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था | प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी |

साथियो, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है | सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम | देश के अनेकों लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया | 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई | इस दौरान देश ने सामूहिकता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी बहुत बड़ा आधार है | मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता का अभियान चलायाजाए | मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने श्रद्धाभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की साफ़-सफाई की | मुझे कितने ही लोगों ने इससे जुड़ीतस्वीरें भेजी हैं, video भेजें हैं - ये भावना रुकनी नहीं चाहिए, ये अभियान रुकना नहीं चाहिए | सामूहिकता की यही शक्ति, हमारे देश को सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी |

मेरे प्यारे देशवासियों, इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही,लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में Women Power को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया तो सभी गर्व से भर उठे | महिला बैंड का मार्च देखकर, उनका जबरदस्त तालमेल देखकर, देश-विदेश में लोग झूम उठे | इस बार परेड में मार्च करने वाले 20 दस्तों में से 11 दस्ते महिलाओं के ही थे | हमने देखा कि जो झाँकीनिकली, उसमें भी सभी महिला कलाकार ही थीं | जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, उसमें भी करीब डेढ़ हज़ार बेटियों ने हिस्सा लिया था | कई महिला कलाकार शंख, नादस्वरम और नागदा जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजा रही थीं | DRDO ने जो झांकी निकाली, उसने भी सभी का ध्यान खींचा | उसमें दिखाया गया कि कैसे नारीशक्ति जल-थल-नभ, Cyber और Space, हर क्षेत्र में देश की सुरक्षा कर रही है | 21वीं सदी का भारत, ऐसे ही Women Led Development के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है |

साथियो, आपने कुछ दिन पहले ही अर्जुन अवार्ड समारोह को भी देखा होगा | इसमें राष्ट्रपति भवन में देश के कई होनहार खिलाड़ियों और एथलीटों को सम्मानित किया गया है | यहां भी जिस एक बात ने लोगों का खूब ध्यान खींचा, वो थी अर्जुन पुरस्कार पाने वाली बेटियां और उनकी life journeys |इस बार 13 Women Athletes को Arjun Award से सम्मानित किया गया है | इन women athletesने अनेकों बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया | शारीरिक चुनौतियां, आर्थिक चुनौतियां, इन साहसी और talentedखिलाड़ियों के आगे टिक नहीं पाईं | बदलते हुए भारत में, हर क्षेत्र में हमारी बेटियाँ, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं | एक और क्षेत्र है, जहां, महिलाओं ने, अपना परचम लहराया है, वो है - self help groups | आज women self help groupsकी देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है | वो दिन दूर नहीं, जब आपको गाँव-गाँव में खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां, ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी| मुझे यूपी के बहराइच में स्थानीय चीजों के उपयोग से bio fertilizerऔर bio pesticideतैयार करने वाली महिलाओं के बारे में पता चला | self help groupsसे जुड़ी निबिया बेगमपुर गाँव की महिलाएँ, गाय के गोबर, नीम की पत्तियाँ, और कई तरह के औषधीय पौधों को मिलाकर,bio fertilizerतैयार करती हैं | इसी तरह ये महिलाएं अदरक, लहसुन, प्याज और मिर्च का pasteबनाकर organic pesticideभी तैयार करती हैं | इन महिलाओं ने मिलकर ‘उन्नति जैविक इकाई’ नाम का एक संगठन बनाया है | ये संगठन bio productsको तैयार करने में इन महिलाओं की मदद करता है | इनके द्वारा बनाए गए bio fertilizerऔर biopesticideकी मांग भी लगातार बढ़ रही है | आज, आसपास के गावों के 6 हजार से ज्यादा किसान इनसे bio productsखरीद रहे हैं | इससे self help groupसे जुड़ी इन महिलाओं की आय बढ़ी है, और उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है |

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में हम ऐसे देशवासियों के प्रयासों को सामने लाते हैं, जो निस्वार्थ भावना के साथ समाज को, देश को, सशक्त करने का काम कर रहे हैं | ऐसे में, तीन दिन पहले जब देश नेपद्म पुरस्कारों का ऐलान किया है, तो ‘मन की बात’ में ऐसे लोगों की चर्चा स्वाभाविक है | इस बार भी ऐसे अनेकों देशवासियों को पद्मसम्मान दिया गया है, जिन्होंने, जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है | इन inspiringलोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देश-भर में बहुत उत्सुकता दिखी है | मीडिया की headlinesसे दूर, अखबारों के front pageसे दूर, ये लोग बिना किसी lime-lightके समाज सेवा में जुटे थे | हमें इन लोगों के बारे में पहले शायद ही कुछ देखने-सुनने को मिला है, लेकिन, अब मुझे खुशी है कि पद्म सम्मान घोषित होने के बाद ऐसे लोगों की हर तरफ चर्चा हो रही है, लोग उनके बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने के लिए उत्सुक हैं | पद्म पुरस्कार पाने वाले ये अधिकतर लोग, अपने-अपने क्षेत्र में काफी अनूठे काम कर रहे हैं | जैसे कोई ambulance serviceमुहैया करवा रहा है, तो कोई बेसहारों के लिए सिर पर छत का इंतजाम कर रहा है| कुछ ऐसे भी हैं, जो हजारों पेड़ लगाकर प्रकृति-संरक्षण के प्रयासों में जुटे हैं | एक ऐसे भी हैं, जिन्होंने चावल की 650 से अधिक किस्मों के संरक्षण का काम किया है | एक ऐसे भी हैं, जो drugsऔर शराब की लत की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता फैला रहे हैं | कई लोग तो Self Help Group, विशेषकर नारी शक्ति के अभियान से लोगों को जोड़ने में जुटे हैं | देशवासियों में इस बात को लेकर भी बहुत प्रसन्नता है कि सम्मान पाने वालों में 30 महिलाएं हैं | ये महिलाएँ जमीनी स्तर पर अपने कार्यों से समाज और देश को आगे ले जा रही हैं |

साथियो, पद्म सम्मान पाने वालों में हर किसी का योगदान देशवासियों को प्रेरित करने वाला है | इस बार सम्मान पाने वालों में बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत, लोक नृत्य, थिएटर और भजन की दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं | प्राकृत, मालवी और लम्बाडी भाषा में बहुत ही शानदार काम करने वालों को भी ये सम्मान दिया गया है | विदेश के भी कई लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिनके कार्यों से भारतीय संस्कृति और विरासत को नई ऊंचाई मिल रही है | इनमें France, Taiwan, Mexicoऔर Bangladeshके नागरिक भी शामिल हैं |

साथियो, मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि पिछले एक दशक में पद्म सम्मान का systemपूरी तरह से बदल चुका है | अब ये पीपल्स पद्म बन चुका है |पद्म सम्मान देने की व्यवस्था में कई बदलाव भी हुए हैं | अब इसमें लोगों के पास ख़ुद को भी Nominate करने का मौका रहता है | यही वजह है कि इस बार 2014 की तुलना में 28 गुना ज्यादा Nominations प्राप्त हुए हैं | इससे पता चलता है कि पद्म सम्मान की प्रतिष्ठा, उसकी विश्वसनीयता, उसके प्रति सम्मान, हर वर्ष बढ़ता जा रहा है | मैं पद्म सम्मान पाने वाले सभी लोगों को फिर अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ |

मेरे प्यारे देशवासियो, कहते हैं, हर जीवन का एक लक्ष्य होता है, हर कोई एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही जन्म लेता है | इसके लिए लोग पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं | हमने देखा है कि, कोई समाज सेवा के माध्यम से, कोई सेना में भर्ती होकर, कोई अगली पीढ़ी को पढ़ाकर, अपने कर्तव्यों का पालन करता है, लेकिन साथियो, हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन के अंत के बाद भी, समाज जीवन के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं और इसके लिए उनका माध्यम होता है – अंगदान | हाल के वर्षों में देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे रहे हैं, जिन्होंने, अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों का दान कर दिया | ये निर्णय आसान नहीं होता, लेकिन ये निर्णय, कई जिंदगियों को बचाने वाला होता है | मैं उन परिवारों की भी सराहना करूंगा, जिन्होंने, अपने करीबियों की आखिरी इच्छा का सम्मान किया | आज, देश में बहुत से संगठन भी इस दिशा में बहुत प्रेरक प्रयास कर रहे हैं | कुछ संगठन, लोगों को, अंगदान के लिए जागरूक कर रहे हैं, कुछ संस्थाएं अंगदान करने के इच्छुक लोगों का Registration कराने में मदद कर रही हैं | ऐसे प्रयासों से देश में Organ donation के प्रति सकारात्मक माहौल बन रहा है और लोगों की जिन्दगियां भी बच रही हैं |

मेरे प्यारे देशवासियो, अब मैं आपसे भारत की एक ऐसी उपलब्धि साझा कर रहा हूँ जिससे मरीजों का जीवन आसान बनेगा, उनकी परेशानी कुछ कम होगी | आप में से कई लोग होंगे, जिन्हें इलाज के लिए आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी की चिकित्सा पद्धति से मदद मिलती है | लेकिन इनके मरीजों को तब समस्या होती है, जब इसी पद्धति के किसी दूसरे डॉक्टर के पास जाते हैं | इन चिकित्सा पद्धतियों में बीमारी के नाम, इलाज और दवाइयों के लिए एक जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं होता है | हर चिकित्सक अपने तरीके से बीमारी का नाम और इलाज के तौर-तरीके लिखता है | इससे दूसरे चिकित्सक के लिए समझ पाना कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है | दशकों से चली आ रही इस समस्या का भी अब समाधान खोज लिया गया है | मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है | दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की coding कर दी गयी है | इस coding की मदद से अब सभी डॉक्टर prescription या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे | इसका एक फायदा ये होगा कि अगर आप वो पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी उस पर्ची से ही मिल जाएगी | आपकी बीमारी, इलाज, कौन-कौन सी दवाएं चली हैं, कब से इलाज चल रहा है, आपको किन चीज़ों से allergy है, ये सब जानने में उस पर्ची से मदद मिलेगी | इसका एक और फायदा उन लोगों को होगा, जो research के काम से जुड़े हैं | दूसरे देशों के वैज्ञानिकों को भी बीमारी, दवाएं और उसके प्रभाव की पूरी जानकारी मिल जाएगी | Research बढ़ने और कई वैज्ञानिकों के साथ-साथ जुड़ने से ये चिकित्सा पद्धति और बेहतर परिणाम देंगे और लोगों का इनके प्रति झुकाव बढ़ेगा | मुझे विश्वास है, इन आयुष पद्धतियों से जुड़े हमारे चिकित्सक, इस coding को जल्द से जल्द अपनाएंगे |

मेरे साथियो, जब आयुष चिकित्सा पद्धति की बात कर रहा हूँ, तो मेरी आँखों के सामने यानुंग जामोह लैगोकी भी तस्वीर आ रही हैं | सुश्री यानुंग अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और हर्बल औषधीय विशेषज्ञ हैं | इन्होंने आदि जनजाति की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए काफी काम किया है | इस योगदान के लिए उन्हें इस बार पद्म सम्मान भी दिया गया है | इसी तरह इस बार छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी उनको भी पद्म सम्मान मिला है | वैद्यराज हेमचंद मांझी भी आयुष चिकित्सा पद्धति की मदद से लोगों का इलाज करते हैं | छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में गरीब मरीजों की सेवा करते हुए उन्हें 5 दशक से ज्यादा का समय हो रहा है | हमारे देश में आयुर्वेद और हर्बल मेडिसीन का जो खजाना छिपा है, उसके संरक्षण में सुश्री यानुंग और हेमचंद जी जैसे लोगों की बड़ी भूमिका है |

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ के जरिए हमारा और आपका जो रिश्ता बना है, वो एक दशक पुराना हो चुका है | सोशल मीडिया और इन्टरनेट के इस दौर में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है | रेडियो की ताकत कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है | बीते करीब 7 वर्षों से यहाँ रेडियो पर एक लोकप्रिय कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है, जिसका नाम है ‘हमर हाथी - हमर गोठ’ | नाम सुनकर आपको लग सकता है कि रेडियो और हाथी का भला क्या connection हो सकता है | लेकिन यही तो रेडियो की खूबी है | छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी के चार केन्द्रों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से हर शाम इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के जंगल और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले बड़े ध्यान से इस कार्यक्रम को सुनते हैं | ‘हमर हाथी - हमर गोठ’ कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है | ये जानकारी यहाँ के लोगों के बहुत काम आती है | लोगों को जैसे ही रेडियो से हाथियों के झुण्ड के आने की जानकारी मिलती है, वो सावधान हो जाते हैं | जिन रास्तों से हाथी गुजरते हैं, उधर जाने का ख़तरा टल जाता है | इससे जहाँ एक ओर हाथियों के झुण्ड से नुकसान की संभावना कम हो रही है, वहीँ हाथियों के बारे में data जुटाने में मदद मिलती है | इस data के उपयोग से भविष्य में हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी | यहाँ हाथियों से जुड़ी जानकारी social media के जरिए भी लोगों तक पहुंचाई जा रही है | इससे जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को हाथियों के साथ तालमेल बिठाना आसान हो गया है | छत्तीसगढ़ की इस अनूठी पहल और इसके अनुभवों का लाभ देश के दूसरे वन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं |

मेरे प्यारे देशवासियो, इसी 25 जनवरी को हम सभी ने National Voters Day मनाया है | ये हमारी गौरवशाली लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए एक अहम दिन है | आज देश में करीब-करीब 96 करोड़ मतदाता हैं | आप जानते हैं, ये आंकड़ा कितना बड़ा है ? ये अमेरिका की कुल जनसंख्या से भी करीब तीन गुना है | ये पूरे यूरोप की कुल जनसंख्या से भी करीब डेढ़ गुना है | अगर मतदान केन्द्रों की बात करें, तो देश में आज उनकी संख्या करीब साढ़े दस लाख है | भारत का हर नागरिक, अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए हमारा चुनाव आयोग, ऐसे स्थानों पर भी पोलिंग बूथ बनवाता है जहाँ सिर्फ एक वोटर हो | मैं चुनाव आयोग की सराहना करना चाहूँगा, जिसने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं |

साथियो, आज देश के लिए उत्साह की बात ये भी है कि दुनिया के अनेक देशों में जहाँ voting percent कम हो रहा है, भारत में मतदान का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है | 1951-52 में जब देश में पहली बार चुनाव हुए थे, तो लगभाग 45 प्रतिशत वोटर्स ने ही वोट डाले थे | आज ये आंकड़ा काफी बढ़ चुका है | देश में ना सिर्फ वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि Turnout भी बढ़ा है | हमारे युवा वोटरों को registration के लिए ज्यादा मौके मिल सकें, इसके लिए सरकार ने कानून में भी परिवर्तन किया है | मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि वोटर्स के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्तर पर भी कई प्रयास हो रहे हैं | कहीं लोग घर-घर जाकर वोटर्स को मतदान के बारे में बता रहे हैं, कहीं पेंटिंग बनाकर, कहीं नुक्कड़ नाटकों के जरिए युवाओं को आकर्षित किया जा रहा है | ऐसे हर प्रयास, हमारे लोकतंत्र के उत्सव में, अलग-अलग रंग भर रहे हैं | मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से अपनेFirst Time Voters को कहूँगा कि वो वोटर लिस्ट में अपना नाम जरुर जुड़वाएं | National voter service portal और voter Helpline app के जरिए वो इसे आसानी से online पूरा कर सकते हैं | आप ये हमेशा याद रखें कि आपका एक वोट, देश का भाग्य बदल सकता है, देश का भाग्य बना सकता है |

मेरे प्यारे देशवासियो, आज 28 जनवरी को भारत की दो ऐसी महान विभूतियों की जन्म-जयंती भी होती हैं, जिन्होंने अलग-अलग कालखंड में देशभक्ति की मिसाल कायम की है | आज देश, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी को श्रद्दांजलि दे रहा है | लाला जी, स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे सेनानी रहे, जिन्होंने विदेशी शासन से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी | लाला जी के व्यक्तित्व को सिर्फ आजादी की लड़ाई तक सीमित नहीं किया जा सकता | वो बहुत दूरदर्शी थे | उन्होंने Punjab National Bank और कई अन्य संस्थाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी | उनका उद्देश्य सिर्फ विदेशियों को देश से बाहर निकालना ही नहीं, बल्कि देश को आर्थिक मजबूती देने का Vision भी उनके चिंतन का अहम् हिस्सा था | उनके विचारों और उनके बलिदान ने भगत सिंह को बहुत प्रभावित किया था | आज फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा जी को भी श्रद्धापूर्वक नमन करने का दिन है | उन्होंने इतिहास के महत्वपूर्ण दौर में हमारी सेना का नेतृत्व कर साहस और शौर्य की मिसाल कायम की थी | हमारी सेना को शक्तिशाली बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है |

मेरे प्यारे देशवासियो, आज खेलों की दुनिया में भी भारत नित-नई ऊँचाइयों को छू रहा है | sports की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरुरी है कि खिलाडियों को ज्यादा-से-ज्यादा खेलने का मौका मिले और देश में भली-भांति के स्पोर्ट्स tournament भी आयोजित हों | इसी सोच के साथ आज भारत में नए-नए sports tournament आयोजित किये जा रहे हैं | कुछ दिन पहले ही चेन्नई में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का उद्घाटन किया | इसमें देश के 5 हजार से ज्यादा athletes हिस्सा ले रहे हैं | मुझे ख़ुशी है कि आज भारत में लगातार ऐसे नए Platforms तैयार हो रहे हैं, जिनमें खिलाड़ियों को अपना सामर्थ्य दिखाने का मौका मिल रहा है | ऐसा ही एक platform बना है –Beach Games का, जो दीव के अन्दर उसका आयोजन हुआ था | आप जानते ही हो ‘दीव’ केन्द्रशासित प्रदेश है, सोमनाथ के बिलकुल पास है | इस साल की शुरुआत में ही दीव में इन Beach Games का आयोजन किया गया | ये भारत का पहला multi-sports beach games था | इनमें Tug of war,Sea swimming, pencaksilat, मलखंब, Beach volleyball, Beach कबड्डी, Beach soccer,और Beach Boxing जैसे competition हुए | इनमें हर प्रतियोगी को अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिला और आपको जानकर हैरानी होगी,कि इस Tournament में ऐसे राज्यों से भी बहुत से खिलाड़ी आए,जिनका दूर दूर तक समंदर से कोई नाता नहीं है | इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा Medal भी मध्य प्रदेश ने जीते,जहाँ कोई Sea Beach नहीं है | खेलों के प्रति यही Temperament किसी भी देश को sports की दुनिया का सरताज बनाता है |

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में इसबार मेरे साथ इतना ही | फ़रवरी में आपसे फिर एक बार बात होगी | देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों से, व्यक्तिगत प्रयासों से कैसे देश आगे बढ़ रहा है, इसी पर हमारा focus होगा | साथियो,कल 29 तारीख को सुबह 11 बजे हम ‘परीक्षा पे चर्चा’ भी करेगें | ‘परीक्षा पे चर्चा’ का ये 7वां संस्करण होगा |एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका मैं हमेशा इंतज़ार करता हूँ | इससे मुझे students के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है, और मैं उनके परीक्षा सबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं|पिछले 7 वर्षो में, ‘परीक्षा पे चर्चा’शिक्षा और परीक्षा से सबंधित, कई मुद्दों पर बातचीत करने का एक बहुत अच्छा माध्यम बनकर उभरा है | मुझे ख़ुशी है कि इसबार सवा दो करोड़ से अधिक विद्यार्थियों ने इसके लिए Registration कराया है और अपने input भी दिए हैं | मैं आपको बता दूं कि जब हमने पहली बार 2018 में ये कार्यक्रम शुरू किया था तो ये संख्या केवल 22,000 थी | Students को प्रेरित करने के लिए और परीक्षा के तनाव के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए, बहुत से अभिनव प्रयास भी किये गए हैं | मैं आप सभी से, विशेषकर युवाओं से, विद्यार्थियों से आग्रह करूंगा कि वे कल Record संख्या में शामिल हों | मुझे भी आपसे बात करके बहुत अच्छा लगेगा | इन्हीं शब्दों के साथ मैं ‘मन की बात’ के इस Episode में आपसे विदा लेता हूँ | जल्द ही फिर मिलेगें |धन्यवाद |

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।