कोविड ने हमें सिखाया है कि जब हम साथ होते हैं तो हम मजबूत और बेहतर होते हैं: प्रधानमंत्री
आने वाली पीढ़ियां इस बात को याद रखेंगी कि कैसे मानवीय सहनशीलता ने सभी बाधाओं को पार किया
"गरीब समुदाय को सरकारों पर अधिक निर्भर बनाकर गरीबी से नहीं लड़ा जा सकता। गरीबी से तभी लड़ा जा सकता है जब गरीब समुदाय, सरकारों को एक भरोसेमंद साथी के रूप में देखना शुरू कर दें"
"जब सत्ता का उपयोग गरीब समुदाय को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है, तो उन्हें गरीबी से लड़ने की ताकत मिलती है"
"जलवायु परिवर्तन को कम करने का सबसे सरल और सबसे सफल तरीका प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाना है"
"महात्मा गांधी दुनिया के सबसे महान पर्यावरणविदों में से एक हैं। उन्होंने शून्य कार्बन उत्‍सर्जन वाली जीवनशैली को अपनाया। उन्होंने जो कुछ भी किया उसमें उन्होंने हमारे ग्रह के कल्याण को सर्वोपरि रखा"
"गांधी जी ने ट्रस्टीशिप के सिद्धांत पर प्रकाश डाला, जिसके अनुसार हम सभी इस ग्रह के ट्रस्टी हैं और इसकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है"
"भारत जी-20 का एकमात्र ऐसा देश है जो अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं के अनुरूप सही राह पर अग्रसर है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 24 घंटे चलने वाले 'ग्लोबल सिटीजन लाइव' को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। यह कार्यक्रम 25 और 26 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है जिसमें मुंबई, न्यूयॉर्क, पेरिस, रियो डी जनेरियो, सिडनी, लॉस एंजिल्स, लागोस और सियोल सहित प्रमुख शहरों में लाइव कार्यक्रम शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री ने यह बताने के लिए वैश्विक महामारी की चुनौती का जिक्र किया कि जब हम एक साथ होते हैं तो हम मजबूत और बेहतर होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने इस सामूहिक भावना की झलक तब देखी जब हमारे कोविड-19 वॉरियर्स, डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्साकर्मियों ने वैश्विक महामारी से लड़ने में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हमने अपने वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों में भी यह भावना देखी जिन्होंने रिकॉर्ड समय में नए टीके बनाए। आने वाली पीढ़ियां इस बात को याद रखेंगी कि कैसे मानवीय सहनशीलता ने सभी बाधाओं को पार किया।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के अलावा गरीबी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। श्री मोदी ने कहा कि गरीब समुदाय को सरकारों पर अधिक निर्भर बनाकर गरीबी से नहीं लड़ा जा सकता। गरीबी से तब लड़ा जा सकता है जब गरीब समुदाय, सरकारों को एक भरोसेमंद साथी के रूप में देखना शुरू कर दें। प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसा विश्वसनीय साथी जो उन्हें गरीबी के दुष्चक्र को हमेशा के लिए तोड़ने के लिए सक्षम बुनियादी ढांचा प्रदान करे।'

प्रधानमंत्री ने बताया कि जब सत्ता का उपयोग गरीब समुदाय को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है तो उन्हें गरीबी से लड़ने की ताकत मिलती है। उन्होंने गरीबों को सशक्त बनाने के उदाहरण के तौर पर बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को उसके दायरे में लाने, लाखों लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने, 50 करोड़ भारतीयों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने जैसे उपायों का उल्‍लेख किया।

श्री मोदी ने शहरों और गांवों में बेघर लोगों के लिए बनाए गए 3 करोड़ मकानों की बात करते हुए जोर देकर कहा कि एक घर केवल आश्रय ही नहीं होता है। उन्होंने कहा, 'सिर पर छत लोगों को सम्मान देती है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा हर घर को पेयजल कनेक्शन प्रदान करने के लिए 'जन आंदोलन', अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ डॉलर से अधिक खर्च करने, 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने और कई अन्य प्रयासों से गरीबी के खिलाफ लड़ाई को ताकत मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के खतरे पर भी चर्चा की और कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने का सबसे सरल और सबसे सफल तरीका प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाना है। उन्‍होंने महात्मा गांधी को दुनिया का एक महानतम पर्यावरणविद बताते हुए विस्तार से बताया कि कैसे बापू ने शून्य कार्बन उत्‍सर्जन वाली जीवनशैली को अपनाया था। उन्होंने जो कुछ भी किया उसमें उन्होंने हमारे ग्रह के कल्याण को सर्वोपरि रखा। प्रधानमंत्री ने महात्मा द्वारा प्रतिपादित ट्रस्टीशिप के सिद्धांत के बारे में बताते हुए कहा, 'हम सब इस ग्रह के ट्रस्टी हैं और इसकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। प्रधामंत्री ने बताया कि भारत जी-20 का एकमात्र ऐसा देश है जो अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं के साथ सही राह पर अग्रसर है। उन्‍होंने कहा कि भारत को इंटरनेशनल सोलर अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्‍टर रेजिलेंट इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के बैनर तले दुनिया को एक साथ लाने पर भी गर्व है।

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting virtues that lead to inner strength
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam —
“धर्मो यशो नयो दाक्ष्यम् मनोहारि सुभाषितम्।

इत्यादिगुणरत्नानां संग्रहीनावसीदति॥”

The Subhashitam conveys that a person who is dutiful, truthful, skilful and possesses pleasing manners can never feel saddened.

The Prime Minister wrote on X;

“धर्मो यशो नयो दाक्ष्यम् मनोहारि सुभाषितम्।

इत्यादिगुणरत्नानां संग्रहीनावसीदति॥”