प्रधानमंत्री ने सुझाव प्राप्त किए और इन राज्यों के वर्तमान स्थिति पर व्यापक समीक्षा की जिसमें चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक ध्यान दिए जाने को रेखांकित किया गया
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से सबसे अधिक कोविड-19 वाले 60 जिलों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा
प्रधानमंत्री ने राज्यों से कोविड परीक्षण व्यापक रूप में बढ़ाने और सिंप्टोमेटिक आरएटी नेगेटिव मामलों में 100% आरटी-पीसीआर परीक्षण सुनिश्चित करने को कहा
कोविड-19 संबंधी बुनियादी ढांचा के लिए राज्य आपदा निधि को 35% से बढ़ाकर 50% किया गया-पीएम
प्रधानमंत्री ने राज्यों को स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने का सुझाव दिया
देश को न सिर्फ विषाणु से लड़ाई जारी रखनी है बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से आगे बढ़ना है-पीएम
प्रधानमंत्री ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान केंद्रित करने को कहा
प्रधानमंत्री ने एक राज्य से दूसरे राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन समेत वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध आवागमन को सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 की स्थिति और तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि इन 2 वर्षों में 1.25 करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त में इलाज की सुविधा मिली है। उन्होंने चिकित्सकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कर्मियों द्वारा गरीबों को दी जा रही अनवरत सेवाओं के लिए प्रशंसा की।

राज्यों की समीक्षा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार और लोगों के बीच बेहतर समन्वय के चलते स्थितियों में सुधार हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य टेस्टिंग,ट्रेसिंग पर प्रभावी उपाय करते रहेंगे और कहा कि घरों पर आइसोलेशन में रहने वाले कोविड-19मरीजों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी का तंत्र विकसित किया जाए। हर एक जीवन को बचाने के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में जिन 20 जिलों में सबसे ज्यादा कोविड-19ममले हैं उन पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आरटी-पीसीआरपरीक्षण राज्य में वर्तमान समय में सबसे अधिक प्रभावित जिलों वर्तमान क्षमता से 5 गुना बढ़ाने का सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक ने ट्रेसिंग और ट्रैकिंग के लिए एक वैज्ञानिक व्यवस्था विकसित की है जिससे राज्य को व्यापक रूप में फायदा पहुंचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन 9 जिलों में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है, वहां तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर परीक्षण वर्तमान स्तर से 3 गुना बढ़ाने, प्रभावी निगरानी और संपर्कों का पता लगाने तथा मास्क लगाने और साफ-सफाई को लेकर आ रहे व्यवहार में बदलाव के संबंध में भी ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है।दिल्ली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रभाव के चलते स्थितियां नियंत्रण में आई थीं। उन्होंने सुझाव दिया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। यह टेस्ट उन सभी लोगों का भी किया जाना आवश्यक है जो एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पंजाब की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि शुरुआती समय में पंजाब कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने में सफल था लेकिन अब स्थितियाँ बिगड़ी हैं। कोविड के चलते ज्यादातर मौतों की वजह मरीजों का देर से अस्पताल पहुंचना है। उन्होंने कहा कि राज्य को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य पॉजिटिव दर और मृत्यु दर को नीचे लाने में सफल होगा।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु का जिक्र किया और कहा कि राज्य बड़े पैमाने पर परीक्षण और मामलों का पता लगाने की अपनी रणनीति के चलते हर दिन आने वाले मामलों की संख्या को स्थिर करने और उसे कम करने में सफल हुआ है। उन्होंने राज्य के 7 जिलों में मृत्यु दर कम किए जाने पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसिन के लिए राज्य ने ई-संजीवनी एप्लीकेशन का अच्छा इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का अनुभव निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहां बीते दिनों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर वापस लौटे थे। इन स्थितियों के बीच भी राज्य परीक्षण बढ़ाकर स्थिति को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में सफल रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य संपर्कों का पता लगाने पर युद्ध स्तर पर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 जिले ऐसे हैं जहां हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं उन्होंने आगे कहा कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग और मास्क तथा 2 गज दूरी के नियम का पालन करने के बारे में लोगों को निरंतर जागरूक करने पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

वायरस से निपटने के लिए और अधिक धन

प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि मामलों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि देश में प्रतिदिन 10 लाख से अधिक कोविड-19के परीक्षण किए जा रहे हैं। साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वाइरस का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और प्रभावी बनाए जाने की आवश्यकता है। मामलों का पता लगाने यानी ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए तंत्र बेहतर करने तथा और अच्छी प्रशिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि कोविड-19संबंधी स्वस्थ्य ढांचा मजबूत करने के लिए राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग 35% से बढ़ाकर 50% किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्यों को वायरस से मुकाबले में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने राज्यों से वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर एक दो दिनों का लॉकडाउन लगाने और उसके प्रभावों का आकलन करने का सुझाव दिया,बशर्ते राज्य में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने पर इसका नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। उन्होंने कहा कि हमें न वायरस से लगातार लड़ाई जारी रखनी है बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से आगे बढ़ना है।

टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और संदेश

प्रधानमंत्री ने प्रभावी परीक्षण, संपर्कों का पता लगाने, मरीजों का इलाज करने, निगरानी और स्पष्ट संदेश संप्रेषित करने की व्यवस्था को और बेहतर करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि एसिंप्टोमेटिक प्रकृति के चलते परीक्षण को लेकर संदेह न बढ़े इसके लिए प्रभावी संदेश संप्रेषण की व्यवस्था को प्रभावी करने की आवश्यकता है। उन्होंने दैनिक आधार पर मास्क का उपयोग करने की आदत विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने राज्यों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में हाल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बाधा सामने आई है जबकि मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना इस समय की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संपूर्ण राज्य में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने को कहा।

बैठक के दौरान गृहमंत्री ने कहा कि देश ने वायरस का मुकाबला करने की दिशा में लॉकडाउन के समय अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया। उन्होंने कहा कि राज्यों और जिलों को वायरस से मुकाबले के लिए तैयार होने की आवश्यकता है इसके संबंध में बैठक के दौरान मिली प्रतिक्रियाओं की मदद से दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने बताया कि देश के कुल कोविड-19 मामलों में 62% मामले 7 राज्यों मैं है और कोविड-19 के चलते हुई कुल मौतों में 77% मौतें इन्हीं 7 राज्यों में हैं। इस प्रस्तुति में 7 राज्यों के उन जिलों को रेखांकित किया गया जहां पर कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं, परीक्षण ज्यादा किए गए हैं, मृत्यु दर ज्यादा है और परीक्षण में पॉजिटिव आने वाले मामलों की दर भी ज्यादा है।

मुख्यमंत्रियों के वक्तव्य

इस बैठक में मुख्यमंत्रियों ने इस आपदा के समय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने अपने-अपने राज्य द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने की दिशा में आने वाली चुनौतियों, तैयारियों और अब तक विकसित किए गए स्वास्थ्य ढांचे के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने अपनी सरकार द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने, मृत्यु दर कम करने, पोस्ट कोविड केयरक्लीनिक शुरू करने, परीक्षण बढ़ाने सहित अब तक उठाए गए सभी कदमों के बारे में भी जानकारी दी।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Positive consumer sentiments drive automobile dispatches up 12% in 2024: SIAM

Media Coverage

Positive consumer sentiments drive automobile dispatches up 12% in 2024: SIAM
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 15 जनवरी 2025
January 15, 2025

Appreciation for PM Modi’s Efforts to Ensure Country’s Development Coupled with Civilizational Connect