प्रधानमंत्री ने राजस्थान में ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल से संबंधित 46,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आज सुशासन का प्रतीक बन रही हैं
इन 10 वर्षों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं प्रदान करने, उनके जीवन से कठिनाइयां कम करने पर बहुत ध्यान दिया है: श्री मोदी
हम समाधान प्रदान करने में विरोध नहीं, बल्कि सहयोग में विश्वास करते हैं: श्री मोदी
मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राज्य में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण, पानी की हर बूंद का उपयोग करना केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं, यह इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ में भाग लिया। उन्होंने राजस्थान सरकार और राज्य की जनता को प्रदेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि वे इस कार्यक्रम में आए लाखों लोगों का आशीर्वाद पाने के लिए भाग्यशाली हैं। श्री मोदी ने राजस्थान के विकास कार्यों को नई दिशा और गति देने के लिए किए गए प्रयासों के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि आगामी कई वर्षों के विकास के लिए पहला वर्ष एक मजबूत नींव के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम न केवल सरकार के एक वर्ष पूरे होने का प्रतीक है, बल्कि यह राजस्थान की चमक और राजस्थान के विकास के उत्सव का भी प्रतीक है। श्री मोदी ने राइजिंग राजस्थान समिट 2024 में अपनी हाल की यात्रा को याद करते हुए कहा कि उसमें दुनिया भर के कई निवेशक मौजूद थे और आज 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राजस्थान में पानी के क्षेत्र में आ रही बाधाओं का उचित समाधान प्रदान करेंगी और राजस्थान को भारत के सबसे बेहतर संपर्क वाले राज्यों में से एक बनाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में होने वाले इन विकास कार्यों से अधिक निवेशक आकर्षित होंगे, रोजगार के असीमित अवसर पैदा होंगे, पर्यटन क्षेत्र मजबूत होगा और राजस्थान के किसानों, महिलाओं तथा युवाओं को लाभ होगा।

श्री मोदी ने कहा, “आज केंद्र और राज्य की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकारें उनके द्वारा किए गए संकल्पों की पूर्ति सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा कि आज लोगों की राय है कि उनकी पार्टी सुशासन की गारंटी का प्रतीक है और यही कारण है कि इतने राज्यों में जनता का समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर देने के लिए देशवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले 60 वर्षों में लगातार तीन बार एक ही पार्टी द्वारा केंद्र सरकार बनाने का ऐसा कोई उदाहरण नहीं है। श्री मोदी ने महाराष्ट्र और हरियाणा में लगातार दो बार राज्य सरकार को चुनने और समर्थन देने के लिए लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा कि यह लोगों का उन पर भरोसा दिखाता है।

श्री मोदी ने विकास की मजबूत नींव रखने के लिए श्री भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व वाली राजस्थान की पिछली सरकारों और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि श्री भजनलाल शर्मा की वर्तमान सरकार सुशासन की विरासत को और मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में किए गए कार्यों से इसकी झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में किए गए कार्यों और परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों, महिलाओं, मजदूरों, विश्वकर्मा और घुमंतू जनजातियों के विकास के लिए कई फैसले लिए गए। पिछली सरकार की पहचान के रूप में पेपर लीक, रोजगार घोटाले जैसी बुराइयों को उजागर करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इन सभी से युवाओं को नुकसान हुआ है और अब मौजूदा सरकार ने इन समस्याओं को दूर करने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की मौजूदा सरकार ने पिछले एक साल में रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा किए हैं और नौकरियों के लिए परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित कर नियुक्तियां भी की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में राजस्थान के लोगों को पेट्रोल और डीजल के लिए अन्य राज्यों की तुलना में अधिक भुगतान करना पड़ता था लेकिन अब मौजूदा सरकार के तहत लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिली है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में पैसा जमा करती है और राजस्थान सरकार किसानों की सहायता के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें अपने वादों को तेजी से पूरा करते हुए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित कर रही हैं तथा आज का कार्यक्रम इस प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

श्री मोदी ने कहा कि राजस्थान की जनता के आशीर्वाद से उनकी सरकार पिछले 10 वर्षों से केंद्र में है और इन 10 वर्षों में उन्होंने लोगों को सुविधाएं प्रदान करने और उनकी कठिनाइयों को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पिछली सरकारों ने 5-6 दशकों में जो किया, उससे कहीं अधिक कार्य उन्होंने 10 वर्षों में किया है। राजस्थान में पानी के महत्व पर जोर देते हुए, जहां कई क्षेत्रों में भयंकर सूखा पड़ता है और अन्य क्षेत्रों में नदियों का पानी बिना उपयोग के समुद्र में बह जाता है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस समस्या के समाधान के लिए नदियों को जोड़ने की कल्पना की थी और इसके लिए एक विशेष समिति बनाई थी। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य नदियों से अतिरिक्त पानी को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में प्रवाहित करना था जिससे बाढ़ और सूखे दोनों समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दृष्टिकोण का समर्थन किया, लेकिन पिछली सरकारों ने कभी भी पानी की दिक्कतों को कम करने का लक्ष्य नहीं रखा और इसके बजाय राज्यों के बीच जल विवादों को बढ़ावा दिया। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस नीति के कारण राजस्थान को बहुत नुकसान हुआ, जिसका असर महिलाओं और किसानों पर पड़ा। प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात और राजस्थान के विभिन्न भागों में नर्मदा का पानी लाने के अपने प्रयासों को याद किया, जबकि तत्कालीन सरकार ने इसमें बाधा डालने का प्रयास किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनके निरंतर प्रयासों से राजस्थान को लाभ हुआ और श्री भैरों सिंह शेखावत और श्री जसवंत सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने इन प्रयासों की सराहना की। श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि जालौर, बाड़मेर, चूरू, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर और हनुमानगढ़ जैसे जिलों को अब नर्मदा का पानी मिल रहा है।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में देरी का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार विरोध और बाधाओं के बजाय सहयोग और समाधान में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ईआरसीपी को मंजूरी दी है और इसका विस्तार किया है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में उनकी सरकारें बनते ही, पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर एक समझौता हुआ, जो चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों, जिसमें पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बनास, रूपारेल, गंभीरी और मेज नदियां शामिल हैं, को आपस में जोड़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ऐसे दिन की कल्पना करते हैं जब राजस्थान को पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने कहा कि यह राजस्थान के 21 जिलों को सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराएगी और राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों के विकास को गति देगी।

श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज इसरदा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई और ताजेवाला से शेखावाटी तक पानी लाने के लिए भी समझौता हुआ, जिससे हरियाणा और राजस्थान दोनों को लाभ होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जल्द ही राजस्थान के शत-प्रतिशत घरों में नल का पानी उपलब्ध होगा। श्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी के भारत के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है।” महिलाओं की ताकत स्वयं सहायता समूह आंदोलन में स्पष्ट है, पिछले एक दशक में राजस्थान की लाखों महिलाओं सहित देश भर में 10 करोड़ महिलाएं इन समूहों से जुड़ी हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी सरकार ने इन समूहों को बैंकों से जोड़कर, वित्तीय सहायता को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर और लगभग 8 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर इन समूहों को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए प्रशिक्षण और नए बाजारों की भी व्यवस्था की है, जिससे वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार अब स्वयं सहायता समूहों की तीन करोड़ महिलाओं को "लखपति दीदी" बनाने के लिए काम कर रही है, जिनमें से 1.25 करोड़ से अधिक महिलाएं पहले ही यह दर्जा हासिल कर चुकी हैं और सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं।

श्री मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई नई योजनाओं का जिक्र करते हुए "नमो ड्रोन दीदी" योजना पर प्रकाश डाला, जिसके तहत हजारों महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हजारों समूहों को पहले ही ड्रोन मिल चुके हैं और महिलाएं इनका इस्तेमाल खेती और आय अर्जित करने के लिए कर रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है।

श्री मोदी ने महिलाओं के लिए हाल ही में शुरू की गई एक और महत्वपूर्ण योजना - बीमा सखी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत गांवों में महिलाएं और बेटियां बीमा कार्य में शामिल होंगी और उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना उन्हें आय के साथ-साथ राष्ट्र की सेवा करने का एक और अवसर प्रदान करेगी। देश के कोने-कोने में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने, खाते खोलने और लोगों को ऋण सुविधाओं से जोड़ने वाली बैंक सखियों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमा सखियां अब भारत के हर परिवार को बीमा सेवाओं से जोड़ने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार गांवों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जो एक विकसित भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे गांवों में आय और रोजगार के हर साधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। राजस्थान में उनकी सरकार ने बिजली क्षेत्र में कई समझौते किए हैं, जिससे किसानों को सबसे अधिक लाभ हुआ है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान सरकार की किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने की योजना उन्हें रात भर सिंचाई करने की मजबूरी से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

श्री मोदी ने कहा, “राजस्थान में सौर ऊर्जा की काफी संभावनाएं हैं और यह इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार ने सौर ऊर्जा को बिजली बिलों को शून्य करने का साधन बनाया है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित - पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, जो छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए 78,000 रुपये प्रदान करती है, का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उत्पादित बिजली का उपयोग घर द्वारा किया जा सकता है और कोई भी अतिरिक्त बिजली सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि इस योजना के लिए 1.4 करोड़ से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया था और लगभग 7 लाख घरों में पहले ही सौर पैनल प्रणाली स्थापित हो चुकी है। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में 20,000 से अधिक घर इस पहल में शामिल हैं और इन घरों ने सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू कर दिया है जिससे उनके बिजली बिलों में बचत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार न केवल छतों पर बल्कि खेतों में भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सौर संयंत्र लगाने की योजना बना रही है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जब हर परिवार और किसान ऊर्जा उत्पादक बन जाएगा, तो इससे बिजली से आय पैदा होगी और हर घर की आय बढ़ेगी।

 

श्री मोदी ने कहा, “हम राजस्थान को सड़क, रेल और हवाई यात्रा के मामले में सबसे अधिक संपर्क युक्त (कनेक्टेड) राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्रों के बीच स्थित राजस्थान अपने लोगों और युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है और इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे देश में सबसे बेहतरीन एक्सप्रेसवे में से एक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेज नदी पर एक प्रमुख पुल के निर्माण से सवाई माधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा, जिससे इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वडोदरा के प्रमुख बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों की पहुंच भी आसान हो जाएगी। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों का समय बचे और उनकी सुविधा बढ़े।

श्री मोदी ने कहा कि जामनगर-अमृतसर आर्थिक गलियारा, जब दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, तो राजस्थान वैष्णो देवी मंदिर से जुड़ जाएगा। इससे उत्तर भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों तक सीधी पहुंच मिलेगी, जिससे राजस्थान में परिवहन क्षेत्र को बड़े गोदामों की स्थापना से लाभ होगा, जिससे युवाओं के लिए अधिक रोजगार सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जोधपुर रिंग रोड जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे शहर में अनावश्यक यातायात कम होगा, जिससे जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए यह आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पानी की हर बूंद का प्रभावी ढंग से उपयोग करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने लोगों से सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप सिंचाई और अमृत सरोवरों के रखरखाव में शामिल होने और जल प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आग्रह करते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया। श्री मोदी ने पेड़ लगाने के महत्व पर प्रकाश डाला और माताओं और धरती माता दोनों को सम्मान देने के लिए "एक पेड़ मां के नाम" अभियान का सुझाव दिया। उन्होंने लोगों से सौर ऊर्जा के उपयोग और पीएम सूर्यघर अभियान के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग किसी अभियान के सही इरादे और नीति देखते हैं, तभी वे उससे जुड़ते हैं और उसे आगे बढ़ाते हैं, जैसा कि स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियानों में देखा गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पर्यावरण संरक्षण में भी इसी तरह की सफलता हासिल होगी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान में आधुनिक विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये प्रयास एक विकसित राजस्थान के निर्माण में योगदान देंगे, जिससे भारत के विकास में तेजी आएगी। श्री मोदी ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में केंद्र और राज्य की सरकारें और अधिक गति से काम करेंगी। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि केंद्र सरकार राजस्थान के विकास में सहयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की 9 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें 7 केंद्र सरकार की परियोजनाएं और 2 राज्य सरकार की परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने 35,300 करोड़ रुपये से अधिक की 15 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें 9 केंद्र सरकार की परियोजनाएं और 6 राज्य सरकार की परियोजनाएं शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें नवनेरा बैराज, स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन नेटवर्क और एसेट मैनेजमेंट सिस्टम परियोजनाएं, भीलडी-समदरी-लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ खंड का रेलवे विद्युतीकरण और दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट (एनएच-148एन) (एसएच-37ए के जंक्शन तक मेज नदी पर प्रमुख पुल) परियोजना के पैकेज 12 सहित अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं लोगों को आसान आवागमन प्रदान करने और प्रधानमंत्री के हरित ऊर्जा के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री ने 9,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से रामगढ़ बैराज एवं महलपुर बैराज के निर्माण कार्य तथा नवनेरा बैराज से चंबल नदी पर एक्वाडक्ट के माध्यम से बीसलपुर बांध एवं ईसरदा बांध तक पानी स्थानांतरित करने की प्रणाली की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने सरकारी कार्यालयों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पूगल (बीकानेर) में 2000 मेगावाट के एक सौर पार्क और 1000 मेगावाट के दो चरणों के सौर पार्कों के विकास तथा सैपऊ (धौलपुर) से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामाण और पहाड़ी तथा चंबल-धौलपुर-भरतपुर तक पेयजल पारेषण लाइन की मरम्मत और सुधार (रेट्रोफिटिंग) कार्य का भी शिलान्यास किया। लूनी-समदड़ी-भीलड़ी डबल लाइन, अजमेर-चंदेरिया डबल लाइन और जयपुर-सवाई माधोपुर डबल लाइन रेलवे परियोजना के साथ-साथ अन्य ऊर्जा पारेषण से संबंधित परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया जाएगा।

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PM chairs 47th Annual General Meeting of Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society in New Delhi
June 23, 2025
PM puts forward a visionary concept of a “Museum Map of India”
PM suggests development of a comprehensive national database of all museums in the country
A compilation of all legal battles relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency: PM
PM plants a Kapur (Cinnamomum camphora) tree at Teen Murti House symbolizing growth, heritage, and sustainability

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the 47th Annual General Meeting of the Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society at Teen Murti Bhawan in New Delhi, earlier today.

During the meeting, Prime Minister emphasised that museums hold immense significance across the world and have the power to make us experience history. He underlined the need to make continuous efforts to generate public interest in museums and to enhance their prestige in society.

Prime Minister put forward a visionary concept of a “Museum Map of India”, aimed at providing a unified cultural and informational landscape of museums across the country.

Underlining the importance of increased use of technology, Prime Minister suggested development of a comprehensive national database of all museums in the country, incorporating key metrics such as footfall and quality standards. He also suggested organising regular workshops for those managing and operating museums, with a focus on capacity building and knowledge sharing.

Prime Minister highlighted the need for fresh initiatives, such as creation of a committee consisting of five persons from each State below the age of 35 years in order to bring out fresh ideas and perspectives on museums in the country.

Prime Minister also highlighted that with the creation of museum on all Prime Ministers, justice has been done to their legacy, including that of the first Prime Minister of India Shri Jawaharlal Nehru. This was not the case before 2014.

Prime Minister also asked for engaging top influencers to visit the museums and also invite the officials of various embassies to Indian museums to increase the awareness about the rich heritage preserved in Indian Museums.

Prime Minister advised that a compilation of all the legal battles and documents relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency.

Prime Minister highlighted the importance of preserving and documenting the present in a systematic manner. He noted that by strengthening our current systems and records, we can ensure that future generations and researchers in particular will be able to study and understand this period without difficulty.

Other Members of the PMML Society also shared their suggestions and insights for further enhancement of the Museum and Library.

Prime Minister also planted a Kapur (Cinnamomum camphora) tree in the lawns of Teen Murti House, symbolizing growth, heritage, and sustainability.