कोरोना काल में देशवासियों की अभूतपूर्व सेवाओं के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की सराहना की
सरकार लगातार वह माहौल, वे स्थितियां बना रही है जिनमें सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं: प्रधानमंत्री
भारत में बने खिलौनों को बढ़ावा देने में स्वयं सहायता समूहों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने 4 लाख से भी अधिक एसएचजी को 1,625 करोड़ रुपये की पूंजीकरण सहायता राशि जारी की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद'’ में भाग लिया और आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत प्रमोट किए गए महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्यों/सामुदायिक संसाधन सदस्योंग के साथ संवाद किया। इस कार्यक्रम के दौरान देश भर में स्थित महिला एसएचजी की सदस्यों की सफलता की गाथाओं के एक संग्रह के साथ- साथ कृषि आजीविका के सार्वभौमिकरण पर एक पुस्तिका का भी विमोचन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।

 

प्रधानमंत्री ने 4 लाख से भी अधिक एसएचजी को 1,625 करोड़ रुपये की पूंजीकरण सहायता राशि भी जारी की। इसके अलावा उन्होंेने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएमएफएमई (सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का पीएम औपचारिकरण) योजना के तहत 7,500 एसएचजी सदस्यों के लिए सीड मनी के रूप में 25 करोड़ रुपये और मिशन के तहत प्रमोट किए जा रहे 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को फंड के रूप में 4.13 करोड़ रुपये जारी किए।

इस अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह; केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस; ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एवं श्री फग्गन सिंह कुलस्ते; पंचायती राज राज्यमंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में अभूतपूर्व सेवाओं के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने मास्क एवं सैनिटाइजर बनाने और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने तथा जागरूकता फैलाने में उनके अद्वितीय योगदान को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं में उद्यमिता का दायरा बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में उनकी और अधिक भागीदारी के लिए रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर आज 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को एक बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और दीन दयाल अंत्योदय योजना से ग्रामीण भारत में एक नई क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों का यह आंदोलन तेज हुआ है। उन्होंने कहा कि आज देशभर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं जो 6-7 वर्षों के आंकड़े से तीन गुना अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस सरकार से पहले के समय को याद किया जब करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता नहीं होता था और वे बैंकिंग प्रणाली से कोसों दूर थीं। उन्होंने कहा कि इसी वजह से इस सरकार ने जन धन खाते खोलने का व्यापक अभियान शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा कि आज 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते हैं, जिनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।उन्होंने कहा कि बैंकों से कर्ज लेना आसान बनाने के लिए ये बैंक खाते खोले गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सरकार ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बहनों की जितनी मदद की है, वह पिछली सरकार से कई गुना ज्यादा है। स्वयं सहायता समूहों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों ने बैंकों को ऋण चुकाने की दिशा में भी अच्छा काम किया है। एक समय था जब लगभग 9 प्रतिशत बैंक ऋण गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए)बन गए थे। अब यह घटकर 2-3 प्रतिशत पर आ गया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की ईमानदारी की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की सीमा को दोगुना करते हुए 20 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपके बचत खातों को ऋण खाते से जोड़ने की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई प्रयासों से अब आप आत्मनिर्भरता के अभियान में और अधिक उत्साह के साथ आगे बढ़ सकेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह आजादी के 75वें साल का समय है। यह समय नए लक्ष्य निर्धारित करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। बहनों की सामूहिक शक्ति को भी अब नई ताकत के साथ आगे बढ़ना है। सरकार लगातार ऐसे माहौल और अवसर पैदा कर रही है, जिससे आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एक विशेष फंड बनाया गया है। स्वयं सहायता समूह भी इस फंड से मदद लेकर कृषि आधारित सुविधाओं का निर्माण कर सकेंगे। स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाएं उचित दर निर्धारित करके इन सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं और दूसरों को किराए पर भी दे सकती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों से न सिर्फ हमारे किसानों को फायदा मिलेगा, बल्कि उसके जरिए स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह, किसानों से सीधे खरीद कर सकते हैं और दाल जैसी उपज की होम डिलीवरी भी की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि अब आप उपज का कितनी भी मात्रा में भंडारण कर सकते हैं। भंडारण पर कोई रोक नहीं है। स्वयं सहायता समूहों के पास यह विकल्प है कि वे सीधे खेत से उपज बेचें या खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करके उसको अच्छी पैकेजिंग के साथ बेचें। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वयं सहायता समूह ऑनलाइन कंपनियों के साथ जुड़कर,आसानी से अपने उत्पादों की बढ़िया पैकेजिंग कर शहरों में भेज सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार मेड इन इंडिया खिलौनों को भी बढ़ावा दे रही है और इसके लिए हर संभव मदद भी कर रही है। खास तौर से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें इस हुनर से परंपरागत रूप से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी स्वयं सहायता समूहों के लिए काफी संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए अभियान जारी है। इसमें स्वयं सहायता समूहों की दोहरी भूमिका है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके विकल्प के लिए काम करने का आग्रह किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से ऑनलाइन सरकारी ई-मार्केटप्लेस का पूरा लाभ उठाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज बदलते भारत में देश की बहनों-बेटियों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं और उनसे देश आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी बहनों को घर, शौचालय, बिजली, पानी और गैस जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सरकार बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और अन्य जरूरतों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ महिलाओं का सम्मान बढ़ा है बल्कि बेटियों-बहनों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से राष्ट्र निर्माण के प्रयासों को अमृत महोत्सव से भी जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 8 करोड़ से अधिक बहन-बेटियों की सामूहिक शक्ति से अमृत महोत्सव को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने महिलाओं से कहा कि वह यह सोचे कि इसके लिए वे सेवा भावना के साथ कैसे सहयोग कर सकती हैं। उन्होंने सरकार द्वारा महिलाओं के लिए पोषण संबंधी जागरूकता अभियान, कोविड-19 के टीके लगाने, गांवों में स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे चलाए जा रहे अभियानों का भी उदाहरण दिया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से आग्रह किया वह पास के डेयरी प्लांट, गोबर प्लांट, सौर संयंत्र में जाएं और वहां उनके काम करने के श्रेष्ठ तरीकों को सीखें।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों के कार्यों की सराहना की और कहा अमृत महोत्सव की सफलता का अमृत उनके प्रयासों से हर जगह फैलेगा और इसका लाभ पूरे देश को मिलेगा।

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Prime Minister watches ‘The Sabarmati Report’ movie
December 02, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi today watched ‘The Sabarmati Report’ movie along with NDA Members of Parliament today.

He wrote in a post on X:

“Joined fellow NDA MPs at a screening of 'The Sabarmati Report.'

I commend the makers of the film for their effort.”