प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज माले स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। बैठक से पहले, राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री का रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक स्वागत किया। यह बैठक सौहार्दपूर्ण रही और इससे दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता की पुष्टि हुई।

प्रधानमंत्री ने उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को दिए गए शानदार आतिथ्य के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया और मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। साथ ही दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के विशेष अवसर पर भी अपनी शुभकामनाएं दीं।

दोनों नेताओं ने सदियों से स्थापित मित्रता और विश्वास के गहरे बंधनों पर प्रकाश डाला, जो दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों से और मजबूत हुए हैं। दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए 'व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव साझा दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने अपनी "पड़ोसी प्रथम" और विजन महासागर नीतियों के अनुरूप मालदीव के साथ संबंधों को और अधिक मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव के समक्ष किसी भी संकट के समय सबसे पहले प्रतिक्रिया देने की भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की। दोनों नेताओं ने विकास साझेदारी, बुनियादी ढांचे के समर्थन, क्षमता निर्माण, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने का आह्वान किया तथा इस संबंध में कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के तहत दोनों देशों के बीच सहयोग का उल्लेख किया।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता और द्विपक्षीय निवेश संधि दोनों पक्षों के लिए नये अवसर खोलेगी। इस बात पर गौर करते हुए कि दोनों देशों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ उठाना चाहिए, विशेष रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने यूपीआई को अपनाने, रुपे कार्ड की स्वीकृति और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार पर हाल की सहमति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ विकास साझेदारी पहले से ही मजबूत लोगों के बीच संबंधों को और अधिक मूल्यवान बना रही है।

दोनों नेताओं ने कहा कि ग्लोबल साउथ साझेदार के रूप में, वे पृथ्वी और यहां के लोगों के लाभ के लिए जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, प्राकृतिक आपदा जोखिम में कमी लाने तथा जलवायु विज्ञान जैसे मुद्दों पर काम करना जारी रखेंगे।

प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू को धन्यवाद दिया।

दोनों नेताओं के बीच मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि, मौसम विज्ञान, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, यूपीआई, भारतीय फार्माकोपिया और रियायती ऋण सुविधाओं के क्षेत्रों में छह समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान हुआ। नई ऋण व्यवस्था मालदीव में अवसंरचना विकास और अन्य गतिविधियों के लिए 4850 करोड़ रुपये [लगभग 550 मिलियन अमेरिकी डॉलर] प्रदान करती है। मौजूदा ऋणों के लिए एक संशोधन समझौते का भी आदान-प्रदान किया गया। इससे मालदीव के वार्षिक ऋण सेवा दायित्वों में 40 प्रतिशत [51 मिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर] की कमी आएगी। दोनों पक्षों ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के संदर्भ की शर्तों का भी आदान-प्रदान किया।

दोनों नेताओं ने अड्डू शहर में सड़क और जल निकासी प्रणाली परियोजनाओं और अन्य शहरों में 6 उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल और आव्रजन अधिकारियों के लिए 3,300 सामाजिक आवास इकाइयां और 72 वाहन भेंट किए।

प्रधानमंत्री ने मालदीव सरकार को आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब [भीष्म] की दो इकाइयां भी सौंपीं। अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ इस क्यूब से 200 घायलों को चिकित्सा सहायता मिल सकती है और इसमें छह चिकित्साकर्मियों के दल को 72 घंटे तक सहायता प्रदान करने की क्षमता भी है।

प्रकृति संरक्षण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के अनुरूप, दोनों नेताओं ने भारत के "एक पेड़ मां के नाम" और मालदीव के "5 मिलियन वृक्षारोपण की प्रतिज्ञा" अभियान के तहत आम के पौधे लगाए।

प्रधानमंत्री ने मालदीव और वहां के लोगों को उनकी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार समर्थन देने तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, विकास और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

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पीएम 19 नवंबर को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के दौरे पर
November 18, 2025
प्रधानमंत्री कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री 9 करोड़ किसानों के लिए पीएम-किसान निधि की 18,000 करोड़ रुपये की 21वीं किस्त जारी करेंगे
प्रधानमंत्री पुट्टापार्थी में भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और उनकी शाश्वत विरासत के सम्मान में स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का सेट जारी करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के पुट्टापार्थी में सुबह लगभग 10 बजे भगवान श्री सत्य साईं बाबा के पवित्र तीर्थस्थल और महासमाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह लगभग 10:30 बजे भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे। वे इस अवसर पर भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षाओं और शाश्वत विरासत को समर्पित स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का सेट जारी करेंगे। वे इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कोयंबटूर जाएंगे। वहां वे लगभग 1:30 बजे दिन में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री देश भर के 9 करोड़ किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-किसान योजना की 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 21वीं किस्त जारी करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर वहां उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन तमिलनाडु प्राकृतिक कृषि हितधारक मंच की ओर से 19 से 21 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना तथा भारत में कृषि के भविष्य के लिए व्यावहारिक, जलवायु-अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ मॉडल के रूप में प्राकृतिक और पुनः विकास योग्य कृषि की ओर परिवर्तन को गति प्रदान करना है।

यह शिखर सम्मेलन किसान और उत्पादक संगठनों तथा ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाज़ार संपर्क का निर्माण करने पर भी केंद्रित होगा। साथ ही इसमें जैविक इनपुट, कृषि-प्रसंस्करण, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और स्वदेशी तकनीकों में नवाचारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक कृषि व्यवसायी, वैज्ञानिक, जैविक इनपुट आपूर्तिकर्ता, विक्रेता और हितधारक भाग लेंगे।