सुदर्शन चक्रधारी मोहन और चरखाधारी मोहन के दिखाए मार्ग पर चलकर भारत आज और भी सशक्त हो रहा है: प्रधानमंत्री
आज, आतंकवादियों और उनके आकाओं को, चाहे वे कहीं भी छिपे हों, छोड़ा नहीं जाता: प्रधानमंत्री
हमारी सरकार लघु उद्यमियों, किसानों या पशुपालकों का कोई अहित नहीं होने देगी: प्रधानमंत्री
आज, गुजरात की धरती पर हर प्रकार के उद्योग का विस्तार हो रहा है: प्रधानमंत्री
नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग, दोनों को सशक्त बनाने का हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं: प्रधानमंत्री
इस दिवाली, चाहे वह व्यवसायी समुदाय हो या अन्य परिवार, सभी को खुशियों का दोहरा लाभ मिलेगा: प्रधानमंत्री
त्योहारों के मौसम में घर में खरीदी गई सभी खरीदारी, उपहार और सजावट के लिए लाए गए सभी सामान, भारत निर्मित हों: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के अहमदाबाद में 5,400 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इस समय गणेशोत्सव के उत्साह में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा कि गणपति बप्पा के आशीर्वाद से, आज गुजरात की प्रगति से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता के चरणों में कई परियोजनाएं समर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने इन विकास पहलों के लिए सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई दी।

इस मानसून के मौसम में, गुजरात के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा और भारत के कुछ स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने सभी प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रकृति का यह प्रकोप पूरे देश के लिए एक चुनौती बन गया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर, सक्रिय रूप से राहत और बचाव कार्य कर रही है।

गुजरात को दो मोहनों की भूमि बताते हुए, प्रधानमंत्री ने पहले मोहन को सुदर्शन चक्रधारी - द्वारकाधीश श्री कृष्ण – के रूप में व्यक्त किया। उन्होंने दूसरे मोहन को चरखाधारी - साबरमती के संत, पूज्य बापू - के रूप में व्यक्त किया। श्री मोदी ने कहा, "सुदर्शन चक्रधारी मोहन और चरखाधारी मोहन के दिखाए मार्ग पर चलकर भारत आज और भी सशक्त हो रहा है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुदर्शन-चक्रधारी मोहन ने हमें सिखाया कि कैसे हम राष्ट्र और समाज की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुदर्शन चक्र न्याय और सुरक्षा का कवच बन गया है - जो पाताल लोक में छिपे दुश्मनों को भी दंडित करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यही भावना आज भारत के निर्णयों में भी झलकती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज भारत आतंकवादियों या उनके आकाओं को, चाहे वे कहीं भी छिपे हों, नहीं छोड़ता। श्री मोदी ने कहा कि दुनिया ने देखा है कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला कैसे लिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत के सशस्त्र बलों के पराक्रम और सुदर्शन-चक्रधारी मोहन से प्रेरित राष्ट्र के संकल्प का प्रतीक बताया।

स्वदेशी के माध्यम से भारत की समृद्धि का मार्ग दिखाने वाले चरखाधारी मोहन - पूज्य बापू - की विरासत का आह्वान करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि साबरमती आश्रम उस पार्टी के कार्यों और अकर्मों का साक्षी है, जिसने बापू के नाम पर दशकों तक सत्ता का आनंद लिया। उन्होंने सवाल किया कि उस पार्टी ने स्वदेशी के मंत्र के साथ क्या किया। साठ से पैंसठ वर्षों तक देश पर शासन करने वाली और भारत को विदेशी देशों पर निर्भर रखने वाली पार्टी की आलोचना करते हुए, श्री मोदी ने आरोप लगाया कि ऐसा आयात में हेरफेर करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत ने आत्मनिर्भरता को विकसित राष्ट्र के निर्माण की आधारशिला बना दिया है। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि भारत अपने किसानों, मछुआरों, पशुपालकों और उद्यमियों की ताकत के माध्यम से इस मार्ग पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, श्री मोदी ने उल्लेख किया कि गुजरात में बड़ी संख्या में पशुपालक हैं। उन्होंने कहा कि भारत का डेयरी क्षेत्र शक्ति का स्रोत है और इसने देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है। प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि दुनिया आर्थिक स्वार्थ से प्रेरित राजनीति देख रही है। अहमदाबाद की धरती से, श्री मोदी ने दृढ़ता से कहा कि लघु उद्यमियों, दुकानदारों, किसानों और पशुपालकों का कल्याण उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार लघु उद्यमियों, किसानों या पशुपालकों के हितों का कोई अहित नहीं होने देगी।

श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा, "गुजरात आत्मनिर्भर भारत अभियान को तीव्र गति प्रदान कर रहा है। यह प्रगति दो दशकों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है।" उन्होंने आगे कहा कि आज के युवाओं ने वो दिन नहीं देखे हैं, जब इस क्षेत्र में अक्सर कर्फ्यू लगा रहता था। यह याद करते हुए कि व्यापार और व्यवसाय करना बेहद मुश्किल हुआ करता था, प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय अशांति का माहौल था। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हालाँकि, आज अहमदाबाद देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है और इस बदलाव को संभव बनाने का श्रेय वहाँ के लोगों को दिया।

गुजरात में स्थापित शांति और सुरक्षा के माहौल के राज्य भर में सकारात्मक परिणाम मिलने पर ज़ोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "आज, गुजरात में सभी प्रकार के उद्योगों का विस्तार हो रहा है।" उन्होंने कहा कि पूरा राज्य गुजरात के एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने पर गर्व महसूस करता है। दाहोद की अपनी हाल की यात्रा को याद करते हुए, जहाँ रेल कारखाने में शक्तिशाली इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन बनाए जा रहे हैं, श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में बने मेट्रो कोच अब दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात में मोटरसाइकिल और कारों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ राज्य में कारखाने स्थापित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात पहले से ही विभिन्न विमान घटकों का उत्पादन और निर्यात कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वडोदरा ने अब परिवहन विमानों का निर्माण शुरू कर दिया है। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि गुजरात इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है, प्रधानमंत्री ने बताया कि वे कल हंसलपुर जाएँगे, जहाँ इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की जा रही है। इस बात पर बल देते हुए कि आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सेमीकंडक्टर के बिना नहीं बनाए जा सकते, श्री मोदी ने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि गुजरात ने वस्त्र, रत्न और आभूषण उद्योग में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने आगे कहा कि दवाइयों और टीकों सहित दवा उत्पादन के क्षेत्र में देश का लगभग एक-तिहाई निर्यात गुजरात से होता है।

प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, "भारत सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और इस प्रगति में गुजरात का योगदान सबसे ज़्यादा है।" उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि गुजरात हरित ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स के एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की पेट्रोकेमिकल आवश्यकताओं को पूरा करने में गुजरात महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि प्लास्टिक उद्योग, सिंथेटिक फाइबर, उर्वरक, दवाइयाँ, पेंट उद्योग और सौंदर्य प्रसाधन - सभी पेट्रोकेमिकल क्षेत्र पर बहुत अधिक निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में पारंपरिक उद्योगों का विस्तार हो रहा है और नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं। ये सभी प्रयास आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह विकास गुजरात के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लगातार पैदा कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे उद्योग हो, कृषि हो या पर्यटन - सभी क्षेत्रों के लिए उत्कृष्ट परिवहन संपर्क आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 20-25 वर्षों में गुजरात की परिवहन संपर्क सुविधा में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने आगे कहा कि आज कई सड़क और रेल संबंधी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल रिंग रोड के नाम से प्रसिद्ध सर्कुलर रोड को अब चौड़ा किया जा रहा है और इसे छह लेन वाली सड़क में विकसित किया जा रहा है। इस विस्तार से शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में यातायात की भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि वीरमगाम-खुदराद-रामपुरा रोड को चौड़ा करने से क्षेत्र के किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज शहर के परिवहन संपर्क को और बेहतर बनाएंगे।

श्री मोदी ने याद करते हुए कहा कि एक समय था जब इस क्षेत्र में केवल पुरानी लाल रंग की बसें ही चलती थीं, लेकिन आज बीआरटीएस जनमार्ग और एसी-इलेक्ट्रिक बसों ने आधुनिक सुविधाएँ प्रदान की हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मेट्रो रेल नेटवर्क का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे अहमदाबाद के लोगों के लिए यात्रा सुगम हुई है। उन्होंने उल्लेख किया कि गुजरात का हर शहर एक बड़े औद्योगिक गलियारे से घिरा हुआ है। उन्होंने बताया कि हालांकि, दस साल पहले तक पत्तनों और ऐसे औद्योगिक केंद्रों के बीच उचित रेल संपर्क का अभाव था। श्री मोदी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने गुजरात में इस मुद्दे पर ध्यान देना शुरू किया। पिछले ग्यारह वर्षों में राज्य भर में लगभग 3,000 किलोमीटर नई रेल पटरियाँ बिछाई गई हैं, गुजरात का पूरा रेलवे नेटवर्क अब पूरी तरह से विद्युतीकृत हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात के लिए घोषित रेल परियोजनाओं से किसानों, उद्योगों और तीर्थयात्रियों, सभी को समान रूप से लाभ होगा।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार शहरी गरीबों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है, उन्होंने रामापीर नो टेकरो को इस प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया। उन्होंने याद किया कि पूज्य बापू हमेशा गरीबों की गरिमा पर ज़ोर देते थे और साबरमती आश्रम के पास नवनिर्मित घरों को इस विज़न का जीवंत उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को 1,500 पक्के घरों का आवंटन अनगिनत नए सपनों की नींव रखे जाने को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि इस नवरात्रि और दिवाली पर इन घरों में रहने वालों के चेहरों पर खुशी और भी बढ़ जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल के साथ-साथ, पूज्य बापू को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में बापू के आश्रम का जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से वे साबरमती आश्रम के जीर्णोद्धार का काम कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जिस तरह स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी देश और दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है, उसी तरह साबरमती आश्रम का जीर्णोद्धार पूरा होने पर यह शांति का सबसे बड़ा वैश्विक प्रतीक बन जाएगा। सभी से उनके शब्दों पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि जीर्णोद्धार पूरा होने के बाद, साबरमती आश्रम शांति के लिए दुनिया की सबसे बड़ी प्रेरणा के रूप में उभरेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मजदूर परिवारों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करना उनकी सरकार का प्रमुख मिशन रहा है।" उन्होंने याद दिलाया कि कई साल पहले, गुजरात में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए स्थायी चारदीवारी से सुरक्षित (गेटेड सोसाइटी) बनाने की पहल की गई थी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में, ऐसी कई आवास परियोजनाएँ पूरी हुई हैं, जिनमें झुग्गियों की जगह सम्मानजनक निवास-स्थल बनाये गए हैं और यह अभियान जारी रहेगा।

श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि वे उपेक्षित लोगों की पूजा करते हैं, शहरी गरीबों के जीवन में सुधार उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट-वेंडर) और फुटपाथ पर काम करने वालों की पहले उपेक्षा की जाती थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी मदद के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, देश भर के लगभग 70 लाख रेहड़ी-पटरी वालों और ठेला चलाने वालों को बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात में भी लाखों लाभार्थियों को इस पहल के माध्यम से सहायता मिली है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले ग्यारह वर्षों में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी से मुक्ति पाई है, जो भारत के लिए गर्व की बात है और दुनिया भर की आर्थिक संस्थाओं में चर्चा का विषय है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने देश में एक नए मध्यम वर्ग के उदय में योगदान दिया है। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा, "हमारी सरकार नव मध्यम वर्ग और पारंपरिक मध्यम वर्ग, दोनों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है।" उन्होंने बताया कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर-मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने आगे घोषणा की कि सरकार अब जीएसटी प्रणाली में सुधार कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार लघु उद्यमियों को समर्थन देंगे और कई वस्तुओं पर टैक्स में कमी लायेंगे। उन्होंने कहा कि इस दिवाली, देश भर के व्यवसायी समुदाय और परिवारों को खुशियों का दोहरा उपहार मिलेगा।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के तहत बिजली के बिलों को शून्य पर लाने को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने बताया कि गुजरात में लगभग छह लाख परिवार पहले ही इस योजना से जुड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि अकेले गुजरात में इन परिवारों को सरकार द्वारा 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लाभार्थियों के बिजली बिलों में मासिक आधार पर उल्लेखनीय बचत हुई है।

श्री मोदी ने कहा कि अहमदाबाद शहर अब सपनों और संकल्पों का शहर बन रहा है। यह याद करते हुए कि एक समय था जब लोग अहमदाबाद को "गर्दाबाद" कहकर उसका मजाक उड़ाते थे, श्री मोदी ने बताया कि कैसे उड़ती धूल और गंदगी शहर का दुर्भाग्य बन गई थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज अहमदाबाद अपनी स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अहमदाबाद के प्रत्येक निवासी के सामूहिक प्रयासों को दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात का ज़िक्र किया कि आज के युवाओं ने वो दिन नहीं देखे जब साबरमती नदी सूखे नाले जैसी दिखती थी। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के लोगों ने इस स्थिति को बदलने का संकल्प लिया। साबरमती रिवरफ्रंट अब शहर का गौरव बढ़ा रहा है। श्री मोदी ने याद किया कि कांकरिया झील का पानी कभी हरा और खरपतवारों के कारण बदबूदार हुआ करता था, जिससे आस-पास पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता था और यह इलाका असामाजिक तत्वों का पसंदीदा ठिकाना बन गया था। उन्होंने कहा कि आज यह झील बेहतरीन मनोरंजन स्थलों में से एक बन गई है। उन्होंने झील में नौकायन और किड्स सिटी का ज़िक्र ऐसे स्थानों के रूप में किया, जहाँ बच्चों के लिए मनोरंजन और ज्ञान-प्राप्ति का संगम होता है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ये सभी विकास अहमदाबाद के बदलते स्वरूप को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांकरिया कार्निवल अब शहर की एक नई पहचान बन गया है।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि अहमदाबाद एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है, श्री मोदी ने कहा कि अहमदाबाद को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर शहर के रूप में मान्यता दी गया है। उन्होंने कहा कि चाहे ऐतिहासिक द्वार हों, साबरमती आश्रम हो, या शहर की समृद्ध विरासत हो - अहमदाबाद अब वैश्विक मानचित्र पर चमक रहा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि शहर में पर्यटन के आधुनिक और अभिनव रूप तेज़ी से विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद संगीत कार्यक्रमों से जुड़ी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। उन्होंने शहर में हाल ही में आयोजित कोल्डप्ले संगीत कार्यक्रम का भी ज़िक्र किया, जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया था। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि एक लाख लोगों की क्षमता वाला अहमदाबाद स्टेडियम एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। उन्होंने कहा कि यह अहमदाबाद की बड़े पैमाने पर संगीत कार्यक्रमों के साथ-साथ प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी करने की क्षमता को दर्शाता है।

त्योहारों के मौसम का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि देश अब नवरात्रि, विजयादशमी, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों के दौर में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये त्योहार केवल सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं हैं, बल्कि इन्हें आत्मनिर्भरता के त्योहार के रूप में भी देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर नागरिकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि त्योहारों के मौसम में घर लाई गई सभी खरीदारी, उपहार और सजावटी सामान भारत निर्मित हों। उन्होंने सभी को याद दिलाया कि सच्चा उपहार वही है जो भारत में बना हो—भारतीय नागरिकों के हाथों से तैयार किया गया हो। उन्होंने दुकानदारों से भी भारतीय निर्मित उत्पादों को गर्व से बेचने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन छोटे-छोटे लेकिन सार्थक प्रयासों से ये त्योहार भारत की समृद्धि के भव्य उत्सव बनेंगे। उन्होंने विकास पहलों के लिए सभी नागरिकों को बधाई देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।

इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पाटिल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

विश्व स्तरीय अवसंरचना और परिवहन-संपर्क सुविधा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेल परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 65 किलोमीटर लंबी महेसाणा-पालनपुर रेल लाइन का दोहरीकरण, 37 किलोमीटर लंबी कलोल-कडी-कटोसन रोड रेल लाइन का आमान परिवर्तन और 860 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 40 किलोमीटर लंबी बेचराजी-रानुज रेल लाइन शामिल हैं। बड़ी-लाइन क्षमता के साथ, ये परियोजनाएँ क्षेत्र में सुगम, सुरक्षित और अधिक निर्बाध परिवहन-संपर्क सुविधा सुनिश्चित करेंगी। इससे दैनिक यात्रियों, पर्यटकों और व्यवसायों के लिए यात्रा आसान हो जायेगी, साथ ही क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, कटोसन रोड और साबरमती के बीच यात्री ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करने से धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुँच उपलब्ध होगी और जमीनी स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बेचराजी से मालगाड़ी सेवा राज्य के औद्योगिक केंद्रों से परिवहन-संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करेगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

परिवहन-संपर्क सुविधा में सुधार, यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास में तेज़ी लाने के अपने विज़न को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने वीरमगाम-खुदाद-रामपुरा सड़क को चौड़ा करने के परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने अहमदाबाद-मेहसाणा-पालनपुर मार्ग पर छह लेन वाले वाहन अंडरपास और अहमदाबाद-वीरमगाम मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की आधारशिला भी रखी। सामूहिक रूप से, ये पहल क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगी, परिवहन दक्षता और आर्थिक अवसरों को बेहतर बनाएंगी।

राज्य में बिजली क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (यूजीवीसीएल) के तहत अहमदाबाद, मेहसाणा और गांधीनगर में बिजली वितरण परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना के तहत घाटे को कम करना, नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और अवसंरचना को मजबूत करना है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली ये परियोजनाएँ प्रतिकूल मौसम के दौरान बिजली की रुकावटों और कटौती को कम करेंगी, जन सुरक्षा, ट्रांसफार्मर सुरक्षा और बिजली आपूर्ति नेटवर्क की विश्वसनीयता में सुधार लाएँगी।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के यथास्थित स्लम पुनर्वास घटक के अंतर्गत रामापीर नो टेकरो के सेक्टर-3 स्थित स्लम विकास परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने अहमदाबाद के आसपास सरदार पटेल रिंग रोड पर यातायात प्रवाह को सुगम बनाने और परिवहन-संपर्क सुविधा में सुधार के लिए कार्यान्वित की जा रही सड़क चौड़ीकरण की प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। उन्होंने जल और सीवरेज प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ करने के लिए प्रमुख शहरी अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

प्रशासनिक दक्षता और सार्वजनिक सेवा अदायगी को सुदृढ़ करते हुए, प्रधानमंत्री ने गुजरात में प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसमें अहमदाबाद पश्चिम में एक नए स्टाम्प एवं पंजीकरण भवन का निर्माण शामिल होगा, जिसका उद्देश्य नागरिक-केंद्रित सेवाओं में सुधार लाना है। इसके अलावा गांधीनगर में एक राज्य-स्तरीय डेटा संग्रहण केंद्र की स्थापना की जायेगी, जिसे पूरे गुजरात में सुरक्षित डेटा प्रबंधन और डिजिटल शासन क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।