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“वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है। संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है, उनमें नई उम्मीद जाग जाती है”
चुनौतियों का सामना जब धैर्य और दृढ़ता के साथ किया जाता है, तो सफलता मिलती ही है
“यह पूरा अभियान संवेदनशीलता, कुशलता और साहस का प्रतीक रहा है”
“‘सबका प्रयास’ ने इस आपदा में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देवघर में हुई केबल कार दुर्घटना में बचाव कार्य में संलग्न भारतीय वायु सेना, थल सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों तथा स्थानीय प्रशासन और सिविल सोसायटी के लोगों से आज बातचीत की। इस अवसर पर गृहमंत्री श्री अमित शाह, सांसद श्री निशिकांत दुबे, गृह सचिव, सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख, एनडीआरएफ के महानिदेशक, आईटीबीपी के महानिदेशक और अन्य उपस्थित थे।

गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने बचाव कार्य में लगे लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह बेहतर समन्वय के साथ चलाया गया अभियान था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन में त्वरित बचाव कार्य शुरू करने पर बल दिया जा रहा है। इसका सारा जोर जनहानि को रोकना है। आज हर स्तर पर एकीकृत प्रणाली मौजूद है, ताकि हर समय लोगों की जान बचाने के लिये तत्परता बनी रहे। श्री अमित शाह ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सशस्त्र बल, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन ने अनुकरणीय तरीके से अभियान को गति दी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अभियान दलों की सराहना की और शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसा कुशल बल है, जो देशवासियों को हर संकट से निकालने का माद्दा रखता है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “आपने तीन दिनों तक, चौबीसों घंटे लगकर एक मुश्किल बचाव अभियान पूरा किया और अनेक देशवासियों की जान बचाई। मैं इसे बाबा वैद्यनाथ जी की कृपा भी मानता हूं।”

एनडीआरएफ ने अपने साहस और परिश्रम के बल पर अपनी जो पहचान और छवि बनाई है, प्रधानमंत्री ने उसका भी संज्ञान लिया। एनडीआरएफ के इंसपेक्टर/जीडी श्री ओम प्रकाश गोस्वामी ने प्रधानमंत्री के समक्ष अभियान का पूरा विवरण प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने श्री ओम प्रकाश से पूछा कि संकटकालीन स्थिति के भावनात्मक पक्ष का उन्होंने कैसे सामना किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश एनडीआरएफ का लोहा मानता है।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वाईके कंदालकर ने संकट के समय वायुसेना के अभियान की जानकारी दी। उड़न-खटौले के तारों के निकट हेलीकॉप्टर के पायलटों के कौशल के बारे में प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया। भारतीय वायुसेना के सार्जेंट पंकज कुमार राणा ने केबल कार की घातक स्थिति में यात्रियों को निकालने में गरुण कमांडोज की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बच्चे और महिलायें, सभी संकट में फंसे थे, जिन्हें निकाला गया। प्रधानमंत्री ने वायु सेना कर्मियों के अदम्य साहस की सराहना की।

दामोदर रज्जु-मार्ग, देवघर के श्री पन्नालाल जोशी ने कई यात्रियों की जान बचाई। उन्होंने बचाव अभियान में लगे असैन्य लोगों की भूमिका के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरों की सहायता करना हमारी संस्कृति है। उन्होंने इन सभी लोगों के साहस और कौशल की प्रशंसा की।

आईटीबीपी के सब-इंस्पेक्टर श्री अनन्त पाण्डेय ने अभियन में आईटीबीपी की भूमिका के बारे में बताया। आईटीबीपी की शुरूआती सफलता ने फंसे हुये यात्रियों के नैतिक बल को बढ़ा दिया था। प्रधानमंत्री ने पूरे दल के धैर्य की प्रशंसा की और कहा कि सफलता तभी मिलती है, जब चुनौतियों का सामना धैर्य और दृढ़ता से किया जाता है।

देवघर के जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजनतरी ने अभियान में स्थानीय सहयोग के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि वायुसेना के आने तक किस तरह यात्रियों के नैतिक साहस को कायम रखा गया। उन्होंने सभी एजेंसियों के समन्वय और संचार चैनलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समय पर मदद पहुंचाने के लिये प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने जिला मजिस्ट्रेट से पूछा कि कैसे उन्होंने अभियान के दौरान अपनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्घटना का पूरा विवरण तैयार किया जाये, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके और उनकी पुनरावृत्ति न हो।

ब्रिगेडयिर अश्विनी नैय्यर ने अभियान में फौज की भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह केबल कार के निकट जाकर बचाव अभियान चलाया गया। प्रधानमंत्री ने दलों के आपसी समन्वय, गति और योजना की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में, सफलता इसी बात पर निर्भर होती है कि आप कितनी जल्दी हरकत में आते हैं। उन्होंने कहा कि वर्दीधारी को देखकर लोग आश्वस्त हो जाते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है। संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है, उनमें नई उम्मीद जाग जाती है।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अभियान के दौरान बच्चों और बुजुर्गों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया। उन्होंने सराहना की कि सशस्त्र बल ऐसे हर अनुभव से लगातार सीखते हैं। उन्होंने बलों के धैर्य और दृढ़ता की प्रशंसा की। उन्होंने सरकार की यह प्रतिबद्धता दोहराई कि सरकार संसाधनों और उपकरणों के मामले में बचाव बलों को सदैव लैस करती रहेगी। उन्होंने कहा, “यह पूरा अभियान संवेदनशीलता, कुशलता और साहस का प्रतीक रहा है।”

प्रधानमंत्री ने यात्रियों द्वारा दिखाये गये धैर्य और साहस का भी संज्ञान लिया। उन्होंने खासतौर से स्थानीय नागरिकों को उनके समर्पण और सेवा भाव के लिये सराहा। श्री मोदी ने बचाये गये यात्रियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “इस आपदा ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जब भी देश में कोई संकट होता है, तो हम सब मिलकर एक साथ उस संकट से मोर्चा लेते है और उस संकट से निकलकर दिखाते हैं। सबके प्रयास ने इस आपदा में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।”

उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। अंत में उन्होंने अभियान में संलग्न सबसे आग्रह किया कि वे अभियान का पूरा विवरण तैयार करें, ताकि भविष्य में उससे सीखा जा सके।

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PM condoles loss of lives due to train accident in Odisha
June 02, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to train accident in Odisha.

In a tweet, the Prime Minister said;

"Distressed by the train accident in Odisha. In this hour of grief, my thoughts are with the bereaved families. May the injured recover soon. Spoke to Railway Minister @AshwiniVaishnaw and took stock of the situation. Rescue ops are underway at the site of the mishap and all possible assistance is being given to those affected."