प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मस्कट में भारतीय समुदाय के एक विशाल जनसमूह को संबोधित किया। दर्शकों में विभिन्न भारतीय विद्यालयों के 700 से अधिक छात्र शामिल थे। यह वर्ष ओमान में भारतीय विद्यालयों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे इस देश में अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत में मौजूद परिवारजनों और मित्रों की ओर से समुदाय को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उनके अत्यंत गर्मजोशीपूर्ण और भव्य स्वागत के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह ओमान में बसे भारत के अलग-अलग हिस्सों के लोगों से मिलकर बहुत प्रसन्न हैं और कहा कि विविधता भारतीय संस्कृति का आधार है- एक ऐसा मूल्य जो उन्हें किसी भी समाज में, जिसका वे हिस्सा बनते हैं, आसानी से घुलने-मिलने में मदद करता है। ओमान में भारतीय समुदाय को मिलने वाले सम्मान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सह-अस्तित्व सहयोग भारतीय प्रवासियों की पहचान रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ओमान के बीच मांडवी से मस्कट तक सदियों पुराने संबंध हैं, जिन्हें आज प्रवासी लोग कड़ी परिश्रम और एकजुटता से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में 'भारत को जानिए' क्विज़ में हिस्सा लेने के लिए समुदाय की सराहना की। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि ज्ञान भारत-ओमान संबंधों के केंद्र में रहा है, उन्होंने देश में भारतीय स्कूलों के 50 साल पूरे होने पर उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने समुदाय के कल्याण के लिए अपना समर्थन देने हेतु महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक को भी धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने भारत के परिवर्तनकारी विकास, बदलाव की गति और दायरे तथा अर्थव्यवस्था की मजबूती के बारे में बात की, जो पिछली तिमाही में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि में परिलक्षित होती है। पिछले 11 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढ़ों के विकास, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, हरित विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत विश्व स्तरीय नवाचार, स्टार्टअप और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना इकोसिस्टम के विकास के माध्यम से 21वीं सदी के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यूपीआई (जो वैश्विक स्तर पर किए गए सभी डिजिटल भुगतानों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है) गर्व और उपलब्धि का विषय है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में की हालिया शानदार उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें चंद्रमा पर उतरने से लेकर नियोजित ‘गगनयान’ मानव अंतरिक्ष मिशन शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष का क्षेत्र भारत और ओमान के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उन्होंने छात्रों को इसरो (आईएसआरओ) के ‘युविका’ (वाईयूवीआईकेए) कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो विशेष रूप से युवाओं के लिए है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत केवल एक बाजार नहीं, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं से लेकर डिजिटल समाधानों तक, विश्व के लिए एक मॉडल है।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के कल्याण के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी और जहां भी हमारे लोगों को सहायता की आवश्यकता होती है, सरकार उनके साथ खड़ी रहती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-ओमान साझेदारी कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहयोग, डिजिटल शिक्षा, नवाचार साझेदारी और उद्यमिता आदान-प्रदान के माध्यम से स्वयं को भविष्य के लिए तैयार कर रही है। उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने, गहराई से सीखने और साहसिक नवाचार करने का आह्वान किया, ताकि वे मानवता के लिए सार्थक योगदान दे सकें।
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Bharat-Oman MAITRI Parv celebrates the enduring friendship between our two countries. pic.twitter.com/cp7uiQnSWI
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India continues to be the fastest-growing major economy in the world. pic.twitter.com/Y06RTLh1Rq
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As the Pharmacy of the World, India's affordable and quality healthcare solutions are saving millions of lives across the globe. pic.twitter.com/RvxniMNqqk
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