"उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा"
“लखवाड़ परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। यह देरी किसी अपराध से कम नहीं है"
"अतीत की बदहाली और बाधाओं को अब सुविधाओं एवं सद्भाव में बदला जा रहा है"
"आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं"
“आपके सपने, हमारे संकल्प हैं; आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है; और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी ज़िम्मेदारी है"
 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तराखंड में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना का शिलान्यास किया, जिसके बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था और यह कई वर्षों से लंबित थी। उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये सड़क परियोजनाएं सुदूर, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रधानमंत्री के विजन को साकार करेंगी। कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। उन्होंने ऊधम सिंह नगर में एम्स ऋषिकेश उपग्रह केंद्र और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी। ये उपग्रह केंद्र देश के सभी हिस्सों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के प्रयास के अनुरूप होंगे। उन्होंने काशीपुर में एरोमा पार्क और सितारगंज में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क और राज्य भर में आवास, स्वच्छता तथा पेयजल आपूर्ति में कई अन्य पहलों की आधारशिला रखी।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कुमाऊं के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया। उन्होंने उत्तराखंडी टोपी से सम्मानित करने के लिए क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि वह क्यों सोचते हैं कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम परियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगे। उन्होंने पनबिजली, उद्योग, पर्यटन, प्राकृतिक कृषि और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उत्तराखंड द्वारा की गई प्रगति के बारे में भी चर्चा की जो इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना देगी।

प्रधानमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्रों को विकास से दूर रखने की विचारधारा के बारे में कहा, “आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की।” उन्होंने कहा कि विकास और सुविधाओं के अभाव में कई लोग क्षेत्र से अन्य स्थानों पर चले गए। उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊधम सिंह नगर में एम्स ऋषिकेश उपग्रह केंद्र और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आधारशिला राज्य में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि आज शुरू की जा रही परियोजनाओं के साथ-साथ अन्य परियोजनाओं से राज्य में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि आज जो शिलान्यास किया जा रहा है वह संकल्प की आधारशिला है जिसे पूरे संकल्प के साथ पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतीत की बदहाली और बाधाओं को अब सुविधाओं और सद्भाव में बदला जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सात वर्षों के दौरान हर घर जल, शौचालय, उज्ज्वला योजना, पीएमएवाई के माध्यम से महिलाओं के जीवन को नई सुविधाएं और सम्मान मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं में देरी करना पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। उन्होंने कहा, “आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ परियोजना का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। यह देरी किसी अपराध से कम नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। इसी तरह नैनीताल झील की भी देखभाल की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप को भी स्थापित किया है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की रक्षा संबंधी कई जरूरतों की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। कनेक्टिविटी, आवश्यक सुरक्षा, गोला-बारूद एवं हथियारों के लिए और यहां तक कि आक्रमणकारियों और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी हमारी सेना एवं सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतज़ार ही कराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विकास की गति को तेज करना चाहता है। उन्होंने कहा, "आपके सपने, हमारे संकल्प हैं; आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है; और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी ज़िम्मेदारी है।" उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का संकल्प इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना देगा।

 

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प्रधानमंत्री ने एनसीसी के कैडेटों, एनएसएस के स्वयंसेवकों, जनजातीय मेहमानों और झांकियों से जुड़े कलाकारों के साथ बातचीत की
January 24, 2025
प्रधानमंत्री ने एक अभिनव तरीके से बातचीत की, व्यक्तिगत रूप से प्रतिभागियों के साथ खुलकर जुड़े
प्रधानमंत्री ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संदेश पर प्रकाश डाला, प्रतिभागियों से अन्य राज्यों के लोगों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया, विकसित भारत के सपने को साकार करने हेतु कर्तव्यों को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर आगामी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने वाले एनसीसी के कैडेटों, एनएसएस के स्वयंसेवकों, जनजातीय मेहमानों और झांकियों से जुड़े कलाकारों के साथ बातचीत की। इस बातचीत के बाद भारत की समृद्ध संस्कृति एवं विविधता को प्रदर्शित करने वाले जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

अतीत की परंपराओं से हटकर, प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों के साथ एक अभिनव तरीके से बातचीत की। वह प्रतिभागियों के साथ अनौपचारिक तरीके से खुलकर जुड़े।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता एवं विविधता के महत्व पर जोर दिया और सभी प्रतिभागियों से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने हेतु विभिन्न राज्यों के लोगों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस तरह की बातचीत समझ एवं एकता को बढ़ावा देती है, जो देश की प्रगति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिम्मेदार नागरिक के रूप में कर्तव्यों को पूरा करना विकसित भारत के सपने को साकार करने की कुंजी है। उन्होंने सभी से एकजुट रहने और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को माई भारत पोर्टल पर पंजीकरण करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अनुशासन, समय की पाबंदी और सुबह जल्दी उठने जैसी अच्छी आदतों को अपनाने के महत्व के बारे में भी बताया और डायरी लेखन को प्रोत्साहित किया।

बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने सरकार की कुछ प्रमुख पहलों पर चर्चा की जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रही हैं। उन्होंने 3 करोड़ “लखपति दीदी” बनाने की पहल के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। एक प्रतिभागी ने अपनी मां की कहानी साझा की, जिन्हें इस योजना से लाभ हुआ, जिससे उनके उत्पादों का निर्यात संभव हो सका। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कैसे भारत में डेटा की किफायती दरों ने कनेक्टिविटी के मामले में आमूल परिवर्तन ला दिया है और डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाया है, जिससे लोगों को आपस में जुड़े रहने में मदद मिली है और अवसरों में वृद्धि हुई है।

स्वच्छता के महत्व पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर 140 करोड़ भारतीय स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प ले लें तो भारत हमेशा स्वच्छ रहेगा। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के महत्व के बारे में भी बताया और सभी से अपनी मां को समर्पित करते हुए पेड़ लगाने का आग्रह किया। उन्होंने फिट इंडिया मूवमेंट पर चर्चा की और सभी से योग करने के लिए समय निकालने तथा फिटनेस एवं कल्याण पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा, जो एक मजबूत एवं स्वस्थ राष्ट्र के लिए बेहद आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने विदेशी प्रतिभागियों से भी बातचीत की। इन प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की, भारत के आतिथ्य की प्रशंसा की और अपनी यात्राओं से जुड़े सकारात्मक अनुभव साझा किए।