“बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है”
“किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है; ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं”
“पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं; पिछली सरकारें उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकती थीं, हम काम करते-करते नहीं थकते हैं”
“परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं; वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी”
"बुंदेलखंड की प्रगति के लिए कर्म योगियों की डबल-इंजन वाली सरकार अथक प्रयास कर रही है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के महोबा में विभिन्न विकास परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी और किसानों को वो राहत मिलेगी, जिसकी जरूरत उन्हें बहुत पहले से थी। इन परियोजनाओं में अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली वियर परियोजना, भाओनी बांध परियोजना और मझगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,250 करोड़ रुपये से अधिक है और इनके संचालन से महोबा, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिलों में लगभग 65000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी, जिससे क्षेत्र के लाखों किसान लाभान्वित होंगे। इन परियोजनाओं से क्षेत्र को पेयजल भी प्राप्त होगा। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथ राज्य मंत्रीगण भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं जिन्‍होंने गुलामी के उस दौर में भारत में नई चेतना जगाई थी। उन्‍होंने कहा, ‘आज ही भारत की वीर बेटी, बुंदेलखंड की शान, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं।’ प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को ‘तीन तलाक’ के अभिशाप से मुक्त कराने के अपने वादे को स्‍मरण किया जो उन्होंने महोबा की धरती से किया था, आज वादा पूरा हुआ। ‘उज्ज्वला 2.0’ को भी यहीं से लॉन्च किया गया था।

प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि समय के साथ यही क्षेत्र पानी की चुनौतियों और पलायन का केंद्र कैसे बन गया? उन्होंने उस ऐतिहासिक समय को स्‍मरण किया जब यह क्षेत्र अपने उत्‍कृष्‍ट जल प्रबंधन के लिए जाना जाता था। धीरे-धीरे पिछली सरकारों के कार्यकाल में इस क्षेत्र को भारी उपेक्षा और भ्रष्ट शासन का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसी स्थिति भी आ गई कि इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे, क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं। इन सवालों के जवाब महोबा के लोग, बुंदेलखंड के लोग जानते हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार ने बुंदेलखंड को लूट कर अपने परिवारों का भला किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “उन्हें आपके परिवारों की पानी की समस्या के बारे में कभी चिंता नहीं हुई।”प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड की जनता ने दशकों तक ऐसी सरकारों को देखा है जिन्होंने उन्हें लंबे समय तक लूटा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं। “पिछली सरकारें उत्तर प्रदेश को लूटते हुए नहीं थकती थीं, हम काम करते-करते नहीं थकते हैं।" उन्होंने कहा कि जब राज्य के माफिया तत्व बुलडोजर का सामना कर रहे हैं, तो कई लोग हल्ला मचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह शोरगुल हालांकि राज्य में विकास कार्यों को नहीं रोक पायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है; ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने सभी पक्षों के साथ संवाद करके निकाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा, “वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि हमने पीएम किसान सम्मान निधि से अब तक 1,62,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कॉरिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति के बारे में भी टिप्पणी की और ‘कर्म योगियों’की ‘डबल इंजन की सरकार’ के तहत इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की।

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Prime Minister lauds establishment of three AI Centres of Excellence (CoE)
October 15, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has hailed the establishment of three AI Centres of Excellence (CoE) focused on Healthcare, Agriculture and Sustainable Cities.

In response to a post on X by Union Minister of Education, Shri Dharmendra Pradhan, the Prime Minister wrote:

“A very important stride in India’s effort to become a leader in tech, innovation and AI. I am confident these COEs will benefit our Yuva Shakti and contribute towards making India a hub for futuristic growth.”