"जब भी टैलेंट और टेक्नोलॉजी की बात आती है, तो दिमाग में जो नाम सबसे पहले आता है, वह है ब्रांड बेंगलुरु"
'इन्वेस्ट कर्नाटक 2022' प्रतिस्पर्धा और सहकारी संघवाद का एक सटीक उदाहरण है"
"इस अनिश्चित दौर में पूरी दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद की मजबूती को लेकर आश्वस्त है"
"हमने इन्वेस्टर्स को रेड टेप के जाल में उलझाने के बजाय उनके निवेश के लिए रेड कारपेट का माहौल बनाया"
"नए भारत का निर्माण बोल्ड रिफॉर्म्स, बिग इंफ्रास्ट्रक्चर और बेस्ट टैलेंट से ही संभव है"
"विकास के लक्ष्यों को केवल निवेश और मानव पूंजी पर ध्यान केंद्रित करके ही हासिल किया जा सकता है"
"डबल इंजन की शक्ति वाली सरकार कर्नाटक के विकास को गति दे रही है"
"भारत में निवेश का मतलब समावेशन की प्रक्रिया में निवेश करना, लोकतंत्र में निवेश करना, दुनिया के लिए निवेश करना और एक बेहतर, स्वच्छ एवं सुरक्षित धरती के लिए निवेश करना है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट- इनवेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के लोगों को उनके राज्योत्सव के लिए बधाई दी, जो कल मनाया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक परंपरा और प्रौद्योगिकी, प्रकृति और संस्कृति, अद्भुत वास्तुकला और सशक्त स्टार्टअप का समामेलन है। श्री मोदी ने कहा, “जब भी टैलेंट और टेक्नोलॉजी की बात आती है, तो दिमाग में जो नाम सबसे पहले आता है, वह है ब्रांड बेंगलुरु और यह नाम सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में स्थापित हो चुका है।”

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में निवेशकों की बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रतिस्पर्धा और सहकारी संघवाद का एक सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और उत्पादन मुख्य रूप से राज्य सरकार की नीतियों एवं नियंत्रण पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, "इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के माध्यम से, राज्य विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित कर सकते हैं और अन्य देशों के साथ साझेदारी कर सकते हैं।" उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बैठक में हजारों करोड़ रुपये की भागीदारी की योजना है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्र के युवाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में, भारत आज इस ऊंचाई पर है, वहां से अब उसे निरंतर आगे ही जाना है। पिछले वर्ष भारत में करीब 84 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हासिल किया था। भारत के प्रति वैश्विक आशावाद की भावना के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "इस अनिश्चित दौर में पूरी दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद की मजबूती को लेकर आश्वस्त है।” बाधाओं के इस दौर में भारत दुनिया के साथ आगे बढ़ रहा है और दुनिया के साथ काम करने पर जोर दे रहा है।”उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को बाधित आपूर्ति श्रृंखला की अवधि में दवाओं और टीकों की आपूर्ति के बारे में आश्वस्त कर सकता है। मार्केट सैचुरेशन के माहौल के बावजूद, हमारे नागरिकों की आकांक्षाओं के कारण हमारे घरेलू बाजार मजबूत हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह भले ही वैश्विक संकट का दौर है, लेकिन दुनियाभर के एक्सपर्ट्स विश्लेषक और अर्थव्यवस्था के जानकार भारत को ब्राइट स्पॉट बता रहे हैं। श्री मोदी ने कहा, “हम अपने फंडामेंटल्स पर लगातार काम कर रहे हैं, ताकि भारत की अर्थव्यवस्था दिनों-दिन और मजबूत हो।” प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने 9-10 साल पहले के दृष्टिकोण में बदलाव के बारे में बताया जब देश नीति और कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों से जूझ रहा था। उन्होंने जोर देकर कहा कि "हमने इन्वेस्टर्स को रेड टेप के जाल में उलझाने के बजाय, उनके निवेश के लिए रेड कारपेट का माहौल बनाया। हमने नए-नए उलझाऊ कानून बनाने के बजाय, उन्हें रेशनलाइज बनाया।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "नए भारत का निर्माण बोल्ड रिफॉर्म्स, मेसिव इंफ्रास्ट्रक्चर और बेस्ट टैलेंट से ही संभव है। आज सरकार के हर क्षेत्र में साहसिक सुधार किए जा रहे हैं।” उन्होंने जीएसटी, आईबीसी, बैंकिंग सुधार, यूपीआई, 1500 पुराने कानूनों को खत्म करने और 40 हजार अनावश्यक अनुपालन का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कानून के कई प्रावधानों को अपराध से मुक्त करने, फेसलेस मूल्यांकन, एफडीआई के नए रास्ते, ड्रोन नियमों का उदारीकरण, भू-स्थानिक और अंतरिक्ष क्षेत्र व रक्षा क्षेत्र जैसे कदम अभूतपूर्व ऊर्जा ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में परिचालन हवाईअड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है और 20 से अधिक शहरों में मेट्रो का विस्तार हुआ है।

पीएम-गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने बताया कि गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का तौर-तरीका ही बदल दिया है। डेवलपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ एक्जिस्टिंग इन्फ्राट्रक्चर का मैप तैयार किया जाता है। फिर उसे पूरा करने के शॉर्टेस्ट एंड मोस्ट एफिशिएंट रूट पर चर्चा की जाती है। श्री मोदी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी का ख्याल रखा जाता है और उस प्रोडक्ट या सर्विस को वर्ल्ड क्लास का बनाने पर जोर दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा में युवाओं द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत में हर क्षेत्र युवा शक्ति की ऊर्जा से प्रेरित हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "विकास के लक्ष्यों को केवल निवेश और मानव पूंजी पर ध्यान केंद्रित करके ही प्राप्त किया जा सकता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हमने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया। हमारा उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ मानव पूंजी में सुधार करना भी है।" प्रधानमंत्री ने विनिर्माण प्रोत्साहन के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य योजनाओं, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, राजमार्ग नेटवर्क के साथ-साथ शौचालयों और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, भविष्य के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ स्मार्ट स्कूल जैसी चीजों पर एक साथ जोर दिए जाने के बारे में विस्तार से बताया। देश के पर्यावरण के अनुकूल विकास पर, प्रधानमंत्री ने कहा, "हरित विकास और सतत ऊर्जा की दिशा में हमारी पहल ने अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया है। जो लोग अपनी लागत का रिटर्न चाहते हैं और इस धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाना चाहते हैं, वे आशा के साथ भारत की ओर देख रहे हैं।”

कर्नाटक में डबल इंजन वाली सरकार की शक्ति को दर्शाते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राज्य में कई क्षेत्रों के तेजी से विकास के कारणों में से एक है। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि कर्नाटक ने व्यापार करने में आसानी में शीर्ष रैंक के बीच अपना स्थान बनाए रखा है और इसे एफडीआई के मामले में शीर्ष राज्यों की सूची में शामिल करने का श्रेय मिला है। उन्होंने जोर देकर कहा, "फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से 400 यहां हैं और भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से 40 से अधिक कर्नाटक में हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक को आज दुनिया में सबसे बड़े प्रौद्योगिकी क्लस्टर के रूप में गिना जा रहा है, जहां उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, बायोटेक, स्टार्टअप के साथ-साथ टिकाऊ ऊर्जा जैसे हर क्षेत्र में विकास की एक नई गाथा लिखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के कई विकास मानदंड न केवल भारत के अन्य राज्यों को बल्कि कुछ देशों को भी चुनौती दे रहे हैं। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत विनिर्माण क्षेत्र के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर मिशन का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां का तकनीकी इकोसिस्टम चिप डिजाइन और निर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

एक निवेशक के प्रति भारत की दृष्टि के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक निवेशक एक मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टि के साथ आगे बढ़ता है, और भारत के पास एक प्रेरणादायक दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी है। उन्होंने नैनो यूरिया, हाइड्रोजन ऊर्जा, हरित अमोनिया, कोयला गैसीकरण और अंतरिक्ष उपग्रहों का उदाहरण देते हुए इस बात पर जोर दिया कि आज भारत विश्व के विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह भारत का अमृत काल है, और आजादी के अमृत महोत्सव में, देश के लोग एक नए भारत के निर्माण का संकल्प लेकर बैठ रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए अपने संबोधन का समापन किया कि भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि निवेश और भारत की प्रेरणा एक साथ आनी चाहिए, क्योंकि समावेशी, लोकतांत्रिक और मजबूत भारत से दुनिया के विकास में तेजी आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत में निवेश का मतलब समावेशन की प्रक्रिया में निवेश करना, लोकतंत्र में निवेश करना, दुनिया के लिए निवेश करना और एक बेहतर, स्वच्छ एवं सुरक्षित धरती के लिए निवेश करना है।”

पृष्ठभूमि

संभावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक के लिए एक विकास योजना तैयार करना बैठक का उद्देश्य है। बेंगलुरु में 2 से 4 नवंबर तक आयोजित होने वाले तीन-दिवसीय कार्यक्रम में 80 से अधिक वक्ता सत्र होंगे। वक्ताओं में उद्योगजगत के कुछ शीर्ष दिग्गज जैसे- श्री कुमार मंगलम बिड़ला, श्री सज्जन जिंदल और श्री विक्रम किर्लोस्कर शामिल हैं। इसके साथ ही, तीन सौ से अधिक प्रदर्शकों और देश पर आधारित सत्रों के साथ कई व्यावसायिक प्रदर्शनियां समानांतर रूप से चलेंगी। देश पर आधारित सत्र प्रत्येक भागीदार देशों- फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा- आयोजित किए जाएंगे जिसमें इन देशों से उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय और औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। इस वैश्विक स्तर के आयोजन से कर्नाटक को अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने भी प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।

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Prime Minister joins Ganesh Puja at residence of Chief Justice of India
September 11, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi participated in the auspicious Ganesh Puja at the residence of Chief Justice of India, Justice DY Chandrachud.

The Prime Minister prayed to Lord Ganesh to bless us all with happiness, prosperity and wonderful health.

The Prime Minister posted on X;

“Joined Ganesh Puja at the residence of CJI, Justice DY Chandrachud Ji.

May Bhagwan Shri Ganesh bless us all with happiness, prosperity and wonderful health.”

“सरन्यायाधीश, न्यायमूर्ती डी वाय चंद्रचूड जी यांच्या निवासस्थानी गणेश पूजेत सामील झालो.

भगवान श्री गणेश आपणा सर्वांना सुख, समृद्धी आणि उत्तम आरोग्य देवो.”