भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में एमएसएमई को समर्थन और उत्थान के लिए डिजाइन की गई दो प्रमुख पहल शुरू की गईं
"एमएसएमई ऑटोमोटिव उद्योग को आगे बढ़ाने में प्रमुख भागीदार हैं और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं"
“ऑटोमोबाइल उद्योग अर्थव्यवस्था का एक पावरहाउस है”
"आज हमारे एमएसएमई के पास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक मजबूत हिस्सा बनने का एक शानदार अवसर है"
"आज देश एमएसएमई के भविष्य को देश के भविष्य के तौर पर देख रहा है"
"भारत सरकार आज हर उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है"
“नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाएं। सरकार पूरी तरह आपके साथ है''

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज तमिलनाडु के मदुरै में 'भविष्य का निर्माण - ऑटोमोटिव एमएसएमई उद्यमियों के लिए डिजिटल मोबिलिटी' कार्यक्रम में भाग लिया और ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करने वाले हजारों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) उद्यमियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने गांधीग्राम में प्रशिक्षित महिला उद्यमियों और स्कूली बच्चों से भी बातचीत की।

 

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र के दिमागों के बीच उपस्थित होना एक सुखद अनुभव है। उन्होंने कहा कि यह उत्साह भविष्य को गढ़ने वाली प्रयोगशाला में जाने के समान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब प्रौद्योगिकी की बात आती है, खासकर ऑटोमोटिव क्षेत्र में, तो तमिलनाडु ने वैश्विक मंच पर अपनी क्षमता साबित की है। उन्होंने कार्यक्रम की थीम 'भविष्य का निर्माण - ऑटोमोटिव एमएसएमई उद्यमियों के लिए डिजिटल मोबिलिटी' पर प्रसन्नता व्यक्त की और सभी एमएसएमई और आकांक्षी युवाओं को एक मंच पर लाने के लिए टीवीएस कंपनी को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ऑटोमोबाइल उद्योग के साथ-साथ विकसित भारत के विकास को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 7 प्रतिशत ऑटोमोबाइल उद्योग से आता है, जो इसे देश की स्वायत्तता का एक प्रमुख हिस्सा बनाता है। प्रधानमंत्री ने विनिर्माण और नवाचार को बढ़ावा देने में ऑटोमोबाइल उद्योग की भूमिका को भी स्वीकार किया।

इस बात का जिक्र करते हुए कि भारत के प्रति ऑटोमोबाइल उद्योग का योगदान ऑटोमोबाइल उद्योग में एमएसएमई के योगदान के समान है, प्रधानमंत्री ने बताया कि 45 लाख से अधिक कारें, 2 करोड़ दोपहिया वाहन, 10 लाख वाणिज्यिक वाहन और 8.5 लाख तिपहिया वाहन का भारत में हर साल उत्पादन होता है। उन्होंने प्रत्येक यात्री वाहन में 3000-4000 विभिन्न मोटरवाहन पुर्जों के उपयोग को भी स्वीकार किया और कहा कि विनिर्माण प्रक्रिया में हर दिन ऐसे लाखों पुर्जों का इस्तेमाल किया जाता है। प्रधानमंत्री ने भारत के अधिकांश टियर I और II शहरों में उनकी उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा, "यह भारत के एमएसएमई हैं जो इन भागों के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।" प्रधानमंत्री ने हमारे दरवाजे पर दस्तक देने वाली वैश्विक संभावनाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा, "दुनिया में कई कारें भारतीय एमएसएमई द्वारा निर्मित पुर्जों का इस्तेमाल करती हैं।"

प्रधानमंत्री ने गुणवत्ता और स्थायित्व पर काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "आज हमारे एमएसएमई के पास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक मजबूत हिस्सा बनने का एक बड़ा अवसर है।" उन्होंने गुणवत्ता और पर्यावरणीय स्थिरता को कवर करने वाले 'शून्य दोष-शून्य प्रभाव' के अपने दर्शन को दोहराया।

प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान भारत के एमएसएमई की क्षमता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "आज देश एमएसएमई के भविष्य को देश के भविष्य के तौर पर देख रहा है।" एमएसएमई के लिए सरकार के बहुआयामी प्रयासों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने पीएम मुद्रा योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में बताया। इसके अलावा, एमएसएमई क्रेडिट गारंटी योजना ने महामारी के दौरान एमएसएमई में लाखों नौकरियां बचाईं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पुष्टि की कि आज हर क्षेत्र में एमएसएमई के लिए कम लागत वाले ऋण और कार्यशील पूंजी की सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, जिससे उनका दायरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश के छोटे उद्यमों के उन्नयन पर सरकार का जोर भी एक मजबूत कारक साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने देश में चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आज की सरकार एमएसएमई की नई तकनीक और कौशल की आवश्यकता का ख्याल रख रही है।" भविष्य को आकार देने में कौशल विकास की भूमिका पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कौशल विकास पर की गई विशेष पहल पर प्रकाश डालते हुए यह भी कहा कि सत्ता में आने के बाद से एक नया मंत्रालय बनाया गया है। उन्होंने कहा, "उन्नयन की गुंजाइश वाले उन्नत कौशल विश्वविद्यालय भारत के लिए समय की मांग है।"

प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से ईवी की बढ़ती मांग के अनुरूप अपनी क्षमता बढ़ाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रूफटॉप सोलर के लिए हाल ही में लॉन्च की गई पीएम सूर्यघर योजना का जिक्र किया, जो लाभार्थियों को मुफ्त बिजली और अतिरिक्त आय प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 करोड़ घरों के शुरुआती लक्ष्य के साथ, ईवी वाहनों को घरों में अधिक सुलभ चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने मोटरवाहन और मोटरवाहन के पुर्जो के लिए 26,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना पर भी जोर दिया, जो विनिर्माण के साथ-साथ हाइड्रोजन वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसके माध्यम से 100 से अधिक उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपनी क्षमता का विस्तार करने और नए क्षेत्रों का पता लगाने का आह्वान करते हुए कहा, "जब देश में नई प्रौद्योगिकियां विकसित होंगी, तो उन प्रौद्योगिकियों से जुड़ा वैश्विक निवेश भी भारत में आएगा।"

अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने डिजिटलीकरण, विद्युतीकरण, वैकल्पिक ईंधन वाहनों और बाजार की मांग में उतार-चढ़ाव को प्रमुख मुद्दों के रूप में गिनाया। उन्होंने इन्हें अवसरों में बदलने के लिए सही रणनीति के साथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को औपचारिक बनाने की दिशा में एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन जैसे कदमों की ओर भी इशारा किया, जिससे एमएसएमई के आकार में वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, "भारत सरकार आज हर उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।" उन्होंने कहा कि पहले छोटी-छोटी बातों के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, चाहे वह उद्योग हो या व्यक्ति, लेकिन आज की सरकार हर क्षेत्र की समस्याओं से निपट रही है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में 40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त करने और कारोबार-संबंधी कई छोटी गलतियों को अपराधमुक्त किए जाने के बारे में बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे नई लॉजिस्टिक नीति हो या जीएसटी, इन सभी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लघु उद्योगों को मदद की है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बनाकर भारत में बुनियादी ढांचे के विकास को एक दिशा दी है, जिसके तहत डेढ़ हजार से अधिक लेयर में डेटा को संसाधित करके मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बड़ी शक्ति देकर भविष्य का बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने हर उद्योग के लिए समर्थन प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया और ऑटोमोबाइल एमएसएमई क्षेत्र के हितधारकों से इस समर्थन तंत्र का लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाएं। सरकार पूरी तरह आपके साथ है। मुझे यकीन है, टीवीएस का यह प्रयास आपको इस दिशा में भी मदद करेगा।”

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सरकार की स्क्रैपिंग नीति पर भी बात की और सभी पुराने वाहनों को नए आधुनिक वाहनों से बदलने की इच्छा व्यक्त की और हितधारकों से अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने जहाज निर्माण के नवोन्मेषी और नियोजित तरीकों और इसके हिस्से की रीसाइकलिंग के लिए बाजार के साथ आगे आने के बारे में भी बात की। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने ड्राइवरों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और हाईवे पर ड्राइवरों की सुविधाओं के लिए 1,000 केंद्र बनाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि सरकार देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की अपनी योजनाओं में उनके साथ खड़ी है।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन और टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के अध्यक्ष श्री आर दिनेश उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

मदुरै में, प्रधानमंत्री ने 'भविष्य का निर्माण - ऑटोमोटिव एमएसएमई उद्यमियों के लिए डिजिटल मोबिलिटी' कार्यक्रम में भाग लिया, और ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करने वाले हजारों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) उद्यमियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में एमएसएमई को समर्थन और उत्थान के लिए डिजाइन की गई दो प्रमुख पहलों की भी शुरुआत की। इन पहलों में टीवीएस ओपन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और टीवीएस मोबिलिटी-सीआईआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं। ये पहल देश में एमएसएमई के विकास का समर्थन करने और उन्हें संचालन को औपचारिक बनाने, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने की दिशा में एक कदम है।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।