हमारी संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है, सेवा को भक्ति, आस्था और पूजा से भी ऊंचा स्थान दिया गया है: प्रधानमंत्री
संस्थागत सेवा में समाज और देश की बड़ी समस्याओं को हल करने की क्षमता है: प्रधानमंत्री
भारत ने पूरे विश्व को मिशन लाइफ का जो विजन दिया है, उसकी प्रामाणिकता, उसका प्रभाव हमें ही सिद्ध करना है, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है: प्रधानमंत्री
कुछ ही सप्ताह में जनवरी में ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ का आयोजन किया जाएगा, इसमें हमारे युवा अपने योगदान की रूपरेखा तैयार करते हुए विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपने विचार प्रस्तुत करेंगे: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अहमदाबाद में कार्यकर सुवर्ण महोत्सव को संबोधित किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उन्होंने परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज, पूज्य संतों, सत्संगी परिवार के सदस्यों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों एवं प्रतिनिधियों का स्वागत किया। श्री मोदी ने कार्यकर सुवर्ण महोत्सव के अवसर पर भगवान स्वामी नारायण के चरणों में नमन किया और कहा कि आज प्रमुख स्वामी महाराज की 103वीं जयंती भी है। उन्होंने कहा कि भगवान स्वामी नारायण की शिक्षाएं, प्रमुख स्वामी महाराज के संकल्प आज परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज की कड़ी मेहनत एवं समर्पण से फलित हो रहे हैं। श्री मोदी लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ युवाओं एवं बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित इतने विशाल आयोजन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि यद्यपि वे कार्यक्रम स्थल पर शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हैं, तथापि वे इस कार्यक्रम की ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं। उन्होंने इस भव्य दिव्य समारोह के लिए परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज एवं सभी संतों को बधाई दी।

कार्यकर सुवर्ण महोत्सव को 50 वर्षों की सेवा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि 50 वर्ष पूर्व स्वयंसेवकों के पंजीकरण और उन्हें सेवा कार्यों से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसे उन्होंने एक अनूठी पहल बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि बीएपीएस के लाखों कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा में लगे हुए हैं। श्री मोदी ने इसे संगठन के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए बीएपीएस को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

श्री मोदी ने कहा, "कार्यकर सुवर्ण महोत्सव भगवान स्वामी नारायण की मानवतावादी शिक्षाओं का उत्सव है।" उन्होंने कहा कि यह सेवा के उन दशकों का गौरव है, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। बीएपीएस के सेवा अभियानों को करीब से देखने के अपने सौभाग्य पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि उन्हें कई बार उनके साथ जुड़ने का अवसर मिला है, जैसे भुज में भूकंप से हुई तबाही के बाद, नारायण नगर गांव के पुनर्निर्माण के दौरान, केरल में बाढ़, उत्तराखंड में भूस्खलन की पीड़ा और यहां तक कि वैश्विक महामारी कोरोना के हालिया आपदा के दौरान भी। एक परिवार की तरह लोगों के साथ खड़े होने और करुणा के साथ सभी की सेवा करने के लिए कार्यकरों की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि सभी ने देखा है कि कैसे कोविड काल के दौरान बीएपीएस मंदिरों को सेवा केंद्रों में बदल दिया गया था। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यूक्रेन में युद्ध में शत्रुता बढ़ने पर कैसे बीएपीएस कार्यकर्ताओं ने सरकार और यूक्रेन से पोलैंड लाये गए लोगों की मदद की। उन्होंने रातों-रात पूरे यूरोप से हजारों बीएपीएस कार्यकर्ताओं को एक साथ लाने और बड़ी संख्या में पोलैंड पहुंचने वाले भारतीयों की मदद करने के लिए उनकी सराहना की। बीएपीएस के संगठन की इस शक्ति को उजागर करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मानवता के हित में उनका योगदान सराहनीय है। कार्यकर सुवर्ण महोत्सव के अवसर पर सभी बीएपीएस कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बीएपीएस कार्यकर्ता दुनिया भर में अपनी अथक सेवा के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी सेवा से करोड़ों लोगों की आत्माओं को छू रहे हैं और समाज के हर व्यक्ति को सशक्त बना रहे हैं, चाहे वे सबसे दूरदराज के इलाकों में रहते हों। श्री मोदी ने कहा कि वे प्रेरणास्रोत हैं तथा पूजा और सम्मान के पात्र हैं।

श्री मोदी ने कहा कि बीएपीएस के कार्य से विश्व में भारत की क्षमता और प्रभाव मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व के 28 देशों में भगवान स्वामी नारायण के 1800 मंदिर हैं और विश्व भर में 21 हजार से अधिक आध्यात्मिक केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी केंद्रों में सेवा की अनेक परियोजनाएं चला रहे हैं और यह दुनिया के सामने भारत की आध्यात्मिक विरासत और पहचान का गवाह है। उन्होंने कहा कि बीएपीएस मंदिर भारत की सांस्कृतिक झलक हैं। उन्होंने कहा कि ये मंदिर विश्व की सबसे प्राचीन जीवित संस्कृति के केंद्र हैं। श्री मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले अबू धाबी में भगवान स्वामी नारायण मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने का सौभाग्य उन्हें मिला था और इसकी चर्चा विश्व भर में हुई थी। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व ने भारत की आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक विविधता को देखा। श्री मोदी ने कहा कि ऐसे प्रयासों से ही विश्व को भारत के सांस्कृतिक गौरव और मानवीय उदारता के बारे में पता चला और उन्होंने बीएपीएस के सभी कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भगवान स्वामी नारायण की तपस्या का ही परिणाम है, जिससे कार्यकर्ताओं के संकल्पों को आसानी से पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि भगवान स्वामी नारायण ने हर जीव, हर पीड़ित व्यक्ति की चिंता की और अपने जीवन का हर पल मानव कल्याण के लिए समर्पित किया। उन्होंने आगे कहा कि भगवान स्वामी नारायण द्वारा स्थापित मूल्यों को बीएपीएस दुनिया भर में फैला रहा है। श्री मोदी ने बीएपीएस के कार्यों को व्यक्त करने के लिए एक कविता की कुछ पंक्तियाँ दोहराईं।

श्री मोदी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे बचपन से ही बीएपीएस और भगवान स्वामी नारायण से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज से उन्हें जो प्यार और स्नेह मिला, वह उनके जीवन की पूंजी है। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी जी के साथ कई व्यक्तिगत घटनाएं हुईं, जो उनके जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं। श्री मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और बाद में भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले की उनकी यात्रा में हर पल उनका मार्गदर्शन किया। श्री मोदी ने उस ऐतिहासिक अवसर को याद किया, जब नर्मदा का पानी साबरमती में आया था, परम पूज्य प्रमुख स्वामी जी स्वयं नीचे आए थे। उन्होंने स्वामी जी के मार्गदर्शन में स्वामीनारायण महामंत्र महोत्सव और स्वामी नारायण मंत्र लेखन महोत्सव के आयोजन के अविस्मरणीय क्षणों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का उनके प्रति आध्यात्मिक स्नेह उन्हें एक बेटे की तरह स्नेहपूर्ण अनुभव देता था। श्री मोदी ने कहा कि जन कल्याण के कार्यों में उन्हें प्रमुख स्वामी महाराज का हमेशा आशीर्वाद मिलता रहा है।

प्रधानमंत्री ने संस्कृत की उक्ति ‘सेवा परम धर्म’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि हमारे जीवन मूल्य हैं और सेवा को भक्ति, आस्था और पूजा से भी ऊपर रखा गया है। जन सेवा को लोगों की सेवा के बराबर बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि सेवा वह है, जिसमें स्वार्थ की भावना नहीं होती और यह व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा को दिशा देती है और समय के साथ उसे मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि जब यह सेवा, एक संस्था के रूप में लाखों कार्यकर्ताओं के साथ संगठित रूप में की गई, तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। उन्होंने कहा कि इस तरह की संस्थागत सेवा में बड़ी समस्याओं को हल करने तथा समाज और देश की कई बुराइयों को खत्म करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जब लाखों कार्यकर्ता एक सामान्य उद्देश्य से जुड़ते हैं, तो यह देश और समाज की एक बड़ी ताकत बन जाती है। श्री मोदी ने कहा कि आज जब देश विकसित भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, तो स्वाभाविक रूप से लोग एकजुट हो रहे हैं और हर क्षेत्र में कुछ बड़ा करने की भावना दिखाई दे रही है। स्वच्छ भारत मिशन, प्राकृतिक खेती, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, बेटियों की शिक्षा, आदिवासी कल्याण के मुद्दे का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के लोग आगे आ रहे हैं और राष्ट्र निर्माण की यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से संकल्प लेने और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे प्राकृतिक खेती, विविधता में एकता की भावना, युवाओं की रक्षा के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई, नदियों को पुनर्जीवित करने या पृथ्वी के भविष्य को बचाने के लिए स्थायी जीवन शैली जैसे विकल्पों पर काम करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से मिशन लाइफ के उस विजन की प्रामाणिकता और प्रभाव को साबित करने का आग्रह किया, जो भारत ने पूरी दुनिया को दिया है। उन्होंने कहा कि वे एक पेड़ मां के नाम, फिट इंडिया, वोकल फॉर लोकल, मिलेट्स जैसे अभियानों को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दे सकते हैं, जो भारत के विकास को गति देते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जनवरी 2025 में आयोजित होने वाले ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ के दौरान भारत के युवा अपने विचार देंगे तथा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपने योगदान की रूपरेखा तैयार करेंगे। उन्होंने सभी युवा कार्यकर्ताओं से इसमें भाग लेने का आग्रह किया।

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज ने भारत की पारिवारिक संस्कृति पर विशेष जोर दिया था, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि उन्होंने ‘घर सभा’ के माध्यम से समाज में संयुक्त परिवार की अवधारणा को मजबूत किया। श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से इन अभियानों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज भारत 2047 तक विकास के लक्ष्य की ओर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए देश की यात्रा भारत के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि प्रत्येक बीएपीएस कार्यकर्ता के लिए। भाषण का समापन करते हुए श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान स्वामी नारायण के आशीर्वाद से बीएपीएस कार्यकर्ताओं का यह सेवा अभियान इसी निर्बाध गति से आगे बढ़ता रहेगा।

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Prime Minister condoles loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra
December 07, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra.

Shri Modi also prayed for the speedy recovery of those injured in the mishap.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra. My thoughts are with those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover soon: PM @narendramodi”