भारत को हम एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं: प्रधानमंत्री मोदी
नई शिक्षा नीति में हमारे सही मायने में बिना दबाव के, बिना अभाव और बिना प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों को हमारी शिक्षा व्वयस्था का हिस्सा बनाया गया है: पीएम मोदी
नई शिक्षा नीति, स्टडींग के बजाय लर्निंग पर फोकस करती है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस सम्मेलन में उपस्थित होकर भारत के राष्ट्रपति ने भी इसकी शोभा बढ़ाई। इसमें विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और सभी राज्य विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति और शिक्षा प्रणाली देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के महत्वपूर्ण साधन हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि शिक्षा की जिम्मेदारी केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर की सरकारों के पास है, लेकिन नीति बनाने में उनका हस्तक्षेप कम से कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति की प्रासंगिकता और व्यापकता तब बढ़ेगी जब अधिक से अधिक शिक्षक, अभिभावक और छात्र इससे जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि देश भर के शहरों और गांवों में रहने वाले लाखों नागरिकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद ही नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति के प्रति अब शिक्षकों और शिक्षाविदों सहित सभी लोगों की जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शिक्षा नीति को लेकर चौतरफा स्वीकृति है और लोगों में अब भावना यह है कि इन सुधारों को पिछली शिक्षा नीति में ही पेश किया जाना चाहिए था। उन्होंने इस बात की सराहना की कि इस नीति पर एक स्वस्थ बहस चल रही है और यह आवश्यक है क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए निर्देशित है बल्कि 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को एक नई दिशा देने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य तेजी से बदलते परिदृश्य में युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि इस नीति को देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार ज्ञान और कौशल के साथ दोनों मोर्चों पर तैयार करने के लिए तैयार किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है और पाठ्यक्रम से परे जाकर विवेचनात्मक सोच पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की तुलना में जुनून, व्यावहारिकता और प्रदर्शन पर अधिक जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सीखने के नतीजों और शिक्षक प्रशिक्षण और प्रत्येक छात्र के सशक्तिकरण पर केंद्रित है।

श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य 21वीं सदी में भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति में भारत में शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने के लिए अनुमति दी गई है जिससे प्रतिभा पलायन की समस्या से निपटा जा सकेगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में अब यह प्रयास चल रहा है कि नई शिक्षा नीति को कैसे लागू किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों के सुझावों को खुले दिमाग से सुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति सरकार की शिक्षा नीति नहीं बल्कि देश की शिक्षा नीति है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति तेजी से बदलते समय के अनुकूल अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्रीय और सामाजिक असंतुलन को दूर करने में एक स्तरीय भूमिका निभा रही है और शिक्षा पर इसका काफी प्रभाव है।

श्री मोदी ने कहा कि उच्च शिक्षा के हर पहलू- शैक्षणिक, तकनीकी, व्यावसायिक आदि को संकट से बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एनईपी-2020 को पूरी समग्रता में लागू करने का आह्वान किया।

 

Click here to read full text speech

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.

Media Coverage

India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले 'सुप्रभातम्' कार्यक्रम की सराहना की
December 08, 2025

प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह सुबह की ताजगी भरी शुरुआत करता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में योग से लेकर भारतीय जीवन शैली के विभिन्न पहलुओं तक विविध विषयों को शामिल किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का एक अनूठा संगम है।

प्रधानमंत्री ने ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम के एक विशेष खंड-संस्कृत सुभाषितम् की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति और विरासत के बारे में नए सिरे से जागरूकता फैलाने में मदद करता है।

प्रधानमंत्री ने आज के ‘सुभाषितम’ को दर्शकों के साथ साझा किया।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में कहा:

“दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सुप्रभातम् कार्यक्रम सुबह-सुबह ताजगी भरा एहसास देता है। इसमें योग से लेकर भारतीय जीवन शैली तक अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा होती है। भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का अद्भुत संगम है।

https://www.youtube.com/watch?v=vNPCnjgSBqU”

“सुप्रभातम् कार्यक्रम में एक विशेष हिस्से की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। यह है संस्कृत सुभाषित। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और विरासत को लेकर एक नई चेतना का संचार होता है। यह है आज का सुभाषित…”