प्रधानमंत्री 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश तथा 8 जुलाई को तेलंगाना और राजस्थान का दौरा करेंगे
प्रधानमंत्री रायपुर में करीब 7500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
अवसंरचना विकास को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री गोरखपुर-लखनऊ और जोधपुर-अहमदाबाद (साबरमती) को जोड़ने वाली दो वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे
प्रधानमंत्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री वाराणसी में 12,100 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्‍न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन के बीच समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड के बीच निर्मित चार लेन की सड़क का लोकार्पण करेंगे, जिससे वाराणसी से लखनऊ तक की यात्रा आसान और तेज हो जाएगी
प्रधानमंत्री मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री यूपी में लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान कार्ड वितरित करेंगे
प्रधानमंत्री वारंगल में लगभग 6,100 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित की जाने वाली विभिन्‍न सड़क और रेल अवसंरचना विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री बीकानेर में 24,300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे के छह लेन वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे खंड और हरित ऊर्जा गलियारे के लिए अंतर-राज्य ट्रांसमिशन लाइन के चरण-1 का लोकार्पण करेंगे
प्रधानमंत्री बीकानेर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7-8 जुलाई, 2023 को चार राज्यों की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री 8 जुलाई को तेलंगाना और राजस्थान का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री रायपुर में 7 जुलाई को सुबह करीब 10:45 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर करीब 2:30 बजे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंचेंगे, जहां वे गीता प्रेस, गोरखपुर के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री शाम करीब 5 बजे वाराणसी पहुंचेंगे, जहां वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे और विभिन्‍न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे।

प्रधानमंत्री 8 जुलाई को सुबह करीब 10:45 बजे तेलंगाना के वारंगल पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वे विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री शाम करीब 4:15 बजे बीकानेर पहुंचेंगे, जहां वे राजस्थान की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।

पीएम, रायपुर में


अवसंरचना विकास को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री लगभग 6,400 करोड़ रूपए की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास करेंगे। राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में शामिल हैं - जबलपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के रायपुर-कोडेबोड़ खंड की 33 कि.मी. लंबी 4 लेन वाली सड़क, आदि। पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यह खंड, जगदलपुर के निकट स्थित इस्पात संयंत्रों के लिए कच्चे माल तथा तैयार उत्पादों की आवाजाही का अभिन्न अंग है और लौह अयस्क समृद्ध क्षेत्रों से परिवहन सम्‍पर्क की सुविधा प्रदान करता है। प्रधानमंत्री एनएच-130 के बिलासपुर-अंबिकापुर खंड के 53 किलोमीटर लंबे बिलासपुर-पथरापाली खंड पर निर्मित 4-लेन की सड़क का लोकार्पण करेंगे। यह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच परिवहन सम्‍पर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा और आसपास के क्षेत्रों में स्थित कोयला खदानों को परिवहन की सुविधा प्रदान करके कोयले की आवाजाही को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री 6-लेन वाले ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के छत्तीसगढ़ खंड के लिए तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इनमें शामिल है - एनएच-130 सीडी पर 43 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले झांकी-सरगी खंड का विकास; एनएच-130 सीडी पर 57 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले सरगी-बसनवाही खंड का विकास और एनएच-130 सीडी पर 25 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले बसनवाही-मारंगपुरी खंड का विकास। 2.8 किलोमीटर लंबी 6-लेन सुरंग एक प्रमुख घटक है - उदंती वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में वन्यजीवों के आसान आवागमन के लिए 27 रास्ते और 17 बंदर छतरियों का निर्माण। इन परियोजनाओं से धमतरी स्थित चावल मिलों और कांकेर के बॉक्साइट समृद्ध क्षेत्रों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और इससे कोंडागांव के हस्तशिल्प उद्योग को भी लाभ होगा। कुल मिलाकर, ये परियोजनाएं क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्‍साहन प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री 103 किलोमीटर लंबी रायपुर-खरियार रोड रेल लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे 750 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इससे बंदरगाहों से छत्तीसगढ़ के उद्योगों के लिए कोयला, इस्पात, उर्वरक और अन्य वस्तुओं का परिवहन आसान हो जाएगा। वे केवटी-अंतागढ़ को जोड़ने वाली 17 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 290 करोड़ रुपये की लागत से विकसित नई रेलवे लाइन भिलाई स्टील प्लांट को दल्ली राजहरा और रावघाट क्षेत्रों की लौह अयस्क खदानों से परिवहन सुविधा प्रदान करेगी और घने जंगलों से होकर दक्षिणी छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों को जोड़ेगी।

प्रधानमंत्री कोरबा में 130 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 60 हजार मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बॉटलिंग प्लांट को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाभार्थियों को 75 लाख कार्डों के वितरण की भी शुरुआत करेंगे।

पीएम, गोरखपुर में


प्रधानमंत्री गोरखपुर में गीता प्रेस जाएंगे और ऐतिहासिक प्रिंटिंग प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान, वे चित्रमय शिव पुराण ग्रंथ का विमोचन करेंगे। प्रधानमंत्री गीता प्रेस में लीला चित्र मंदिर भी जाएंगे।

प्रधानमंत्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। दो ट्रेनें हैं : गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस और जोधपुर-अहमदाबाद (साबरमती) वंदे भारत एक्सप्रेस।

गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस अयोध्या से होकर गुजरेगी और राज्य के महत्वपूर्ण शहरों की परिवहन सुविधा में सुधार करेगी तथा पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस जोधपुर, आबू रोड, अहमदाबाद जैसे प्रसिद्ध स्थानों के परिवहन सम्‍पर्क में सुधार करेगी और क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

प्रधानमंत्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे। लगभग 498 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा, जो विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करेगा।

पीएम, वाराणसी में


प्रधानमंत्री वाराणसी में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 12100 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्‍न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन के बीच समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। 6760 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, नई लाइन वस्‍तुओं की तीव्र और कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री तीन रेलवे लाइनों का भी लोकार्पण करेंगे, जिनका विद्युतीकरण या दोहरीकरण 990 करोड़ से अधिक की लागत से पूरा किया गया है। इनमें शामिल हैं - ग़ाज़ीपुर शहर-औंरिहार रेल लाइन, औंरिहार-जौनपुर रेल लाइन और भटनी-औंरिहार रेल लाइन। ये उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइनों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के पूरा होने का प्रतीक होंगी।

प्रधानमंत्री एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड की चार-लेन वाली सड़क का भी लोकार्पण करेंगे, जिसे 2,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया गया है। इससे वाराणसी से लखनऊ के बीच यात्रा आसान और तेज हो जाएगी।

प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी में जिन विभिन्‍न परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, उनमें शामिल हैं - 18 पीडब्ल्यूडी सड़कों का निर्माण और नवीनीकरण; बीएचयू परिसर में अंतर्राष्ट्रीय गर्ल्स हॉस्टल भवन का निर्माण; ग्राम करसरा में केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) - व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र; पुलिस स्टेशन सिंधौरा, पीएसी भुल्लनपुर, फायर स्टेशन पिंडरा और सरकारी आवासीय विद्यालय तरसदा में आवासीय भवन और सुविधाएं; आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन भवन; मोहन कटरा से कोनिया घाट तक सीवर लाइन और रमना गांव में आधुनिक सेप्टेज प्रबंधन प्रणाली; 30 दो तरफ वाले बैकलिट एलईडी स्‍तम्‍भ; एनडीडीबी मिल्क प्लांट, रामनगर में गाय के गोबर पर आधारित बायो-गैस संयंत्र और दशाश्वमेध घाट पर एक अनूठा तैरता हुआ चेंजिंग रूम जेटी, जो भक्तों को गंगा नदी में स्नान करने की सुविधा प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री चौखंडी, कादीपुर और हरदत्तपुर रेलवे स्टेशनों के पास 3 दो-लेन वाले रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण; व्यासनगर का निर्माण-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन रेल फ्लाईओवर का‍ निर्माण और 15 पीडब्‍ल्‍यूडी सड़कों के निर्माण और नवीनीकरण से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं को लगभग 780 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 192 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे। इनसे 192 गांवों के 7 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्‍त होगा।

प्रधानमंत्री मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के फिर से डिजाइन तैयार करने और इनके पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे। पुनर्विकास किए जाने वाले घाटों में सार्वजनिक सुविधाएं, प्रतीक्षा क्षेत्र, लकड़ी भंडारण, अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण के अनुकूल दाह संस्कार की व्यवस्था होगी।

आधारशिला रखी जाने वाली अन्य परियोजनाओं में शामिल हैं - वाराणसी में गंगा नदी तट पर स्थित दशाश्वमेध घाट के तैरते हुए चेंजिंग रूम जेटी की तर्ज पर छह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर तैरते हुए चेंजिंग रूम जेटी का निर्माण और सिपेट परिसर करसरा में छात्रावास निर्माण आदि।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों को पीएमस्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित करेंगे। इससे 5 लाख पीएमएवाई लाभार्थियों के गृह प्रवेश, 1.25 लाख पात्र लाभार्थियों को पीएमस्वनिधि ऋण वितरण और 2.88 करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरण के कार्यक्रम की शुरूआत होगी।

पीएम, वारंगल में


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तेलंगाना में लगभग 6,100 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण अवसंरचना विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री लगभग 5,550 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित की जाने वाली 176 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर का 108 किलोमीटर लंबा मंचेरियल-वारंगल खंड में शामिल हैं। इस खंड से मंचेरियल और वारंगल के बीच की दूरी में लगभग 34 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे यात्रा अवधि कम हो जाएगी और एनएच-44 और एनएच-65 पर यातायात की आवाजाही और बेहतर होगी। वे एनएच-563 के 68 किलोमीटर लंबे करीमनगर-वारंगल खंड को मौजूदा दो लेन से चार लेन में उन्‍नत करने की आधारशिला भी रखेंगे। इससे हैदराबाद-वारंगल औद्योगिक गलियारे, काकतीय मेगा टेक्सटाइल पार्क और वारंगल स्थित एसईजेड के बीच परिवहन सुविधा में सुधार करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री रेलवे विनिर्माण इकाई, काजीपेट की आधारशिला भी रखेंगे। 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित की जाने वाली इस आधुनिक विनिर्माण इकाई से वैगन निर्माण क्षमता में वृद्धि होगी। यह संयंत्र नवीनतम प्रौद्योगिकी मानकों और सुविधाओं जैसे वैगनों की रोबोटिक पेंटिंग, अत्याधुनिक मशीनरी और सामग्री भंडारण और रखरखाव की आधुनिक सुविधा से सुसज्जित होगा। इससे स्थानीय रोजगार सृजन और आसपास के क्षेत्रों में सहायक इकाइयों के विकास में मदद मिलेगी।

पीएम, बीकानेर में


प्रधानमंत्री बीकानेर में 24,300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इनसे क्षेत्र की अवसंरचना का विस्‍तार होगा।

प्रधानमंत्री अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे के छह लेन वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे खंड का लोकार्पण करेंगे। राजस्थान में इस गलियारे की लंबाई 500 किमी से अधिक है, जो हनुमानगढ़ जिले के जाखड़ावाली गांव से जालोर जिले के खेतलावास गांव तक फैली हुई है। इसे लगभग 11,125 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इस एक्सप्रेसवे से यात्रा के समय में काफी कमी आएगी और प्रमुख शहरों एवं औद्योगिक गलियारों के बीच परिवहन सुविधा में सुधार होगा। एक्सप्रेसवे न केवल वस्‍तुओं के निर्बाध परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि इससे पर्यटन और आर्थिक विकास को भी प्रोत्‍साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री क्षेत्र में बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए, लगभग 10,950 करोड़ रुपये की लागत से हरित ऊर्जा गलियारे के लिए निर्मित अंतर-राज्य ट्रांसमिशन लाइन के चरण-I का लोकार्पण करेंगे। यह हरित ऊर्जा गलियारा लगभग 6 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करेगा और पश्चिमी क्षेत्र में ताप विद्युत उत्पादन और उत्तरी क्षेत्र में जल विद्युत उत्पादन के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड संतुलन में मदद करेगा, जिससे उत्तरी क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र के बीच ट्रांसमिशन क्षमता मजबूत होगी। प्रधानमंत्री बीकानेर-भिवाड़ी ट्रांसमिशन लाइन का भी लोकार्पण करेंगे। लगभग 1,340 करोड़ रुपये की लागत से पावर ग्रिड द्वारा विकसित की जाने वाली बीकानेर-भिवाड़ी ट्रांसमिशन लाइन राजस्थान में 8.1 गीगावॉट सौर ऊर्जा के उपयोग में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री बीकानेर में 30 बिस्तरों वाले नए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल का लोकार्पण करेंगे। इस अस्पताल में 100 बिस्तरों तक के विस्‍तार की क्षमता होगी। यह अस्पताल एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा केन्‍द्र के रूप में काम करेगा, स्थानीय समुदाय की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करेगा और सुलभ तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री बीकानेर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए जाने वाले इस पुनर्विकास कार्य में शामिल होंगे - रेलवे स्टेशन की मौजूदा संरचना की विरासत स्थिति के संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए फर्श और छत के साथ सभी प्लेटफार्मों का नवीनीकरण।

प्रधानमंत्री 43 किलोमीटर लंबी चूरू-रतनगढ़ रेलखंड के दोहरीकरण की आधारशिला रखेंगे। इस रेल लाइन के दोहरीकरण से रेल परिवहन सुविधा का विस्‍तार होगा तथा बीकानेर क्षेत्र से देश के शेष हिस्सों तक जिप्सम, चूना पत्थर, खाद्यान्न व उर्वरक उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी।

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प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
May 12, 2025
आज, हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है: प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है: प्रधानमंत्री
आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था; इसलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही उजाड़ दिया: प्रधानमंत्री
पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया: प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है: प्रधानमंत्री
निश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है: प्रधानमंत्री
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक बेहतर दुनिया की गारंटी है: प्रधानमंत्री
टेरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता: प्रधानमंत्री
पाकिस्तान के साथ बात होगी, तो टेररिज्म पर होगी, पाकिस्तान से बात होगी, तो पीओके पर होगी: प्रधानमंत्री

प्रिय देशवासियों,

नमस्कार!

हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों,

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,

भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,

युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,

हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों,

पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!