प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री की ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर आर्थिक भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया।
खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, कृषि एवं उससे संबंधित क्षेत्र आपूर्ति श्रृंखला के ऐसे क्षेत्र हैं जो भारत-न्यूजीलैंड सहयोग में विशेष महत्व रखते हैं: प्रधानमंत्री
भारत और न्यूजीलैंड संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सीईसीए की दिशा में काम करने के लिए राजी हुए
भारत-न्यूजीलैंड के बीच साइबर सुरक्षा सहित आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ रक्षा और खुफिया सहयोग को बढ़ावा देने पर बनी सहमति
संयुक्त राष्ट्र परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए न्यूजीलैंड का आभारी हूं: प्रधानमंत्री
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का न्यूजीलैंड ने किया समर्थन

महामहिम, प्रधानमंत्री जॉन की,

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य,

मीडिया के सदस्य,

मुझे महामहिम की का भारत में स्वागत करते हुए अति प्रसन्नता हो रही है।

महामहिम, मुझे बताया गया है कि न्यूजीलैंड की संसद में अब दीपावली का त्यौहार नियमित रूप से मनाया जाएगा, और आप भी कई त्यौहारों में खुद शामिल होते हैं। इसलिए, भारत में त्यौहारों के इस मौसम में आपका स्वागत करना विशेष प्रसन्नता की बात है।

मित्रों,

प्रधानमंत्री की और मैं बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों के इतर कई बार मिल चुके हैं और आज महामहिम की का द्विपक्षीय दौरे पर भारत में स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है।

अबसे कुछ ही देर बाद, हमारी क्रिकेट टीमें चौथे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के लिए रांची में मैदान में उतरेंगी। कई मायनों में क्रिकेट की शब्दावली हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को दर्शाती है। हमारे संबंधों में हमने लांग ऑफ पर क्षेत्ररक्षण से आगे बढ़ते हुए बैटिंग पिच पर ताजा गार्ड लिया है। रक्षात्मक खेल ने आक्रामक बैटिंग का रास्ता तैयार किया है।

मित्रों,

प्रधानमंत्री की और मैंने हमारे द्विपक्षीय संबंधों और बहुपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर विस्तृत एवं उपयोगी विचार-विमर्श किया है।

व्यापार और निवेश हमारी चर्चा के मुख्य क्षेत्रों में से एक थे। हम दोनों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ रही अनिश्चितताओं पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के क्रम में अधिक आर्थिक भागीदारी की जरूरत को स्वीकार किया है। साथ ही इस बात पर सहमति जताई है कि व्यापारिक और वाणिज्यिक संबंधों को विस्तार देना हमारी साझीदारी के प्राथमिकता वाले विषयों में से एक होना चाहिए। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री की के साथ आया बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भारत की विकास गाथा में पहली बार हाथ आए निवेश के अवसरों का ही गवाह नहीं बनेगा। उनके पारस्परिक विचार-विमर्श से दोनों देशों के बीच नई वाणिज्यिक भागीदारी का भी निर्माण होगा। मैं खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी और कृषि तथा उनकी आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों का जिक्र करना चाहता हूं। इनमें से कुछ क्षेत्र द्विपक्षीय सहयोग के लिए खास तौर पर संभावनाशील हैं। इन क्षेत्रों में न्यूजीलैंड के सामर्थ्य और क्षमता को भारत की विशाल प्रौद्योगिकी के साथ लाकर गठबंधन करने की जरूरत है, इससे हमारे दोनों के समाज को फायदा हो सकता है।

हम इस बात पर भी सहमत है कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं और समाजों के बीच कुशल पेशेवरों की आवाजाही के साथ-साथ दोनों सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कदम अधिक से अधिक व्यावसायिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा दें । इस संबंध में, हम एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर जल्दी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए हैं।

मित्रों,

व्यापक द्विपक्षीय भागीदारी के साथ-साथ हमारा घनिष्ठ सहयोग वैश्विक क्षेत्र तक भी फैला है। क्षेत्रीय मुद्दों पर हम आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं, इसमें ईस्ट एशिया समिट की प्रक्रिया भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय शासन (गवर्नेंस) संस्थाओं में सुधार हम दोनों के लिए एक साझा प्राथमिकता है। सुधार के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने के लिए न्यूजीलैंड के समर्थन का हम आभार जताते हैं। जैसे प्रशांत द्वीप के देशों के विकास संबंधी प्रयासों के लिए हम अपना सहयोग कर रहे हैं, उसी तरह हम एक दूसरे के प्रयासों के अनुपूरण और परिपूरण के लिए न्यूजीलैंड के साथ नजदीकी परामर्श जारी रखेंगे।

मैं परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता पर विचार करने के लिए न्यूजीलैंड द्वारा रचनात्मक दृष्टिकोण दिखाने पर प्रधानमंत्री की का भी आभारी हूं।

मित्रों

आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौतियों में से एक बना हुआ है। आज, आतंकवाद का वित्तीय, साजो-सामान (लॉजिस्टिक) और सूचना नेटवर्क पूरी दुनिया में फैल गया है। भौगोलिक बाधाएं भी कट्टरपंथ और आतंकवाद के खतरे से सुरक्षा नहीं दे सकती हैं। ऐसे राष्ट्र जो मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें इस खतरे का मुकाबला करने के लिए अपने कार्यों और नीतियों का समन्वय करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री की और मैं साइबर सुरक्षा के क्षेत्र समेत आतंकवाद व कट्टरपंथ के खिलाफ हमारे सुरक्षा और खुफिया सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं।

महामहिम,

न्यूजीलैंड की जनता ने बार-बार आपके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया है और ऐसा क्यों हुआ है, मैं यह देख सकता हूं।

महामहिम, हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को आगे ले जाने की आपकी निजी प्रतिबद्धता और मित्रता के बंधन तथा हमारे देशों की जनता के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं।

एक बार फिर, मैं आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं तथा आपकी उपयोगी व सफल भारत यात्रा की कामना करता हूं।

धन्यवाद,

बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Operation Sagar Bandhu: India airlifts 120- foot bailey bridge; installs it in Sri Lanka's Kilinochchi district

Media Coverage

Operation Sagar Bandhu: India airlifts 120- foot bailey bridge; installs it in Sri Lanka's Kilinochchi district
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की 101वीं जयंती पर पीएम मोदी 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे
December 24, 2025
प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और आदर्शों के मान-सम्मान के लिए लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे
राष्ट्र प्रेरणा स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं हैं
राष्ट्र प्रेरणा स्थल में कमल के आकार का एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है जो भारत की राष्ट्रीय यात्रा और नेतृत्व की विरासत दर्शाता है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 25 दिसम्‍बर 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ जाएंगे। दोपहर करीब 2:30 बजे, प्रधानमंत्री राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

स्वतंत्र भारत की महान हस्तियों की विरासत का मान-सम्मान करने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की दूरदर्शिता से प्रेरित होकर, राष्ट्र प्रेरणा स्थल भारत के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक के जीवन, आदर्शों और स्थायी विरासत को श्रद्धांजलि देगा, जिनके नेतृत्व ने देश की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और विकासात्मक यात्रा पर गहरा प्रभाव डाला।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल को एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारक और स्थायी राष्ट्रीय महत्व के प्रेरणादायक परिसर के रूप में विकसित किया गया है। लगभग ₹230 करोड़ की लागत से निर्मित और 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला यह परिसर एक स्थायी राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में परिकल्पित है, जो नेतृत्व मूल्यों, राष्ट्रीय सेवा, सांस्कृतिक चेतना और सार्वजनिक प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

इस परिसर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं हैं, जो भारत की राजनीतिक सोच, राष्ट्र निर्माण और सार्वजनिक जीवन में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक हैं। इसमें एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है जिसे कमल के फूल के आकार में बनाया गया है, जो लगभग 98,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। यह संग्रहालय भारत की राष्ट्रीय यात्रा और इन दूरदर्शी नेताओं के योगदान को उन्नत डिजिटल और इमर्सिव टेक्नोलॉजी के माध्यम से दिखाता है, जो आगंतुकों को एक आकर्षक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन निस्वार्थ नेतृत्व और सुशासन के आदर्शों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और उम्मीद है कि यह वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।