यह दशक और सदी भारत में नए-नए मल्टीनेशनल्स के निर्माण की है : प्रधानमंत्री मोदी
मैनेजमेंट का मतलब सिर्फ कंपनियां संभालना ही नहीं होता, जिंदगियां संभालना भी होता है : प्रधानमंत्री मोदी
'वर्क फ्रॉम एनिवेयर' के कॉन्सेप्ट से पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज से ग्लोबल वर्कप्लेस में बदल गई है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईएम संबलपुर के स्थायी कैम्‍पस की आधारशिला रखी। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ केन्‍द्रीय मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान और श्री प्रताप चंद्र सारंगी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईएम संबलपुर का स्थायी परिसर न केवल ओडिशा की संस्कृति और संसाधनों का प्रदर्शन करेगा, बल्कि ओडिशा को प्रबंधन के क्षेत्र में एक वैश्विक पहचान देगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में देश को इंडियन मल्‍टी-नेशनल की प्रवृत्ति देखने को मिली जो पूर्व में भारत आने वाले आउटसाइड मल्‍टी-नेशनल के विपरीत थी। श्रेणी-2 और श्रेणी-3 के शहर स्टार्टअप्स देख रहे हैं और भारत ने हाल में परेशानी के दौर में बहुत-सी दुर्लभ चीजें देखी हैं, कृषि क्षेत्र में तेजी से सुधार हो रहे हैं। ऐसे परिदृश्‍य में प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि वे देश की आकांक्षा के साथ अपने करियर को जोड़ें। प्रधानमंत्री ने कहा, इस नए दशक में, ब्रांड इंडिया को वैश्विक मान्यता देना आपकी जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री स्थानीय को वैश्विक स्तर तक लाने में छात्रों की भूमिका पर काफी देर तक बोले। उन्होंने छात्रों से संबलपुर क्षेत्र में अपार स्थानीय संभावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए पर्यटन को बेहतर बनाने की योजनाओं पर काम करने को कहा। उन्होंने छात्रों से स्थानीय उत्पादों पर काम करने के लिए कहा, जिनमें काफी सम्‍भावनाएं हैं जैसे स्थानीय हस्तशिल्‍प, वस्त्र और आदिवासी कला। उन्होंने छात्रों से क्षेत्र में बहुत अधिक मात्रा में खनिजों और अन्य संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर काम करने के लिए कहा क्योंकि यह आत्‍मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देगा। आईआईएम के छात्रों को स्थानीय को वैश्विक बनाने के लिए अभिनव समाधान खोजने की आवश्यकता होगी क्योंकि वे आत्‍मनिर्भर भारत मिशन, स्थानीय उत्पादों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बीच एक सेतु के रूप में काम कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा, "आपको नवोन्मेष, पूर्णता और समावेश के मंत्र के साथ अपने प्रबंधन कौशल को दिखाना होगा",

प्रधानमंत्री ने नई तकनीकों के परिप्रेक्ष्‍य में नई प्रबंधन चुनौतियों के बारे में बात की, जैसे कि प्रिंटिंग के क्षेत्र में जुड़ते नए आयाम, बदलती उत्पादन तकनीक, लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन। ये तकनीकें डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ जुड़ी हुई हैं, और कहीं भी बैठकर काम करने की अवधारणा ने दुनिया को एक वैश्विक गांव में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हाल के महीनों में तेजी से सुधार किए हैं और न केवल परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने की कोशिश की है, बल्कि पूर्वानुमान लगाने और बेहतर परिणाम देने की कोशिश की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलती कार्यशैली प्रबंधन कौशल की मांगों को प्रभावित कर रही है और टॉप-डाउन या टॉप हैवी प्रबंधन कौशल का स्‍थान सहयोगपूर्ण, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन द्वारा लिया जा रहा है। बोट और अल्गोरिथम के साथ, तकनीकी प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना मानव प्रबंधन।

श्री मोदी ने छात्रों से ठीक उसी तरह शोध करने के लिए कहा जिस तरीके से भारत में इतने बड़े पैमाने पर नवाचार और सहयोग के साथ कोविड संकट से निपटा गया। उन्होंने उनसे यह अध्ययन करने के लिए कहा कि इतने कम समय में सामर्थ्‍य और क्षमता का विस्तार कैसे हुआ। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश समस्या के समाधान में अल्पकालिक रास्‍ता अपनाने के रवैये से बाहर आ रहा है और किस तरह अब दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान केन्‍द्रित है। उन्होंने बड़े पैमाने पर नवाचार, योजना और कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देते हुए जन धन खातों का उदाहरण दिया और किस तरह 2014 में देश में एलपीजी कनेक्शन कवरेज जो 55 प्रतिशत था आज सुधरकर 98 प्रतिशत हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रबंधन केवल बड़ी कंपनियों का संचालन ही नहीं है बल्कि प्रबंधन का मतलब है कि जीवन की देखभाल करना।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छे प्रबंधक बनने के लिए देश के सामने मौजूद चुनौतियों को समझना महत्वपूर्ण है। इसके लिए, यह आवश्यक है कि उच्च शिक्षण संस्थानों का व्यापक दायरा हो और केवल उनकी विशेषज्ञता पर ध्यान केन्‍द्रित न किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पेशेवर शिक्षा से जुड़ी बाधाओं को हटाने के लिए वैविध्‍यपूर्ण, बहु-अनुशासनात्मक और पूर्णतावादी दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है जो समय के साथ उभरकर सामने आया है।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Investment worth $30 billion likely in semiconductor space in 4 years

Media Coverage

Investment worth $30 billion likely in semiconductor space in 4 years
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister Shri Narendra Modi emphasises importance of Harmony and Forgiveness in our lives on the auspicious occasion of Samvatsari
September 07, 2024

On the auspicious occasion of Samvatsari, Prime Minister Shri Narendra Modi shared a heartfelt message on X, highlighting the importance of harmony and forgiveness in our lives. He urged citizens to embrace empathy and solidarity, fostering a spirit of kindness and unity that can guide our collective journey.

In his tweet, he stated, "Samvatsari highlights the strength of harmony and to forgive others. It calls for embracing empathy and solidarity as our source of motivation. In this spirit, let us renew and deepen bonds of togetherness. Let kindness and unity shape our journey forward. Michhami Dukkadam."