परीक्षा पे चर्चा के दौरान असम की कृष्टि सैकिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करने का मौका मिला। उसने पैरेंट्स और बच्चों के बीच जनरेशन गैप के बारे में एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया।
कृष्टि सैकिया ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, "नई पीढ़ी के एक बच्चे के तौर पर हम अपने पैरेंट्स और अपने बीच के जनरेशन गैप को हमेशा कम करना चाहते हैं। हम ये किस प्रकार कर सकते हैं?"
उसके सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पैरेंट्स से खुद और बच्चों के बीच जनरेशन गैप को कम करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अपने बच्चों के साथ जुड़ें, उनकी पसंद और नापसंद के बारे में जानें। उनकी दुनिया में खुद को शामिल करने से जनरेशन गैप कम हो जाएगा, वे आपकी बातों की सराहना करेंगे।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, " याद कीजिए, जब आपका बच्चा एक साल का था, तो आपने उससे कैसे बात की थी? आप उसे हंसाने के लिए किस तरह की आवाजें निकालते थे? आप कैसे उनसे चेहरे के भावों के जरिए बात करते थे। क्या आपने कभी सोचा कि अगर लोग आपको ऐसा करते हुए देखें, तो वे क्या कहेंगे? आपको उस समय मजा आया था, इसलिए आपने ऐसा किया। आपने किसी की परवाह नहीं की, यानि आप सब कुछ छोड़कर खुद बच्चे बन गए।"
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 13 दिसंबर 2001 को हुए जघन्य आतंकवादी हमले के दौरान भारत की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र कर्तव्य निभाते हुए प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्होंने कहा कि गंभीर खतरे के समय भी उनका साहस, सतर्कता और अटूट कर्तव्यनिष्ठा प्रत्येक नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

श्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा:
“आज के दिन, हमारा देश उन लोगों को याद करता है जिन्होंने 2001 में हमारी संसद पर हुए जघन्य हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। गंभीर खतरे के बावजूद, उनका साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहेगा।”

On this day, our nation remembers those who laid down their lives during the heinous attack on our Parliament in 2001. In the face of grave danger, their courage, alertness and unwavering sense of duty were remarkable. India will forever remain grateful for their supreme… pic.twitter.com/q8T26s1ogM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2025


