मैं विकास, निवेश रणनीतियों और रोजगार योजनाओं संबंधी प्रयासों को समन्वित करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति को बधाई देता हूं: प्रधानमंत्री
विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हमें मौद्रिक नीति पर भरोसा रखते हुए सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी
बहुपक्षीय विकास बैंकों को विकासशील देशों के बुनियादी ढांचे की जरूरत में सहयोग देने के लिए अपनी पूंजी आधार को बढ़ाना चाहिए: प्रधानमंत्री
पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से निपटने की जरूरत पर सहमत है: प्रधानमंत्री
जी-20 के प्रयास संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े होने चाहिए, ख़ासकर 2030 तक गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य होना चाहिए: प्रधानमंत्री
हम युवाओं और महिलाओं के रोजगार पर जी-20 के फोकस का स्वागत करते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि 7.5% होने की संभावना है; हमने महंगाई कम की है और चालू खाते और राजकोषीय घाटे को कम किया है: प्रधानमंत्री
समावेशी विकास के हमारे कार्यक्रम, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया से भारत में विकास और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री

समस्त महामहिम,

अनेक प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी, अस्थिर वित्तीय बाज़ार एवं प्रतियोगी मुद्रा के अवमूल्यन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था दुर्बल बनी है।

विकास एवं निवेश की रणनीतियां और रोजगार योजनाओं पर प्रयासों के समन्वय के लिए मैं तुर्की के राष्ट्रपति को बधाई देना चाहता हूं। हम सबको अब अपनी प्रतिबद्धता को कार्यान्वित करना चाहिए।

विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हमें केवल वित्तीय नीति पर विश्वास ही नहीं सार्वजनिक निवेश में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है।

मौद्रिक नीति पर केंद्रीय बैंकों से चौकस संवाद हेतु जी-20 के प्रयास वित्तीय एवं मुद्रा बाज़ार को स्थिर रखने में मददगार सिद्ध होंगे।

बहुपक्षीय विकासशील बैंकों को विकासशील देशों की ढांचागत आवश्यकताओं को सहारा देने के लिए अपने पूंजीगत आधार को विस्तार देना चाहिए। नव विकास बैंक जैसे नये संस्थान वित्तपोषण के अतिरिक्त शुभ स्रोत हैं।

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए वैश्विक सर्वसम्मति है। हालांकि ऋण देने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को इतनी कठिन शर्तें नहीं थोपनी चाहिए कि वह कई देशों में विकास के मार्ग में बाधा बन जाएं और संधारणीय विकास को अवरुद्ध कर दें।

जी-20 के प्रयासों को इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र संधारणीय विकास पर अंगीकार किए गए लक्ष्यों के साथ जोड़ने की आवश्यकता है-- ख़ास कर 2030 तक समस्त निर्धनता के निर्मूलन वाले प्रथम लक्ष्य के साथ जोड़ने की।

जी-20 के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने एवं महिलाओं को रोजगार प्रदान करने की प्राथमिकता का हम स्वागत करते हैं।

स्थाई एवं दीर्घावधि वाले वैश्विक आर्थिक विकास के लिए मुद्रा का प्रवाह ही नहीं बल्कि श्रमिक अंतरणीयता और कौशल संहवरणात्मकता की भी ज़रूरत होती है।

समस्त महामहिम,

इस वर्ष भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना है और अगले वर्ष 8 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। हमने मुद्रा स्फीति, चालू खाता एवं राजकोषीय घाटे में कमी की है।

वित्तीय समावेशन समेत समावेशी विकास की हमारी योजनाएं, बुनियादी ज़रूरतों के लिए सार्वत्रिक पहुंच, मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, औद्योगिक गलियारे एवं स्मार्ट सिटीज़ वगैरह विकास दर और रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी करेंगे।

यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करने वाला श्रोत होगा।

धन्यवाद!

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहे G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के अवसर पर जापान की प्रधानमंत्री महामहिम साने ताकाइची के साथ द्विपक्षीय बैठक की। 29 अक्टूबर 2025 को टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी की प्रधानमंत्री ताकाइची से यह पहली मुलाकात थी।

दोनों नेताओं ने सभ्यतागत जुड़ाव, साझा मूल्यों, पारस्परिक सद्भावना तथा मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति वचनबद्धता पर आधारित भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के महत्व की पुनः पुष्टि की। नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भारत-जापान साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया।

नेताओं ने 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में हुई सतत् प्रगति को स्वीकार किया और रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, लघु तथा मध्यम उद्योग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिज, सेमीकंडक्टर, अवसंरचना विकास, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार और लोगों के परस्‍पर संपर्क जैसे व्यापक क्षेत्रों में जिन परिणामों पर सहमति बनी थी उनके त्वरित क्रियान्वयन का आह्वान किया। उन्होंने रणनीतिक क्षेत्रों में भारत और जापान के बीच सहयोगात्मक अवसरों पर भी चर्चा की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ताकाइची ने फरवरी 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले एआई शिखर सम्मेलन के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त किया।

दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान मूल्यवान साझेदार और विश्वसनीय मित्र बने रहें।

दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए अपरिहार्य हैं।

नेताओं ने संपर्क में बने रहने और जल्द से जल्द अगली मुलाकात करने पर सहमति व्यक्त की।