भारत माता की जय..!

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजनाथ सिंह जी, पूरे छत्तीसगढ़ की छाती को सारी दुनिया के अंदर एक ताकतवर छाती के रूप में बनाने वाले मितभाषी मेरे मित्र मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह जी, छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष श्रीमान् रामसेवक पैकरा जी, विधानसभा के अध्यक्ष आदरणीय श्री धरम लाल जी, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और राज्यसभा के सदस्य श्री जगत प्रकाश नड्डा जी, मंच पर विराजमान छत्तीसगढ़ सरकार के भिन्न-भिन्न आदरणीय मंत्रीगण, सांसद गण, विधायक गण और विशाल संख्या में पधारे हुए प्यारे भाइयों और बहनों..!

मैं सरगुजा कई बार आया हूँ, अंबिकापुर में भी छोटी मीटिंगों से लेकर के बड़ी जनसभाएं करने का भी मुझे अवसर मिला है, लेकिन आज मुझे स्वीकार करना होगा कि मैंने सरगुजा की धरती पर इससे पूर्व ऐसा जनसागर कभी देखा नहीं है, ऐसा विराट दृश्य कभी देखा नहीं है और इस द्रश्य को देख कर के मुझे लगता है कि कल तक हम कहते थे सरगुजा, अब कहेंगे ‘सर ऊंचा’, सरगुजा ने छत्तीसगढ़ का सिर ऊंचा कर दिया है..! मैं सरगुजा के सभी भाइयों-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ..!

हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति यात्रा करके आता है और आप उस यात्री को अगर नमन करते हो तो उसका आधा पुण्य आपको मिलता है। ये मेरा सौभाग्य है कि छह हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा करके, समाज व्यवस्था के चरण स्पर्श करके, आज सरगुजा पहुंचे हुए एक यात्री डॉ. रमण सिंह जी को नमन करने का मुझे सौभाग्य मिला है। इस यात्रा का पुण्य ले जाने के लिए मैं नहीं आया हूँ, मैं इस यात्रा के पुण्य को इस छत्तीसगढ़ की धरती को नमन करके समर्पित करता हूँ..!

मित्रों, जब-जब छत्तीसगढ़ के बारे में सोचता हूँ तो मुझे अटल बिहारी बाजपेयी जी के उस महान निर्णय पर नमन करने का मन करता है। मैंने संयुक्त मध्यप्रदेश में भी काम किया है और जब अलग छत्तीसगढ़ बना, तो उन दिनों में भी मैं आपके बीच में संगठन का काम करता था। भारतीय जनता पार्टी की कार्य संस्कृति क्या है, निर्णय प्रक्रिया क्या है, साशन चलाने के तौर तरीके क्या है, इसका उत्तम उदाहरण देखना है तो छत्तीसगढ़ की रचना, उत्तराखंड की रचना, झारखंड की रचना देखिए और उधर कांग्रेस ने तेलंगाना बना कर के जो पूरे आंध्र में आग लगा दी है..! किस तरीके से बनाया..! जब छत्तीसगढ़ बना तो मध्यप्रदेश भी मीठाई बांट रहा था और छत्तीसगढ़ भी मीठाई बांट रहा था, जब उत्तराखंड बना तो उत्तर प्रदेश भी मीठाई बांट रहा था और उत्तराखंड भी मीठाई बांट रहा था, जब झारखंड बना तो बिहार भी मीठाई बांट रहा था और झारखंड भी मीठाई बांट रहा था... लेकिन जब तेलंगाना बना तो कर्फ्यू लगाने पड़े..! ये कांग्रेसी कार्यशैली का नमूना है..!

सबको विश्वास में ले करके, उनके हर सवाल का समाधान करते हूए, निर्णयों की प्रक्रिया को विकसित की जा सकती है, लेकिन वो संस्कार अहंकार से भरी हुई कांग्रेस के पास से अपेक्षा करने जैसे नहीं है। कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है। और इस देश के नागरिकों को नागरिक मानने के लिए तैयार नहीं है। जैसे सामान्य मानवी को एक वोट बैंक की तरह हमेशा ही उसके साथ व्यवहार करते हुए आए हैं। और उसका परिणाम ये है कि आज वो जहाँ भी हाथ लगाते हैं सोना मिट्टी हो जाता है, समस्याएं विकराल हो जाती हैं, संकट गहरे हो जाते हैं और जनता की पीड़ा अपरंपार बढ़ जाती है, ये कांग्रेस की परंपरा रही है और दिल्ली सरकार ने क्या किया..?

Vikas Yatra, Chhattisgarh

भाइयो-बहनों, छत्तीसगढ़ के कार्यकाल के प्रारंभ से मैं यहाँ से जुड़ा हूँ और जब डॉ. रमण सिंह जी यहाँ मुख्यमंत्री बने तब उनके सामने दो रास्ते थे। एक तो दिन रात रोते रहना कि हम मध्य प्रदेश से निकले हैं, यहाँ पर तो सब आदिवासियों की जनसंख्या है, यहाँ पर बिजली नहीं है, पानी नहीं है, सड़के नहीं हैं, क्या करेंगे... दिल्ली कुछ दे दे, दिल्ली कुछ दे दे, दिल्ली कुछ दे दे..! एक तो ये रास्ता हो सकता था..! और दूसरा रास्ता ये हो सकता था कि छत्तीसगढ़ जैसा हो वैसा, लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे, छत्तीसगढ़ के सामर्थ्य को जुटाएंगे, छत्तीसगढ़ के नौजवानों को जोड़ेंगे, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ विकास की नई राह को चुन लेंगे..!

और रमण सिंह जी ने दिल्ली के दरबार में समय बिताने का रास्ता नहीं चुना, मैं उनका अभिनंदन करता हूँ, उन्होंने तय किया कि दिल्ली कुछ करे या ना करे, दिल्ली साथ दे या ना दे, दिल्ली रुकावट डालती रहे, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता के भरोसे, छत्तीसगढ़ के संसाधनों के भरोसे हिन्दुस्तान में एक शानदार राज्य प्राप्त करके दिखाउंगा, ये रास्ता उन्होंने चुना..! ये रास्ता कठिन था, दिल्ली जा कर के मांगने का रास्ता सरल होता। और आए दिन कई मुख्यमंत्रियों की आदत होती है, वे राज्य का भला नहीं कर सकते, दिल्ली में जाकर के रोते बैठते हैं..! रमण सिंह जी ने रोते हुए बैठना पंसद नहीं किया और वे दिल्ली के साथ लड़ते भी रहे, झूझते भी रहे, लेकिन कभी झुकते नहीं दिखे, ये रमण सिंह जी की ताकत है और उसके कारण आज छत्तीसगढ़ खड़ा हो गया..!

भाइयों-बहनों, दिल्ली में भी एक सिंह है, और छत्तीसगढ़ में भी एक सिंह है। दिल्ली में डॉ. मनमोहन सिंह को दस साल होने जा रहे हैं और छत्तीसगढ़ में रमण सिंह जी को भी दस साल होने जा रहे हैं। वे भी डोक्टर हैं, ये भी डॉक्टर हैं। ये इंसान के डॉक्टर हैं, वे रूपयों के डॉक्टर हैं। उन्होंने पी.एच.डी. किया हुआ है फाइनेंस में, रमण सिंह जी में छत्तीसगढ़ को एक ऐसे डॉक्टर मिले जिन्होंने अपनी डॉक्टरी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के हर इंसान को शानदार और जानदार बना दिया, यहाँ के इंसान को प्राणवान बना दिया..! और दिल्ली के सिंह जो रूपये के डॉक्टर थे, और रूपया आज अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच खड़ा हुआ है..! इन दिनों सोशल मीडिया की ताकत बहुत बड़ी है। फेसबुक, ट्विटर, वॉट्स-ऐप... ना जाने क्या-क्या चल रहा है..! मुझे किसी ने एक मेल भेजा, बड़ा इन्टरेस्टिंग था। उसने महात्मा गांधी की एक तस्वीर भेजी। महात्मा गांधी की उस तस्वीर में महात्मा गांधी सूक्ष्मदर्शक यंत्र को देख रहे हैं। ये तस्वीर हम सब लोगों ने देखी है बचपन में, कई किताबों में भी होती है। लेकिन वो सोशल मीडिया में जो नौजवान होते हैं उनका दिमाग बहुत तेज काम करता है। उसमें लिखा था कि महात्मा गांधी सूक्ष्मदर्शक यंत्र में हिन्दुस्तान का रूपया खोज रहे हैं और खुद की तस्वीर कहाँ गई वो ढूंढ रहे हैं..! मित्रों, क्या हाल करके रखा है..!

मित्रों, राष्ट्र के जीवन में कभी-कभी अच्छे-बुरे दिन आते हैं, कभी संकट भी आता है, लेकिन इस संकट के समय नेतृत्व की कसौटी होती है कि वो जनता जनार्दन को भरोसा कैसे दें, जनता जनार्दन के विश्वास को टूटने ना दें, संकटों से बाहर आने की कोशिशों में जनता का भरोसा हो..! मित्रों, पहली बार हिंदुस्तानने पिछले दस साल में दिल्ली में ऐसी सरकार देखी है जिस सरकार के हर कारनामे अंहकार से भरे हुए हैं। जिस सरकार की हर कार्यशैली, जनता को कोई जवाब नहीं देना, जवाबदेही से मुक्त अपने आप को तीसमार खां मानना, इस प्रकार का उनका कार्यकाल रहा है। देश की सामान्य जनता मंहगाई के कारण मर रही है, गरीब के घर में शाम को चुल्हा नहीं जल रहा है, बच्चे आंसू पी कर के सो रहे हैं, लेकिन दिल्ली में बैठी हुई सरकार गरीबों की परिभाषाएं करने में लगी हुई है। जिस प्लांनिग कमीशन के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री हैं, वो प्लानिंग कमीशन कहता है कि शहर में व्यक्ति को जीने के लिए 32 रूपया काफी है और गाँव में गरीब को जीने के लिए 27 रूपया काफी है..!

भाइयों-बहनों, आज 32 रूपयों में मुश्किल से चाय भी दो टाइम नहीं मिल सकती है, लेकिन दिल्ली की सरकार की गरीबी के हिसाब ऐसे है कि वे घोषणा करते हैं..! उनके एक मंत्री, उनके एक नेता, उनके स्पोक्स-पर्सन चीख-चीख कर दुनिया को समझा रहे हैं कि अरे, पाँच रूपये में तो जैसा चाहिए वैसा खाना मिल जाता है..! ये बोलने वाले लोगों पर मुझे नाराजी नहीं है, इस प्रकार की बातें करने वाले लोगों पर मुझे गुस्सा नहीं है, मुझे बहुत पीड़ा है कि दिल्ली में ऐसे लोग बैठे हैं जिनको हिन्दुस्तान के गरीब को खाने में कितना खर्च होता है उसका पता तक नहीं है, ऐसे लोग बैठे हैं कि जिनको ये तक मालूम नहीं है कि गरीब कैसे जिदंगी गुजार रहा है..! मेरा आदिवासी, मेरा गरीब, मेरे शोषित, पीड़ित, वंचित भाई-बहन..! जिनको ये भी मालूम नहीं है कि माँ घर में बच्चों को कितनी कठिनाई से दो टाइम खाना खिलाती है, उनको ये तक मालूम नहीं है..! जो आपके दर्द नहीं जानता, जो आपकी पीड़ा नहीं जानता, जो आपके दर्द को नहीं समझ पाए, वो आपके दर्द की दवा कैसे कर सकता है, भाइयों-बहनों..? और इसलिए मैँ कहता हूँ कि दिल्ली का पूरा शासन संवेदनाहीन है, मानवता हीन है, उनसे गरीब की भलाई की अपेक्षा करना मुश्किल काम है..!

मैं तो हैरान हूँ कि कांग्रेस जिनके भरोसे अपनी नैया पार करना चाहती है, जिनको कहीं से सूरज का ताप ना लग जाए, ठंड ना लग जाए, किसी के शब्द बाण ना लग जाएं, इसलिए बड़ा सुरक्षित रखा हुआ है, चारों तरफ से उसको बचाने के लिए भरपूर कोशिश की गई है, लेकिन फिर भी कभी-कभी आवाज बाहर निकल आती है और जब आवाज सुनते हैं तो सिर पटकने का मन करता है..! मित्रों, गरीबी का सबसे बड़ा मजाक किया कांग्रेस के ये आशास्पद नेता, जिनके भरोसे कांग्रेस चलना चाहती है, उन्होंने कहा कि गरीबी तो स्टेट ऑफ माइंड है, ये मन की स्थिति का परिणाम है, गरीबी-बरीबी कुछ होती नहीं है..! मैं हैरान हूँ ये वाक्य सुन कर के..! उनकी नानी, जो गरीबी हटाओ के नारे लगा रही थी, उनको कितनी पीड़ा हुई होगी कि उनकी तीसरी पीढ़ी आते-आते उनको लगने लगा कि गरीबी तो मन की अवस्था है, गरीबी जैसा कुछ होता नहीं है..! भाइयों-बहनों, गरीबों के दु:ख-दर्द पर एसिड छिड़कने का काम किया है। उनके घाव पर मलहम लगाने के बजाय उनके घाव को गहरा करने का प्रयास हुआ है। और इसके ये कहने के बाद भी अभी तक अपने इस वाक्यों के प्रति ना कोई शोक का, ना कोई दर्द का, ना कोई पीड़ा का, इस देश की जनता को कोई अहसास तक नहीं हुआ है, और उसका मूल कारण है कि कांग्रेस पार्टी अहंकार के सातवें आसमान पर चल रही है। और भाइयों-बहनों, जब जनता जनार्दन को, उसके अरमानों को, उसकी आशा-आकांक्षाओं को कुचलने का प्रयास होता है, तब ये जनता जनार्दन लोकतांत्रिक ताकतों से उनके अहंकार को चूर-चूर कर देती है और मुझे विश्वास है कि आने वाले छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की इस पूरी पंरपरा को छत्तीसगढ़ की जनता हमेशा-हमेशा के लिए उखाड़ फैंकेगी..!

भाइयों-बहनों, विकास की नई ऊचांइयों को पार करना..! मैं यहीं पर 2008 में आया था, जब गरीबों को चावल देने की योजना का प्रारंभ हुआ था। और मैं डॉ. रमण सिंह जी का आभारी हूँ कि चावल की उस योजना का आरंभ करते समय, उस पवित्र कार्य में शरीक होने का मुझे सौभाग्य दिया था। ‘चावल वाले बाबा’ घर-घर में गुंजने लग गए थे, इसलिए नहीं कि किसी अखबार ने तंत्री लेख लिखा था, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने गरीबों की भलाई के लिए काम किया था..!

मित्रों, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सरकार को आए दिन कोई ना कोई डंडा मारा है। ये वही सुप्रीम कोर्ट है जिसने डॉ. रमण सिंह जी की गरीबों को अन्न वितरण करने की पूरी व्यवस्था के संबंध में सराहा था और हिन्दुस्तान की सरकार को कहा था कि छत्तीसगढ़ से कुछ सीखो, छत्तीसगढ़ की योजना को लागू करो, ये भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कहा था..! भाइयों-बहनों, ये छत्तीसगढ़ के शान की बात है, छत्तीसगढ़ के गौरव की बात है, इतना महान काम डॉ. रमण सिंह जी ने करके दिखाया है और विकास को प्राथमिकता देने वाले व्यक्ति रहे हैं..!

मित्रों, हम भारतीय जनता पार्टी की सरकारों का एक चरित्र है, हम लोगों की एक कार्य संस्कृति है, हमारी कार्यशैली है, कि हम राजनैतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करते हैं। हम ‘सर्व समाज को लिए साथ में आगे है बढ़ते जाना’, इस मंत्र को लेकर के काम करने वाले लोग हैं। और इसलिए हिन्दुस्तान में किसी भी दल की सरकार क्यों ना हो, कोई भी राज्य क्यों ना हो, लेकिन वहाँ अगर कोई अच्छी बात हुई हो तो हमारी सरकारें उसका अध्ययन करती है, उसमें जो अच्छाईयाँ हो वो लेती हैं और उसको और अच्छा करने का प्रयास करती है..! हमने जब छत्तीसगढ़ की पी.डी.एस. सिस्टम के संबंध में सुना था, तो मैंने छत्तीसगढ़ के अफसरों को गुजरात बुलाया था और मैंने कहा था कि भाई, आपने इतना अच्छा काम किया है, तो हमें सिखाओ..! और यहाँ के अफसर दो दिन मेरे यहाँ आ करके रहे थे, हमारे सभी अफसरों को सिखाया था और मैंने खुद दो घंटे बैठ कर के इस छत्तीसगढ़ की योजना का अध्ययन किया था और हमने हमारे यहाँ उसको लागू किया था। मित्रों, ये हमारी संस्कृति है, हम हिन्दुस्तान में कहीं पर भी अच्छा हो, तो उसको सीखते हैं, अच्छा करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि हमारा सपना है कि भारत माता जगतगुरू के स्थान पर विराजमान हो, हमारा देश गरीबी से मुक्त हो, हमारी माताएं-बहनें सुरक्षा के साथ, सम्मान के साथ गौरवपूर्ण जीवन जीएं..! हमारा सपना है कि हमारे नौजवानों को रोजगार मिले। परमात्मा ने उनको दो भुजाएं दी हैं, मस्तिष्क दिया है, उसको स्किल मिलना चाहिए, हुनर मिलना चाहिए, अवसर मिलना चाहिए, इन बातों पर हमने बल दिया है और उसी का परिणाम है कि आज भारतीय जनता पार्टी की सभी सरकारें वहाँ की जनता की आशा-आकांक्षाओं की पूर्तिै करने की कसौटी पर पार उतरती चली जा रही हैं..!

हर पल नए विकास की बातें आपको सुनाई देती हैं। हमारे शिवराज जी हो मध्य प्रदेश में, हमारे रमण सिंह जी हो छत्तीसगढ़ में, कभी हमें अवसर मिला हिमाचल में, कभी मिला राजस्थान में, कभी आप गोवा में जाकर देखिए, कर्नाटक में जाकर देखिए, जहाँ-जहाँ पर भारतीय जनता पार्टी को सेवा करने का अवसर मिला है, हमने जनता की सेवा करने में कोई कोताही नहीं बरती है। हमने शासन को राजनीतिक खेल का हथियार नहीं बनाया है, हमने शासन और प्रशासन को विकास के लिए एक ऊर्जावान स्रोत के रूप में उपयोग किया है, ये हमारी कार्यशक्ति रही है और उसी कार्यशैली को लेकर के हम आगे बढ़ना चाहते हैं..!

भाइयों-बहनों, आने वाले दिनों में चुनाव हैं। मैं एक बात यहाँ के नौजवानों को कहना चाहता हूँ। आपका मन तो करता है कि रमण सिंह जी तीसरी बार चुन कर के आएं, लेकिन अगल-बगल में देखोगे तो कई नौजवान ऐसे होंगे जिनकी आयु 18-19-20 साल की हुई है और वे मतदाता के नाते रजिस्टर नहीं हुए हैं। ये हम सबका काम है कि हमारे छत्तीसगढ़ का कोई भी नौजवान मतदाता सूची से वंचित ना रह जाए। एक जन आंदोलन खड़ा होना चाहिए, जन जागरण होना चाहिए और सभी मतदाओं को इस बात का गर्व होना चाहिए कि भारत के संविधान ने आज मुझे सरकार चुनने का अधिकार दे दिया..! जिस दिन मताधिकार मिले, वो जीवन की एक गौरवपूर्ण घटना होनी चाहिए, ये माहौल हमें बनाना चाहिए। और मैं चाहता हूँ कि छत्तीसगढ़ के नौजवान इस काम में जो भी कर सकते हैं, पूरी ताकत से करें..!

भाइयों-बहनों, हिन्दुस्तान के अंदर श्रीमती इंदिरा गांधी के समय से गरीबों के कल्याण के लिए एक बीस मुद्दा योजना चल रही है। सभी सरकारों ने इसे चालू रखा, अटल जी ने भी चालू रखा था, मोरारजी भाई ने भी चालू रखा था। और हर तीन महीने पर इसका मूल्यांकन होता था। भाइयों-बहनों, सारे रिकार्ड गवाह हैं, हर मूल्यांकन में गरीबों की भलाई के इस टवेंटी पाइंट प्रोग्राम के इम्पलीमेंटेशन में हमेशा या तो भाजपा की सरकारें या फिर एन.डी.ए. की सरकारें पहले पाँच में आई। मित्रों, कांग्रेस की एक भी सरकार को गरीबों की भलाई के किसी काम को लागू करने में एक से पाँच के अंदर कभी मौका नहीं मिला है..! और जब एक बार प्रधानमंत्री के सामने मैंने ये गर्वपूर्ण बात कही तों कांग्रेस वाले चौंक गए और उन्होंने अपनी सरकारों में सुधार लाने के लिए कुछ नहीं किया, उन्होंने क्या किया कि मूल्याकंन करना ही बंद कर दिया। मूल्याकंन करें तो नम्बर मिले और तब जा कर के उनकी बुराई हो..! भाइयों-बहनों, इस प्रकार की अगर सोच है तो कभी विकास की स्पर्धा नहीं हो सकती..!

भाइयों-बहनों, आज देश को आवश्यकता है कि कौन सा राज्य किससे आगे बढ़ रहा है, विकास की यात्रा में कौन सा राज्य ज्यादा योगदान दे रहा है, उस पर बल दिया जाए। और मैं आज गर्व के साथ कहता हूँ, हिन्दुस्तान के अंदर पिछले दस साल में सर्वाधिक विकास करने वाला कोई राज्य है तो वो भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित राज्य है और उन्होंने प्रगति की नई ऊंचाइयों को पार किया है। और एक दिल्ली सरकार है, पिछले साठ साल में जितनी तबाही नहीं हुई थी इतनी तबाही इन दस सालों में हुई है..! इन दिनों संसद में चर्चा चल रही थी कि कोयले की फाइलें खो गई। पूरी संसद इस पर चर्चा कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट पूछ रही है कि कोयले की फाइलें गुम हो गई, तो कहाँ गई..? भाइयों-बहनों, संसद तो इस बात की चिंता कर रही है कि कोयले की फाइलें कहाँ खो गईं, लेकिन सवा सौ करोड देशवासी चर्चा कर रहे हैं कि हमारी हिन्दुस्तान की सरकार कहाँ खो गई..? पूरी सरकार खो गई, सिर्फ फाइल नहीं, पूरी सरकार खो गई..! तिजोरी से रूपये खो गए हैं, ईमान खो गया है..! भाइयों-बहनों, ऐसी दुदर्शा हिन्दुस्तान ने कभी देखी नहीं है..! और इसलिए भाइयों-बहनों, महामाया की इस पवित्र धरती से मैं आह्वान करता हूँ, समय की माँग है कि देश को बचाने का बीड़ा एक एक नागरिक उठाए, एक-एक नौजवान उठाए, देश को तबाह करने वाली सरकारों को उखाड़ फैंकने का संकल्प कर आगे बढ़ें..!

सुशासन को साकार करना समय की मांग है और उसको लेकर आगे बढ़ें। और भाइयों-बहनों, जब मैं सरकार की बात करता हूँ तो मेरे विचार बहुत साफ हैं, मैं इस स्पष्ट मत का हूँ, सरकार का एक ही धर्म होता है, ‘नेशन फर्स्ट’..! सरकार का एक ही धर्म ग्रंथ होता है, ‘भारत का संविधान’..! सरकार की एक ही भक्ति होती है, ‘भारत भक्ति’..! सरकार की एक ही पूजा होती है, ‘सवा सौ करोड़ देशवासियों की भलाई’..! सरकार की एक ही कार्यशैली होती है, ‘सबका साथ, सबका विकास’..! और इसी मंत्र को लेकर के हिन्दुस्तान को भव्य और दिव्य बनाने का सपना लेकर के आगे बढ़ें, रमण सिंह जी के नेतृत्व में तीसरी बार छत्तीसगढ़ को हम आगे बढ़ाएं..!

भाइयों-बहनों, आने वाले पाँच वर्ष छत्तीसगढ़ के जीवन लिए महत्वपूर्ण हैं। अब छत्तीसगढ़ तेरह साल का हो चुका है। और हमने अपने घर में भी देखा है, तेरह साल तक बच्चे का ज्यादा विकास नहीं होता है। कपड़े पुराने दो-दो साल तक चलते हैं, ना उसकी आवाज में बदलाव आती है ना उसकी रहन-सहन में बदलाव आती है। लेकिन तेरह साल के बाद अठारह साल तक बच्चे इतना तेजी से बढ़ने लगते हैं कि हर छह महीने में कपड़े नए लाने पड़ते हैं, एकदम से उनका विकास होने लगता है, तरुणाई आ जाती है..! भाइयों-बहनों, आने वाले पाँच साल, पिछले दस साल से अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसी पाँच साल में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की केयर-टेकिंग की आवश्यकता है। जैसे बेटी-बेटों का तेरह साल से अठारह साल में माँ-बाप बहुत ख्याल रखते हैं, वैसे ही ये तेरह से अठारह साल छत्तीसगढ़ की सबसे ज्यादा चिंता करने की जरूरत है। ऐसे विकास का दौर होने वाला है जिसको संभालने के लिए योग्य व्यक्ति की जरूरत है। और मैं दस साल के अनुभव से कहता हूँ कि 13 से 18 साल के पाँच वर्ष छत्तीसगढ़ को नई ताकत से उभरने का समय है, छत्तीसगढ़ का हाथ-पैर फैलाने का समय है, छत्तीसगढ़ को नई ऊचाइयों को पार करने का समय है, उस समय कोई गलती ना हो..! फिर एक बार डॉ. रमण सिंह के हाथ में छत्तीसगढ़ सुपुर्द कीजिए, ये जवानी के पाँच साल छत्तीसगढ़ को एक नई ताकत दे देंगे। और एक बार 18 साल तक छत्तीसगढ़ बनते बनते मजबूत और ताकतवर बन गया, तो साठ-सत्तर साल तक कभी बीमारी नहीं आएगी, कोई कठिनाई नहीं आएगी..! आने वाले पाँच-छह दशक के भविष्य की ये रमण सिंह जी नींव डाल कर जाएंगे, ये मुझे पूरा विश्वास है और इसलिए मैं आग्रह करता हूँ, फिर एक बार भाजपा को अवसर दीजिए, फिर एक बार डॉ. रमण सिंह को अवसर दीजिए, फिर एक बार छत्तीसगढ़ की तरूणाई को खिलने का अवसर दें, इसी एक अपेक्षा के साथ मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं..!

भारत माता की जय..!

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'रोजगार मेलों' से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में परमानेंट जॉब मिली: पीएम मोदी
July 12, 2025
Quoteआज 51 हज़ार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोज़गार मेलों के माध्यरम से लाखों युवाओं को सरकार में स्थायी नौकरी मिल चुकी है। अब ये युवा राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं: प्रधानमंत्री
Quoteदुनिया आज मानती है कि भारत के पास दो असीम शक्तियां हैं, एक है जनसांख्यिकी, दूसरी है लोकतंत्र। दूसरे शब्दों में, सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र: प्रधानमंत्री
Quoteआज देश में बन रहा स्टार्टअप्स, नवाचार और अनुसंधान का वातावरण देश के युवाओं की क्षमताओं को बढ़ा रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteहाल ही में मंज़ूर की गई नई योजना, रोज़गार से जुड़ी प्रोत्साबहन योजना के साथ सरकार का ध्यान निजी क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा करने पर भी है: प्रधानमंत्री
Quoteआज भारत की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक हमारा निर्माण क्षेत्र है। निर्माण क्षेत्र में बड़ी संख्या में नए रोज़गारों का सृजन हो रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस साल के बजट में मिशन निर्माण क्षेत्र की घोषणा की गई है: प्रधानमंत्री
Quoteअंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन - आईएलओ की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले एक दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में लाया गया है: प्रधानमंत्री
Quoteआज विश्व बैंक जैसी प्रमुख वैश्विक संस्थाएं भारत की प्रशंसा कर रही है, भारत को विश्व में सबसे अधिक समानता वाले शीर्ष देशों में स्थान दिया जा रहा है: प्रधानमंत्री

नमस्कार!

केंद्र सरकार में युवाओं को पक्की नौकरी देने का हमारा अभियान निरंतर जारी है। और हमारी पहचान भी है, बिना पर्ची, बिना खर्ची। आज 51 हज़ार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ऐसे रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक लाखों नौजवानों को भारत सरकार में परमानेंट जॉब मिल चुकी है। अब ये नौजवान, राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज भी आप में से कई ने भारतीय रेल में अपने दायित्वों की शुरुआत की है, कई साथी अब देश की सुरक्षा के भी प्रहरी बनेंगे, डाक विभाग में नियुक्त हुए साथी, गांव-गांव सरकार की सुविधाओं को पहुंचाएंगे, कुछ साथी Health for All मिशन के सिपाही होंगे, कई युवा फाइनेंशियल इंक्लूजन के इंजन को और तेज़ करेंगे और बहुत से साथी भारत के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देंगे। आपके विभाग अलग-अलग हैं, लेकिन ध्येय एक है और वो कौन सा ध्येय, हमें बार-बार याद रखना है, एक ही ध्येय है, विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, पद कोई भी हो, इलाका कोई भी हो, एक ही ध्येय - राष्ट्र सेवा। सूत्र एक- नागरिक प्रथम, सिटिजन फर्स्ट। आपको देश के लोगों की सेवा का बहुत बड़ा मंच मिला है। मैं आप सभी युवाओं को जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इतनी बड़ी सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आपकी इस नई यात्रा के लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

साथियों,

आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियाँ हैं। एक डेमोग्राफी, दूसरी डेमोक्रेसी। यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र। युवाओं का यह सामर्थ्य हमारी, भारत के उज्ज्वल भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी भी है और सबसे बड़ी गारंटी भी है। और हमारी सरकार, इसी पूंजी को समृद्धि का सूत्र बनाने में दिन रात जुटी है। आप सबको पता है, दिन पहले ही मैं पांच देशों की यात्रा करके लौटा हूँ। हर देश में भारत की युवाशक्ति की गूंज सुनाई दी। इस दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश, दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है। डिफेंस, फार्मा, डिजिटल टेक्नॉलॉजी, एनर्जी, रेयर अर्थ मिनरल्स, ऐसे कई सेक्टर्स, ऐसे सेक्टर्स में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा होगा, भारत के मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बहुत बल मिलेगा।

साथियों,

बदलते हुए समय के साथ 21वीं सदी में नेचर ऑफ जॉब भी बदल रहा है, नए-नए सेक्टर्स भी उभर रहे हैं। इसलिए बीते दशक में भारत का ज़ोर अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करने का है। अब इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं, आधुनिक जरूरतों को देखते हुए आधुनक नीतियां भी बनाई गईं हैं। स्टार्ट अप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम आज देश में बन रहा है, वो देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है, आज जब मैं नौजवानों को देखता हूं कि वे अपना स्टार्ट अप शुरू करना चाहते हैं, तो मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है, और अभी हमारे डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी ने स्टार्टअप के विषय में विस्तार से कुछ आंकड़े भी बताए आपके सामने। मुझे खुशी होती है कि मेरे देश का नौजवान बड़े विजन के साथ तेज गति से मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, वो कुछ नया करना चाहता है।

साथियों,

भारत सरकार का जोर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। हाल ही में सरकार ने एक नई स्कीम को मंज़ूरी दी है, Employment Linked Incentive Scheme. इस योजना के तहत सरकार, प्राइवेट सेक्टर में पहली बार रोजगार पाने वाले युवा को 15 हज़ार रुपए देगी। यानी पहली नौकरी की पहली सैलरी में सरकार अपना योगदान देगी। इसके लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है। इस स्कीम से लगभग साढ़े 3 करोड़ नए रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियों,

आज भारत की एक बहुत बड़ी ताकत हमारा मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर है। मैन्युफेक्चरिंग में बहुत बड़ी संख्या में नई-नई जॉब्स बन रही हैं। मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को गति देने के लिए इस वर्ष के बजट में मिशन मैन्युफेक्चरिंग की घोषणा की गई है। बीते सालों में हमने मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती दी है। सिर्फ PLI स्कीम से, उससे ही 11 लाख से अधिक रोजगार देश में बने हैं। बीते सालों में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज करीब 11 लाख करोड़ रुपए की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग हो रही है, 11 लाख करोड़। इसमें भी बीते 11 साल में 5 गुणा से भी अधिक वृद्धि हुई है। पहले देश में मोबाइल फोन मैन्यूफेक्चरिंग की 2 या 4 यूनिट्स थीं, सिर्फ 2 या 4। अब मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ी करीब –करीब 300 यूनिट्स भारत में हैं। और इसमें लाखों युवा काम कर रहे हैं। वैसा ही एक और क्षेत्र है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो उसकी बहुत चर्चा भी है, बड़े गौरव से चर्चा हो रही है और वो है-डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग। डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में भी भारत नए रिकॉर्ड्स बना रहा है। हमारा डिफेंस प्रोडक्शन, सवा लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच चुका है। भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि लोकोमोटिव सेक्टर में हासिल की है। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा लोकोमोटिव बनाने वाला देश बन गया है, दुनिया में सबसे ज्यादा। लोकोमोटिव हो, रेल कोच हो, मेट्रो कोच हो, आज भारत इनका बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट कर रहा है। हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर भी अभूतपूर्व ग्रोथ कर रहा है।

बीते 5 साल में ही इस सेक्टर में करीब 40 बिलियन डॉलर का FDI आया है। यानी नई कंपनियां आई हैं, नई फैक्ट्रियां लगी हैं, नए रोजगार बने हैं, और साथ-साथ गाड़ियों की डिमांड भी बहुत बढ़ी है, गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है भारत में। अलग-अलग सेक्टर्स में देश की ये प्रगति, ये मैन्यूफेक्चरिंग के रिकॉर्ड तभी बनते हैं, ऐसे नहीं बनते, ये सब तब संभव होता है, जब ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को नौकरियां मिल रही हैं। नौजवानों का पसीना लगता है उसमें, उनका दिमाग काम करता है, वो मेहनत करते हैं, देश के नौजवानों ने रोजगार तो पाया है, ये कमाल करके भी दिखाया है। अब सरकारी कर्मचारी के तौर पर आपको हर संभव प्रयास करना है कि देश में मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की ये गति निरंतर बढ़ती रहे। जहां भी आपको दायित्व मिले, आप एक प्रोत्साहन के रूप में काम करें, लोगों को encourage करें, रूकावटें दूर करें, जितना ज्यादा आप सरलता लाएंगे, उतनी सुविधा देश में अन्य लोगों को भी मिलेगी।

साथियों,

आज हमारा देश दुनिया की, और कोई भी हिन्दुस्तानी बड़े गर्व से कह सकता है, आज हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनॉमी बनने की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ये मेरे नौजवानों के पसीने का कमाल है। बीते 11 वर्षों में हर सेक्टर में देश ने प्रगति की है। हाल में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन- ILO की एक बहुत बढ़िया रिपोर्ट आई है- शानदार रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को वेलफेयर स्कीम्स के दायरे में लाया गया है। एक प्रकार से सोशल सिक्योरिटी का दायरा गिना जाता है। और इन स्कीम्स का फायदा सिर्फ वेलफेयर तक सीमित नहीं है। इससे बहुत बड़ी संख्या में नए रोजगार भी बने हैं। जैसे एक छोटा उदाहरण मैं देता हूं - पीएम आवास योजना है। अब ये पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ नए पक्के घर बन चुके हैं और 3 करोड़ नए घर अभी बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इतने घर बन रहे हैं, तो इसमें मिस्त्री, लेबर और रॉ मटीरियल से लेकर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में छोटी-छोटी दुकानदारों के काम, माल ढोने वाले ट्रक के ऑपरेटर्स, आप कल्पना कर सकते हैं कितने सारे जॉब्स क्रिएट हुई हैं। इसमें भी सबसे खुशी की बात है कि ज्यादातर रोजगार हमारे गांवों में मिले हैं, उसे गांव छोड़कर के जाना नहीं पड़ रहा है। इसी तरह 12 करोड़ नए टॉयलेट्स देश में बने हैं। इससे निर्माण के साथ-साथ प्लंबर्स हों, लकड़ी का काम करने वाले लोग हों, जो हमारे विश्वकर्मा समाज के लोग हैं उनके लिए तो इतने सारे काम निकले हैं। यही है जो रोजगार का विस्तार भी करते हैं, प्रभाव भी पैदा करते हैं। ऐसे ही आज 10 करोड़ से अधिक नए, मैं जो बात बता रहा हूं, नए लोगों की बताता हूं, नए एलपीजी कनेक्शन देश में उज्ज्वला स्कीम के तहत दिए गए हैं। अब इसके लिए बहुत बड़ी संख्या में बॉटलिंग प्लांट्स बने हैं। गैस सिलेंडर बनाने वालों को काम मिला है, उसमे भी रोजगार पैदा हुए हैं, गैस सिलेंडर की एजेंसी वालों को काम मिला है। गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने के लिए जो लोग चाहिए, उनको नए-नए रोजगार मिले हैं। आप एक एक काम लीजिए, कितने प्रकार के रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इन सारी जगहों पर लाखों लाखों लोगों को नए रोजगार मिले हैं।

साथियों,

मैं एक और योजना की भी चर्चा करना चाहता हूं। अब आपको पता है यह योजना तो यानी कहते हैं ना पांचों उंगली घी में, या तो कहते हैं कि दोनों हाथ हाथ में लड्डू ऐसी है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना। सरकार आपके घर की छत पर यानी रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एक परिवार को एवरेज करीब-करीब ₹75,000 से भी ज्यादा दे रही है। इससे वह अपने घर के छत के ऊपर सोलर प्लांट लगाता है। एक प्रकार से उसका घर की छत बिजली का कारखाना बन जाती है, बिजली पैदा करता है और वो बिजली खुद भी उपयोग करता है, ज्यादा बिजली है तो बेचता है। इससे बिजली का बिल तो जीरो हो रहा है, उसके पैसे तो बच ही रहे हैं। इन प्लांट्स को लगाने के लिए इंजीनियर्स की ज़रूरत पड़ती है, टेक्नशियन की ज़रूरत पड़ती है। सोलर पैनल बनाने के कारखाने लगते हैं, रॉ मटेरियल के लिए कारखाने लगते हैं, उसको ट्रांसपोर्टेशन के लिए लगते हैं। उसको रिपेयर करने के लिए भी पूरी एक नई इंडस्ट्री तैयार हो रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक-एक स्कीम लोगों का तो भला कर रही है, लेकिन लाखों लाखों नए रोजगार इसके कारण पैदा हो रहे हैं।

साथियों,

नमो ड्रोन दीदी अभियान ने भी बहनों बेटियों की कमाई बढ़ाई है और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए मौके भी बनाए हैं। इस स्कीम के तहत लाखों ग्रामीण बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। उपलब्ध जो रिपोर्ट्स हैं, यह बताती है कि हमारी यह ड्रोन दीदी हमारी गांव की माताएं बहनें, खेती के एक सीजन में ही, ड्रोन से खेती में जो मदद करती हैं, उसका जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम लेती हैं, एक-एक सीजन में लाखों रुपए कमाने लग गई हैं। इतना ही नहीं, इससे देश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े नए सेक्टर को बहुत बल मिल रहा है। खेती हो या डिफेंस, आज ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग देश के युवाओं के लिए नए अवसर बना रहा है।

साथियों,

देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का अभियान जारी है। इनमें से 1.5 करोड़ लखपति दीदी बन भी चुकी है। और आप तो जानते हैं लखपति दीदी बनने का मतलब है, 1 साल में कम से कम 1 लाख से अधिक उसकी आय होनी चाहिए और एक बार नहीं हर वर्ष होती रहनी चाहिए, वो है मेरी लखपति दीदी। 1.5 करोड़ लखपति दीदी, अब आप देखिए गांव में जाएंगे तो आपको कुछ बातें सुनने को मिलेगी, बैंक सखी, बीमा सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ऐसी अनेक स्कीम्स में भी हमारे गांव की माताओं बहनों को भी रोजगार मिला है। ऐसे ही पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली बार रेहड़ी ठेले फुटपाथ पर काम करने वाले साथियों को मदद दी गई। इसके तहत लाखों साथियों को काम मिला है और डिजिटल पेमेंट के कारण आजकल तो हमारे हर रेहडी पटरी वाला कैश नहीं लेता है, यूपीआई करता है। क्यों? क्योंकि बैंक से उसको तुरंत उसे आगे की रकम मिलती है। बैंक का विश्वास बढ़ जाता है। कोई कागज की उसको जरूरत नहीं पड़ती। यानी एक रेहड़ी पटरी वाला आज विश्वास के साथ गर्व के साथ आगे बढ़ रहा है।

पीएम विश्वकर्मा स्कीम देख लीजिए। इसके तहत हमारे यहां जो पुश्तैनी काम है, परंपरागत काम है, पारिवारिक काम है, उसको आधुनिक बनाना, उसमें नयापन लाना, नई टेक्नोलॉजी लाना, नए-नए उसमें साधन लाना, उसमें काम करने वाले कारीगरों, शिल्पियों और सेवा दाताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। लोन दिये जा रहे हैं, आधुनिक टूल दिए जा रहे हैं। मैं अनगिनत स्कीमें बता सकता हूं। ऐसी कई स्कीम है जिनसे गरीबों को लाभ भी हुआ है और नौजवानों को रोजगार भी मिला है। ऐसी अनेक योजनाओं का ही प्रभाव है कि सिर्फ 10 वर्षों में ही 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। अगर रोजगार ना मिलता, अगर परिवार में आय का साधन ना होता, तो मेरा गरीब भाई-बहन जो तीन-तीन चार-चार पीढ़ी से गरीबी में जिंदगी गुजार रहा था, जीवन के लिए एक-एक दिन काटने के लिए उसको मौत दिखाई देती, इतना डर लगता था। लेकिन आज वो इतना ताकतवर बना है, कि मेरे 25 करोड़ गरीब भाई-बहनों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया। विजयी होकर के निकले हैं। और ये सारे मेरे 25 करोड़ भाई-बहन, जिन्होंने गरीबी को पीछे छोड़ा है ना, उनकी हिम्मत को मैं दाद देता हूं। उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर के हिम्मत के साथ आगे बढ़े, रोते नहीं बैठे। गरीबी को उन्होंने उखाड़ के फेंक दिया, पराजित कर दिया। अब आप कल्पना कीजिए, अब इन 25 करोड़ का कितना नया आत्मविश्वास होगा। एक बार संकट से व्यक्ति निकल जाए ना फिर नई ताकत पैदा हो जाती है। मेरे देश में एक नई ताकत यह भी आई है, जो देश को आगे ले जाने में बहुत काम आने वाली है। और आप देखिए ये सिर्फ सरकार कह रही है ऐसा नहीं है। आज वर्ल्ड बैंक जैसी बड़ी वैश्विक संस्थाएं खुलकर के इस काम के लिए भारत की प्रशंसा कर रही हैं। दुनिया को भारत को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करती हैं। भारत को दुनिया के सबसे अधिक इक्वलिटी वाले शीर्ष के देशों में रखा जा रहा है। यानी असमानता तेजी से कम हो रही है। हम समानता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। ये भी विश्व अब नोटिस कर रहा है।

साथियों,

विकास का जो ये महायज्ञ चल रहा है, गरीब कल्याण और रोजगार निर्माण का जो मिशन चल रहा है, आज से इसको आगे बढ़ाने का दायित्व आपका भी है। सरकार रुकावट नहीं बननी चाहिए, सरकार विकास की प्रोत्साहक बननी चाहिए। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर है। हाथ पकड़ने का काम हमारा है। और आप तो नौजवान है दोस्तों। आप पर मेरा बहुत भरोसा है। आपसे मेरी अपेक्षा है कि आप जहां भी दायित्व मिले, आप इस देश के नागरिक मेरे लिए सबसे पहले, उसकी मदद उसकी मुसीबतों से मुक्ति, देखते ही देखते देश आगे बढ़ेगा। आपको भारत के अमृत काल का सहभागी बनना है। आने वाले 20-25 साल आपकी करियर के लिए तो महत्वपूर्ण है, लेकिन आप ऐसे कालखंड में हैं, जब देश के लिए 20-25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये विकसित भारत के निर्माण के लिए अहम 25 वर्ष हैं। इसलिए आपको अपने काम, अपने दायित्व, अपने लक्ष्यों को विकसित भारत के संकल्प के साथ आत्मसात करना है। नागरिक देवो भव यह मंत्र तो हमारी रगों में दौड़ना चाहिए, दिल दिमाग में रहना चाहिए, हमारे व्यवहार में नजर आना चाहिए।

और मुझे पक्का विश्वास है दोस्तों, यह युवा शक्ति है, पिछले 10 साल में देश को आगे बढ़ाने में मेरे साथ खड़ी है। मेरे एक-एक शब्द को देश की भलाई के लिए उन्होंने जो भी कर सकते हैं किया है। जहां है वहां से किया है। आपको मौका मिला है, आपसे अपेक्षाएं ज्यादा है। आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है, आप करके दिखाएंगे यह मेरा विश्वास है। मैं एक बार फिर आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके परिवारजनों को भी मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और आपका परिवार भी उज्ज्वल भविष्य का अधिकारी है। आप भी जीवन में बहुत प्रगति करें। iGOT प्लेटफ़ॉर्म पर जाकर के लगातार अपने आप को अपग्रेड करते ही रहें। एक बार जगह मिल गई चुप बैठिए मत, बहुत बड़े सपने देखिए, बहुत आगे जाने के लिए सोचिए। काम कर करके, नया-नया सीख करके, नया-नया परिणाम लाकर के, प्रगति भी कीजिए। आपकी प्रगति में देश का गौरव है, आपकी प्रगति में मेरा संतोष है। और इसलिए मैं आज जब आप एक नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं, आपसे बात करने के लिए आया हूं, शुभकामनाएं देने के लिए आया हूं और बहुत सारे सपनों को पूरा करने के लिए अब आप मेरे एक साथी बन रहे हैं। मेरे एक निकट साथी के रूप में मैं आपका स्वागत करता हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।