अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, और जापान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर को खत्म करने में मदद करने के लिए आज एक अभूतपूर्व प्रयास शुरू कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत सर्वाइकल कैंसर से होगी, जो एक काफी हद तक रोकी जा सकने वाली बीमारी है और इस क्षेत्र में एक बड़ी स्वास्थ्य संकट बनी हुई है और अन्य प्रकार के कैंसर से निपटने के लिए भी आधार तैयार कर रही है। यह पहल क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में की गई व्यापक घोषणाओं का हिस्सा है।

क्वाड कैंसर मूनशॉट हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समग्र कैंसर देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए काम करेगा। इसके तहत स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाना, अनुसंधान सहयोगों का विस्तार करना, डेटा प्रणाली विकसित करना, और कैंसर की रोकथाम, पहचान, उपचार, और देखभाल के लिए अधिक समर्थन प्रदान करना शामिल होगा।

गर्भाशय का कैंसर, टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है और अगर यदि समय पर पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है, फिर भी यह हिन्द प्रशांत क्षेत्र में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण बना हुआ है। इस क्षेत्र में 10 में से एक से भी कम महिलाओं ने मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) टीकाकरण श्रृंखला को पूरा किया है, और 10 प्रतिशत से कम ने हाल ही में जांच करवाई है। इस क्षेत्र के कई देशों को स्वास्थ्य सेवा की पहुंच, सीमित संसाधनों और टीकाकरण दरों में असमानताओं से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पहल के माध्यम से, क्वाड देश एचपीवी टीकाकरण को बढ़ावा देने, जांच तक पहुंच बढ़ाने और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों में उपचार विकल्पों और देखभाल का विस्तार करने के लिए काम करेंगे।

कुल मिलाकर, हमारे वैज्ञानिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि क्वाड कैंसर मूनशॉट आने वाले दशकों में लाखों महिलाओं की जान बचाएगा। ये कदम बाइडेन-हैरिस प्रशासन की कैंसर को समाप्त करने की दृढ़ प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। दो साल से अधिक समय पहले, राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने कैंसर मूनशॉट को पुनः आरंभ किया, जिसका लक्ष्य 2047 तक अमेरिका में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम से कम आधा करना और कैंसर से 40 लाख से अधिक होने वाली मौतों को रोकना है, साथ ही उन लोगों के अनुभव को बेहतर बनाना है जो कैंसर से प्रभावित होते हैं।

कैंसर एक वैश्विक चुनौती है, जिसके लिए किसी एक देश के प्रयास से परे सामूहिक कार्रवाई और सहयोग की आवश्यकता होती है। साथ मिलकर काम करके, क्वाड कैंसर की रोकथाम, पहचान, उपचार और रोगियों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए नवीन रणनीतियों को लागू करने का लक्ष्य रखता है। क्वाड साझेदार अपने-अपने राष्ट्रीय संदर्भों के भीतर कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करने और क्षेत्र में गर्भाशय कैंसर का बोझ कम करने के समर्थन में निजी क्षेत्र और गैर-सरकारी गतिविधियों बढ़ाने के लिए काम करने का भी इरादा रखते हैं। आज क्वाड देश हमारी सरकारों और गैर-सरकारी योगदानकर्ताओं से निम्नलिखित महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं की घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं:

क्वाड देश

क्वाड देश हिन्द प्रशांत क्षेत्र में एचपीवी टीकों सहित जीएवीआई के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धताओं को जारी रखने का इरादा रखते हैं। अमेरिका ने अगले पांच वर्षों में कम से कम $1.58 बिलियन की प्रारंभिक प्रतिज्ञा की है।

इसके अलावा, क्वाड देश संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ मिलकर एचपीवी निदान की थोक खरीद पर काम करेंगे ताकि गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग की लागत को कम किया जा सके। साथ ही, वे इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के साथ मिलकर चिकित्सा इमेजिंग और विकिरण चिकित्सा की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार पर काम करेंगे।

अमेरिका

अमेरिकी रक्षा विभाग, अमेरिकी नौसेना के माध्यम से, 2025 से हिन्द-प्रशांत भागीदारों के साथ एचपीवी वैक्सीन विशेषज्ञ आदान-प्रदान का समर्थन करेगा। यह साझेदारी भागीदार देशों के स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी, क्षमताओं को बढ़ाएगी, और पूरे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करेगी, विशेष रूप से एचपीवी टीकाकरण जैसी निवारक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित करेगी। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना और क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) का ऑन्कोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अगले बारह महीनों के भीतर भारत की एक तकनीकी यात्रा आयोजित करने का इरादा रखता है ताकि एफडीए के 'प्रोजेक्ट आशा' के तहत हितधारकों के साथ सहयोग स्थापित किया जा सके। यह नई साझेदारी एफडीए इंडिया ऑफिस, प्रमुख ऑन्कोलॉजिस्ट, रोगी की हिमायत करने वाले समूहों, क्लिनिकल परीक्षण प्रायोजकों और सरकारी हितधारकों के साथ मिलकर क्षमता निर्माण प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित करेगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों को बढ़ावा देना, अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल बनाना, नियामक विशेषज्ञता साझा करना और कैंसर नैदानिक परीक्षणों तक पहुंच बढ़ाना शामिल होगा।

यू.एस. नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक कैंसर अनुसंधान और प्रशिक्षण के प्रमुख निधिकर्ता के रूप में अपने सहयोग का विस्तार करेगा। वर्तमान में यह पोर्टफोलियो दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत में जांचकर्ताओं और संस्थानों को शामिल करते हुए लगभग 400 सक्रिय परियोजनाओं को शामिल करता है, जिसमें विशेष रूप से गर्भाशय कैंसर टीकाकरण, स्क्रीनिंग और उपचार हस्तक्षेपों और रणनीतियों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। एनसीआई वैश्विक कैंसर नियंत्रण प्रयासों का भी समर्थन करेगा, जिसमें इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल पार्टनरशिप, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग केन्द्र के माध्यम से वैज्ञानिक समर्थन प्रदान किया जाएगा।
एनसीआई हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जारी सहयोगों का विस्तार करेगा ताकि स्वास्थ्य पेशेवरों और कैंसर से प्रभावित लोगों को कैंसर संबंधी आधिकारिक जानकारी प्रदान की जा सके। एनसीआई क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल के सार्वजनिक शिक्षा प्रयासों का समर्थन करेगा, जिसमें कैंसर के उपचार, स्क्रीनिंग, रोकथाम, जेनेटिक्स, सहायक और पैलिएटिव देखभाल, और वैकल्पिक चिकित्सा से संबंधित व्यापक जानकारी शामिल होगी, विशेष रूप से गर्भाशय कैंसर की स्क्रीनिंग, रोकथाम, निदान और उपचार से संबंधित जानकारी पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) हिन्द प्रशांत क्षेत्र में एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रमों मे सहयोग करेगा, टीका वितरण में सुधार करेगा और कैंसर निगरानी और रोकथाम प्रणालियों को मजबूत करेगा। इसमें फिलीपींस के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रम के मूल्यांकन पर काम करना शामिल होगा, जिसमें भविष्य के टीका वितरण को प्रभावित करने वाले व्यवहार और सामाजिक कारकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सीडीसी कैंसर नियंत्रण प्रयासों का समर्थन करेगा और इस क्षेत्र में समग्र कैंसर देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए कैंसर नियंत्रण योजनाओं के विकास में योगदान देगा।

सीडीसी तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और अमेरिकी प्रशांत क्षेत्रों और स्वतंत्र रूप से संबद्ध राज्यों में पायलट गर्भाशय कैंसर स्क्रीनिंग अध्ययनों से प्राप्त सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करेगा, साथ ही यू.एस. प्रशांत द्वीप क्षेत्राधिकार (पीआईजे) में सीडीसी द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रमों का समर्थन जारी रखेगा। इसके प्रयासों में गर्भाशय कैंसर के शीघ्र पता लगाने में सुधार के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीतियों को साझा करना शामिल होगा। इसके अलावा, सीडीसी एक कार्यान्वयन मार्गदर्शिका भी जारी करेगा जो पीआईजे को उनकी स्क्रीनिंग क्षमता में सुधार करने और साझेदारी को बढ़ावा देने में सहायता कर सकेगी, जिसमें प्राथमिक एचपीवी परीक्षण और फॉलो-अप परीक्षण करने की चिकित्सा और प्रयोगशाला क्षमता बनाने और स्क्रीनिंग की निगरानी के लिए डेटा प्रणालियों में सुधार के लिए मार्गदर्शन शामिल होगा।

यू.एस. अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) कैंसर को रोकने, निदान करने और उसका इलाज करने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित परियोजनाओं का समर्थन करेगा, जिसमें विशेष रूप से गर्भाशय कैंसर शामिल है। डीएफसी वंचित समुदायों में नवोन्मेषी दृष्टिकोणों और प्रौद्योगिकियों की तैनाती को तेज करने के लिए काम करेगा।

यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसऐड) एचपीवी टीकाकरण तक पहुंच का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। अमेरिकी सरकार ने जीएवीआई, द वैक्सीन अलायंस के लिए कम से कम $1.58 बिलियन की अभूतपूर्व प्रतिज्ञा की है, जो वैश्विक प्रयासों को टीका कवरेज, विशेष रूप से एचपीवी टीकों में वृद्धि करने में मदद करेगी, जिससे हिन्द प्रशांत और उससे परे लाखों महिलाओं और लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाया जा सकेगा।

विदेश विभाग, ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी एंड डिप्लोमेसी (जीएचएसडी)-प्रेसिडेंट्स इमरजेंसी प्लान फॉर रिलीफ (पीईपीएफएआर) के माध्यम से, एचआईवी के साथ रहने वाले लोगों के बीच गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग और उपचार प्रयासों के तेजी से विस्तार पर सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करेगा, जिसमें कमोडिटी खरीद और कम और मध्यम आय वाले देशों में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना शामिल होगा। यह सहयोग वर्तमान एचआईवी उपचार कार्यक्रमों के साथ गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग को जोड़ने का काम बढ़ाएगा, जिससे जीवन रक्षक हस्तक्षेपों तक पहुंच बढ़ेगी। यह स्क्रीनिंग और उपचार के लिए आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार पर भी ध्यान केन्द्रित करेगा।


ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलियाई सरकार और धर्मार्थ योगदानों के माध्यम से, हिन्द प्रशांत में गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन के लिए साझेदारी (ईपीआईसीसी) कंसोर्टियम के लिए कुल फंडिंग प्रतिबद्धताएं $29.6 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक बढ़ जाएंगी। ईपीआईसीसी एक नया कार्यक्रम है जो पिछले कई दशकों के शोध और चिकित्सकों के नेतृत्व पर आधारित है, जिसका उद्देश्य हिन्द प्रशांत क्षेत्र में एचपीवी से संबंधित नीतियों, योजनाओं और तैयारियों को सुधारकर गर्भाशय के कैंसर को समाप्त करना है। ईपीआईसीसी तिमोर-लेस्ते और सोलोमन द्वीपों में एचपीवी कार्यक्रमों को भविष्य में बढ़ाने के लिए उनका मार्गदर्शन कर रहा है, मलेशिया, फिजी और पापुआ न्यू गिनी में देश की तैयारी में सहयोग के लिए उप-राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों का विस्तार कर रहा है, और तुवालु, वानूआतु और नाड़ू में राष्ट्रीय एचपीवी उन्मूलन कार्यक्रमों की स्थापना का समर्थन कर रहा है। ईपीआईसीसी प्राथमिक वाले छह क्षेत्रों में काम करता है, जिसमें एचपीवी टीकाकरण सहयोग के माध्यम से प्राथमिक रोकथाम को मजबूत करना, एचपीवी स्क्रीनिंग और कैंसर पूर्व उपचार के माध्यम से गर्भाशय के कैंसर की द्वितीयक रोकथाम, गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग और निदान के लिए प्रयोगशाला को मजबूत बनाना, डिजिटल स्वास्थ्य के माध्यम से डेटा उत्पन्न करना और मजबूत देखभाल मॉडल विकसित करना, गर्भाशय के कैंसर के प्रबंधन (इलाज और पैलिएटिव देखभाल दोनों में), और गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन पथ के सभी स्तंभों में नीति और मॉडलिंग समर्थन शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार की 16.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ($11 मिलियन) की कुल प्रतिबद्धता के साथ, ईपीआईसीसी परियोजना का विस्तार हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अधिक महिलाओं तक पहुंचेगा। यह गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन पर क्षेत्र में काम कर रहे भागीदार संगठनों का भी सहयोग करेगा, ताकि वे अगले ग्लोबल फोरम ऑन सर्वाइकल कैंसर एलिमिनेशन में भाग ले सकें, जिसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र पर जोर दिया जाएगा।

डॉ. एंड्रयू फॉरेस्ट एओ और निकोला फॉरेस्ट एओ अपनी चैरिटी माइंडेरू फाउंडेशन के माध्यम से ईपीआईसीसी में 13.1 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ($8.81 मिलियन) का जीवनरक्षक योगदान बढ़ा रहे हैं। यह अतिरिक्त फंडिंग ईपीआईसीसी का क्षेत्र के 11 देशों तक विस्तार करेगी और माइंडेरू की कुल प्रतिबद्धता को 21.7 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक ले जाएगी। अगले चार वर्षों में प्रशांत क्षेत्र की 140,000 महिलाओं की स्क्रीनिंग की जाएगी और राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रमों की स्थापना की जाएगी, जिससे सरकारें भविष्य में महिलाओं और लड़कियों की पीढ़ियों के लिए इस कार्यक्रम को बनाए रख सकेंगी।

भारत

भारत डिजिटल स्वास्थ्य में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को अपने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग (एनसीडी) पोर्टल के माध्यम से साझा करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नेतृत्व में डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल का समर्थन करने के लिए भारत की $10 मिलियन की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, भारत हिन्द प्रशांत क्षेत्र को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसमें कैंसर स्क्रीनिंग और देखभाल पर दीर्घकालिक डेटा को ट्रैक करने वाले अपने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग पोर्टल के उपयोग के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना शामिल है।
भारत हिन्द प्रशांत क्षेत्र को $7.5 मिलियन मूल्य के एचपीवी सैंपलिंग किट, पहचान उपकरण और गर्भाशय के कैंसर के टीके प्रदान करेगा। यह महत्वपूर्ण योगदान गर्भाशय के कैंसर की रोकथाम और पहचान में स्थानीय प्रयासों को सशक्त बनाने और समुदायों को जल्दी पहचान और रोकथाम के लिए किफायती, सुलभ उपकरणों से सशक्त बनाएगा, जबकि टीकाकरण कार्यक्रमों में सहयोग करेगा ताकि क्षेत्र में बीमारी के बोझ को कम किया जा सके।

भारत अपने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मौखिक, स्तन और गर्भाशय के कैंसर की जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग का विस्तार कर रहा है। विशेष रूप से, भारत गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए एसिटिक एसिड (वीआईए) विधि का उपयोग करता है, जो सरल, किफायती और कुशल है और इसके लिए उन्नत प्रयोगशाला बुनियादी ढांचे की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह हिन्द प्रशांत के अन्य क्षेत्रों के लिए एक मॉडल बनता है।

भारत अपने "तृतीयक देखभाल कैंसर केन्द्रों की मजबूती" कार्यक्रम के तहत विशेष कैंसर उपचार केन्द्रों तक पहुंच का विस्तार कर रहा है। भारत सरकार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों दोनों का समर्थन कर रही है ताकि पूरे देश में उपचार क्षमता में सुधार हो सके, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश के सभी हिस्सों के लोग, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में, उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्राप्त कर सकें।

भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के माध्यम से कैंसर के किफायती उपचार के प्रति प्रतिबद्ध है। व्यापक स्वास्थ्य कवरेज प्रयासों के हिस्से के रूप में, पीएमजेएवाई के तहत भारत अपने नागरिकों को सस्ती कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करते हुए कि जिन लोगों को सबसे अधिक आवश्यकता है, उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नेतृत्‍व में कार्यान्वयन अनुसंधान के माध्यम से भारत की गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता को और समर्थन मिल रहा है। अनुसंधान का उद्देश्य गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग, प्रारंभिक निदान और उपचार की शुरुआत को बढ़ाना है। आने वाले वर्षों में परिणाम और निष्कर्ष हिन्द प्रशांत देशों के साथ साझा किए जाएंगे, ताकि क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत किया जा सके।

जापान

जापान हिन्द प्रशांत क्षेत्र के देशों कंबोडिया, वियतनाम और तिमोर-लेस्ते को कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) और मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर जैसे चिकित्सा उपकरणों और अन्य सहायता के रूप में लगभग $27 मिलियन की सहायता प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, जापान अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी योगदान दे रहा है।

जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और अन्य संगठनों के माध्यम से, जापान ने वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2023 के बीच हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कैंसर, जिसमें गर्भाशय का कैंसर भी शामिल है, से निपटने के लिए लगभग $75 मिलियन की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इसमें चिकित्सा उपकरण और सुविधाएं, चिकित्सा निदान, स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती, और तकनीकी सहायता शामिल है।

जापान टीकों तक पहुंच में सुधार करने और जीएवीआई, यूएनएफपीए, आईपीपीएफ जैसी वैश्विक स्वास्थ्य पहलों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, जिसमें गर्भाशय के कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण शामिल है, के प्रति प्रतिबद्ध है। जापान इस पहल को जारी रखने का इरादा रखता है।

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) की उपलब्धि की दिशा में, जापान स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करके हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय के कैंसर सहित कैंसर का समाधान करने की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। जापान, नेशनल कैंसर सेंटर जापान की साझेदारी से, प्रत्येक क्वाड देश के कैंसर संस्थानों के साथ मिलकर क्षेत्र में कैंसर से निपटने के प्रयासों में सहयोग जारी रखेगा।

गैर सरकारी संगठन

क्वाड देशों के निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्रों के साथ सहयोग इस पहल की सफलता के लिए अपरिहार्य है, क्योंकि उनकी सामूहिक नवाचार, संसाधन और प्रतिबद्धता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कैंसर से लड़ने की प्रगति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। क्वाड देशों ने गैर-सरकारी योगदानकर्ताओं से निम्नलिखित कार्यों की घोषणा करते हुए खुशी जताई है :

कैंसर स्क्रीनिंग और रोकथाम तक पहुंच में सुधार

विश्व बैंक हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय के कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक स्वास्थ्य प्रणाली दृष्टिकोण से अपनी प्रतिबद्धता बढ़ा रहा है, जिसमें अगले तीन वर्षों में एचपीवी से संबंधित वैश्विक निवेश के रूप में $400 मिलियन शामिल हैं। 2030 तक 1.5 बिलियन लोगों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के अपने व्यापक लक्ष्य के तहत, विश्व बैंक महिलाओं, बच्चों और गर्भाशय के कैंसर के लिए ग्लोबल फाइनेंसिंग फैसिलिटी (जीएफएफ) जैसी परियोजनाओं के माध्यम से वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में कैंसर स्क्रीनिंग, एचपीवी टीकाकरण और उपचार का समर्थन कर रहा है। इसमें कम सेवा प्राप्त आबादी के लिए स्क्रीनिंग तक पहुंच का विस्तार, सेवा वितरण को मजबूत करना और निदान और उपचार में सुधार के लिए साझेदारियों का लाभ उठाना शामिल है। इसके अलावा, विश्व बैंक एचपीवी टीकों की आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को दूर करने और पूरे क्षेत्र में टीकों की सतत उत्पादन और वितरण सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। इस दृष्टिकोण के माध्यम से, विश्व बैंक का लक्ष्य स्थायी और न्यायसंगत स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण करना है जो गर्भाशय के कैंसर के बढ़ते बोझ का समाधान कर सकें और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों का समर्थन कर सकें।

विमेंस हेल्थ एंड इकोनॉमिक एम्पावरमेंट नेटवर्क (डब्ल्यूएचईएन) की महिला निवेशक और समाज-सेवी, अगले तीन वर्षों में $100 मिलियन से अधिक का संयुक्त निवेश करेंगे, जो दक्षिण पूर्व एशिया में गर्भाशय के कैंसर के लिए लक्षित होगा। ये धनराशि गर्भाशय के कैंसर की रोकथाम, स्क्रीनिंग, निदान और उपचार में सुधार के लिए आवश्यक अंतराल को भरने के लिए काम करेगी। डब्ल्यूएचईएन के महिला निवेशक और परोपकारी एचपीवी स्क्रीनिंग, चिकित्सा इमेजिंग, पैथोलॉजी, रेडियोथेरेपी, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य सुविधाओं के सौरकरण में अनुदान, रियायती और निवेश पूंजी का निवेश करेंगे।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जीएवीआई के साथ साझेदारी में, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में 40 मिलियन तक एचपीवी टीकों की खरीद का समर्थन करेगा। इस प्रतिबद्धता को मांग के आधार पर बढ़ाया जा सकता है, जिससे वंचित क्षेत्रों में टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। यह प्रतिबद्धता गर्भाशय के कैंसर को रोकने और पूरे क्षेत्र में समान स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, अन्य दाताओं और देशों के साथ मिलकर, इस वर्ष के पहले गर्भाशय के कैंसर उन्मूलन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फाउंडेशन ने अगले चार वर्षों में एचपीवी टीकों के वैश्विक उपयोग में तेजी लाने, नए निवारक एचपीवी और उपचारात्मक टीकों और नैदानिक उपकरणों के विकास और नैदानिक ​​अध्ययनों को वित्त पोषित करने के लिए 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का निवेश करने की घोषणा की है।

साबिन वैक्सीन इंस्टीट्यूट अपने ग्लोबल एचपीवी कंसोर्टियम (जीएचसी) के माध्यम से गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन को बढ़ावा देने के लिए एक नये देश-आधारित गठबंधन का समर्थन करेगा। गर्भाशय कैंसर उन्मूलन कंसोर्टियम-इंडिया (सीसीईसी-I) सरकार के साथ सहयोग करेगा, जहां भी उपयुक्त होगा, "100 गर्भाशय कैंसर मुक्त जिलों" के लिए अपनी एकीकृत एसएवीई रणनीति: स्क्रीनिंग, उपचार तक पहुंच, टीकाकरण, शिक्षा के माध्यम से काम करेगा। यह हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जीएचसी की प्रतिबद्धता को जारी रखने का हिस्सा है, जो पहले इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ उनके राष्ट्रीय गर्भाशय कैंसर उन्मूलन योजना के विकास का समर्थन करने के लिए सहयोग कर चुका है।

झिपीगो, फिलीपींस के स्वास्थ्य विभाग के साथ साझेदारी और रोश के सहयोग से, महिलाओं को एचपीवी परीक्षण और गर्भाशय के कैंसर के जोखिम के बारे में शिक्षित करके गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग के प्रति जागरूकता, मांग और पहुंच बढ़ा रहा है। स्क्रीनिंग परियोजना का केन्द्रीकृत प्रयोगशाला मॉडल इलाज का मार्ग सुनिश्चित करने के लिए मजबूत रेफरल मार्गों के साथ फिलीपींस की पांच अत्यधिक शहरीकृत स्थानीय सरकारी इकाइयों में एचपीवी परीक्षण की भारी उपलब्धि, कैंसर होने से पूर्व थर्मल एब्लेशन उपचार की डब्ल्यूएचओ की उन्मूलन रणनीति सिफारिशों के साथ गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग का कवरेज बढ़ा रही है। -

इलुमिना हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जीनोमिक डायग्नोस्टिक परीक्षणों के विकास और उसे अपनाने का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एडवांस स्टेज (>50 प्रतिशत) और गैर-एचपीवी संचालित (~5 प्रतिशत) गर्भाशय के कैंसर के मरीजों के रोग का सही तरीके से पता लगाकर उन्हें संभावित उचित इलाज जैसे पॉली (एडीपी-राइबोज) पोलिमरेज़ (पीएआरपी) इनहिबिटर और इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर (आईसीआई) सुनिश्चित हो। इसी तरह की पहल ऑस्ट्रेलिया और जापान में स्त्रीरोग ऑन्कोलॉजी संगठनों के साथ की जा रही है।

रोश डायग्नोस्टिक्स हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय कैंसर स्क्रीनिंग और निदान पहलों का विस्तार कर रहा है। रोश डायग्नोस्टिक्स हिन्द प्रशांत में स्क्रीनिंग तक पहुंच बढ़ाने और जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों का विस्तार करेगा, जिसमें जापान के साथ साझेदारी का अनुभव शामिल है, जिसमें महिलाओं को शिक्षित करना, स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करना, और आगे की देखभाल के लिए डिजिटल समाधान विकसित करना शामिल है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी में, रोश डायग्नोस्टिक्स अंडर-स्क्रीन और कभी-स्क्रीन न की गई आबादी, जिनमें आदिवासी, टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर और सांस्कृतिक रूप से विविध समुदाय शामिल हैं, के बीच गर्भाशय कैंसर स्क्रीनिंग को बढ़ावा दे रहा है।

बेक्टन डिकिन्सन एंड कंपनी (बीडी) हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग में व्यापक निवेश कर रही है। बीडी प्रसूति और स्त्री रोग सोसाइटियों के साथ काम कर रहा है ताकि क्लिनिशियन को गर्भाशय कैंसर स्क्रीनिंग के सर्वोत्तम कार्यों के बारे में शिक्षा दी जा सके, जिसका लक्ष्य 2025 की शुरुआत तक 1,200 से अधिक क्लिनिशियन और सहायक कर्मचारियों तक पहुंचना है। बीडी पायलट परियोजनाओं में भी निवेश कर रहा है ताकि बड़े पैमाने पर एचपीवी स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के डिजाइन और वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए जानकारी प्राप्त की जा सके। अपनी दीर्घकालिक साझेदारी के तहत, बीडी डायरेक्ट रिलीफ और सेल्फ-एम्प्लॉयड वूमेन्स एसोसिएशन (सेवा) के साथ काम कर रहा है ताकि 20,000 से अधिक महिलाओं की स्क्रीनिंग की सुविधा मिल सके। इस कार्यक्रम के तहत, 400 स्क्रीनिंग कैंप स्क्रीनिंग, निदान और मानसिक स्वास्थ्य सहायता की पेशकश करेंगे।

कैंसर की देखभाल में सुधार

प्रोजेक्ट ईसीएचओ हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन में तेजी लाने के लिए 10 नए लर्निंग नेटवर्क स्थापित करेगा, जो प्रभावी और सुलभ रोकथाम और देखभाल की सुविधा प्रदान करेंगे। 33 देशों में 180 से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन ईसीएचओ मॉडल का उपयोग करते हैं, जो सामुदायिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक प्रमाण-आधारित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन ढांचा है, ताकि कैंसर देखभाल में सुधार किया जा सके। 2028 तक, प्रोजेक्ट ईसीएचओ इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया और हिन्द प्रशांत के अन्य देशों में स्थानीय भागीदारों और स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ मिलकर 10 से अधिक नए समुदायों को शुरू करेगा, जिसमें एचपीवी टीकाकरण कार्यक्रमों का कार्यान्वयन, पूर्व-कैंसर घावों का उपचार और आवश्यक उपचारात्मक उपचारों का उपयोग शामिल होगा।

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी एचपीवी से संबंधित कैंसर के वैश्विक बोझ को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र सहित नागरिक समाज संगठनों का सहयोग बढ़ाना शामिल है। इन संगठनों के समर्थन के लिए मुख्य रूप से कैंसर नागरिक समाज संगठनों और चिकित्सा संगठनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें जीवन रक्षक रोकथाम सेवाओं की मांग और उपयोग को बढ़ाने के लिए व्यापक स्वास्थ्य प्रदाता प्रशिक्षण के माध्यम से कम लागत वाले व्यवहारिक हस्तक्षेपों को लागू करने के लिए अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) गर्भाशय के कैंसर के उपचार के लिए नए वैज्ञानिक साक्ष्यों को शामिल करने के लिए अपने वैश्विक दिशानिर्देशों को अपडेट करेगा। दिशानिर्देश पूरा होने के बाद, एएससीओ अपने सदस्यों, जिसमें एशिया पैसिफिक क्षेत्रीय परिषद भी शामिल है, और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोगी ऑन्कोलॉजी सोसायटियों के साथ मिलकर इन दिशानिर्देशों के उपयोग को बढ़ावा देगा, ताकि कैंसर चिकित्सकों को रोगियों के परिणामों में सुधार करने में मदद मिल सके।

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) अपनी आशा की किरण पहल का विस्तार कर रही है, ताकि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रेडियोथेरेपी और चिकित्सा इमेजिंग क्षमताओं को मजबूत किया जा सके। इस पहल के तहत 13 देशों और क्षेत्रों ने सहयोग का अनुरोध किया है, और गर्भाशय के कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्क्रीनिंग दरों को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। आईएईए ने जापान और भारत के कैंसर संस्थानों को आशा की किरण एंकर सेंटर्स के रूप में नामित किया है, जो शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार, और गुणवत्ता आश्वासन में क्षमता निर्माण के केन्द्र के रूप में काम करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ 172 देशों में अपने 1150 सदस्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि असमानताओं को दूर किया जा सके और गर्भाशय के कैंसर के उन्मूलन में वैश्विक कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके, जिसमें अगले तीन वर्षों में ‘गर्भाशय के कैंसर के लिए हिन्द प्रशांत क्षेत्र में उन्मूलन भागीदारी’ के हिस्से के रूप में हिन्द प्रशांत क्षेत्र भी शामिल है। प्रमुख आयोजन मंचों, स्थापित शिक्षण अवसरों, अपने समृद्ध नेटवर्क और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करने की सिद्ध क्षमता का लाभ उठाते हुए, यूआईसीसी देखभाल तक पहुँच में सुधार, प्रगति को बनाए रखने और अंततः, दुनिया भर की आबादी के लिए कैंसर के बोझ को कम करने के लिए राष्ट्रीय भागीदारों का समर्थन करेगा।

कैंसर अनुसंधान, बुनियादी ढांचे, और प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाना

मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रॉयल नॉर्थ शोर हॉस्पिटल ने 40 मिलियन डॉलर की सार्वजनिक-निजी साझेदारी की शुरुआत की है, जो सटीक ऑन्कोलॉजी और तरल बायोप्सी प्रौद्योगिकियों के अंतर्राष्ट्रीय नैदानिक परीक्षणों को बढ़ावा देगी, जिसमें गर्भाशय के कैंसर का पता लगाना और उन्मूलन भी शामिल है। ऑस्ट्रेलियाई समाज सेवी श्री ग्रेगरी जॉन पचे और दिवंगत श्रीमती के वैन नॉर्टन पचे द्वारा प्रत्येक संस्थान को 20 मिलियन डॉलर का उदार दान इस साझेदारी का समर्थन करेगा, जिससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे अत्याधुनिक नैदानिक और उपचारात्मक उपकरणों के विकास में तेजी आएगी।

अमेज़ॅन वेब सर्विसेज, इंक. (एडब्ल्यूएस) प्रशांत क्षेत्र में संगठनों को गर्भाशय का कैंसर रोकने, उसका पता लगाने और उसका इलाज करने की उनकी क्षमता में सहायता करेगा, क्लाउड कंप्यूटिंग क्रेडिट प्रदान करेगा और एडब्ल्यूएस पर ओपन डेटा की रजिस्ट्री के माध्यम से एडब्ल्यूएस और डेटासेट तक पहुँच को सक्षम करेगा। शोधकर्ता एडब्ल्यूएस का उपयोग करके कैंसर जीनोम एटलस और अन्य से एडब्ल्यूएस के माध्यम से सुरक्षित किए गए डेटासेट से पैटर्न और भिन्नताओं की पहचान कर रहे हैं।

फाइज़र हिन्द प्रशांत क्षेत्र में इनडोवेशन पहल का विस्तार करेगा ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर ऑन्कोलॉजी की क्षमता का निर्माण किया जा सके। फाइज़र ने दो साल पहले स्थानीय स्टार्टअप्स का समर्थन करने के लिए इनडोवेशन पहल की शुरुआत की थी, और इस कार्यक्रम के तहत लगभग 1 मिलियन डॉलर के अनुदान स्टार्टअप्स को दिए गए हैं, जिसमें गर्भाशय के कैंसर से संबंधित स्टार्टअप्स भी शामिल हैं। अब फाइज़र इस कार्यक्रम को ऑन्कोलॉजी पर केंद्रित कर रहा है, ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा सके। इस चरण के तहत, फाइज़र 10 स्टार्टअप्स को अनुदान देगा, जो शुरुआती निदान और रोगी सेवाओं को बढ़ाने के समाधान पेश कर सकते हैं।

एलेक्ता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रेडियोथेरेपी क्षमता का विस्तार करेगा, जिससे इस क्षेत्र में उपचार के महत्वपूर्ण अंतर को समाप्त करने में मदद मिलेगी। पहलों में दक्षिणपूर्व एशिया में रेडियोथेरेपी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना, क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्रों के साथ उपचार पाठ्यक्रम संचालित करना, और क्लाउड-आधारित प्लेटफार्मों को लागू करना शामिल है, ताकि ज्ञान साझा करने और एशिया-प्रशांत रेडियोथेरेपी नेटवर्क के सदस्य केंद्रों के बीच सहकर्मी समीक्षा सत्रों के माध्यम से रेडियोथेरेपी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

एमडी एंडरसन हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गर्भाशय के कैंसर के अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। एमडी एंडरसन वर्तमान में इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग, निदान, और उपचार कार्यक्रमों को लागू करने और मूल्यांकन करने में सहयोग कर रहा है और देश में मेडिकल प्रदाताओं को कोल्पोस्कोपी, एब्लेशन, लूप इलेक्ट्रो-सर्जिकल एक्सिसन प्रक्रिया (एलईईपी), और सर्जरी के लिए प्रशिक्षित करने में मदद कर रहा है। एमडी एंडरसन हिन्द प्रशांत क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ इन कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो गर्भाशय के कैंसर उन्मूलन के लिए साझेदारी में रुचि रखते हैं।

कैंसर के प्रति जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा

होलोजिक, जो वैश्विक स्तर पर गर्भाशय और स्तन कैंसर के निदान और चिकित्सा इमेजिंग समाधानों में अग्रणी है, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सरकारी एजेंसियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर गर्भाशय के कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा देने का काम कर रहा है। होलोजिक वर्तमान में गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीन तकनीकों की पहुंच का विस्तार कर रहा है, ताकि जनसंख्या-आधारित कार्यक्रमों को स्केल किया जा सके और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की कमी को दूर किया जा सके। इसके अलावा, होलोजिक ने ग्लोबल वुमेंस हेल्थ इंडेक्स के निरंतर प्रकाशन के प्रति प्रतिबद्धता जताई है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य पर एक व्यापक वैश्विक सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण दुनिया की महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जानकारी में महत्वपूर्ण अंतर को भरने का काम करेगा।

एचपीवी और गर्भाशय के कैंसर के खिलाफ वैश्विक पहल हिन्द प्रशांत क्षेत्र में एचपीवी टीकाकरण, गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग और प्रारंभिक उपचार परियोजनाओं को बढ़ावा देगा। इन प्रयासों में बैंकॉक में एशिया-प्रशांत कार्यशाला का आयोजन शामिल होगा, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के भीतर ज्ञान और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना है, साथ ही पूरे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जागरूकता पहलों को और बढ़ावा देना होगा।

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Government taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people: PM
December 09, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today reiterated that the Government has been taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people and leverage the power of connectivity to further prosperity. He added that the upcoming Noida International Airport will boost connectivity and 'Ease of Living' for the NCR and Uttar Pradesh.

Responding to a post ex by Union Minister Shri Ram Mohan Naidu, Shri Modi wrote:

“The upcoming Noida International Airport will boost connectivity and 'Ease of Living' for the NCR and Uttar Pradesh. Our Government has been taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people and leverage the power of connectivity to further prosperity.”