अपने कार्य में आनंद लेना।

Published By : Admin | September 16, 2016 | 23:51 IST
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ऐसा कैसे है कि नरेंद्र मोदी थकते नहीं ? उनकी ऊर्जा का क्या स्त्रोत है कि वे सप्ताह दर सप्ताह, इतनी  व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, मशीनी सटीकता एवं उसी ऊँची गुणवत्ता के साथ कार्यपालन करते रहते है?  यह ऐसा प्रश्न है जो प्रधान मंत्री के समर्थकों एवं उनका आलोचनात्मक विश्लेषण करने  वाले, दोनों के द्वारा पूछा  जाता रहा है। 

यह प्रश्न उनसे सीधे तौर पर भी माईगोव के प्रथम टाउन हॉल कार्यक्रम में तथा हाल ही में दिल्ली के एक मीडिया हाउस के टी.वी. कार्यक्रम में भी पूछा गया। नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए उत्तर से न ही केवल उनकी  व्यक्तिगत व्यवहारिक सोच झलकती है बल्कि इसके दार्शनिक पहलू भी सामने आते है -  थकान किसी मिशन की प्राप्ति के लिए की गई मेहनत से नहीं होती बल्कि  बच गए अपूर्ण कार्य के बारे में सोचकर होने वाली मानसिक चिंता से  होती है।  राहुल जोशी को दिए गए साक्षात्कार में मोदी ने अपने इस विचार को कुछ इस तरह से व्यक्त किया - "वास्तव में हम काम नहीं करने से थकते हैं, अपितु काम तो हमें संतुष्टि देता है।  यह संतुष्टि हमें ऊर्जा देती  है।   मैंने हमेशा ऐसा ही महसूस किया है और अपने युवा दोस्तों को भी यही बताया है।  आप अगर नई चुनौतियाँ स्वीकार करते रहें तो  स्वयं आपके अंदर से ही आपको समर्थन मिलेगा।  यह आपमें अंतर्निर्मित है।"

उनका मन्त्र सरल लेकिन अचूक है - यदि आप अपने काम में आनंद ले रहे हैं  तो आप कभी भी थकावट नहीं महसूस करेंगे क्योंकि आप तो वही कर रहे हैं जिसमें आपको आनंद आता  है !

 

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

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तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज का पीएम मोदी के साथ जीवन बदल देने वाला अनुभव - जरूर पढ़ें
March 20, 2023
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हाल ही में प्रसिद्ध संगीतकार रिकी केज ने 'डिवाइन टाइड्स' एल्बम के लिए अपने करियर का तीसरा ग्रैमी पुरस्कार जीता। 'मोदी स्टोरी' से बात करते हुए उन्होंने खुलासा किया कि कैसे पीएम मोदी ने उनके संगीत को एक उद्देश्य दिया और उन्हें ऐसा संगीत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका सामाजिक प्रभाव हो और जो भारत की महान संस्कृति को प्रदर्शित करता हो।

केज ने कहा,"जब मैंने 2015 में अपना पहला ग्रैमी पुरस्कार जीता था, तो नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद ही उस अंतरराष्ट्रीय मंच पर जहां दुनिया भर के एक अरब से अधिक लोग ग्रैमी पुरस्कार देख रहे थे, मैंने अपने भाषण के दौरान उल्लेख कर उन्हें (पीएम मोदी) धन्यवाद दिया और कहा कि वह भारत के लिए अद्भुत काम कर रहे हैं।"


रिकी केज ने आगे कहा कि वो पीएम मोदी से मिलना चाहते थे और मुलाकात के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आने पर उन्हें खुशी हुई।

प्रधानमंत्री से अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए केज ने बताया, "मैंने सोचा था कि यह 4-5 मिनट की फोटो-ऑप टाइप की बैठक होगी, लेकिन यह वास्तव में एक घंटे की चर्चा बन गई! यह एक शानदार अनुभव था। पीएम मोदी ने उस मुलाकात के दौरान मुझे प्रेरित किया कि मैं जो भी संगीत बनाता हूं वह उस चीज के लिए होता है जिसके लिए मैं जुनूनी हूं, जिसका पर्यावरण और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव है। पीएम मोदी का मेरे जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है क्योंकि उन्होंने मेरे करियर को नया मोड़ दिया और निश्चित ही जीवन की सोच को बदल दिया।"


रिकी केज ने कहा कि अब वह कोई कॉमर्शियल या बॉलीवुड संगीत नहीं बनाते हैं। उन्होंने कहा,"मैं केवल एक ही तरह का संगीत बनाता हूं जो इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की कोशिश करता है और भारत की हमारी खूबसूरत विरासत और संस्कृति को दिखाने की कोशिश करता है। बस अब यही मेरी जिंदगी है।"


प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में अधिक जानकारी साझा करते हुए केज ने कहा," पीएम मोदी ने महसूस कराया कि मेरा जुनून पर्यावरण है और मैंने महसूस किया कि उनका बहुत बड़ा जुनून पर्यावरण और प्रकृति और सभी प्रजातियों की रक्षा और संरक्षण है। माननीय प्रधानमंत्री ने मुझे बताया कि वह COP21 - पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में जा रहे हैं जो कि हमारे प्लेनेट के इतिहास में राष्ट्रों का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे एक सोलर अलायंस शुरू करने जा रहे हैं जो मेरे दिल के बहुत-बहुत करीब है।"


जब वे COP-21 सम्मेलन के बारे में चर्चा कर रहे थे, तो उन्होंने एक सुझाव दिया कि जलवायु परिवर्तन और इसके बारे में भारत के दृष्टिकोण पर दुनिया भर के संगीतकारों को शामिल कर एक संगीत एल्बम बनाया जाए। केज ने कहा," इसलिए मैंने 'शांति समसारा' नाम का एल्बम बनाया, जिसमें 40 देशों के 500 संगीतकार शामिल थे। पीएम मोदी को एल्बम बहुत पसंद आया और उन्होंने फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री फ्रांस्वा ओलांद और संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव श्री बान की मून को एल्बम उपहार में देकर पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में एल्बम लॉन्च किया।"