प्रधानमंत्री ने आज इस तथ्य पर अफसोस जताया कि इतिहास के पन्नों में चौरी चौरा के शहीदों को यथोचित प्रमुखता नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जिन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं उनकी दास्तान राष्ट्र के समक्ष रखने के हमारे प्रयास उन्हें  वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि यह उस वर्ष में सबसे अधिक प्रासंगिक है जब देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। श्री मोदी आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चौरी चौरा में ‘चौरी चौरा’शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चौरी चौरा के शहीदों की उतनी चर्चा नहीं की जाती जितनी होनी चाहिए थी। चौरी चौरा आम आदमी का आत्म-प्रेरित संघर्ष था। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "भले ही इतिहास के पन्नों में इस संघर्ष के क्रांतिकारियों को यथोचित प्रमुखता नहीं दी गई थी, लेकिन इस देश की मिट्टी में खून मिला हुआ है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में एक भी प्रकरण ऐसा देखना दुर्लभ है जहां 19 स्वतंत्रता सेनानियों को एक घटना के लिए फांसी दे दी गई थी। श्री मोदी ने बाबा राघवदास और पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयासों को याद किया जिन्होंने लगभग 150 लोगों को फांसी के तख्त पर झूलने से बचाया था।

प्रधानमंत्री ने खुशी व्यक्त की कि पूरा अभियान स्वतंत्रता संग्राम के कम ज्ञात पहलुओं का पता लगाने के प्रयास में छात्रों और युवाओं को जोड़ रहा है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों पर किताबें लिखने के लिए युवा लेखकों के शिक्षा मंत्रालय के निमंत्रण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्‍त की कि चौरी चौरा के कई स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को देश के सामने लाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है कि ये 'चौरी चौरा' शताब्दी समारोह स्थानीय कला और संस्कृति और आत्मेनिर्भर भारत से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की।

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कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 4-लेन बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी
May 28, 2025
Quote108.134 किलोमीटर लंबे सड़क के निर्माण पर कुल पूंजी लागत 3653.10 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर आंध्र प्रदेश में एनएच-67 पर 3653.10 करोड़ रुपये की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबे 4-लेन बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

स्वीकृत बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक कॉरिडोर की महत्वपूर्ण जगहों (नोड) यानी विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर (वीसीआईसी) पर कोप्पार्थी नोड, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (एचबीआईसी) पर ओर्वाकल नोड और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) पर कृष्णापटनम नोड को जोड़ने का काम करेगा। इसका देश के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बडवेल नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कडप्पा जिले में विद्यमान राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होता है और एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर समाप्त होता है। यह कॉरिडोर कृष्णापटनम पोर्ट को कार्यनीतिक संपर्क भी प्रदान करेगा, जिसे चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) के तहत प्राथमिकता नोड के रूप में पहचाना गया है।

प्रस्तावित कॉरिडोर से कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक की यात्रा की दूरी मौजूदा बाडवेल-नेल्लोर सड़क की तुलना में 33.9 किलोमीटर कम होकर 142 किलोमीटर से 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय एक घंटे कम हो जाएगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि ईंधन की खपत में कमी के मामले में पर्याप्त लाभ प्राप्त हो, जिससे कार्बन उत्सर्जन और वाहन परिचालन लागत (वीओसी) में कमी आएगी। परियोजना संयोजन और सूचकांक मानचित्र का विवरण अनुलग्नक-I के रूप में संलग्न है।

108.134 किलोमीटर लंबी यह परियोजना लगभग 20 लाख कार्य दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख कार्य-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी के कारण यह परियोजना अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

अनुलग्नक-I

परियोजना संयोजन और सूचकांक मानचित्र का विवरण:

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चित्र 1: प्रस्तावित कॉरिडोर का सूचकांक मानचित्र

 

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चित्र 2: विस्तृत परियोजना संयोजन