राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के सभी लाभार्थियों को दिसंबर, 2022 तक 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से मुफ्त खाद्यान्न देना जारी रहेगा
पीएमजीकेएवाई के अब तक के छह चरणों में कुल 3.45 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित सब्सिडी का प्रावधान किया गया
अक्टूबर से दिसंबर तक पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण में 44,762 करोड़ रुपये की अनुमानित सब्सिडी दी गई है
सातवें चरण में खाद्यान्नों का कुल आवंटन 122 एलएमटी होने की उम्मीद है
यह निर्णय आगामी प्रमुख त्योहारों के दौरान समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए सहायता सुनिश्चित करेगा

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2021 में की गई जन-कल्याण घोषणा के अनुरूप केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण-7) को अगले तीन महीने की अवधि यानी अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड के खात्‍मे के बाद इसके प्रतिकूल प्रभावों और विभिन्न कारणों से असुरक्षा से जूझ रही है, भारत ने अपने यहां समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है और इसके साथ ही भारत आम आदमी के लिए किफायती खाद्यान्‍न की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

यह स्वीकार करते हुए कि लोगों को महामारी के कठिन दौर से गुजरना पड़ा है, सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, मिलाद-उन-नबी, दीपावली, छठ पूजा, गुरुनानक देव जयंती, क्रिसमस, इत्‍यादि के लिए आवश्‍यक सहायता दी जा सके जिन्‍हें वे समस्‍त समुदाय के साथ मिलकर बड़े उल्लास से मना सकते हैं। इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय संकट के खाद्यान्न की आसान उपलब्धता का लाभ निरंतर उठा सकें

इस कल्याणकारी योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार) के तहत शामिल सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।

पीएमजीकेएवाई के छठे चरण तक भारत सरकार के लिए वित्तीय व्यय लगभग 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस योजना के 7वें चरण के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को मिलाकर सभी चरणों के लिए पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण के लिए खाद्यान्नों के मामले में कुल आवंटन लगभग 122 एलएमटी होने की संभावना है। चरण 1 से 7 तक खाद्यान्नों का कुल आवंटन लगभग 1,121 एलएमटी है।

अभी तक पीएमजीकेएवाई 25 महीनों से निम्नानुसार परिचालन में है-

(i) चरण-1 और 2 (8 महीने): अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक

(ii) चरण- 3 से 5 (11 महीने): मई 2021 से मार्च 2022 तक

(iii) चरण-6 (6 महीने): अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक

 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) कोविड-19 संकट के दौरान मुश्किल समय में शुरू हुई थी, जिसने गरीबों, जरूरतमंदों, गरीब परिवारों/लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है ताकि इन लोगों को खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से कोई परेशानी न हों। इस योजना ने लाभार्थियों को सामान्य रूप से वितरित की जाने वाली मासिक खाद्यान्न पात्रता की मात्रा को प्रभावी रूप से दोगुना कर दिया है।

पहले के चरणों के अनुभव के अनुसार पीएमजीकेएवाई-चरण-7 का प्रदर्शन भी पहले चरणों के समान उच्चस्तर का होने की उम्मीद है।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India advances in 6G race, ranks among top six in global patent filings

Media Coverage

India advances in 6G race, ranks among top six in global patent filings
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister Shri Narendra Modi writes LinkedIn post on creation of National Maritime Heritage Complex at Lothal
October 15, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today wrote a post on LinkedIn, elaborating on the advantages of developing a National Maritime Heritage Complex at Lothal in Gujarat.

The post is titled 'Let's focus on Tourism'.

The Prime Minister posted on X:

"Recently, the Union Cabinet took a very interesting decision - of developing a National Maritime Heritage Complex in Lothal. Such a concept will create new opportunities in the world of culture and tourism. India invites more participation in the culture and tourism sectors."