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93,068 करोड़ रुपये का प्रावधान, जिसमें राज्यों के लिये 37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल
लगभग 22 लाख किसानों को फायदा, जिसमें 2.5 लाख किसान अनुसूचित जाति और दो लाख किसान अनुसूचित जनजाति वर्ग के
90 प्रतिशत अनुदान दो राष्ट्रीय परियोजनाओं – रेणुकाजी (हिमाचल प्रदेश) और लखवार (उत्तराखंड) को– दोनों परियोजनाएं दिल्ली तथा अन्य प्रतिभागी राज्यों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान)को जलापूर्ति के लिये तथा यमुना नदी के उद्धार के लिये महत्त्वपूर्ण
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत 13.88 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता
एआईबीपी के तहत शामिल नई परियोजनाओं सहित 60 चालू परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित
30.23 लाख हेक्टेयर का कमान क्षेत्र विकास कार्य
‘हर खेत को पानी’ के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार के जरिये 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे की सिंचाई तथा उपयुक्त प्रखंडों में 1.52 लाख हेक्टेयर भूजल सिंचाई
49.5 लाख हेक्टेयर वर्षा सिंचित/अनुपजाऊ भूमि संबंधी वॉटरशेड परियोजनाओं को पूरा करना, ताकि संरक्षित सिंचाई के तहत अतिरिक्त 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि को लाया जा सके
 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज 93,068 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ 2021-26 के लिये प्रधानमंत्री कृषि संचाई योजना (पीएकेएसवाई) के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है।

सीसीईए ने राज्यों के लिये 37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता तथा पीएमकेएसवाई 2016-21 के दौरान सिंचाई विकास के लिये भारत सरकार द्वारा लिये गये ऋण को चुकाने के सम्बंध में 20,434.56 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।

त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीबी), हर खेत को पानी (एचकेकेपी) और भूमि, जल व अन्य विकास घटकों को 2021-26 में जारी रखने को भी मंजूरी दी गई।

त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है। चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देने के अलावा, जिसमें उनसे सम्बंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र विकास भी शामिल है, अतिरिक्त परियोजनाओं को भी शुरू किया जा सकता है। जनजातीय इलाकों और जल्दी सूखे का सामना करने वाले इलाकों की परियोजनाओं कोशामिल करने के मानदंडों में ढील दी गई है।

रेणुकाजी बांध परियोजना (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना (उत्तराखंड) नामक दो राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिये 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण का प्रावधान किया गया है। दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में भंडारण की शुरूआत करेंगी, जिससे यमुना बेसिन के ऊपरी हिस्से के छह राज्यों को फायदा पहुंचेगा। साथ ही दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को जलापूर्ति होगी तथा यमुना के उद्धार की दिशा में प्रगति होगी।

हर खेत को पानी (एचकेकेपी) का उद्देश्य है कि खेतों तक पहुंच में इजाफा हो और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य भूमि का विस्तार हो। एचकेकेपी के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार-सुधार-बहाली, पीएमकेएसवाई के घटक हैं तथा इनका उद्देश्य है कि अतिरिक्त 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के दायरे में लाना। जल स्रोतों के उद्धार के महत्त्व के मद्देनजर, मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों को दोबारा जीवित करने के लिये वित्तपोषण को मंजूरी दी है। इस योजना में उन्हें शामिल करने के मानदंडों का विस्तार किया गया है तथा केंद्रीय सहायता को आम क्षेत्रों के हवाले से 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा एचकेकेपी के भूजल घटक को भी 2021-22 के लिये अस्थायी रूप से मंजूर किया गया। इसका लक्ष्य है 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि के लिये सिंचाई क्षमता विकसित करना।

वॉटरशेड विकास घटक का लक्ष्य है वर्षा जल द्वारा सिंचित इलाकों का विकास करना। इसके लिये मिट्टी और जल संरक्षण, भूजल की भरपाई, मिट्टी बहने को रोकना तथा जल संरक्षण व प्रबंधन सम्बंधी विस्तार गतिविधियों को प्रोत्साहित करना। भूमि संसाधन विकास के स्वीकृत वॉटरशेड विकास घटक में 2021-26के दौरानसंरक्षित सिंचाई के तहत, अतिरिक्त 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल करने के लिए 49.5 लाख हेक्टेयर वर्षा सिंचित/अनुपजाऊ भूमि को कवर करने वाली स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने की परिकल्पना की गई है। कार्यक्रम में स्प्रिंगशेड के विकास के लिए विशेष प्रावधान शामिल किया गया है।

पृष्ठभूमि:

पीएमकेएसवाई को 2015 में शुरू किया गया था और यह एक प्रमुख योजना है। इसके तहत यहां उल्लिखित विशेष गतिविधियों के लिये राज्य सरकारों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण के दो प्रमुख घटक शामिल हैं:त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और हर खेत को पानी। एचकेकेपी, में चार उप-घटक हैं – कमान क्षेत्र विकास (सीएडी), सतह लघु सिंचाई (एसएमआई), जलस्रोतों का उद्धार, सुधार और बहाली (आरआरआर) तथा भूजल विकास। इसके अलावा भूमि-जल विकास वाले हिस्से को भूमि संसाधन विकास द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।

 

पीएमकेएसवाई का दूसरा घटक, यानी प्रति बूंद अधिक फसल को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग क्रियान्वित कर रहा है।

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PM congratulates Saweety Boora for winning the Gold Medal in Women's Boxing World Championships
March 25, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has congratulated Boxer, Saweety Boora for winning the Gold Medal in Women's Boxing World Championships.

The Prime Minister tweeted;

"Exceptional performance by @saweetyboora! Proud of her for winning the Gold Medal in Women's Boxing World Championships. Her success will inspire many upcoming athletes."