उपस्थित सभी महानुभाव,

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अभी दो घंटे पहले G -20 का समापन हुआ और अब मेरा विधिवत ऑस्ट्रेलिया के साथ Bilateral मीटिंग का कार्यक्रम शुरू हुआ और प्रारंभ पूज्य बापू के Statue के अनावरण के साथ-साथ उनको नमन कर करके हो रहा है। यह मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है।

मैं, इसके जो traditional owner है इस धरती के, उनको विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। इस कार्य के लिए और मैं आभार भी व्यक्त करता हूं। मैं ब्रिसबेन के मेयर का भी बहुत आभार व्यक्त करता हूं कि इस काम के लिए उन्होंने हमें सहयोग दिया और हर भारतीय की भावना का आदर किया। इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। इन दिनों भारत में मेरे विषय को लेकर के एक चर्चा चलती है और मैं भी सुनकर के कभी-कभी हैरान होता हूं। कुछ लोग यह कहते हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद बार-बार गांधी का नाम लेते हैं और हर चीज में गांधी को लाते हैं। लेकिन आज हेमंत भाई ने जो घटना सुनाई उसके बाद में समझता हूं इस प्रकार की चर्चा करने वालों को जवाब मिला होगा कि जब मैं मुख्यमंत्री भी नहीं था और ब्रिसबेन भी जाता हूं, तब भी यहां के लोगों से गांधी की बात करता हूं। मेरा यह Commitment है मेरा यह समर्पण है, यह मेरा उनके प्रति श्रद्धा के भाव की अभिव्यक्ति है।

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हमारे शर्मा जी का परिवार यहां बैठा है। उस समय जो मुझे, मेरी खातिरदारी करते थे, जब मैं यहां आया। पुराने लोगों को मैं देख रहा हूं। काफी परिचित चेहरे मुझे नजर आ रहे हैं, लेकिन बड़े लम्बे अरसे के बाद आज मेरा आप सब के बीच आना हुआ है। लेकिन एक अच्छे अवसर पर मुझे आने का सौभाग्य मिला है।

2 अक्तूबर को पोरबंदर की धरती पर किसी इंसान का जन्म नहीं हुआ था बल्कि 2 अक्तूबर को पोरबंदर की धरती पर एक युग का जन्म हुआ था। और मैं मानता हूं कि महात्मा गांधी आज भी दुनिया के लिए उतने ही relevant है, जितने कि वे अपने जीवनकाल में थे।

आज विश्व दो बड़े संकटों से गुजर रहा है और पूरे विश्व को उसकी चिंता है, चर्चा है। हमारी जी-20 Summit में भी इन दोनों बातों की चर्चा में काफी समय भी गया है और हमें उन दो बातों का जवाब महात्मा गांधी के जीवन में से मिलता है। महात्मा गांधी के जीवन की बातों को अगर हम देखेंगे, तो आज विश्व जिन समस्या‍ओं से जूझ रहा है। उसका जवाब ढूंढने में हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। आज दुनिया को एक चिंता है Global Warming की और दुनिया को दूसरी चिंता है Terrorism की, आतंकवाद की।

Global Warming के मूल में मुनष्य की जो प्रकृति का शोषण करने का स्वभाव रहा। सदियों से हमने प्रकृति का शोषण किया, प्रकृति का विनाश किया और उसी ने आज ग्लो्बल वार्मिंग का हमारे लिए संकट पैदा किया है। महात्मा गांधी हमेशा प्रकृति‍ से प्रेम करने का संदेश देते थे। उनकी पूरी जीवनचर्या में Exploitation of the nature, उसका विरोध करते थे। मनुष्य को एक सीमा तक ही milking of the nature का ही अधिकार है। उससे ज्यादा प्रकृति से लेने का अधिकार नहीं है। यह बात महात्मा गांधी जी ने जीवन मे करके दिखाई थी।

अगर हमने प्रकृति का शोषण न किया होता, मुनष्य की आवश्यकता के अनुसार बस milking of nature किया होता, तो आज जो पूरे विश्व को जिस प्रकार के संकटों को झेलना पड़ रहा है, शायद हमें जूझना न पड़ता।

महात्मा गांधी जब 25 के कालखंड में, 20- 25 के कालखंड में, 1925– 1930 में साबरमती आश्रम में रहते थे। 1930 में दांडी यात्रा के लिए वो चल पड़े थे, उसके बाद वापस कभी साबरमती आश्रम नहीं आए थे और साबरमती नदी के किनारे पर रहते थे। उस समय साबरमती नदी लबालब पानी से भारी हुई रहती थी। 1920-25 के कालखंड में पानी की कोई कमी नहीं थी लेकिन उस समय भी अगर गांधी को पानी कोई देता था और ज्यादा पानी देता था तो गांधी उसको डांटते थे कि पानी क्यों बरबाद कर रहे हो, पानी आधा ग्लिास दो जरूरत पड़ी तो कोई दूसरी बार मांगेगा। गांधी इतने आग्रही रहते थे। अपने पास आए हुए लिफाफे के पीछे वो लिखते थे, क्योंकि उनको मालूम था कि मैं ज्यादा कागज उपयोग करूंगा, तो ज्यादा वृक्ष कटेंगे और तब जाकर के कागज बनेगा और वो भी मैं नहीं करूंगा। यहां तक उनका आग्रह रहता था। हम कल्पना कर सकते हैं गांधी के जीवन की हर बात में कि वो प्रकृति की रक्षा के संबंध में कितने सजग थे और अपने जीवन आचरण के माध्यम से प्रकृति की रक्षा का संदेश कितना देते थे और वही जीवन अगर हम जीते या आज भी अगर उस जीवन को हम स्वीकार करे तो हम Global Warming की दुनिया की जो चिंता है, उस दुनिया को बचाने में हमारी तरफ से भी कुछ न कुछ योगदान दे सकते हैं। महात्मा गांधी ने हमें अहिंसा का मार्ग सिखाया, यह अहिंसा का शस्त्र, यह सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का साधन था, ऐसा नहीं है। अंहिसा, यह Article of faith महात्मा गांधी का यह विश्वास था कि हम शब्द् से भी किसी की हिंसा नहीं कर सकते। शस्त्र से तो हिंसा की बात बहुत दूर की है और अगर आज विश्व ने गांधी के उस अंहिसा के संदेश को पचाया होता, समझने की कोशिश की होती; "Holier-than-thou" मैं तुमसे बड़ा हूं; मैं तुमसे से ताकतवर हूं; मैं तुमसे अच्छा हूं; मेरा रास्ता ही से सही है इस प्रकार के जो विवादों के अंदर जो दुनिया फंसी हुई है और जिसको अपनी बात को सिद्ध करने के लिए शस्त्र का सहारा लिया जा रहा है और निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है; महात्मा गांधी का संदेश उस रास्तें से हमें भटकने से बचा सकता था।

आज भी विश्व के लिए सबके प्रति आदर का भाव, सबके प्रति समानता का भाव, यही हमें विश्व से बचने का रास्ता हो सकता है। कोई किसी से बड़ा है और इसलिए अगर मैं उसको चुनौती दूं, उसको खत्म करूं। यह रास्ता विश्व को मंजूर नहीं है। जगत बदल चुका है। और महात्मा गांधी ने जो सपना देखा था उस सपने की ताकत कितनी है वो आज दुनिया को समझ में आना शुरू हुआ है।

मैं विशेष रूप से उन परिवारों का भी आभार व्यक्त करता हूं। जब मैं आया और ऐसी बातें की और उस पर वो लगे रहे। हेमंत और उनके सारे दोस्तों से मैं पूछ रहा था कि हेमंत, तुम्हारे बाल कहां चले गए तो कल्पना ने मुझको कहा कि मैं तो उसको ठीक खिला रही हूं। आपके दोस्त को मैं खिला रही हूं आप चिंता मत कीजिए। ऐसा एक पारिवारिक वातारण इतने पुराने साथियों बातों-बातों में मन से जो बात निकली मैंने भी कभी सोचा नहीं था कि ये लोग यह काम तो करेंगे ही, लेकिन वो सौभाग्य मेरे नसीब में होगा, शायद कोई ईश्वरीय संकेत है कि इस काम के लिए मुझे अवसर मिला।

जो लोग बाहर हैं, यहां पहुंच नहीं पाएं हैं, उनका भी मैं सम्मान पूर्वक आदर करता हूं। और उनका गौरव करता हूं आप सबका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं। फिर एक बार मैं सबका अभिनंदन करता हूं। यह महान काम करने के लिए बहुत बहुत धन्यावाद और पूज्य बापू को हम सब प्रणाम करते हुए उनसे प्रेरणा लेकर के मानवजाति के कल्याण के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं करने का हम प्रयास करें। बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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Prime Minister condoles loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra
December 07, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra.

Shri Modi also prayed for the speedy recovery of those injured in the mishap.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra. My thoughts are with those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover soon: PM @narendramodi”