Excellency,

I am pleased to meet you. And like you have said, we are meeting formally after 5 years.

We believe that the importance of India-China relations is not just for our people.

Our relations are also important for global peace, stability and progress.

Excellency,

Mutual Trust, Mutual Respect, and Mutual Sensitivity should continue to be the basis of our relations.

Today we have got an opportunity to discuss all these issues.

I am confident that we will talk with an open mind, and our discussion will be constructive.

Thank you .

Explore More
78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

લોકપ્રિય ભાષણો

78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ
Centre hikes MSP on jute by Rs 315, promises 66.8% returns for farmers

Media Coverage

Centre hikes MSP on jute by Rs 315, promises 66.8% returns for farmers
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s interaction with students on the occasion of Jayanti of Netaji Subhas Chandra Bose
January 23, 2025

प्रधानमंत्री : 2047 तक का क्या लक्ष्य है देश का?

विद्यार्थी: विकसित बनाना है अपने देश को।

प्रधानमंत्री: पक्का?

विद्यार्थी: यस सर।

प्रधानमंत्री: 2047 क्यों तय किया?

विद्यार्थी: तब तक हमारी जो पीढ़ी है वह तैयार हो जाएगी।

प्रधानमंत्री: एक, दूसरा?

विद्यार्थी: आजादी को 100 साल हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री: शाबाश!

प्रधानमंत्री: नॉर्मली कितने बजे घर से निकलते हैं?

विद्यार्थी: 7:00 बजे।

प्रधानमंत्री: तो क्या खाने का डब्बा साथ रखते हैं?

विद्यार्थी: नहीं सर, नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अरे मैं खाऊंगा नहीं, बताओ तो सही।

विद्यार्थी: सर खाकर कर आए हैं।

प्रधानमंत्री: खाकर आ गए, लेकर नहीं आए? अच्छा आपको लगा होगा प्रधानमंत्री वो ही खा लेंगे।

विद्यार्थी: नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अच्छा आज का क्या दिवस है?

विद्यार्थी: सर आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म दिन है।

प्रधानमंत्री : हां।

प्रधानमंत्री: उनका जन्म कहां हुआ था?

विद्यार्थी: ओडिशा।

प्रधानमंत्री: ओडिशा में कहां?

विद्यार्थी: कटक।

प्रधानमंत्री: तो आज कटक में बहुत बड़ा समारोह है।

प्रधानमंत्री: नेताजी का वो कौन सा नारा है, जो आपको मोटिवेट करता है?

विद्यार्थी: मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

प्रधानमंत्री: देखो आजादी मिल गई अब तो खून देना नहीं, तो क्या देंगे?

विद्यार्थी: सर फिर भी वह दिखाता है कैसे वो लीडर थे, और कैसे वो अपने देश को अपने ऊपर सबसे उनकी प्रायोरिटी थी, तो उससे बहुत प्रेरणा मिलती है हमें।

प्रधानमंत्री: प्रेरणा मिलती है लेकिन क्या-क्या?

विद्यार्थी: सर हम SDG कोर्स जो हैं हमारे, हम उनके माध्यम से जो कार्बन फुटप्रिंट है हम उसे रिड्यूस करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री: अच्छा क्या-क्या, भारत में क्या-क्या होता है.......कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए क्या-क्या होता है?

विद्यार्थी: सर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तो आ ही गए हैं।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, शाबाश! फिर?

विद्यार्थी: सर buses भी अब इलेक्ट्रिक ही है।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक बस आ गई है फिर?

विद्यार्थी: हां जी सर और अब...

प्रधानमंत्री: आपको मालूम है दिल्ली में भारत सरकार ने कितनी इलेक्ट्रिक बसे दी हैं?

विद्यार्थी: सर है बहुत।

प्रधानमंत्री: 1200, और भी देने वाले हैं। देश भर में करीब 10 हजार बसें, अलग-अलग शहरों में।

प्रधानमंत्री: अच्छा पीएम सूर्यघर योजना मालूम है? कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में। आप सबको बताएंगे, मैं बताऊ आपको?

विद्यार्थी: हां जी, आराम से।

प्रधानमंत्री: देखिए पीएम सूर्यघर योजना ऐसी है कि ये क्लाइमेट चेंज के खिलाफ जो लड़ाई है, उसका एक हिस्सा है, तो हर घर पर सोलर पैनल है।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और सूर्य की ताकत से जो बिजली मिलती है घर पर, उसके कारण क्या होगा? परिवार में बिजली बिल जीरो आएगा। अगर आपने चार्जर लगा दिया है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, चार्जिंग वहीं से हो जाएगा सोलर से, तो वो इलेक्ट्रिक व्हीकल का खर्चा भी, पेट्रोल-डीजल का जो खर्चा होता है वह नहीं होगा, पॉल्यूशन नहीं होगा।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और अगर उपयोग करने के बाद भी बिजली बची, तो सरकार खरीद करके आपको पैसे देगी। मतलब आप घर में बिजली बना करके अपनी कमाई भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।