আজ দেশে নতুন আকাঙ্ক্ষা, নতুন আশা এবং নতুন আত্মবিশ্বাস রয়েছে: পঞ্জাবের হোশিয়ারপুরে প্রধানমন্ত্রী মোদী
আজ কোনও দরিদ্র, দলিত বা বঞ্চিত শিশুকে খালি পেটে ঘুমাতে হয় না: পঞ্জাবের হোশিয়ারপুরে প্রধানমন্ত্রী
ইন্ডি জোট পঞ্জাবের শিল্প ও কৃষি দুটোকেই ধ্বংস করে দিয়েছে: পঞ্জাবের হোশিয়ারপুরে প্রধানমন্ত্রী মোদী
ইন্ডি জোটের ট্র্যাক রেকর্ড হল এসসি/এসটি/ওবিসি-র সংরক্ষণ কেড়ে নেওয়া: পঞ্জাবের হোশিয়ারপুরে প্রধানমন্ত্রী

भारत माता की..

भारत माता की।

जय गुरूदेव...

धन गुरूदेव...

जय गुरूदेव...

धन गुरूदेव, बोले सो निहाल...सतश्री अकाल। 2024 के चुनाव प्रचार की मेरी ये अंतिम सभा है। मैं मां चिंतपूर्णी, मां नयना देवी और गुरु गोविंद सिंह जी को सिर झुकाकर नमन करता हूं। हमारे होशियारपुर को छोटी काशी कहा जाता है। ये गुरु रविदास जी की तपोभूमि है और संयोग देखिए काशी जहां से मैं सांसद हूं, वहां गुरु रविदास जी का जन्म हुआ था इसलिए होशियारपुर की इस पुण्य भूमि पर आज चुनाव अभियान का समापन होना मेरे लिए अपने आप में सौभाग्य से कम नहीं है।

भाइयों और बहनों,

गुरु रविदास जी कहते थे- ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’, मैं भी पूरे ईमानदार मन से देश की सेवा में जुटा हुआ हूं और इसलिए जनता का आशीर्वाद भी मेरे साथ है। मैं देशभर में जाकर के आया हूं जनता- जनार्दन ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाना पक्का कर लिया है। आज देश में आकांक्षाएं नई हैं, आज देश में उम्मीदें नई हैं, आज देश में आत्मविश्वास नया है, दशकों बाद ऐसा समय आया है, पूर्ण बहुमत वाली केंद्र सरकार हैट्रिक लगाने जा रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है- ‘विकसित भारत का सपना’। आज हर भारतीय विकसित भारत के सपने के साथ एक रूप हो गया है, जुड़ गया है और इसलिए हर देशवासी हमें आशीर्वाद दे रहा है।

साथियों,

आपको याद होगा मैंने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है और आज फिर कह रहा हूं 21वीं सदी भारत की सदी होगी। पिछले 10 साल में भारत ने जो विकास करके दिखाया है वो अभूतपूर्व रहा है। आज जब पंजाब के लोग, दूसरे राज्यों के लोग विदेश जाते हैं तो खुद देखते हैं कि वहां भारत और भारतीयों की इज्ज़त कितनी बढ़ गई है। जब देश में दमदार सरकार होती है तो विदेशी सरकारें भी हमारा दम देखती हैं और वीरों की इस धरती पंजाब से बेहतर कौन जानेगा कि दमदार होने का मतलब क्या होता है? दमदार सरकार.. जो दुश्मन के छक्के छुड़ा दे, दमदार सरकार.. जो दुश्मन को घर में घुसकर मारे, दमदार सरकार..जो भारत को आत्मनिर्भर बनाए, दमदार सरकार...जो भारत को समृद्ध बनाए। इसलिए पंजाब भी इस बार ज़ोर-शोर से कह रहा है— फेर इक बार.. फेर इक बार.. फेर इक बार..

साथियों,

गरीब कल्याण मेरी सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है और इसमें गुरु रविदास जी की बहुत बड़ी प्रेरणा है। गुरु रविदास जी कहते थे- ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न। बीते 10 वर्षों में हमने गरीब से गरीब को मुफ्त अनाज और मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। आज किसी भी गरीब, दलित, वंचित मां की संतान को भूखे पेट नहीं सोना पड़ता। आज गरीब महिला को अपनी बीमारी छिपाने की मजबूरी नहीं है। अब उसके पास राशन कार्ड है, आयुष्मान कार्ड है। साथियों, गुरु रविदास जी, ऐसा समाज चाहते थे, जहां जाति के आधार पर समाज में कोई भेद न हो। उन्‍होंने कहा था- जाति-जाति में जाति है, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात। आज मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव सभी को मिल रहा है। सभी को पक्का घर मिला, बिना भेदभाव.. सभी को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला, बिना भेदभाव सभी को शौचालय मिला, बिना भेदभाव सभी को बिजली कनेक्शन मिला, बिना भेदभाव ऐसी योजनाओं ने गरीब और दलित के लिए स्वाभिमान से जीना संभव किया है। यही तो गुरु रविदास की सीख है, यही ‘सबका साथ-सबका विकास’ हमारा सुशासन का मंत्र है। रविदास जी ने ये भी कहा है- सौ बरस लौं जगत मंहि जीवत रहि करू काम। रैदास करम ही धरम है, करम करहु निहकाम। अर्थात्, सौ वर्ष का जीवन हो तो भी पूरे जीवन हमें काम करना चाहिए वो कहते थे, कर्म ही धर्म है। गुरु रविदास की ये भावना हमारी सरकार की कार्यसंस्कृति में झलकती है। चुनाव की इस भागदौड़ में भी हमारी सरकार एक पल भी व्यर्थ नहीं कर रही है। सरकार बनते ही तीसरे टर्म में अगले 125 दिन में क्या होगा, सरकार क्या करेगी, सरकार कैसे करेगी, सरकार किसके लिए करेगी, सरकार कब तक करेगी इसके रोडमैप पर काम कर लिया गया है। इसमें भी 25 दिन विशेष तौर पर युवाओं के लिए केंद्रित किए गए हैं। अगले 5 साल में कौन से बड़े निर्णय लेने हैं, इसकी भी रूपरेखा खींची जा चुकी है। अगले 25 साल के विजन पर भी हमारी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।

साथियों,

ये भाजपा सरकार का सौभाग्य है कि उसे गुरु रविदास से जुड़ी विरासत को सम्मान देने का अवसर मिला है। काशी में उनके जन्म स्थान का विकास किया जा रहा है। काशी में गुरु रविदास जी के जन्म स्थान पर सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, वहां लंगर हॉल बना है, म्यूजियम बना है, पार्क बना है, मंदिर के आसपास सड़कें बनी हैं। कोशिश यही है कि आप लोग जब यहां से काशी आएं तो आपको वहां परेशानी ना हो और इतना ही नहीं मैं काशी का सांसद हूं इसलिए जब भी आप काशी आएं ना तो आप मेरे मेहमान हैं और मैं मेहमान नवाजी में कोई कमी नहीं रखता हूं।

साथियों,

काशी में तो हम बहुत कुछ कर रहे हैं जो लोग वहां जाते- आते रहते हैं वो देखते होंगे हर बार जाएंगे कुछ ना कुछ गुरु रविदास जी के चरणों में हमने समर्पित किया है लेकिन इसके अलावा मध्य प्रदेश में गुरु रविदास जी के विशाल स्मारक का शिलान्यास का अवसर भी मुझे ही मिला था। वहां मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार है और वो कार्यक्रम ऐसा हुआ कि हजारों गांवों की मिट्टी और देश की सैकड़ों नदियों के जल एकत्रित करके गुरु रविदास जी का भव्य स्मारक मंदिर वहां बनाया जा रहा है। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क का नाम भी गुरु रविदास जी के नाम पर रखा गया है। दिल्ली में भी तुगलकाबाद में गुरु रविदास जी महाराज का जो पवित्र स्थान है उसे और दिव्य बनाना भी ये हमारा संकल्प है, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से जमीन की विशेष मंजूरी भी ले ली गई है और आज जब मैं होशियारपुर आया हूं तो अपने मन की एक और बात आपको बताना चाहता हूं, आपको पता है कि हमने अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर तो बनाया, जय श्री राम.. 500 साल बाद अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना और आपको खुशी होगी ये अयोध्या में प्रभु राम जन्मस्थान का पहला लड़ाई अगर किसी ने लड़ी थी तो मेरे सिख भाई- बहनों ने लड़ी थी और तब से लड़ाई चली और आज राम मंदिर बना है, राम मंदिर तो बना लेकिन यात्रियों के सुविधा के लिए हमने अयोध्या में एक बहुत बड़ा हवाई अड्डा बनाया लेकिन हवाई अड्डे का नाम हमने महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा है यानी राम जी के पास जाना है, राम लला के पास जाना है पहले वाल्मीकि जी के पास जाना होता है। इसी प्रकार मेरी इच्छा है कि आदमपुर एयरपोर्ट का नाम भी गुरु रविदास जी के नाम पर रखा जाए, सरकार बनने के बाद इस दिशा में तेजी से काम किया जाएगा।

भाइयों और बहनों,

भाजपा ‘विरासत भी, विकास भी’ इस मंत्र पर चल रही है। आपने देखा है जब अफगानिस्तान में संकट आया वहां पर हमारे जो सिख भाई-बहन रहते थे, वहां जो हमारा गुरुद्वारा था बहुत खतरे पैदा हो गए तो हम गुरु ग्रंथ साहेब के स्वरूपों को पूरे अदब के साथ माथे पर रखकर के भारत लाए। इतना ही नहीं हमने साहेबज़ादों के बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाना तय किया और ये सिर्फ एक दिवस नहीं है इतना बड़ा बलिदान, इतना बड़ा त्याग, इतनी बड़ी प्रतिबद्धता केरल के बच्चे को भी पता होनी चाहिए, असम के बच्चे को भी पता होना चाहिए, तमिलनाडु के बच्चे को पता होना चाहिए, बंगाल के बच्चे को भी पता होना चाहिए और इसलिए हमने वीर बाल दिवस के द्वारा हिंदुस्तान की भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए वीर बाल दिवस की परंपरा शुरू की है। हमने हरमंदिर साहिब के लंगर को टैक्स से मुक्त किया, विदेशी भक्त भी सेवा के लिए दान दे सके इसके लिए हमने नियमों में छूट भी दी है।

साथियों,

विकसित होते भारत के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन की स्वार्थ की राजनीति, वोट बैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। इनका वोट बैंक, जो वोट बैंक के प्रति उनका प्यार था कि बंटवारे के समय ये हमारे करतारपुर साहिब पर भारत का अधिकार नहीं जता पाए। यही लोग हैं जो अपने वोट बैंक के लिए लगातार राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं, अपनी तुष्टिकरण की इसी राजनीति की वजह से इंडी गठबंधन CAA का भी विरोध कर रहा है।

साथियों,

आजकल देश के लोग इंडी गठबंधन वालों से संविधान-संविधान की रट सुन रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने इमरजेंसी में संविधान का गला घोंट दिया था। जब 84 के दंगों में सिखों के गले में टायर बांधकर जलाया जा रहा था तो इन्हें संविधान की नहीं सूझी। साथियों, मोदी ने एक संकल्प लिया है कि वो दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों का आरक्षण किसी को भी छीनने नहीं देगा। अपनी सरकार के 10 साल में मैंने लगातार SC-ST-OBC के आरक्षण की रक्षा की है। ये कांग्रेस और इंडी गठबंधन वाले मेरी इस कोशिश से भी भड़के हुए हैं। दरअसल, आरक्षण को लेकर इनके खुद के इरादे बहुत खतरनाक हैं। इनका पूरा ट्रैक रिकॉर्ड SC-ST-OBC का आरक्षण छीनने का रहा है। सरकारी नौकरी में धर्म के आधार पर आरक्षण हो, स्पोर्ट्स में सरकारी टेंडर में धर्म के आधार पर आरक्षण हो, यूनिवर्सिटी के दाखिले में धर्म के आधार पर आरक्षण हो.. ये संविधान की भावना का, बाबा साहेब अंबेडकर की भावना का अपमान कर रहे हैं। ये दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर उसे सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों को देना चाहते हैं। ये धर्म के आधार पर देश को बांटने की एक और बड़ी गहरी साजिश है। 2024 के इस चुनाव अभियान में मोदी ने इनकी इस सबसे बड़ी साजिश से पर्दा उठा दिया है, उनको बेनकाब कर दिया है और इसलिए बौखलाए हुए हैं और लगातार मोदी को नई-नई गालियां देते रहते हैं।

भाइयों और बहनों,

आप भी जानते हैं कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। 60 साल तक कांग्रेस ने जो कारनामे किए हैं, भ्रष्टाचार की एक से बढ़कर एक वारदातें की हैं ऐसा लगता है कांग्रेस ने भ्रष्टाचार में डबल पीएचडी कर ली है और अब कांग्रेस के साथ एक और कट्टर भ्रष्टाचारी पार्टी भी जुड़ गई है, इतना ही नहीं ये भयंकर झूठवादी पार्टी भी है अब आप देखिए यहां तो आमने- सामने लड़ने का ड्रामा कर रहे हैं, दिल्ली में एक साथ चुनाव लड़ रहे थे और लोग भूले नहीं कि ये झूठवादी पार्टी, ये कट्टर भ्रष्टाचारी पार्टी की पहली सरकार कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में बनी थी और इसलिए इन्होंने जो भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस है उससे बराबर भ्रष्टाचार के पाठ पढ़ लिए हैं, हम छोटे थे तो एक कथा सुना करते थे और कथा बड़ी मजेदार थी वो कथा ऐसी थी कि एक प्रेग्नेंट वूमेन डिलीवरी के लिए अस्पताल में गई और बेटे का जन्म हुआ लेकिन जो नर्स वो डिलीवरी करवा रही थी वो ढूंढने लगी चारों तरफ उसकी अंगूठी कहीं खो गई थी वो रोने लगी अरे मेरी अंगूठी कहां गई.. अंगूठी कहां गई.. बेटे का जन्म हुआ लेकिन वो अपनी मुट्ठी नहीं खोलता था तो डॉक्टरों को चिंता हुई बच्चे की मुट्ठी क्यों नहीं खुल रही है अभी तो पैदा हुआ है डॉक्टरों ने बड़े तरीके से उसकी मुट्ठी खोली तो अंगूठी उसकी मुट्ठी में थी तो लोगों ने कहा ये बच्चा पैदा होते ही चोरी करता है तो पता चला उसका बाप बहुत बड़ा चोर था, बड़ा डाकू था तो जन्मजात ये भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस की गोद से ये कट्टर भ्रष्टाचारी पैदा हुए हैं और इसलिए कांग्रेस को तो भ्रष्टाचार में पीएचडी करते- करते 60 साल लगे ये तो जन्म से ही कट्टर भ्रष्टाचारी पैदा हुए हैं। ये लोग क्या- क्या बातें करते थे कहते थे पंजाब को नशा मुक्त करेंगे और नशा मुक्त के इतने भाषण किए, इतने भाषण किए पूरे पंजाब को बदनाम करने वाली उड़ता पंजाब फिल्म बनाई थी चारों तरफ बदनामी की थी लेकिन इन्होंने आते ही नशे को ही अपनी कमाई का साधन बना दिया है। दिल्ली के शराब घोटाले को पूरी दुनिया जान चुकी है यहां खनन माफिया भी बेलगाम चल रहा है, इन कट्टर भ्रष्टाचारियों ने भयंकर झूठ वादियों ने पंजाब को गैंग वॉर में झोंक दिया है इन लोगों ने पंजाब में उद्योग और खेती दोनों को बर्बाद कर दिया है ये कट्टर भ्रष्टाचारी भयंकर झूठवादी तो नारी उत्पीड़न में भी नंबर वन बनते जा रहे हैं। आज दिल्ली से लेकर पंजाब तक इनके कारनामे दुनिया देख रही है, इनके नेता का ठिकाना नहीं नीति फर्जी, नारे फर्जी और नियत में भी खोट है।

साथियों,

पंजाब वीरों की धरती है, पंजाब शौर्य की धरती है, पंजाब पराक्रम की धरती है, पंजाब पुरुषार्थ की धरती है लेकिन इंडी गठबंधन के लोग हर कदम पर वीरों का अपमान करते हैं। यही लोग हैं जिन्होंने हमारे देश के सेना के अध्यक्ष जनरल विपिन रावत को गली का गुंडा कहा था और वो सिर्फ जनरल विपिन रावत का अपमान नहीं था हिंदुस्तान के हर फौजी का अपमान था, हिंदुस्तान के हर सैनिक का अपमान था। यही लोग हैं जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर हमारी सेनाओं से सबूत मांगे थे, यही लोग हैं नेहरू के जमाने की 62 की लड़ाई में चीन को क्लीन चिट देकर भारत की फौज का आए दिन अपमान करते रहे। कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने हमारी सेनाओं को कमजोर करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, याद कीजिए देश आजाद हुआ तब से जीप घोटाला हो, बोफोर्स घोटाला हो, सबमरीन घोटाला हो, आर्मी के लिए ट्रक घोटाला हो इन लोगों ने हर मौके पर देश की सेना की जरूरतों की चिंता नहीं की, देश की सेना की शक्ति की चिंता नहीं की, इन्होंने लूटने की योजनाएं बनाई, चोरी करने की योजनाएं बनाई, भ्रष्टाचार करके देश के खजाने को खाली करने की योजना बनाई। ये लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, ये ही लोग हैं जिन्होंने वर्षों तक सेना के अंदर एकरूपता, एकात्मता लाने के लिए सीडीएस पद के गठन को लटका कर रखा, ये ही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए जरूरी रिफॉर्म नहीं होने दिए, ये ही लोग है जिन्होंने हमारे पूर्व फौजियों को वन रैंक- वन पेंशन, ओआरओपी 40 साल तक झूठ बोला भाइयों- बहनों, और कैसा झूठ ये सेना के जवानों की आंख में कैसी धूल झोंकते हैं और मुझे याद है 2013-14 के चुनाव में यहां पंजाब में आकर के पूर्व सैनिकों के साथ छोटी-छोटी अपनी मीटिंग करके हवा फैलाते थे ओआरओपी कर दिया कैसी बेईमानी की जरा मैं आया पंजाब तो पूर्व सैनिकों की धरती है, हिमाचल पूर्व सैनिकों की धरती है मैं जरा बताना चाहता हूं इन्होंने क्या किया मैंने 2013 में जब मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो मैंने रेवाड़ी में सबसे पहली पूर्व सैनिकों की रैली की, उस रैली में मैंने घोषणा की कि हमारी सरकार बनेगी तो हम वन रैंक- वन पेंशन लागू करेंगे, ये घबरा गए बोले मोदी ऐसी चीज लाया है कि मर जाएंगे तो इन्होंने क्या किया आनन- फानन में 500 करोड़ रुपया रख करके बोल दिया कि ओआरओपी लागू ऐसा झूठ आप देखिए जब मैंने इसको लागू किया सवा लाख करोड़ रुपया पूर्व सैनिकों के खाते में जमा किए.. सवा लाख करोड़ रुपया तब ओरओपी हुआ है ये 500 करोड़ में खेल खेलते थे यानी कितना झूठ बोलते हैं ये लोग।

भाइयों- बहनों,

मोदी का लक्ष्य भारत की सेनाओं को सबसे ज्यादा आधुनिक बनाना है, सबसे ज्यादा सामर्थ्यवान बनाना है, सच्चे अर्थ में आत्मनिर्भर बनाना है लेकिन मोदी के इस अभियान से इंडी वालों की काली कमाई के रास्ते बंद होते हैं इसलिए ये मोदी पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं और भाइयों- बहनों, साफ है सेना बनती है तो हमें हर चीज में ध्यान रखना होता है कि मुकाबला किससे करना है, लड़ाई होगी तो किसके साथ होगी, युद्ध होगा तो किसके साथ होगा, उसकी ताकत क्या है, उस हिसाब से हमारी सेना को तैयार करना होता है सिर्फ 26 जनवरी में परेड के लिए सेनाएं तैयार नहीं की जाती हैं, सेना लड़ाई के लिए तैयार की जाती है, दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए तैयार की जाती है, मां भारती की रक्षा के लिए तैयार की जाती है लेकिन इन्होंने सेना को भी राजनीति का हथियार बना दिया इससे बड़ा पाप कोई नहीं कर सकता है और मैं इंडी अलायंस वालों को कह रहा हूं मैं चुप बैठा हूं इसका मतलब ये समझिए गलती मत कीजिए मोदी को समझने की अगर मोदी जिस दिन मुंह खोलेगा तुम्हारी सात पीढ़ी के पाप निकाल करके रख दूंगा। आपको मोदी को जितनी गालियां देनी है दीजिए लेकिन मेरे देश की सेना का अपमान ये मोदी नहीं सहन करेगा।

भाइयों और बहनों,

गरीब का ये बेटा हर गरीब को, दलित को, पिछड़े को विकास की नई ऊंचाई देना चाहता है। आने वाले 5 साल मेरे किसान भाई- बहनों के कल्याण के लिए, मेरे गरीब भाई- बहनों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए, हमारे नौजवानों को नए अवसर देने के लिए और हमारी नारी शक्ति की भागीदारी को बढ़ाने के लिए उत्कर्ष समय होने वाला है आजादी के 75 साल में जैसा समय नहीं आया, वैसा समय आने वाले 5 साल में आने वाला है और इसलिए चुनाव की मेरी आखिरी सभा में गुरु रविदास जी की पवित्र भूमि से गुरुओं की पवित्र भूमि से, वीर बलिदानियों की पवित्र भूमि से मैं देशवासियों को कह रहा हूं आखिरी चरण में मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दीजिए, भारी मतदान कीजिए और जहां- जहां भाजपा- एनडीए के उम्मीदवार हैं वहां भारी बहुमत से विजयी बनाइए। 400 पार का आखिरी जो काम है वो आखरी तबके के मतदाताओं के पास है, मुझे पूरा विश्वास है कि वो सौभाग्य जाने नहीं देंगे आपसे 1 जून को पंजाब की हर सीट पर कमल खिलाने के लिए मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। मैं आपसे सहयोग मांगने आया हूं, होशियारपुर से बहन अनीता सोमप्रकाश जी और आनंदपुर साहिब से मेरे पुराने साथी कार्यकर्ता सुभाष शर्मा जी को भारी मतों से विजय बनाने के लिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं। ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाएंगे, मुझे आपसे जवाब चाहिए.. ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाएंगे, हर घर में जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, हर पोलिंग बूथ में विजय दिलाएंगे, गांव- गांव कमल खिलाएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे.. मेरा एक काम करेंगे, ऐसा नहीं पूरी ताकत से बोलो तो बताऊंगा मेरा एक काम करेंगे, जरा हाथ ऊपर करके बताइए, मेरा काम करेंगे देखिए यहां से जाने के बाद अपने मोहल्ले में अपने गांव में जो भी देवस्थान हो, गुरुद्वारा हो वहां पर जाना और मोदी की तरफ से वहां मत्था टेकना और हमें गुरुओं से आशीर्वाद चाहिए, हमें हमारे परमात्मा से आशीर्वाद चाहिए लेकिन आशीर्वाद मोदी के लिए नहीं मांगना है, आशीर्वाद मोदी के परिवार के लिए नहीं मांगना है, आशीर्वाद मांगना है विकसित पंजाब बनाने के लिए, आशीर्वाद मांगना है विकसित भारत बनाने के लिए और इसलिए आप सबसे मेरा आग्रह है कि मेरा ये काम जरूर कीजिए, हर गुरुद्वारे पर जाकर के, हर देवस्थान पर जाकर के, मेरी तरफ से मत्था जरूर टेकना। मेरे साथ बोलिए जय गुरुदेव.. जय गुरुदेव.. धन गुरुदेव.. धन गुरुदेव श्री वाहेगुरु जी का खालसा.. श्री वाहेगुरु जी का खालसा।

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Today, the world sees the Indian Growth Model as a model of hope: PM Modi
November 17, 2025
India is eager to become developed, India is eager to become self-reliant: PM
India is not just an emerging market, India is also an emerging model: PM
Today, the world sees the Indian Growth Model as a model of hope: PM
We are continuously working on the mission of saturation; Not a single beneficiary should be left out from the benefits of any scheme: PM
In our new National Education Policy, we have given special emphasis to education in local languages: PM

विवेक गोयनका जी, भाई अनंत, जॉर्ज वर्गीज़ जी, राजकमल झा, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सभी अन्य साथी, Excellencies, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज हम सब एक ऐसी विभूति के सम्मान में यहां आए हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में, पत्रकारिता, अभिव्यक्ति और जन आंदोलन की शक्ति को नई ऊंचाई दी है। रामनाथ जी ने एक Visionary के रूप में, एक Institution Builder के रूप में, एक Nationalist के रूप में और एक Media Leader के रूप में, Indian Express Group को, सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि एक Mission के रूप में, भारत के लोगों के बीच स्थापित किया। उनके नेतृत्व में ये समूह, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों की आवाज़ बना। इसलिए 21वीं सदी के इस कालखंड में जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो रामनाथ जी की प्रतिबद्धता, उनके प्रयास, उनका विजन, हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप का आभार व्यक्त करता हूं कि आपने मुझे इस व्याख्यान में आमंत्रित किया, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

रामनाथ जी गीता के एक श्लोक से बहुत प्रेरणा लेते थे, सुख दुःखे समे कृत्वा, लाभा-लाभौ जया-जयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व, नैवं पापं अवाप्स्यसि।। अर्थात सुख-दुख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान भाव से देखकर कर्तव्य-पालन के लिए युद्ध करो, ऐसा करने से तुम पाप के भागी नहीं बनोगे। रामनाथ जी आजादी के आंदोलन के समय कांग्रेस के समर्थक रहे, बाद में जनता पार्टी के भी समर्थक रहे, फिर जनसंघ के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, विचारधारा कोई भी हो, उन्होंने देशहित को प्राथमिकता दी। जिन लोगों ने रामनाथ जी के साथ वर्षों तक काम किया है, वो कितने ही किस्से बताते हैं जो रामनाथ जी ने उन्हें बताए थे। आजादी के बाद जब हैदराबाद और रजाकारों को उसके अत्याचार का विषय आया, तो कैसे रामनाथ जी ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की मदद की, सत्तर के दशक में जब बिहार में छात्र आंदोलन को नेतृत्व की जरूरत थी, तो कैसे नानाजी देशमुख के साथ मिलकर रामनाथ जी ने जेपी को उस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया। इमरजेंसी के दौरान, जब रामनाथ जी को इंदिऱा गांधी के सबसे करीबी मंत्री ने बुलाकर धमकी दी कि मैं तुम्हें जेल में डाल दूंगा, तो इस धमकी के जवाब में रामनाथ जी ने पलटकर जो कहा था, ये सब इतिहास के छिपे हुए दस्तावेज हैं। कुछ बातें सार्वजनिक हुई, कुछ नहीं हुई हैं, लेकिन ये बातें बताती हैं कि रामनाथ जी ने हमेशा सत्य का साथ दिया, हमेशा कर्तव्य को सर्वोपरि रखा, भले ही सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्‍यों न हो।

साथियों,

रामनाथ जी के बारे में कहा जाता था कि वे बहुत अधीर थे। अधीरता, Negative Sense में नहीं, Positive Sense में। वो अधीरता जो परिवर्तन के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कराती है, वो अधीरता जो ठहरे हुए पानी में भी हलचल पैदा कर देती है। ठीक वैसे ही, आज का भारत भी अधीर है। भारत विकसित होने के लिए अधीर है, भारत आत्मनिर्भर होने के लिए अधीर है, हम सब देख रहे हैं, इक्कीसवीं सदी के पच्चीस साल कितनी तेजी से बीते हैं। एक से बढ़कर एक चुनौतियां आईं, लेकिन वो भारत की रफ्तार को रोक नहीं पाईं।

साथियों,

आपने देखा है कि बीते चार-पांच साल कैसे पूरी दुनिया के लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं। 2020 में कोरोना महामारी का संकट आया, पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाएं अनिश्चितताओं से घिर गईं। ग्लोबल सप्लाई चेन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और सारा विश्व एक निराशा की ओर जाने लगा। कुछ समय बाद स्थितियां संभलना धीरे-धीरे शुरू हो रहा था, तो ऐसे में हमारे पड़ोसी देशों में उथल-पुथल शुरू हो गईं। इन सारे संकटों के बीच, हमारी इकॉनमी ने हाई ग्रोथ रेट हासिल करके दिखाया। साल 2022 में यूरोपियन क्राइसिस के कारण पूरे दुनिया की सप्लाई चेन और एनर्जी मार्केट्स प्रभावित हुआ। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा, इसके बावजूद भी 2022-23 में हमारी इकोनॉमी की ग्रोथ तेजी से होती रही। साल 2023 में वेस्ट एशिया में स्थितियां बिगड़ीं, तब भी हमारी ग्रोथ रेट तेज रही और इस साल भी जब दुनिया में अस्थिरता है, तब भी हमारी ग्रोथ रेट Seven Percent के आसपास है।

साथियों,

आज जब दुनिया disruption से डर रही है, भारत वाइब्रेंट फ्यूचर के Direction में आगे बढ़ रहा है। आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं कह सकता हूं, भारत सिर्फ़ एक emerging market ही नहीं है, भारत एक emerging model भी है। आज दुनिया Indian Growth Model को Model of Hope मान रहा है।

साथियों,

एक सशक्त लोकतंत्र की अनेक कसौटियां होती हैं और ऐसी ही एक बड़ी कसौटी लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी की होती है। लोकतंत्र को लेकर लोग कितने आश्वस्त हैं, लोग कितने आशावादी हैं, ये चुनाव के दौरान सबसे अधिक दिखता है। अभी 14 नवंबर को जो नतीजे आए, वो आपको याद ही होंगे और रामनाथ जी का भी बिहार से नाता रहा था, तो उल्लेख बड़ा स्वाभाविक है। इन ऐतिहासिक नतीजों के साथ एक और बात बहुत अहम रही है। कोई भी लोकतंत्र में लोगों की बढ़ती भागीदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस बार बिहार के इतिहास का सबसे अधिक वोटर टर्न-आउट रहा है। आप सोचिए, महिलाओं का टर्न-आउट, पुरुषों से करीब 9 परसेंट अधिक रहा। ये भी लोकतंत्र की विजय है।

साथियों,

बिहार के नतीजों ने फिर दिखाया है कि भारत के लोगों की आकांक्षाएं, उनकी Aspirations कितनी ज्यादा हैं। भारत के लोग आज उन राजनीतिक दलों पर विश्वास करते हैं, जो नेक नीयत से लोगों की उन Aspirations को पूरा करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं। और आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं देश की हर राज्य सरकार को, हर दल की राज्य सरकार को बहुत विनम्रता से कहूंगा, लेफ्ट-राइट-सेंटर, हर विचार की सरकार को मैं आग्रह से कहूंगा, बिहार के नतीजे हमें ये सबक देते हैं कि आप आज किस तरह की सरकार चला रहे हैं। ये आने वाले वर्षों में आपके राजनीतिक दल का भविष्य तय करेंगे। आरजेडी की सरकार को बिहार के लोगों ने 15 साल का मौका दिया, लालू यादव जी चाहते तो बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने जंगलराज का रास्ता चुना। बिहार के लोग इस विश्वासघात को कभी भूल नहीं सकते। इसलिए आज देश में जो भी सरकारें हैं, चाहे केंद्र में हमारी सरकार है या फिर राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें हैं, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक होनी चाहिए विकास, विकास और सिर्फ विकास। और इसलिए मैं हर राज्य सरकार को कहता हूं, आप अपने यहां बेहतर इंवेस्टमेंट का माहौल बनाने के लिए कंपटीशन करिए, आप Ease of Doing Business के लिए कंपटीशन करिए, डेवलपमेंट पैरामीटर्स में आगे जाने के लिए कंपटीशन करिए, फिर देखिए, जनता कैसे आप पर अपना विश्वास जताती है।

साथियों,

बिहार चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों ने मीडिया के कुछ मोदी प्रेमियों ने फिर से ये कहना शुरू किया है भाजपा, मोदी, हमेशा 24x7 इलेक्शन मोड में ही रहते हैं। मैं समझता हूं, चुनाव जीतने के लिए इलेक्शन मोड नहीं, चौबीसों घंटे इलेक्शन मोड में रहना जरूरी होता है, इमोशनल मोड में रहना जरूरी होता है, इलेक्शन मोड में नहीं। जब मन के भीतर एक बेचैनी सी रहती है कि एक मिनट भी गंवाना नहीं है, गरीब के जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए, गरीब को रोजगार के लिए, गरीब को इलाज के लिए, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, बस मेहनत करते रहना है। इस इमोशन के साथ, इस भावना के साथ सरकार लगातार जुटी रहती है, तो उसके नतीजे हमें चुनाव परिणाम के दिन दिखाई देते हैं। बिहार में भी हमने अभी यही होते देखा है।

साथियों,

रामनाथ जी से जुड़े एक और किस्से का मुझसे किसी ने जिक्र किया था, ये बात तब की है, जब रामनाथ जी को विदिशा से जनसंघ का टिकट मिला था। उस समय नानाजी देशमुख जी से उनकी इस बात पर चर्चा हो रही थी कि संगठन महत्वपूर्ण होता है या चेहरा। तो नानाजी देशमुख ने रामनाथ जी से कहा था कि आप सिर्फ नामांकन करने आएंगे और फिर चुनाव जीतने के बाद अपना सर्टिफिकेट लेने आ जाइएगा। फिर नानाजी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर रामनाथ जी का चुनाव लड़ा औऱ उन्हें जिताकर दिखाया। वैसे ये किस्सा बताने के पीछे मेरा ये मतलब नहीं है कि उम्मीदवार सिर्फ नामांकन करने जाएं, मेरा मकसद है, भाजपा के अनगिनत कर्तव्य़ निष्ठ कार्यकर्ताओं के समर्पण की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना।

साथियों,

भारतीय जनता पार्टी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने से भाजपा की जड़ों को सींचा है और आज भी सींच रहे हैं। और इतना ही नहीं, केरला, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ऐसे कुछ राज्यों में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने खून से भी भाजपा की जड़ों को सींचा है। जिस पार्टी के पास ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हों, उनके लिए सिर्फ चुनाव जीतना ध्येय नहीं होता, बल्कि वो जनता का दिल जीतने के लिए, सेवा भाव से उनके लिए निरंतर काम करते हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, सभी तक जब सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है। लेकिन हमने देखा कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है।

साथियों,

मुझे संतोष है कि आज देश, सामाजिक न्याय को सच्चाई में बदलते देख रहा है। सच्चा सामाजिक न्याय क्या होता है, ये मैं आपको बताना चाहता हूं। 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण का अभियान, उन गरीब लोगों के जीवन में गरिमा लेकर के आया, जो खुले में शौच के लिए मजबूर थे। 57 करोड़ जनधन बैंक खातों ने उन लोगों का फाइनेंशियल इंक्लूजन किया, जिनको पहले की सरकारों ने एक बैंक खाते के लायक तक नहीं समझा था। 4 करोड़ गरीबों को पक्के घरों ने गरीब को नए सपने देखने का साहस दिया, उनकी रिस्क टेकिंग कैपेसिटी बढ़ाई है।

साथियों,

बीते 11 वर्षों में सोशल सिक्योरिटी पर जो काम हुआ है, वो अद्भुत है। आज भारत के करीब 94 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी नेट के दायरे में आ चुके हैं। और आप जानते हैं 10 साल पहले क्या स्थिति थी? सिर्फ 25 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी के दायरे में थे, आज 94 करोड़ हैं, यानि सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंच रहा था। अब ये संख्या बढ़कर 94 करोड़ पहुंच चुकी है और यही तो सच्चा सामाजिक न्याय है। और हमने सोशल सिक्योरिटी नेट का दायरा ही नहीं बढ़ाया, हम लगातार सैचुरेशन के मिशन पर काम कर रहे हैं। यानि किसी भी योजना के लाभ से एक भी लाभार्थी छूटे नहीं। और जब कोई सरकार इस लक्ष्य के साथ काम करती है, हर लाभार्थी तक पहुंचना चाहती है, तो किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश भी खत्म हो जाती है। ऐसे ही प्रयासों की वजह से पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया है। और तभी आज दुनिया भी ये मान रही है- डेमोक्रेसी डिलिवर्स।

साथियों,

मैं आपको एक और उदाहरण दूंगा। आप हमारे एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का अध्ययन करिए, देश के सौ से अधिक जिले ऐसे थे, जिन्हें पहले की सरकारें पिछड़ा घोषित करके भूल गई थीं। सोचा जाता था कि यहां विकास करना बड़ा मुश्किल है, अब कौन सर खपाए ऐसे जिलों में। जब किसी अफसर को पनिशमेंट पोस्टिंग देनी होती थी, तो उसे इन पिछड़े जिलों में भेज दिया जाता था कि जाओ, वहीं रहो। आप जानते हैं, इन पिछड़े जिलों में देश की कितनी आबादी रहती थी? देश के 25 करोड़ से ज्यादा नागरिक इन पिछड़े जिलों में रहते थे।

साथियों,

अगर ये पिछड़े जिले पिछड़े ही रहते, तो भारत अगले 100 साल में भी विकसित नहीं हो पाता। इसलिए हमारी सरकार ने एक नई रणनीति के साथ काम करना शुरू किया। हमने राज्य सरकारों को ऑन-बोर्ड लिया, कौन सा जिला किस डेवलपमेंट पैरामीटर में कितनी पीछे है, उसकी स्टडी करके हर जिले के लिए एक अलग रणनीति बनाई, देश के बेहतरीन अफसरों को, ब्राइट और इनोवेटिव यंग माइंड्स को वहां नियुक्त किया, इन जिलों को पिछड़ा नहीं, Aspirational माना और आज देखिए, देश के ये Aspirational Districts, कितने ही डेवलपमेंट पैरामीटर्स में अपने ही राज्यों के दूसरे जिलों से बहुत अच्छा करने लगे हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर, वो आप लोगों का तो बड़ा फेवरेट रहा है। एक समय आप पत्रकारों को वहां जाना होता था, तो प्रशासन से ज्यादा दूसरे संगठनों से परमिट लेनी होती थी, लेकिन आज वही बस्तर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है। मुझे नहीं पता कि इंडियन एक्सप्रेस ने बस्तर ओलंपिक को कितनी कवरेज दी, लेकिन आज रामनाथ जी ये देखकर बहुत खुश होते कि कैसे बस्तर में अब वहां के युवा बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन कर रहे हैं।

साथियों,

जब बस्तर की बात आई है, तो मैं इस मंच से नक्सलवाद यानि माओवादी आतंक की भी चर्चा करूंगा। पूरे देश में नक्सलवाद-माओवादी आतंक का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है, लेकिन कांग्रेस में ये उतना ही सक्रिय होता जा रहा था। आप भी जानते हैं, बीते पांच दशकों तक देश का करीब-करीब हर बड़ा राज्य, माओवादी आतंक की चपेट में, चपेट में रहा। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोसती रही और सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों में जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद की जड़ों को खाद-पानी दिया। कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी संस्थाओं में अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया है।

साथियों,

10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन नक्सली, माओवादी पैर जमा चुके थे, वो अब कांग्रेस को मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, MMC बना चुके हैं। और मैं आज पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि ये मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है। आज की मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, देश की एकता के सामने बहुत बड़ा खतरा बनती जा रही है।

साथियों,

आज जब भारत, विकसित बनने की एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है, तब रामनाथ गोयनका जी की विरासत और भी प्रासंगिक है। रामनाथ जी ने अंग्रेजों की गुलामी से डटकर टक्कर ली, उन्होंने अपने एक संपादकीय में लिखा था, मैं अंग्रेज़ों के आदेश पर अमल करने के बजाय, अखबार बंद करना पसंद करुंगा। इसी तरह जब इमरजेंसी के रूप में देश को गुलाम बनाने की एक और कोशिश हुई, तब भी रामनाथ जी डटकर खड़े हो गए थे और ये वर्ष तो इमरजेंसी के पचास वर्ष पूरे होने का भी है। और इंडियन एक्सप्रेस ने 50 वर्ष पहले दिखाया है, कि ब्लैंक एडिटोरियल्स भी जनता को गुलाम बनाने वाली मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं।

साथियों,

आज आपके इस सम्मानित मंच से, मैं गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के इस विषय पर भी विस्तार से अपनी बात रखूंगा। लेकिन इसके लिए हमें 190 वर्ष पीछे जाना पड़ेगा। 1857 के सबसे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले, वो साल था 1835, 1835 में ब्रिटिश सांसद थॉमस बेबिंगटन मैकाले ने भारत को अपनी जड़ों से उखाड़ने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया था। उसने ऐलान किया था, मैं ऐसे भारतीय बनाऊंगा कि वो दिखने में तो भारतीय होंगे लेकिन मन से अंग्रेज होंगे। और इसके लिए मैकाले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन नहीं, बल्कि उसका समूल नाश कर दिया। खुद गांधी जी ने भी कहा था कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था एक सुंदर वृक्ष थी, जिसे जड़ से हटा कर नष्ट कर दिया।

साथियों,

भारत की शिक्षा व्यवस्था में हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया जाता था, भारत की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ाई के साथ ही कौशल पर भी उतना ही जोर था, इसलिए मैकाले ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ने की ठानी और उसमें सफल भी रहा। मैकाले ने ये सुनिश्चित किया कि उस दौर में ब्रिटिश भाषा, ब्रिटिश सोच को ज्यादा मान्यता मिले और इसका खामियाजा भारत ने आने वाली सदियों में उठाया।

साथियों,

मैकाले ने हमारे आत्मविश्वास को तोड़ दिया दिया, हमारे भीतर हीन भावना का संचार किया। मैकाले ने एक झटके में हजारों वर्षों के हमारे ज्ञान-विज्ञान को, हमारी कला-संस्कृति को, हमारी पूरी जीवन शैली को ही कूड़ेदान में फेंक दिया था। वहीं पर वो बीज पड़े कि भारतीयों को अगर आगे बढ़ना है, अगर कुछ बड़ा करना है, तो वो विदेशी तौर तरीकों से ही करना होगा। और ये जो भाव था, वो आजादी मिलने के बाद भी और पुख्ता हुआ। हमारी एजुकेशन, हमारी इकोनॉमी, हमारे समाज की एस्पिरेशंस, सब कुछ विदेशों के साथ जुड़ गईं। जो अपना है, उस पर गौरव करने का भाव कम होता गया। गांधी जी ने जिस स्वदेशी को आज़ादी का आधार बनाया था, उसको पूछने वाला ही कोई नहीं रहा। हम गवर्नेंस के मॉडल विदेश में खोजने लगे। हम इनोवेशन के लिए विदेश की तरफ देखने लगे। यही मानसिकता रही, जिसकी वजह से इंपोर्टेड आइडिया, इंपोर्टेड सामान और सर्विस, सभी को श्रेष्ठ मानने की प्रवृत्ति समाज में स्थापित हो गई।

साथियों,

जब आप अपने देश को सम्मान नहीं देते हैं, तो आप स्वदेशी इकोसिस्टम को नकारते हैं, मेड इन इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को नकारते हैं। मैं आपको एक और उदाहरण, टूरिज्म की बात करता हूं। आप देखेंगे कि जिस भी देश में टूरिज्म फला-फूला, वो देश, वहां के लोग, अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं। हमारे यहां इसका उल्टा ही हुआ। भारत में आज़ादी के बाद, अपनी विरासत को दुत्कारने के ही प्रयास हुए, जब अपनी विरासत पर गर्व नहीं होगा तो उसका संरक्षण भी नहीं होगा। जब संरक्षण नहीं होगा, तो हम उसको ईंट-पत्थर के खंडहरों की तरह ही ट्रीट करते रहेंगे और ऐसा हुआ भी। अपनी विरासत पर गर्व होना, टूरिज्म के विकास के लिए भी आवश्यक शर्त है।

साथियों,

ऐसे ही स्थानीय भाषाओं की बात है। किस देश में ऐसा होता है कि वहां की भाषाओं को दुत्कारा जाता है? जापान, चीन और कोरिया जैसे देश, जिन्होंने west के अनेक तौर-तरीके अपनाए, लेकिन भाषा, फिर भी अपनी ही रखी, अपनी भाषा पर कंप्रोमाइज नहीं किया। इसलिए, हमने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर विशेष बल दिया है और मैं बहुत स्पष्टता से कहूंगा, हमारा विरोध अंग्रेज़ी भाषा से नहीं है, हम भारतीय भाषाओं के समर्थन में हैं।

साथियों,

मैकाले द्वारा किए गए उस अपराध को 1835 में जो अपराध किया गया 2035, 10 साल के बाद 200 साल हो जाएंगे और इसलिए आज आपके माध्यम से पूरे देश से एक आह्वान करना चाहता हूं, अगले 10 साल में हमें संकल्प लेकर चलना है कि मैकाले ने भारत को जिस गुलामी की मानसिकता से भर दिया है, उस सोच से मुक्ति पाकर के रहेंगे, 10 साल हमारे पास बड़े महत्वपूर्ण हैं। मुझे याद है एक छोटी घटना, गुजरात में लेप्रोसी को लेकर के एक अस्पताल बन रहा था, तो वो सारे लोग महात्‍मा गांधी जी से मिले उसके उद्घाटन के लिए, तो महात्मा जी ने कहा कि मैं लेप्रोसी के अस्पताल के उद्घाटन के पक्ष में नहीं हूं, मैं नहीं आऊंगा, लेकिन ताला लगाना है, उस दिन मुझे बुलाना, मैं ताला लगाने आऊंगा। गांधी जी के रहते हुए उस अस्पताल को तो ताला नहीं लगा था, लेकिन गुजरात जब लेप्रोसी से मुक्त हुआ और मुझे उस अस्पताल को ताला लगाने का मौका मिला, जब मैं मुख्यमंत्री बना। 1835 से शुरू हुई यात्रा 2035 तक हमें खत्म करके रहना है जी, गांधी जी का जैसे सपना था कि मैं ताला लगाऊंगा, मेरा भी यह सपना है कि हम ताला लगाएंगे।

साथियों,

आपसे बहुत सारे विषयों पर चर्चा हो गई है। अब आपका मैं ज्यादा समय लेना नहीं चाहता हूं। Indian Express ग्रुप देश के हर परिवर्तन का, देश की हर ग्रोथ स्टोरी का साक्षी रहा है और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चल रहा है, तो भी इस यात्रा के सहभागी बन रहे हैं। मैं आपको बधाई दूंगा कि रामनाथ जी के विचारों को, आप सभी पूरी निष्ठा से संरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। एक बार फिर, आज के इस अद्भुत आयोजन के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और, रामनाथ गोयनका जी को आदरपूर्वक मैं नमन करते हुए मेरी बात को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!