Your one vote will enhance job opportunities for youth, & make a strong India: PM Modi in Khargone
Congress & INDI Alliance neither care about our faith nor the nation's welfare: PM Modi in Khargone

भारत माता की.. भारत माता की.. नर्मदे हर.. अच्छा मैं एक और नारा बुलवाता हूं मैं कहूंगा नर्मदे आप कहेंगे सर्वदे.. नर्मदे.. नर्मदे..नर्मदे.. नर्मदे.. सब भाई काजे राम-राम..आरु कई हालचाल छे.. सब मजाम छे।

आज देश में तीसरे चरण का मतदान चल रहा है और मैं भी सुबह- सुबह जल्दी वोट देकर के यहां आया हूं। आज मेरा वोट था तो लोकतंत्र में एक नागरिक के नाते मेरा जो कर्तव्य है उसको निभाया है और मुझे अभी हमारे साथी बता रहे थे कि दो घंटे में काफी अच्छा पोलिंग हो रहा है। मेरा सभी मतदाताओं से आज देशभर में जहां-जहां चुनाव चल रहा है सबसे विनम्र अनुरोध है, गर्मी है लेकिन फिर भी ये लोकतंत्र का पर्व हमने अछूत नहीं रहना चाहिए, बड़े उत्साह उमंग के साथ, परिवार के साथ, गाजे-बाजे के साथ मतदान करने के लिए जाना चाहिए। भारी संख्या में मतदान करना चाहिए।

साथियों,

इस पुण्य भूमि पर मैं ओंकारेश्वर महादेव और माता अहिल्या की नगरी को सिर झुका करके प्रणाम करता हूं। इस क्षेत्र में आना किसी सौभाग्य से कम नहीं है, मैं प्रधानमंत्री के नाते नहीं, लेकिन सालों तक भाजपा संगठन का कार्यकर्ता रहा हूं तो उसके अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि कितना ही उमंग-उत्साह क्यों ना हो लेकिन जब मैं संगठन का काम करता था और हिंदुस्तान के करीब- करीब सभी राज्यों में मुझे काम करने का अवसर मिला है। मध्य प्रदेश में तो बहुत दिन काम किया है लेकिन अगर जनसभा का समय सुबह 10 बजे का मिलता था तो सुनते ही पसीना छूट जाता था। हमें लगता था अरे 10 बजे कैसे होगा? कौन आएगा? और 10 बजे का समय तो ऐसा होता है माताओं-बहनों को घर के सारे काम 12-1 बजे के पहले पूरे करने होते हैं, वो तो निकल ही नहीं सकती है। तो मैंने लंबे अरसे तक संगठन का काम किया है और मैं जानता हूं कि सुबह 10 बजे कार्यक्रम करना यानी लोहे के चने चबाने का काम होता है। लेकिन मैं आपको 100-100 सलाम करता हूं जी। ये इतना बड़ा रैली और सुबह और इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों का आना भाई गजब कर दिया। मैं सच बता दूं, मैं संगठन का काम करता, मैं कहता 10 बजे मत दो भाई, दो बजे के बाद दीजिए। मैं पूरी पार्टी के सभी साथियों को जितनी बधाई दूं कम है जी और सभी नागरिकों को भी आपका इतना प्यार, इतना आशीर्वाद शायद ही पता नहीं किस जन्म में क्या पुण्य किया होगा इतने आशीर्वाद।

साथियों,

मैं आज आपसे विकसित भारत के संकल्प के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं और हम जो नर्मदा के तट पर रहते हैं ना वो तो दिन में कितने ही लोग मांगने के लिए निकलते हैं लेकिन किसी को भी निराश नहीं करते हैं। ये माता नर्मदा की कृपा है सदियों से क्रम चला है कभी भी नर्मदा तट पर रहने वाला मांगने वाले को निराश नहीं करता है जी। और मैं आज आपसे मांगने आया हूं, आपको याद होगा मैंने लाल किले से कहा था ‘सबका प्रयास’ याद है ना, देश सबके प्रयास से सबके परिश्रम से ही आगे बढ़ेगा। अगर आज देश चल पड़ा है आगे बढ़ रहा है तो ये आप सबके प्रयास से, देशवासियों के प्रयास से हुआ है। यहां इस रैली में आए हुए आप सभी को भी मैं देश को आगे बढ़ाने में आपके अमूल्य योगदान के लिए बहुत-बहुत आभार भी व्यक्त करता हूं, बहुत-बहुत बधाई भी देता हूं। गांव में, शहर में आप जो दिन-रात मेहनत करते हैं जो पसीना बहाते हैं वही देश की ऊर्जा बढ़ाता है और जब इसे आपके एक वोट की ताकत मिल जाती है तो कायाकल्प होने लगता है।

साथियों,

आपके एक वोट ने भारत को पांचवीं बड़ी आर्थिक ताकत बनाया, आपके एक वोट ने दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ाया, आपके एक वोट ने 70 साल बाद आर्टिकल 370 हटाया, आपके एक वोट ने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाया, आपके एक वोट ने महिलाओं को आरक्षण का उनका हक दिलवाया, आपके एक वोट ने भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाया, आपके एक वोट ने मुफ्त राशन, इलाज की गारंटी दी, आपके एक वोट ने युवाओं के भविष्य को संवार दिया, अपार अवसर खड़े कर दिए, आपके एक वोट ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल दिया और आपके वोट की ताकत देखिए आपके एक वोट ने 500 साल की प्रतीक्षा, 500 साल की प्रतीक्षा खत्म करके भगवान राम का भव्य मंदिर बना दिया तो बोलिए जय श्री राम.. जय-जय श्री राम और साथियों, ये तो.. ये तो ट्रेलर है ट्रेलर, अभी तो बहुत कुछ करना है। अब इस चुनाव में आपका एक वोट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा, आपका एक वोट आपकी कमाई बढ़ाएगा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, आपका एक वोट मजबूत भारत बनाएगा और इसलिए मैं हिंदुस्तान के कोने-कोने में जाकर के देशवासियों के आशीर्वाद मांग रहा हूं इसलिए भाजपा आपसे वोट मांग रही है और दूसरी तरफ ये इंडी गठबंधन वाले किसके लिए चुनाव लड़ रहे हैं? वो चुनाव लड़ रहे हैं अपनी-अपनी विरासत बचाने के लिए, अपने बच्चों को अपनी पार्टी सौंपकर जाने के लिए, इन्हें आपके सुख-दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता। इंडी वालों की एक फेवरेट कहावत है मैं बताऊं आपको लेकिन मुझे डर लगता है कि मैं ये कहावत बताऊंगा तो कुछ एक लोग फेक वीडियो बनाने वाली फैक्ट्री है ना, वो क्या करेंगे उसमें से आधा निकाल करके चलाएंगे और मोदी सफाई देते-देते थक जाएगा, फिर भी मैं कहावत बताऊं, अच्छा मैं कहावत आधी बताता हूं, आधी आपको पूरी करनी होगी। करेंगे? ये इंडी वालों के लिए कहावत फिट बैठती है, अपना काम बनता.. अपना काम बनता.. भाड़ में जाए.. भाड़ में जाए ये कौन कहता है ये आदत किसकी है। अब जिनके लिए आपको इतनी कहावत मालूम है तो फिर आप इनके लिए क्या सोचेंगे भाई?

भाइयों और बहनों,

आज भारत इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़ा है आपको ये तय करना है कि भारत में वोट जिहाद चलेगा या राम राज्य चलेगा। (देखिए भाई प्यारी- प्यारी गुड़िया वहां से हाथ ऊपर कर रही है शाबाश, इतनी छोटी गुड़िया सभा में आ गई है। देखिए ये 2047 का वोटर है वो अभी से 2047 की तैयारी कर रही है।)

साथियों,

पाकिस्तान में आतंकी भारत के खिलाफ जिहाद की धमकी दे रहे हैं और यहां के कांग्रेस के लोगों ने भी घोषणा कर दी है मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करो। यानी मोदी के खिलाफ एक खास धर्म के लोगों को एकजुट होकर वोट करने को कहा जा रहा है। सोचिए, कांग्रेस किस स्तर पर उतर आई है हताशा- निराशा ने कांग्रेस को कहां ले जाकर के पटका है। आपको एक सवाल मैं पूछता हूं जवाब देंगे जरूर देंगे। आवाज इधर से आती है उधर से नहीं आती है। ये मीडिया वालों को छोड़ करके सारे लोगों ने आवाज देनी चाहिए इनको परेशान नहीं करना चाहिए। आप मुझे बताइए क्या वोट जिहाद आपको मंजूर है? क्या लोकतंत्र में ये बात चल सकती है? क्या भारत का संविधान ऐसी जिहाद के लिए अनुमति देता है?

साथियों,

कांग्रेस के इरादे कितने भयानक है उनकी साजिशें कितनी खतरनाक है ये समझना हो तो आपको उन लोगों की बातें सुननी होगी, जो 20-20, 25 यानी बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस साल कांग्रेस में रहे हैं। बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस साल जो कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं, नेता रहे हैं और ये लोग अब धमाधम कांग्रेस छोड़ रहे हैं। ये कुछ अजीब सी बात है जी और वो बाहर आकर के खुली हवा में सांस लेते कहते हैं बस अब और नहीं, इनफ इज इनफ। अब इनकी बातें सुनिए एक महिला ने कहा कि मैं राम मंदिर गई तो उसको इतना टॉर्चर किया, इतना टॉर्चर किया उन्हें कांग्रेस ही छोड़नी पड़ गई। एक और व्यक्ति ने कहा कि कांग्रेस पर मुस्लिम लीग और माओवादियों ने कब्जा कर लिया है, तीसरे ने एक और गहरी साजिश से पर्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शहजादे का इरादा राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का है जैसे शहजादे जी के पिताजी ने शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा था, वैसे ही कांग्रेस राम मंदिर का फैसला पलटने के लिए सोच रही है। चौथे व्यक्ति ने तो ये भी सनसनीखेज खुलासा किया है कहा कि ये लोग पिछले 2 साल से एक बड़ी साजिश में जुटे हैं ये जो कांग्रेस से निकल कर आए बोले मैं इन्हीं की बात बता रहा हूं जी। कांग्रेस में चर्चा हुई है कि मोदी को भ्रष्टाचार का आरोप लगा नहीं सकते, कितना ही चौकीदार चोर बोलो कोई मानने को तैयार नहीं है। मोदी को देश की सुरक्षा के मुद्दे पर, आतंकवाद के मुद्दे पर कोई आरोप नहीं लगा सकता है, विदेश नीति की सफलता को देखते हुए उसपर भी बोलती बंद हो जाती है और कहते हैं कि जब कोई मुद्दा ही नहीं बचा है, हर मुद्दा मोदी के पक्ष में है तो मोदी को हराना बड़ा मुश्किल है और ये कांग्रेस वाले कहते हैं। और इसलिए कांग्रेस ने तय किया कि मोदी को झूठे आरोप में फंसाओ, अफवाह फैलाओ और इसलिए आजकल संविधान को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है इसलिए लोग देश में आग लगाने की बातें कर रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस को, इंडी गठबंधन को ना हमारी आस्था की परवाह है और ना ही देश हित की परवाह है। राष्ट्र विरोधी बातें करने में तो कांग्रेस के लोगों में होड़ लगी है होड़। वोट के हर चरण के बाद कांग्रेस का पाकिस्तान प्यार चरम पर पहुंच रहा है, इन लोगों के बयान हैरान करने वाले हैं, कांग्रेस के एक पूर्व सीएम ने कहा कि हमारी सेना आतंकी हमले करती है, पाकिस्तान तो निर्दोष है। क्या ये देश का नागरिक ऐसी बातें सुन सकता है क्या? हमारी सेना का ये अपमान है कि नहीं भाई? कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने उनकी बेशर्मी देखिए है उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमले में भी पाकिस्तान का हाथ नहीं था, क्या आप इस बात को मानते हैं क्या? कोई मानेगा क्या? अरे दुनिया के किसी देश का व्यक्ति मानेगा क्या? कांग्रेस के साथी दल के एक और नेता भारत को धमकी देते हैं। कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़िया नहीं पहनी हुई है बताओ मैं तो कांग्रेस के शहजादे से पूछूंगा जरा ये बताओ भाई आपके साथी ये सब बोल रहे हैं इनकी मंशा क्या है ये आखिरकार अचानक एक साथ चारों तरफ से सीनियर लोगों की आवाज क्यों आने लगी है? पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत और हमारी सेना से इतनी नफरत और इसलिए ही तो लोग कहते हैं कांग्रेस का हाथ, कांग्रेस का हाथ, कांग्रेस का हाथ, अब मैं तो नहीं बोल रहा हूं आप बोल रहे भाई मीडिया वाले देखना मैं नहीं बोला हूं मेरे गले मत मढ़ देना। इनको लगता है कि पाकिस्तान प्रेम दिखाकर ये अपनी वोट बैंक की राजनीति मजबूत कर लेंगे लेकिन मैं जानता हूं इनकी जमानत तक बचनी मुश्किल है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस की नजर आपकी कमाई और आपके आरक्षण पर पड़ी है वो किसी ना किसी बहाने आपकी जो संपत्ति है वो भी लूटना चाहते हैं। और बाबा साहेब ने जो आपको आरक्षण दिया है उसमें भी डाका डालना चाहते हैं, मैं समझाता हूं कैसे? तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस एससी-एसटी-ओबीसी के हक का जो आरक्षण है वो धर्म के आधार पर लूट चला कर के बांटना चाहती है। अब ये कोई हवाबाजी नहीं उन्होंने किया है। कर्नाटक में उनकी सरकार है कांग्रेस की, कर्नाटक में क्या किया? उन्होंने रातों- रात एक हुकुम निकाला, फतवा निकाला सरकारी हुकुम और रातों-रात ठप्पे मार करके बना दिया। उन्होंने ऐसा कानून बनाया कि कर्नाटक में जितने भी मुसलमान हैं हर बस मुसलमान होना चाहिए उसको रातों- रात ओबीसी घोषित कर दिया, ओबीसी बना दिया अब इसका मतलब क्या हुआ कि जो ओबीसी को आरक्षण मिलता था 27 परसेंट ये रातों- रात ओबीसी बन गए तो उन्होंने ऐसा डाका डाला, ऐसा डाका डाला कि जो पहले से जो ओबीसी है उनके नसीब में था वो भी आधे से कम हो गया, ये ओबीसी जो बने हुए थे उनमें से लूट चला ली अब इसी मॉडल को वो पूरे देश में लागू करना चाहते हैं, आप मुझे बताइए क्या आप आपके आरक्षण पर डाका डालने देंगे? ये चोरी करने देंगे? क्या ये बाबा साहेब अंबेडकर की पीठ में छुरा भोंकने वाली बात है कि नहीं है? ये हमारे संविधान का अपमान है कि नहीं है? यही नहीं ये शहजादे तो साहब ऐसी चीज लेकर आए हैं दुनिया में कोई डेवलपिंग कंट्री सोच ही नहीं सकता है। वो कहते हैं आपकी संपत्ति का एक्सरे करेंगे, एक्सरे और मैं आपको बताता हूं मैंने इस कांग्रेस के सबका एक्सरे करके रखा हुआ है लेकिन मैंने उनके दिमाग का एक्सरे किया है ये क्या सोचते हैं तो क्या करेंगे। मेरे एक्सरे में साफ दिखता है इनका एक्सरे क्या है वो आपके लॉकर का एक्सरे करेंगे, आपके बैंक के खाते का एक्सरे करेंगे, आपके घर में गहने कितने हैं, सोना कितना है, चांदी कितनी है, आपके यहां बहू शादी करके आई तो क्या लेकर के आई थी, आपकी पत्नी शादी में क्या लेकर के आई थी, आपके घर कितने, खेत कितने इन सारों का वो सर्वे करेंगे और वो कहते हैं खुल करके कहते हैं और फिर आपकी जरूरत से जितना ज्यादा है अगर आपके पास 10 एकड़ भूमि है तो पांच एकड़ गई, अगर दो साइकिल है तो एक गई अगर आपका मंगलसूत्र है तो गया ये खेल खेलने वाले हैं और क्यों तो ये जो संपत्ति आपसे ले लेंगे वो अपनी वोट बैंक को बांटना चाहते हैं।

भाइयों- बहनों,

हमारे देश में हर मां-बाप बच्चों के लिए कुछ न कुछ बचाता है, उसके मन में रहता है कि जाने के बाद बच्चों के लिए कुछ छोड़ कर के जाऊं। दुनिया से, अब ये कहते हैं कि आपके मां-बाप ने जो बचाया है वो सारा का सारा उनके बेटे-बेटियों को नहीं मिलेगा। उसपर आधे से ज्यादा टैक्स लगेगा और आधे से ज्यादा सरकार छीन लेगी। मुझे बताइए क्या भारत जैसे देश में आप अपनी संपत्ति लूटने देंगे क्या? क्या आप अपनी संपत्ति बचाना चाहते हैं? आप अपनी संपत्ति अपने वारिस को देना चाहते हैं तो आपको कौन बचाएगा? कौन बचाएगा? कौन बचाएगा आपको? कौन बचाएगा आपको? कौन बचाएगा आपको? मोदी नहीं आपका एक वोट बचाएगा, आपका एक वोट बचाएगा। आप मोदी को वोट देकर के मजबूत बनाइए मोदी आपके लिए लड़ता रहेगा।

साथियों,

मोदी ने इसका भंडाफोड़ कर दिया, इनका नकाब उतार दिया उनका हिडन एजेंडा देशवासियों के सामने खोल करके रख दिया। तब वो हड़बड़ी में हैं गालियां दे रहे हैं, नई- नई गालियां दे रहे हैं पूरी डिक्शनरी खाली कर दी गालियां देते-देते।

साथियों,

हमारा आदिवासी समाज हमारी संस्कृति, हमारी आजादी का सबसे बड़ा रक्षक रहा है, आदिवासी समाज ने ही राजकुमार, अयोध्या से एक राजकुमार निकले थे 14 साल के बाद, अयोध्या से निकला हुआ राजकुमार जब वापिस गया तो पूर्ण पुरुषोत्तम राम बन गया। एक राजकुमार को राम किसने बनाया, एक राजकुमार को राम बनाया मेरे आदिवासी भाई-बहनों ने। आप पूरी रामायण पढ़िए उनके साथ केवट निषाद ये ही लोग थे 14 साल, एक राजकुमार को ये आदिवासी प्रभु राम बना सकते हैं। भाइयों- बहनों, और इसलिए मैं आदिवासियों की पूजा करता हूं, टंट्या भील और भीमा नाइक की राष्ट्रभक्ति की परंपरा हमारे यहां रही है, इस समृद्ध आदिवासी योगदान को कांग्रेस ने 60 सालों में आगे आने नहीं दिया। आपने अपने इस सेवक को दिल्ली भेजा, हमने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। हम देशभर में आदिवासी सेनानियों से जुड़े म्यूजियम बना रहे हैं, निमाड़ में क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। ऐसे ही यहां अनेक संस्थानों के नाम राजा शंकर शाह के नाम पर है, रानी कमलापति के नाम पर है, जननायक टंट्या भील के नाम पर है, भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर है और राजा हृदय शाह के नाम पर रखे गए हैं।

साथियों,

भाजपा हर घर और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, खरगोन में झिरन्या उद्वहन सिंचाई योजना पर काम चल रहा है। बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना का लोकार्पण हो चुका है। यहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। मैं जानता हूं आदिवासी बेटे-बेटी का सामर्थ्य जितना ज्यादा होता है इसलिए भाजपा आदिवासी क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय बनाने पर बहुत बल दे रही है।

भाइयों और बहनों,

याद रखियेगा 13 मई को खरगोन से मेरे साथी गजेंद्र सिंह पटेल और खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल जी को हर बूथ पर विजय बनाना है, बनाएंगे ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, मतदान करने के लिए एक उत्सव की तरह थाली बजाते-बजाते मतदान केंद्र तक जाएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, करेंगे, कमाल हो यार इन लोगों के लिए कहता हूं तो बड़े उत्साह से बोल रहे हो मेरे लिए कहता हूं तो बोलते ही नहीं आप तो जरा सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए मेरा एक काम करेंगे, पक्का करेंगे। अच्छा देखिए घर-घर जाइए ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइए, ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलिए और कहियेगा कि मोदी जी आए थे मोदी जी ने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे, हर परिवार में मेरा जय श्री राम पहुंचाएंगे, बिना भूले पहुंचाएंगे।

बोलिए, भारत माता की। भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Today, the world sees the Indian Growth Model as a model of hope: PM Modi
November 17, 2025
India is eager to become developed, India is eager to become self-reliant: PM
India is not just an emerging market, India is also an emerging model: PM
Today, the world sees the Indian Growth Model as a model of hope: PM
We are continuously working on the mission of saturation; Not a single beneficiary should be left out from the benefits of any scheme: PM
In our new National Education Policy, we have given special emphasis to education in local languages: PM

विवेक गोयनका जी, भाई अनंत, जॉर्ज वर्गीज़ जी, राजकमल झा, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सभी अन्य साथी, Excellencies, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज हम सब एक ऐसी विभूति के सम्मान में यहां आए हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में, पत्रकारिता, अभिव्यक्ति और जन आंदोलन की शक्ति को नई ऊंचाई दी है। रामनाथ जी ने एक Visionary के रूप में, एक Institution Builder के रूप में, एक Nationalist के रूप में और एक Media Leader के रूप में, Indian Express Group को, सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि एक Mission के रूप में, भारत के लोगों के बीच स्थापित किया। उनके नेतृत्व में ये समूह, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों की आवाज़ बना। इसलिए 21वीं सदी के इस कालखंड में जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो रामनाथ जी की प्रतिबद्धता, उनके प्रयास, उनका विजन, हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप का आभार व्यक्त करता हूं कि आपने मुझे इस व्याख्यान में आमंत्रित किया, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

रामनाथ जी गीता के एक श्लोक से बहुत प्रेरणा लेते थे, सुख दुःखे समे कृत्वा, लाभा-लाभौ जया-जयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व, नैवं पापं अवाप्स्यसि।। अर्थात सुख-दुख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान भाव से देखकर कर्तव्य-पालन के लिए युद्ध करो, ऐसा करने से तुम पाप के भागी नहीं बनोगे। रामनाथ जी आजादी के आंदोलन के समय कांग्रेस के समर्थक रहे, बाद में जनता पार्टी के भी समर्थक रहे, फिर जनसंघ के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, विचारधारा कोई भी हो, उन्होंने देशहित को प्राथमिकता दी। जिन लोगों ने रामनाथ जी के साथ वर्षों तक काम किया है, वो कितने ही किस्से बताते हैं जो रामनाथ जी ने उन्हें बताए थे। आजादी के बाद जब हैदराबाद और रजाकारों को उसके अत्याचार का विषय आया, तो कैसे रामनाथ जी ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की मदद की, सत्तर के दशक में जब बिहार में छात्र आंदोलन को नेतृत्व की जरूरत थी, तो कैसे नानाजी देशमुख के साथ मिलकर रामनाथ जी ने जेपी को उस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया। इमरजेंसी के दौरान, जब रामनाथ जी को इंदिऱा गांधी के सबसे करीबी मंत्री ने बुलाकर धमकी दी कि मैं तुम्हें जेल में डाल दूंगा, तो इस धमकी के जवाब में रामनाथ जी ने पलटकर जो कहा था, ये सब इतिहास के छिपे हुए दस्तावेज हैं। कुछ बातें सार्वजनिक हुई, कुछ नहीं हुई हैं, लेकिन ये बातें बताती हैं कि रामनाथ जी ने हमेशा सत्य का साथ दिया, हमेशा कर्तव्य को सर्वोपरि रखा, भले ही सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्‍यों न हो।

साथियों,

रामनाथ जी के बारे में कहा जाता था कि वे बहुत अधीर थे। अधीरता, Negative Sense में नहीं, Positive Sense में। वो अधीरता जो परिवर्तन के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कराती है, वो अधीरता जो ठहरे हुए पानी में भी हलचल पैदा कर देती है। ठीक वैसे ही, आज का भारत भी अधीर है। भारत विकसित होने के लिए अधीर है, भारत आत्मनिर्भर होने के लिए अधीर है, हम सब देख रहे हैं, इक्कीसवीं सदी के पच्चीस साल कितनी तेजी से बीते हैं। एक से बढ़कर एक चुनौतियां आईं, लेकिन वो भारत की रफ्तार को रोक नहीं पाईं।

साथियों,

आपने देखा है कि बीते चार-पांच साल कैसे पूरी दुनिया के लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं। 2020 में कोरोना महामारी का संकट आया, पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाएं अनिश्चितताओं से घिर गईं। ग्लोबल सप्लाई चेन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और सारा विश्व एक निराशा की ओर जाने लगा। कुछ समय बाद स्थितियां संभलना धीरे-धीरे शुरू हो रहा था, तो ऐसे में हमारे पड़ोसी देशों में उथल-पुथल शुरू हो गईं। इन सारे संकटों के बीच, हमारी इकॉनमी ने हाई ग्रोथ रेट हासिल करके दिखाया। साल 2022 में यूरोपियन क्राइसिस के कारण पूरे दुनिया की सप्लाई चेन और एनर्जी मार्केट्स प्रभावित हुआ। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा, इसके बावजूद भी 2022-23 में हमारी इकोनॉमी की ग्रोथ तेजी से होती रही। साल 2023 में वेस्ट एशिया में स्थितियां बिगड़ीं, तब भी हमारी ग्रोथ रेट तेज रही और इस साल भी जब दुनिया में अस्थिरता है, तब भी हमारी ग्रोथ रेट Seven Percent के आसपास है।

साथियों,

आज जब दुनिया disruption से डर रही है, भारत वाइब्रेंट फ्यूचर के Direction में आगे बढ़ रहा है। आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं कह सकता हूं, भारत सिर्फ़ एक emerging market ही नहीं है, भारत एक emerging model भी है। आज दुनिया Indian Growth Model को Model of Hope मान रहा है।

साथियों,

एक सशक्त लोकतंत्र की अनेक कसौटियां होती हैं और ऐसी ही एक बड़ी कसौटी लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी की होती है। लोकतंत्र को लेकर लोग कितने आश्वस्त हैं, लोग कितने आशावादी हैं, ये चुनाव के दौरान सबसे अधिक दिखता है। अभी 14 नवंबर को जो नतीजे आए, वो आपको याद ही होंगे और रामनाथ जी का भी बिहार से नाता रहा था, तो उल्लेख बड़ा स्वाभाविक है। इन ऐतिहासिक नतीजों के साथ एक और बात बहुत अहम रही है। कोई भी लोकतंत्र में लोगों की बढ़ती भागीदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस बार बिहार के इतिहास का सबसे अधिक वोटर टर्न-आउट रहा है। आप सोचिए, महिलाओं का टर्न-आउट, पुरुषों से करीब 9 परसेंट अधिक रहा। ये भी लोकतंत्र की विजय है।

साथियों,

बिहार के नतीजों ने फिर दिखाया है कि भारत के लोगों की आकांक्षाएं, उनकी Aspirations कितनी ज्यादा हैं। भारत के लोग आज उन राजनीतिक दलों पर विश्वास करते हैं, जो नेक नीयत से लोगों की उन Aspirations को पूरा करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं। और आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं देश की हर राज्य सरकार को, हर दल की राज्य सरकार को बहुत विनम्रता से कहूंगा, लेफ्ट-राइट-सेंटर, हर विचार की सरकार को मैं आग्रह से कहूंगा, बिहार के नतीजे हमें ये सबक देते हैं कि आप आज किस तरह की सरकार चला रहे हैं। ये आने वाले वर्षों में आपके राजनीतिक दल का भविष्य तय करेंगे। आरजेडी की सरकार को बिहार के लोगों ने 15 साल का मौका दिया, लालू यादव जी चाहते तो बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने जंगलराज का रास्ता चुना। बिहार के लोग इस विश्वासघात को कभी भूल नहीं सकते। इसलिए आज देश में जो भी सरकारें हैं, चाहे केंद्र में हमारी सरकार है या फिर राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें हैं, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक होनी चाहिए विकास, विकास और सिर्फ विकास। और इसलिए मैं हर राज्य सरकार को कहता हूं, आप अपने यहां बेहतर इंवेस्टमेंट का माहौल बनाने के लिए कंपटीशन करिए, आप Ease of Doing Business के लिए कंपटीशन करिए, डेवलपमेंट पैरामीटर्स में आगे जाने के लिए कंपटीशन करिए, फिर देखिए, जनता कैसे आप पर अपना विश्वास जताती है।

साथियों,

बिहार चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों ने मीडिया के कुछ मोदी प्रेमियों ने फिर से ये कहना शुरू किया है भाजपा, मोदी, हमेशा 24x7 इलेक्शन मोड में ही रहते हैं। मैं समझता हूं, चुनाव जीतने के लिए इलेक्शन मोड नहीं, चौबीसों घंटे इलेक्शन मोड में रहना जरूरी होता है, इमोशनल मोड में रहना जरूरी होता है, इलेक्शन मोड में नहीं। जब मन के भीतर एक बेचैनी सी रहती है कि एक मिनट भी गंवाना नहीं है, गरीब के जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए, गरीब को रोजगार के लिए, गरीब को इलाज के लिए, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, बस मेहनत करते रहना है। इस इमोशन के साथ, इस भावना के साथ सरकार लगातार जुटी रहती है, तो उसके नतीजे हमें चुनाव परिणाम के दिन दिखाई देते हैं। बिहार में भी हमने अभी यही होते देखा है।

साथियों,

रामनाथ जी से जुड़े एक और किस्से का मुझसे किसी ने जिक्र किया था, ये बात तब की है, जब रामनाथ जी को विदिशा से जनसंघ का टिकट मिला था। उस समय नानाजी देशमुख जी से उनकी इस बात पर चर्चा हो रही थी कि संगठन महत्वपूर्ण होता है या चेहरा। तो नानाजी देशमुख ने रामनाथ जी से कहा था कि आप सिर्फ नामांकन करने आएंगे और फिर चुनाव जीतने के बाद अपना सर्टिफिकेट लेने आ जाइएगा। फिर नानाजी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर रामनाथ जी का चुनाव लड़ा औऱ उन्हें जिताकर दिखाया। वैसे ये किस्सा बताने के पीछे मेरा ये मतलब नहीं है कि उम्मीदवार सिर्फ नामांकन करने जाएं, मेरा मकसद है, भाजपा के अनगिनत कर्तव्य़ निष्ठ कार्यकर्ताओं के समर्पण की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना।

साथियों,

भारतीय जनता पार्टी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने से भाजपा की जड़ों को सींचा है और आज भी सींच रहे हैं। और इतना ही नहीं, केरला, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ऐसे कुछ राज्यों में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने खून से भी भाजपा की जड़ों को सींचा है। जिस पार्टी के पास ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हों, उनके लिए सिर्फ चुनाव जीतना ध्येय नहीं होता, बल्कि वो जनता का दिल जीतने के लिए, सेवा भाव से उनके लिए निरंतर काम करते हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, सभी तक जब सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है। लेकिन हमने देखा कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है।

साथियों,

मुझे संतोष है कि आज देश, सामाजिक न्याय को सच्चाई में बदलते देख रहा है। सच्चा सामाजिक न्याय क्या होता है, ये मैं आपको बताना चाहता हूं। 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण का अभियान, उन गरीब लोगों के जीवन में गरिमा लेकर के आया, जो खुले में शौच के लिए मजबूर थे। 57 करोड़ जनधन बैंक खातों ने उन लोगों का फाइनेंशियल इंक्लूजन किया, जिनको पहले की सरकारों ने एक बैंक खाते के लायक तक नहीं समझा था। 4 करोड़ गरीबों को पक्के घरों ने गरीब को नए सपने देखने का साहस दिया, उनकी रिस्क टेकिंग कैपेसिटी बढ़ाई है।

साथियों,

बीते 11 वर्षों में सोशल सिक्योरिटी पर जो काम हुआ है, वो अद्भुत है। आज भारत के करीब 94 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी नेट के दायरे में आ चुके हैं। और आप जानते हैं 10 साल पहले क्या स्थिति थी? सिर्फ 25 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी के दायरे में थे, आज 94 करोड़ हैं, यानि सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंच रहा था। अब ये संख्या बढ़कर 94 करोड़ पहुंच चुकी है और यही तो सच्चा सामाजिक न्याय है। और हमने सोशल सिक्योरिटी नेट का दायरा ही नहीं बढ़ाया, हम लगातार सैचुरेशन के मिशन पर काम कर रहे हैं। यानि किसी भी योजना के लाभ से एक भी लाभार्थी छूटे नहीं। और जब कोई सरकार इस लक्ष्य के साथ काम करती है, हर लाभार्थी तक पहुंचना चाहती है, तो किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश भी खत्म हो जाती है। ऐसे ही प्रयासों की वजह से पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया है। और तभी आज दुनिया भी ये मान रही है- डेमोक्रेसी डिलिवर्स।

साथियों,

मैं आपको एक और उदाहरण दूंगा। आप हमारे एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का अध्ययन करिए, देश के सौ से अधिक जिले ऐसे थे, जिन्हें पहले की सरकारें पिछड़ा घोषित करके भूल गई थीं। सोचा जाता था कि यहां विकास करना बड़ा मुश्किल है, अब कौन सर खपाए ऐसे जिलों में। जब किसी अफसर को पनिशमेंट पोस्टिंग देनी होती थी, तो उसे इन पिछड़े जिलों में भेज दिया जाता था कि जाओ, वहीं रहो। आप जानते हैं, इन पिछड़े जिलों में देश की कितनी आबादी रहती थी? देश के 25 करोड़ से ज्यादा नागरिक इन पिछड़े जिलों में रहते थे।

साथियों,

अगर ये पिछड़े जिले पिछड़े ही रहते, तो भारत अगले 100 साल में भी विकसित नहीं हो पाता। इसलिए हमारी सरकार ने एक नई रणनीति के साथ काम करना शुरू किया। हमने राज्य सरकारों को ऑन-बोर्ड लिया, कौन सा जिला किस डेवलपमेंट पैरामीटर में कितनी पीछे है, उसकी स्टडी करके हर जिले के लिए एक अलग रणनीति बनाई, देश के बेहतरीन अफसरों को, ब्राइट और इनोवेटिव यंग माइंड्स को वहां नियुक्त किया, इन जिलों को पिछड़ा नहीं, Aspirational माना और आज देखिए, देश के ये Aspirational Districts, कितने ही डेवलपमेंट पैरामीटर्स में अपने ही राज्यों के दूसरे जिलों से बहुत अच्छा करने लगे हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर, वो आप लोगों का तो बड़ा फेवरेट रहा है। एक समय आप पत्रकारों को वहां जाना होता था, तो प्रशासन से ज्यादा दूसरे संगठनों से परमिट लेनी होती थी, लेकिन आज वही बस्तर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है। मुझे नहीं पता कि इंडियन एक्सप्रेस ने बस्तर ओलंपिक को कितनी कवरेज दी, लेकिन आज रामनाथ जी ये देखकर बहुत खुश होते कि कैसे बस्तर में अब वहां के युवा बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन कर रहे हैं।

साथियों,

जब बस्तर की बात आई है, तो मैं इस मंच से नक्सलवाद यानि माओवादी आतंक की भी चर्चा करूंगा। पूरे देश में नक्सलवाद-माओवादी आतंक का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है, लेकिन कांग्रेस में ये उतना ही सक्रिय होता जा रहा था। आप भी जानते हैं, बीते पांच दशकों तक देश का करीब-करीब हर बड़ा राज्य, माओवादी आतंक की चपेट में, चपेट में रहा। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोसती रही और सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों में जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद की जड़ों को खाद-पानी दिया। कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी संस्थाओं में अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया है।

साथियों,

10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन नक्सली, माओवादी पैर जमा चुके थे, वो अब कांग्रेस को मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, MMC बना चुके हैं। और मैं आज पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि ये मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है। आज की मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, देश की एकता के सामने बहुत बड़ा खतरा बनती जा रही है।

साथियों,

आज जब भारत, विकसित बनने की एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है, तब रामनाथ गोयनका जी की विरासत और भी प्रासंगिक है। रामनाथ जी ने अंग्रेजों की गुलामी से डटकर टक्कर ली, उन्होंने अपने एक संपादकीय में लिखा था, मैं अंग्रेज़ों के आदेश पर अमल करने के बजाय, अखबार बंद करना पसंद करुंगा। इसी तरह जब इमरजेंसी के रूप में देश को गुलाम बनाने की एक और कोशिश हुई, तब भी रामनाथ जी डटकर खड़े हो गए थे और ये वर्ष तो इमरजेंसी के पचास वर्ष पूरे होने का भी है। और इंडियन एक्सप्रेस ने 50 वर्ष पहले दिखाया है, कि ब्लैंक एडिटोरियल्स भी जनता को गुलाम बनाने वाली मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं।

साथियों,

आज आपके इस सम्मानित मंच से, मैं गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के इस विषय पर भी विस्तार से अपनी बात रखूंगा। लेकिन इसके लिए हमें 190 वर्ष पीछे जाना पड़ेगा। 1857 के सबसे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले, वो साल था 1835, 1835 में ब्रिटिश सांसद थॉमस बेबिंगटन मैकाले ने भारत को अपनी जड़ों से उखाड़ने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया था। उसने ऐलान किया था, मैं ऐसे भारतीय बनाऊंगा कि वो दिखने में तो भारतीय होंगे लेकिन मन से अंग्रेज होंगे। और इसके लिए मैकाले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन नहीं, बल्कि उसका समूल नाश कर दिया। खुद गांधी जी ने भी कहा था कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था एक सुंदर वृक्ष थी, जिसे जड़ से हटा कर नष्ट कर दिया।

साथियों,

भारत की शिक्षा व्यवस्था में हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया जाता था, भारत की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ाई के साथ ही कौशल पर भी उतना ही जोर था, इसलिए मैकाले ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ने की ठानी और उसमें सफल भी रहा। मैकाले ने ये सुनिश्चित किया कि उस दौर में ब्रिटिश भाषा, ब्रिटिश सोच को ज्यादा मान्यता मिले और इसका खामियाजा भारत ने आने वाली सदियों में उठाया।

साथियों,

मैकाले ने हमारे आत्मविश्वास को तोड़ दिया दिया, हमारे भीतर हीन भावना का संचार किया। मैकाले ने एक झटके में हजारों वर्षों के हमारे ज्ञान-विज्ञान को, हमारी कला-संस्कृति को, हमारी पूरी जीवन शैली को ही कूड़ेदान में फेंक दिया था। वहीं पर वो बीज पड़े कि भारतीयों को अगर आगे बढ़ना है, अगर कुछ बड़ा करना है, तो वो विदेशी तौर तरीकों से ही करना होगा। और ये जो भाव था, वो आजादी मिलने के बाद भी और पुख्ता हुआ। हमारी एजुकेशन, हमारी इकोनॉमी, हमारे समाज की एस्पिरेशंस, सब कुछ विदेशों के साथ जुड़ गईं। जो अपना है, उस पर गौरव करने का भाव कम होता गया। गांधी जी ने जिस स्वदेशी को आज़ादी का आधार बनाया था, उसको पूछने वाला ही कोई नहीं रहा। हम गवर्नेंस के मॉडल विदेश में खोजने लगे। हम इनोवेशन के लिए विदेश की तरफ देखने लगे। यही मानसिकता रही, जिसकी वजह से इंपोर्टेड आइडिया, इंपोर्टेड सामान और सर्विस, सभी को श्रेष्ठ मानने की प्रवृत्ति समाज में स्थापित हो गई।

साथियों,

जब आप अपने देश को सम्मान नहीं देते हैं, तो आप स्वदेशी इकोसिस्टम को नकारते हैं, मेड इन इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को नकारते हैं। मैं आपको एक और उदाहरण, टूरिज्म की बात करता हूं। आप देखेंगे कि जिस भी देश में टूरिज्म फला-फूला, वो देश, वहां के लोग, अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं। हमारे यहां इसका उल्टा ही हुआ। भारत में आज़ादी के बाद, अपनी विरासत को दुत्कारने के ही प्रयास हुए, जब अपनी विरासत पर गर्व नहीं होगा तो उसका संरक्षण भी नहीं होगा। जब संरक्षण नहीं होगा, तो हम उसको ईंट-पत्थर के खंडहरों की तरह ही ट्रीट करते रहेंगे और ऐसा हुआ भी। अपनी विरासत पर गर्व होना, टूरिज्म के विकास के लिए भी आवश्यक शर्त है।

साथियों,

ऐसे ही स्थानीय भाषाओं की बात है। किस देश में ऐसा होता है कि वहां की भाषाओं को दुत्कारा जाता है? जापान, चीन और कोरिया जैसे देश, जिन्होंने west के अनेक तौर-तरीके अपनाए, लेकिन भाषा, फिर भी अपनी ही रखी, अपनी भाषा पर कंप्रोमाइज नहीं किया। इसलिए, हमने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर विशेष बल दिया है और मैं बहुत स्पष्टता से कहूंगा, हमारा विरोध अंग्रेज़ी भाषा से नहीं है, हम भारतीय भाषाओं के समर्थन में हैं।

साथियों,

मैकाले द्वारा किए गए उस अपराध को 1835 में जो अपराध किया गया 2035, 10 साल के बाद 200 साल हो जाएंगे और इसलिए आज आपके माध्यम से पूरे देश से एक आह्वान करना चाहता हूं, अगले 10 साल में हमें संकल्प लेकर चलना है कि मैकाले ने भारत को जिस गुलामी की मानसिकता से भर दिया है, उस सोच से मुक्ति पाकर के रहेंगे, 10 साल हमारे पास बड़े महत्वपूर्ण हैं। मुझे याद है एक छोटी घटना, गुजरात में लेप्रोसी को लेकर के एक अस्पताल बन रहा था, तो वो सारे लोग महात्‍मा गांधी जी से मिले उसके उद्घाटन के लिए, तो महात्मा जी ने कहा कि मैं लेप्रोसी के अस्पताल के उद्घाटन के पक्ष में नहीं हूं, मैं नहीं आऊंगा, लेकिन ताला लगाना है, उस दिन मुझे बुलाना, मैं ताला लगाने आऊंगा। गांधी जी के रहते हुए उस अस्पताल को तो ताला नहीं लगा था, लेकिन गुजरात जब लेप्रोसी से मुक्त हुआ और मुझे उस अस्पताल को ताला लगाने का मौका मिला, जब मैं मुख्यमंत्री बना। 1835 से शुरू हुई यात्रा 2035 तक हमें खत्म करके रहना है जी, गांधी जी का जैसे सपना था कि मैं ताला लगाऊंगा, मेरा भी यह सपना है कि हम ताला लगाएंगे।

साथियों,

आपसे बहुत सारे विषयों पर चर्चा हो गई है। अब आपका मैं ज्यादा समय लेना नहीं चाहता हूं। Indian Express ग्रुप देश के हर परिवर्तन का, देश की हर ग्रोथ स्टोरी का साक्षी रहा है और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चल रहा है, तो भी इस यात्रा के सहभागी बन रहे हैं। मैं आपको बधाई दूंगा कि रामनाथ जी के विचारों को, आप सभी पूरी निष्ठा से संरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। एक बार फिर, आज के इस अद्भुत आयोजन के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और, रामनाथ गोयनका जी को आदरपूर्वक मैं नमन करते हुए मेरी बात को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!