Government removing old & obsolete laws from the statute books: PM Modi

Published By : Admin | April 24, 2016 | 10:59 IST
Common man has high level of faith in the judiciary: PM
Government & judiciary could work together to find solutions of troubles faced by the mechanism: PM
Government removing archaic laws from the statute books: PM Modi

सभी उपस्थित आदरणीय मुख्यमंत्रीगण सभी आदरणीय Judges,

प्रति वर्ष इस प्रकार की एक हमारी meeting होती है। इस बार काफी विस्तृत agendas, मुद्दे हैं। मुझे बताया गया है कि दो दिन Judges ने बड़े विस्तार से चर्चा की है काफी अच्छे सुझाव भी आए हैं और मुझे ये भी बताया गया कि बड़े commitment के साथ चीजों को आगे बढ़ाने का हर तरफ से प्रयास हुआ है। मैं इसके लिए आदरणीय ठाकुर साहब और उनकी पूरी टीम को हृद्य से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, ताकि इन चीजों को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास हो रहे हैं।

पिछले दिनों भोपाल में एक Retreat का कार्यक्रम हुआ जिसकी कल, मैं ठाकुर साहब से सुन रहा था, जिसकी मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई। की Law point के बाहर भी एक बहुत बड़ा देश होता है तो उसको भी जानना-समझना और राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर क्या चल रहा है, क्या चुनौतियां हैं, क्या संभावनाएं हैं और देश के गणमान्य experts को बुलाया था। और सभी Judges उनको सुन रहे थे। Question-Answer कर रहे थे। मैं समझता हुं ये परम्परा अपने आप में, एक बहुत ही उत्तम परम्परा है। हो सकता है शायद राज्यों में भी आगे चलकर के इस प्रकार का प्रयास हो तो शायद जो ठाकुर साहब ने...बीच में हो रहा था, लेकिन कई वर्षों तक बंद रहा था। मैं समझता हूं काफी उत्प्रेरक होगी इस प्रकार की चीजें जुड़ने से।

कई विषयों की यहां पर चर्चा होने वाली है इसलिये उसकी बहुत गहराई में मैं जाता नहीं हूं। लेकिन ये सही है कि भारत के सामान्य नागरिक को आज भी न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। भरोसा क्या! एक आस्था है, श्रद्धा है। और ये हमारे देश की बहुत बड़ी पूंजी है। हम सबका ये दायित्व बनता है कि इस आस्था को बरकरार रखें। उसको हम बनाए रखें। ताकि कभी भी सामान्य मानव के जीवन में ऐसी स्थिति न आए के अब कहां जाएं। एक जगह है जहां उसको विश्वास है कि मैं जा सकता हूं। और वो स्थिति बनाने में सरकार की भी बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। और मुझे विश्वास है कि सरकार अपनी जिम्मेवारियों को निभाने में कभी भी कोताई नहीं बरतेगी।

आज ठाकुर साहब ने सही कहा कि मैं इस Law की दुनिया का व्यवक्ति नहीं रहा हूं न ही मेरा ऐसा background रहा है तो सुप्रीम कोर्ट का जन्म कब हुआ, क्या हुआ वो सारा विस्तार से मुझे आज इस ज्ञान का भी लाभ मिला। और उनकी पीड़ा भी मैं समझ सकता हूं कि अगर 87 में जो बातें हुई, आज 2016 में भी वो 87 से अब तक जरूर कुछ कारण रहे होंगे या जरूर कुछ मजबूरियां रही होंगी। मैं तो कभी उसकी डीटेल में गया नहीं हूं कि 87 में क्या हुआ था, कैसे हुआ था। लेकिन ‘जब जगे तब सुबह’! आगे हम कुछ अच्छा करें। पीछे का जो भी बोझ है, उस बोझ को कम करते हुए हम आगे कैसे बढ़ें।

कई कारण होंगे और एक कारण का वर्णन अभी ठाकुर साहब ने किया कि strength अपने आप में एक बहुत बड़ा कारण है। लेकिन कुछ समाज जीवन भी बदलाव आते हैं। इस बदलाव हम लोगों को मालूम है कि एक जमाना था, जब गांव में एक वैद्यराज होता था और पूरा गांव स्वस्थ रहता था। अब आज आंख का डॉक्टर हो गया, कान का अलग हो गया, पैर का डॉक्टर अलग हो गया, heart का अलग हो गया, लेकिन बीमारी बढ़ती गई। तो ये समस्या समाज में भी कई प्रकार की आती होगी, कैसी होगी ये हम सबको चिंतन का विषय है कि क्या कारण है इसका?

सरकार में भी मेरा ये मत है कि कानून बनाते समय जितनी चौकसी बरतनी चाहिए उसमे हमारे यहाँ कमी महसूस होती है। Drafting से ले कर के, debate से ले कर के, कानून बनने तक, और वो एक बहुत बड़ा कारण बना है की court में interpretation को ले कर के, बहुत बड़ी मात्रा में चीजें जाती हैं। Otherwise कानून ऐसा हो कि कोई भी व्यक्ति निर्णय करे तो दुविधा कम रहे। धीरे-धीरे उस efficiency की और जाना पड़ेगा।

दूसरा एक है कि हमारे यहां कानूनों का ढेर बहुत है। मैंने आते ही एक काम शुरू किया है कि इन कानूनों के बोझ से कैसे मुक्ति दिलाई जाए, सामान्य मानव को, कानूनों की संख्या कैसे कम कराई जाए। एक कमैटी बिठाई थी करीब 1500 से 1700 ऐसे कानून ध्यान में आए हैं कि जो कभी 1800 साल के थे। कभी 1850 के, 80, 90 के ऐसे-ऐसे कानून यानी अब वो कोई irrelevant हो चुके हैं। तो ऐसा क्या होता है कि जिसको कोई काम रोकना है, तो 200 साल पुराने कानून दिखा देता है। देखिए ऐसा कानून था कि तुम्हारा ये नहीं होगा, तो फिर वो कोर्ट में जाता है। तो ऐसी चीजें व्यवस्थाओं में काफी अड़चने कर रही हैं। सफाई चल रही है। धीरे-धीरे मैं समझता हूं जितना समय मुझे मिला है, उस समय का भरपूर प्रयास हम करेंगे। प्रक्रियाएं तेज गति से हों, जल्दी हों और आवश्यकताओं की पूर्ति लिए प्रयास हो। ये सपने सबका काम हैं हम करते रहेंगे। करना चाहिए भी।

और मैं तो चाहूंगा अगर ठाकुर साहब को सुविधा हो शायद कोई संवैधानिक सीमाएं कठिनाइयां पैदा करती हों, तो कभी एकाद सरकार में से दो चार प्रमुख लोग और आपकी टीम के भी सभी लोग बैठ कर के कमरे में इन समस्याओं के समाधान के कंधे से कंधा मिलाकर के कैसे रास्ते निकाले जाएं। तो हो सकता है कुछ क्योंकि आपने जो बातें बताईं जो बड़ी महत्वपूर्ण हैं। और उन महत्वपूर्ण बातों का रास्ता भी तो खोजना होगा। सिर्फ मैं सुनकर के चला जाऊंगा ये ऐसा मैं इंसान नहीं हूं। मैं उसको seriously लेकर के कुछ रास्ते खोजने के प्रयास करूंगा। सफलता – असफलता तो अलग बात है लेकिन कोशिश करनी चाहिए। मैं कोशिश करना चाहूंगा। और मुझे विश्वास है कि आप जैसे अनुभवी लोगों का साथ मिला तो मैं तो इस field का हूं नहीं। ये मेरा लाभ भी है ये मेरा नुक्सान भी है। तो मुझे अगर आप लोगों की मदद मिलेगी, तो हम जरूर इसका रास्ता निकालेंगे।

मुझे याद है मैं 15 साल तक इस मीटिंग में आया हूं और हमेशा सामने बैठता था और बाद में जब ऊपर बैठते थे तो कैमेरा वगैरह रहते नहीं थे तो जरा खुलकर बात भी करता था मैं। और मैंने एक बार कह दिया था कि साहब कोर्ट का समय बढ़ाए तो कैसा रहे। Vacation कम करें तो कैसा रहे। और पता नहीं मेरे पर ऐसी आफत आ गई थी कि उसके बाद लंच था, तो लंच में कई Judges ने मुझे पकड़ा, क्या समझते हो अपने आपको। तब मैं तो उसी दिन से डर गया था जी। लेकिन फिर भी मैं मानता हूं कि जिसके पास जो जिम्मेवारी है, सब लोग ईमानदारी से, निष्ठा से, देश के ग़रीब आदमी के लिए भलाई से काम कर रहे हैं, ये विश्वास हम सबको होना चाहिए। और मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे देश की Judiciary उस दिशा में सक्रिय है, सजग है। मुझे पूरा भरोसा है। और हम सबको भरोसा रहेगा कि देश की समस्याओं का समाधान भी होगा। और हम मिल बैठकर के समाधान निकालेंगे भी, मेरा पुरा विश्वास है।

मैं फिर एक बार सभी आदरणीय मुख्यमंत्रियों ने और सारी बातों को सुना है। वे भी उतनी ही जिम्मेवारी के साथ सरकारें चलाते हैं। क्योंकि उनको भी जनता जनार्दन को जवाब होता है और हर पांच साल में एक बार देना पड़ता है और अब तो बार-बार चुनाव आते हैं, इसलिये किसी न किसी रूप में साल, पांच साल में तीन-तीन बार तो जाना ही पड़ता है। क्योंकि इस दिनों ये चर्चा चल रही है। सभी दल मुझे कह रहे हैं कि साहब ये चुनाव लोकसभा और विधानसभा के साथ-साथ कैसे हो। हर प्रकार से क्योंकि काफी समय जा रहा है। कई चीजें निर्णय में चालीस-चालीस, पचास-पचास दिन इसलिये रुक जाती है क्योंकि Code of Conduct लग जाता है। और देश में कोई न कोई जगह होती है जहां Code of Conduct होता है। तो इन दिनों मुझे विपक्ष के सभी लीडर मिले थे, तो वो भी कह रहे थे कि साहब कोई रास्ता निकालिए। इसलिये Assembly के और Parliament के चुनाव साथ-साथ हो, ताकि बाकि कुछ काम हो। तो है कुछ कठिनाईयां, उन सारी चीजों का रास्ता निकलना होगा, मिलबैठ करके निकलना होगा।

और मैं क्षमा मांगूगा कि ताकि मुझे आज यहां से झारखंड जाने के लिए निकलना है, लेकिन फिर मैं आप सबका बहुत स्वागत करता हूं, आभार व्यक्त करता हूं और आज दिन भर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक होगी और कुछ न कुछ बातें निकलेगी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!