Congress & SP, who used to blame & allege each other joined hands. They are well aware that their parties won't be able to survive: PM
SP did not respect ideals of Ram Manohar Lohia ji by allying with the Congress: PM
SP is least concerned about improving law & order situation in UP: Shri Modi
Our Government is for the welfare of poor, the underprivileged & the farmers: PM Modi
BJP believes in Sabka Sath, Sabka Vikas. We do not discriminate anyone on the grounds of caste & religion: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के महासचिव श्री विजय बहादुर पाठक जी, केंद्र में मंत्री परिषद की मेरी साध्वी निरंजन ज्योति जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमान मानवेंद्र सिंह जी, फतेहपुर जिला के अध्यक्ष श्री दिनेश वाजपेयी जी, श्री मुख लाल पाल जी, श्रीमति निवेदिता सिंह जी, श्री पुरुषोत्तम खंडेलवाल जी, श्री प्रमोद द्विवेदी जी, श्री रामलखन यादव जी, श्रीमान अन्नू श्रीवास्तव जी, श्रीमान नगेंद्र गुप्ता जी। और इस चुनाव में जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जहानाबाद से अपना दल के हमारे साथी श्रीमान जयकुमार जैकी जी, हुसैनगंज से भाजपा के उम्मीदवार श्री नरवेंद्र प्रताप सिंह जी, खागा से उम्मीदवार श्रीमति कृष्णा पासवान जी, आयशा से उम्मीदवार श्रीमान विकास गुप्ता जी, पिंडवारी से उम्मीदवार श्रीमान ब्रजेश प्रजापति जी, बिंदकी से उम्मीदवार करण सिंह पटेल जी, बबेरू से उम्मीदवार श्रीमान चंद्रपाल कुशवाहा जी, फतेहपुर सदर से उम्मीदवार श्रीमान विक्रम सिंह जी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए। भारत माता की जय।

भाइयों और बहनों,

एक तरफ चुनाव की गर्मी और दूसरी तरफ ठंड भी विदाई लेकरके गर्मी का अहसास होने लगा है। लेकिन ऐसे समय भी, मैं आज इस मैदान में एक साथ तीन-तीन सभाएं देख रहा हूं। एक तो एक मैदान, उधर पीछे एक टीला है, उस पर चढ़ गए है और इधर मैं देख रहा हूं, वो भी बड़ी तादात में मुझे नजर आ रहे हैं।

भाइयों बहनों।

ये एक जिले की रैली नहीं, एक राज्य की रैली करेंगे तो भी लोग कहेंगे कि इतनी बड़ी रैली कैसे हुई। जहां-जहां मेरी नजर पहुंचती है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। मैं यहां पर भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के हर छोटे सिपाही को इतने बड़े सफल आयोजन के लिए ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अद्भूत काम किया है, अद्भूत काम किया है। और जो लोग ये कर सकते हैं, वो लोग मतदाताओं के घर-घर जाकरके भारतीय जनता पार्टी और अपना दल को भव्य विजय दिलाएंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है।

भाइयों बहनों।

आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म जयंती का पर्व है। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देश में सदियों से प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। और ये भी सही है कि और कोई शिवाजी पैदा होना भी संभव नहीं लगता है। भाइयों बहनों। शिवाजी पैदा हो या न हो, लेकिन कम से कम सवा सौ करोड़ देशवासी सेवाजी तो बन सकते हैं। अरे शिवाजी न बन पाए तो न बन पाए, सेवाजी जरूर बने। हर हिन्दुस्तानी हर दिन एक सेवा का काम करे तो शिवाजी के सपनों को भी सेवा के माध्यम से संपन्न किया जा सकता है।

भाइयों बहनों।

मैं सरदार बल्लभ भाई पटेल की भूमि से आ रहा हूं। मेरे देश के किसान भाइयों बहनों। इस देश में अनेक महारुपषों को उत्तम से उत्तम श्रद्धांजलियां दी गयी होगी। लेकिन जो श्रद्धांजलि सरदार बल्लभ भाई पटेल को दी गयी है, शायद ही दुनिया में किसी महापुरुष को ऐसी श्रद्धांजलि मिली हो। आज देश में सरदार साहब के जाने के बाद, दूसरी और तीसरी पीढ़ी जीवन की मुख्य धारा में हैं। अधिकतम वे लोग हैं, जिन्होंने सरदार साहब को देखा ही नहीं है। लेकिन भाइयों बहनों। हर हिन्दुस्तानी एक बात जरूर कहता है कि काश आज सरदार पटेल जिंदा होते तो कितनी बड़ी श्रद्धांजलि है। देश के लोग दूसरी बात भी कहते हैं। देश कहता है, अच्छा होता अगर देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल होते तो देश की दिशा अलग होती।

भाइयों बहनों।

हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी के दिल में सरदार बल्लभ भाई पटेल के प्रति ये जो श्रद्धा का भाव है वो हमें कर्तव्य की प्रेरणा भी दे रहा है, जिम्मेदारी का अहसास भी कराता है। जो सपने सरदार पटेल ने देखे थे, उन सपनों को भले 70 साल बीत गए, अब भी हम सबने कठोर परिश्रम करके, सही नीतियां बनाकरके, ईमानदारी और नीयत के साथ, अगर उन नीतियों को लागू किया तो सरदार साहब के सपनों को हम पूरा कर सकते हैं।

भाइयों बहनों।

ये हमारा फतेहपुर, एक सांस्कृतिक विरासत है, ऐतिहासिक धाम है। यहां के कई स्थान विटोरा, असबीगा पुराणों में भी उसका उल्लेख है। विटोरा, भृगु ऋषि की तपोस्थली माना जाता है। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देवजी की ये तपोस्थली रही है। स्वातंत्र्य सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी, शहीद जोधा सिंह अनगिनत नाम बलिदानों की परंपरा, यही धरती है जिसने देश को राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी को दिया है। वो इमली का पेड़ जहां पर हमारे 52 स्वातंत्र्य सेनानियों को फांसी पर लटका दिया गया। भाइयों बहनों। उस फासी के बाद, कहते हैं कि उस इमली के पेड़ का विकास रूक गया। 14 साल हो गये, 14 साल हो गए भाइयों बहनों। उत्तर प्रदेश में भी विकास को वनवास मिल गया। अब 14 साल पूरे हो गए हैं। विकास का वनवास भी खत्म होना चाहिए। उत्तर प्रदेश को विकास के राह पर चलना चाहिए। देश आगे बढ़ रहा है, उत्तर प्रदेश को पीछे नहीं रहने देना चाहिए।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश में चुनाव के दो चरण पूर्ण हो चुके हैं। तीसरा चरण चल रहा है और मैं देख रहा हूं कि मतदाता बहुत ही भारी उत्साह के साथ, नये सपनों के साथ, नई आशा के साथ, भरपूर उमंग के साथ मतदान कर रहे हैं। पहले दो चरण के संकेत जो मिले हैं, ये साफ बता रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से उत्तर प्रदेश में विकास की गंगा बहाएगी। भाइयों बहनों। सरकारी खजाने से अनाप-शनाप धन लुटा करके टीवी और अखबारों में छाए रहने का प्रयास करके, जितना धन एडवर्टाइजमेंट में खर्च कर सकते हैं, खर्च करके उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने सोचा था कि प्रचार प्रचार प्रचार करके लोगों की आंखो में ऐसी धूल झोंकेंगे कि लोग दूसरा कुछ देख ही नहीं पाएंगे।

लेकिन भाइयों बहनों।

ये जनता है, सब कुछ जानती है। जनता बड़ी आसानी से दूध का दूध, पानी का पानी कर लेती है। आपके इरादे नेक है कि नहीं है, आपकी नीयत साफ है कि नहीं है, आपकी नीतियां ठीक है कि नहीं है, आपकी प्राथमिकताएं उचित है कि अनुचित। ये जनता जनार्दन भली भांति समझ लेती है। और आपने देखा। कुछ लोगों को लगा कि मौका आया है, सारे देश में तो पिट गये लेकिन अपने पुरखों के नाम पर शायद उत्तर प्रदेश में बच जाएं। बड़ी आशाएं थीं, बड़े सपने थे। जिन्होंने कभी धूप नहीं देखी थी, जिन्होंने कभी रात को गांव कैसा होता है, पता नहीं था। जो सोने के चम्मच लेकर पैदा हुए थे। ऐसे लोगों को 27 साल यूपी बेहाल, गांव-गांव गए। उनको लगा था कि मौका है, सपा खत्म हो रही है, शायद जगह बन जाए, लेकिन पूरा भ्रमण करने के बाद पाया, कुछ मेल नहीं बैठ रहा है। भारी प्रचार करने वालों को भी लगा कि 5 साल बीत गए, जनता का विश्वास टूट चुका है, तो करें क्या। उन्होंने सोचा कि तू भी डूब रहा है, तू भी डूब रहा है। अरे यार चलो हाथ पकड़ लें, शायद बच जाएं।

भाइयों बहनों।

जब उन्होंने हाथ पकड़ा, गले लगे। लेकिन पहले ही दिन पता चला कि रास्ता बड़ा कठिन है। पहले दिन निकले थे रथ पर, तार के तार ऐसे लटक रहे थे तो ऐसे कांप रहे थे कि कहीं करंट न लग जाए। अखिलेश जी नहीं कांप रहे थे, उनके दूसरे नये-नये साथी कांप रहे थे, डर रहे थे। कि ये तारों के बीच से रथ निकल रहा है तो झुक जाते थे लेकिन लगता था तार कहीं छू जाएगा तो गए। अखिलेशजी परेशान नहीं थे, क्योंकि उनको पता था तार है, बिजली कहां है।

भाइयों बहनों।

5-6 दिन तो ऐसे नाच रहे थे, ऐसे गाने सुना रहे थे कि वाह, वाह। कुछ नया कर दिया। जैसे ही नामांकन होना शुरू हुआ। एक के बाद एक पत्ते खुलने लगे। पहले सपा वाले कहते थे, हम किसी से समझौता नहीं करेंगे, दो तिहाई बहुमत से पहले से ज्यादा सीट लेकर आएंगे। थोड़े दिन के बाद, वो बोलना बंद हो गया। बाद में कहने लगे, अब हम दो लोग मिल गए हैं तो हम अब भारी बहुमत से जीतकर आएंगे। लेकिन आज श्रीमान अखिलेशजी ने सुबह, आज सुबह वो मतदान करने गये थे। मतदान करने के बाद, टीवी वालों ने जब उनसे पूछा, सुबह-सुबह थी, इंसान कितना फ्रेश होता है, तेज तर्रार होता है, उनकी उमर भी तो ऐसी है। लेकिन मैंने टीवी पर देखा सुबह, चेहरा लटक गया था, आवाज में दम नहीं था। डरे हुए थे, शब्द खोज रहे थे। आप देखना, टीवी पर वो चल रहा था उनका, जैसे बाजी हार चुके हैं। बड़ी मुश्किल से बोले, बड़ी मुश्किल से। चुनाव से पहले अकेले जीतेंगे कहते थे। फिर कहते थे कि समझौते किया है इसलिए जीतेंगे। आज सुबह कह रहे थे कि हमारी पार्टी तो सबसे बड़ी पार्टी तो बनेगी ही। क्या हो गया भाई। अभी तो तीसरा चरण हुआ नहीं है पूरा, कारण जनता जनार्दन है। अब देश झूठ को स्वीकार नहीं करता है। देश गलतियों को तो माफ करता है लेकिन प्रजा के साथ धोखा, ये देश कभी माफ नहीं करता है। आपने जनता के साथ धोखा किया है। राम मनोहर लोहिया जिन सपनों को लेकर चले थे, उन सपनों की पीठ में छुरा भोंका है। जिस पार्टी ने 70 साल तक देश को लूटा, उस पार्टी की गोद में बैठकरके आपने राम मनोहर लोहिया को अपमानित किया। जनता इस बात को लेकर कभी माफ नहीं करेगी।

भाइयों बहनों।

अभी मैंने, थोड़े दिन पहले मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में थाना ये सपा का कार्यालय बन गया है। बना है कि नहीं बना है ...? बना है कि नहीं बना है ...? ये पुलिसवालों की मंजूरी से नहीं बना है। ये पुलिसवालों की मजबूरी से बना है। उनको करोगे तो तबादला हो जाएगा, अगर हमारी बात नहीं मानोगे तो नौकरी से घर चले जाओगे। उनको डराकर धमकाकरके पुलिस के थानों को सपा के कार्यालय में परिवर्तित कर दिया गया। जब लोकल, एक सपा वाला जिसकी साइकिल पर झंडा लटकता है, वो जब तक कहे नहीं, कोई कितना भी ईमानदार व्यक्ति क्यों न हो, उसकी बात थाने में  सुनी नहीं जाती। भाइयों बहनों। आपने देखा। इस देश के सर्वोच्च न्यायालय को डांटना पड़ा। इस देश के सर्वोच्च न्यायालय को उत्तर प्रदेश की सरकार को डांटना पड़ा कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर लिखो। इस देश में एक थाने में एक एफआईआर लिखवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को बीच में आना पड़ा।

भाइयों बहनों।

जिस राज्य में थाने का ये हाल होगा, बलात्कार करने वालों को खुली छूट होगी और न्याय के लिए तरस रही मां को बेटी को को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाने पड़े। ये कौन सा काम किया आपने अखिलेश जी। ये आपके गायत्री प्रजापति ने कौन सा काम किया। आपके एमएलए के नाम आ रहे हैं, बलात्कार और उसके बाद हत्या। ये कौन सा काम किया। जरा उत्तर प्रदेश की जनता को गिनाओ तो। क्या आपको ऐसे काम करने के लिए बिठाया गया है। क्या ऐसे काम करने के लिए सपा सरकार बनाई थी। क्या मां-बेटियों की इज्जत लूटने के लिए सपा सरकार बनाई थी। क्या मां बेटियों की हत्या करने के लिए सपा की सरकार बनाई थी। ये काम है कि कारनामा। हैरानी तो देखो, अपना चुनावी अभियान कहां से शुरू किया। अखिलेश जी, आपने अपना चुनाव अभियान गायत्री प्रजापति की चुनाव प्रचार से शुरू किया है। जरा उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन भी गायत्री प्रजापति जितना पवित्र है क्या? जरा उत्तर प्रदेश की जनता को जवाब दो।

भाइयों बहनों।

आज उत्तर प्रदेश बलात्कार, बलात्कार का प्रयास, हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, दंगे, हर बात में नए विक्रम स्थापित कर रहा है। भाइयों बहनों। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था प्राथमिकता होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। आप मुझे बताइए कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ...। अगर कानून व्यवस्था नहीं है तो ईमानदार आदमी जी पाएगा ...? अगर कानून व्यवस्था नहीं है तो सामान्य मानवीय की जिन्दगी सुरक्षित रहेगी ...?

भाइयो बहनों।

अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो कोई पूंजी निवेश नहीं आएगा? अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो कल कारखाने नहीं लगेंगे? अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो कोई उद्योग नहीं लगेंगे, रोजगार नहीं मिलेंगे। अगर रोजगार नहीं मिलेगा, तो मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवानों को पलायन से कौन बचाएगा भाइयों बहनों। हर बात की जड़ों में, कानून व्यवस्था होती है। और इसलिए भाइयों बहनों। मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि ऐसी सरकार जिसके लिए कानून व्यवस्था, ये प्राथमिकता है ही नहीं। भाइयों बहनों। दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, ये सबसे ज्यादा जुल्म के शिकार हो रहे हैं। दिन और रात इनके पर जुल्म की संख्या बढ़ती चली जा रही है। इनको कौन, गरीब का कोई हो ना हो, सरकार गरीब की होती है, गरीब के लिए होती है, पीड़ित के लिए होती है, दलित के लिए होती है, शोषित के लिए होती है, वंचित के लिए होती है।

इसलिए भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश को ऐसी सरकार चाहिए जो उत्तर प्रदेश में सामान्य मानवीय की जिन्दगी की सुरक्षा की गारंटी दे, अगर कहीं कुछ होता है तो उसको विश्वास होना चाहिए कि किसी ने मुझ पर जुल्म किया है तो उसकी जिन्दगी जेल की सलाखों में जाएगी, यहां कानून अपना काम करेगा। भाइयों बहनों। आपका मकान, आपकी जमीन, कोई भी आकर गैरकानूनी कब्जा कर लेता है कि नहीं कर लेता है। पूरी ताकत से बताइए। आज यूपी के गांवों में भी गुंडा राज, जो गरीब की जमीन को हड़प कर लेना, गरीब के मकान को हड़प कर लेना, ये खुलेआम चल रहा है कि नहीं चल रहा है ...। चल रहा है कि नहीं चल रहा है ...। जिनके घरों पर गैर कानूनी कब्जा कर दिया है वो वापस मिलना चाहिए कि नहीं...।

भाइयों बहनों।

हम ऐसी सरकार देना चाहते हैं जो आपके हक को छीन लिया गया है, उसे हम लौटाना चाहते हैं। ...और इसलिए भाइयों बहनों। मैं उत्तर प्रदेश को कह रहा हूं। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को भारी बहुमत से विजय बनाइए।

भाइयों बहनों।

हमारी सरकार गरीब के लिए है, किसान के लिए है। मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने एक संकल्प पत्र में महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि गन्ना किसानों का पुराना जो बकाया है, वो दस-बीस दिन में चुकता कर दिया जाएगा। दूसरा उन्होंने कहा कि अब गन्ना किसानों का भुगततान 14 दिन में हो जाएगा। ये भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कहा है। ये मुश्किल काम नहीं है, ये काम हो सकता है। करने के लिए नेक इरादा होना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं। उन्होंने बहुत बड़ा महत्वपूर्ण संकल्प किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भारती जनता पार्टी की सरकार बनेगी, पहली मीटिंग में जो छोटे किसान हैं उनकी फसल का जो कर्ज है, वो कर्ज माफ कर दिया जाएगा भाइयों।

भाइयों बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश का सांसद हूं। उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत देकरके केंद्र में स्थिर सरकार बनाई है। उत्तर प्रदेश ने भारी बहुमत देकर के मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया है। यूपी का सांसद हूं और सांसद के नाते, आज मैं वादा करता हूं। भाजपा की सरकार बनेगी। 11 मार्च को नतीजे आएंगे। दो चार दिन में शपथ हो जाएगा, नई सरकार बन जाएगी। और उसकी पहली मीटिंग होगी। मैं वादा करता हूं कि उस पहली मीटिंग में ही किसानों के कर्ज माफी का निर्णय करवा दूंगा।

भाइयों बहनों।

आपको याद होगा 2014 में जब लोग लोकसभा का चुनाव चल रहा था तो उस लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी क्या वादा लेकरके आयी थी। कांग्रेस पार्टी का बड़ा अधिवेशन हुआ था। सारे देश का ध्यान उस पर अधिवेशन पर था। सबको लगता था कि आज कांग्रेस बहुत बड़ा निर्णय करेगी। ध्यान था। जब मीटिंग हुई, प्रेस कान्फ्रेन्स में क्या कहा? हमने तय किया है कि 2014 के चुनाव में यूपीए की सरकार बनेगी, कांग्रेस की सरकार बनेगी तो गैस का सिलेंडर जो 9 देने का जो निर्णय किया है, उसको बदलकर के 12 सिलेंडर देने का फैसला करेंगे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 12 सिलेंडर देंगे या 14 सिलेंडर देंगे, इस मुद्दे पर वोट मांगने आए थे। इनके सोचने की क्षमता देखो। उनके काम करने के इरादे देखो। देश की आवश्यकताओं के संबंध में उनकी समझ देखो।  हंसी आती है, मुझे उन पर हंसी आती है। 2014 के लोकसभा के चुनाव में गैस सिलेंडर 9 मिले या 12 मिले, इस मुद्दे पर वोट मांगने निकले थे।

भाइयों बहनों।

काम कैसे होता है। आपको पता है। सरकार बनने के बाद, मैंने लालकिले से देशवासियों को एक प्रार्थना की थी। एक बार इस धरती के संतान लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 की लड़ाई के समय देशवासियों को कहा था कि आप सप्ताह में एक समय खाना छोड़ दीजिए। और इस देश करोड़ों लोगों ने लाल बहादुर शास्त्री की बात मानकरके सप्ताह में एक दिन खाना छोड़ दिया था। ये देश की ताकत है।

भाइयों बहनों।

मैंने लाल किले से देश को कहा था, अगर हमारे पास पैसे हैं, आर्थिक मुसीबत नहीं है। कुछ जिम्मेदारी हम भी ले सकते हैं। तो हमारे जैसे लोग जो इसको ले सकते हैं, उन्होंने गैस सिलेंडर की सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए। अमीर से अमीर व्यक्ति भी गैस सिलेंडर का सब्सिडी लेता था हमारे देश में। मैंने कहा कि गरीब लोगों को सब्सिडी लेने की जरूरत होती है, अमीर लोग क्यों सब्सिडी इंजाय कर रहे हैं। छोड़ना चाहिए। मैंने कोई कानून नहीं बनाया, कोई डंडा नहीं चलाया, कोई नोटिस नहीं भेजी, सिर्फ प्रार्थना की थी।

भाइयों बहनों।

मैं मेरे देशवासियों को प्रणाम करता हूं। करीब-करीब सवा करोड़ लोगों ने अपने गैस सिलेंडर की सब्सिडी छोड़ दी। तब जाकरके मैंने वादा किया कि हमारी गरीब माताएं, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली माताएं, गांव में रहने वाली माताएं लकड़ी के चूल्हे से खाना पकाती है। लकड़ी के चूल्हे से खाना पकाती है और जब एक मां लकड़ी का चूल्हा जलाकर के खाना पकाती है। एक दिन में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता है, उसके शरीर में। आप हमें बताइए। अगर उस मां के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाएगा तो उसकी मां की तबीयत का क्या हाल होगा? घर में छोटे-छोटे बच्चे में खेल रहे हैं, जब मां खाना पकाती है। उस बच्चों के शरीर में भी धुआं जाता है। उन बच्चों की तबीयत का हाल क्या होगा।

भाइयों बहनों।

गरीब का दर्द क्या होता है, मैं भलीभांति जानता हूं। मेरी मां जिन्दगी भर लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती थी। अपनी आंखों से देखा है, वो कैसे गर्मी के दिनों में कठिनाई झेलते हुए कठिनाई झेलते हुए हम बच्चों को खाना खिलाती थी। वो दर्द मैंने देखा है, महसूस किया है। प्रधानमंत्री बना, वो दर्द मुझे आज भी कुछ करने के लिए प्रेरणा देता है। और मैंने निर्णय किया। आने वाले तीन साल में 5 करोड़ गरीब परिवारों के घर में, मैं गैस का चूल्हा पहुंचाउंगा, गैस का सिलेंडर पहुंचाउंगा और मुफ्त में कनेक्शन दूंगा। भाइयों बहनों। अभी मैंने ये काम की शुरुआत तो 10-11 महीने पहले की थी। लेकिन 10-11 महीने के भीतर-भीतर अब तक पौने दो करोड़ से भी ज्यादा परिवारों में गैस का सिलेंडर, गैस का कनेक्शन पुहंच गया। लकड़ी का चूल्हा जलना बंद हो गया। धुएं से उस मां को मुक्ति मिल गयी।

भाइयों बहनों।

काम इसको कहते हैं। वो मां के आशीर्वाद बोलते हैं। जिन्होंने जिंदगी में कभी सोचा नहीं होगा कि उसके घर में कभी गैस का सिलेंडर का होगा। उसने तो यही सोचा होगा कि गैस सिलेंडर तो बड़े-बड़े अमीर लोगों के घरों में हो सकता है, जिसके घर में गाड़ी हो, उसी के घर में हो सकता है, जिसके घर में अलग रसोई घर हो, उसी के घर में हो सकता है। भाइयों बहनों। हमने दिखा दिया। हमने दिखा दिया कि गरीब की झोपड़ी में भी गैस के चूल्हे का हक बन सकता है और ये काम हमारी सरकार कर रही है।

भाइयों बहनों।

हमारे देश के किसान फर्टिलाइजर खरीदता है, फर्टिलाइजर। क्या हाल है फर्टिलाइजर का। इस देश में कभी भी फर्टिलाइजर के दाम कम नहीं होते थे। पहली बार हम आए। हमने तय किया कि हम किसानों को यूरिया ठीक से पहुंचे, इसकी चिंता करेंगे। आज स्थिति ये है कि हमने ...। एक जमाना था यूरिया पाने के लिए, कतार में खड़ा रहना पड़ता था, पुलिस की लाठी खानी पड़ती थी या तो यूरिया काले बाजार से लेना पड़ता था, ब्लैक मार्केट में लेना पड़ता था। भाइयों बहनों हमने यूरिया का नीम कोटिंग किया। यूरिया की चोरी बंद हो गई। यूरिया जितना होता है अब किसान के पास जाता है। क्योंकि हमने वो व्यवस्था की है। कोई यूरिया खेती के सिवा कहीं काम नहीं आ सकता है। भाइयों बहनों। आज देश में यूरिया के लिए कोई मांग नहीं रहती है। समय पर यूरिया मिल जाता है और इतना ही नहीं नीम कोटिंग के कारण यूरिया से उत्पादन भी बढ़ने लगा है।

भाइयों बहनों।

जब चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। एक बार, आजादी के बाद इतने सालों में एक बार। चौधरी चरण सिंह के जमाने में फर्टिलाइजर के, खाद के दाम कम हुए थे। उसके बाद, पहली बार दिल्ली में ऐसी सरकार बनी है जिसने खाद के अंदर ...। भाइयों बहनों। हमने दाम कम किए। डीएपी हो, एमओपी, मिश्रित एनपीके हो, तीनों में दाम कम किए। और उसके कारण किसानों को 5 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये का फायदा हुआ।

भाइयों बहनों।

काम कैसे होता है। आपको जानकरके खुशी होगी। हमने एक काम किया, एलईडी बल्ब लगाने का। अब एलईडी बल्ब। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एलईडी बल्ब पैदा नहीं हुआ है। ...और न ही एलईडी बल्ब का संशोधन नरेंद्र मोदी ने किया है। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार थी तब एलईडी बल्ब बिकता था तीन सौ, चार सौ रुपए में। हम आए। हमने कहा जरा बताओ। क्या मामला है। जांच पड़ताल की। हमने देखा कि एलईडी के नाम पर मुनाफा कमा रहे हैं, लूट रहे हैं, पैसे बढ़ा रहे हैं ये लोगों के साथ अन्याय है। हमने हिसाब किताब लगाया। आज एलईडी का बल्ब 70-80 रुपये में मिलता है। पिछले एक साल से मैं इस पर काम कर रहा हूं। एक साल में करीब-करीब हिन्दुस्तान में 20 करोड़ एलईडी बल्ब बिक चुके हैं। 20 करोड़ एलईडी बल्ब बेच चुके हैं। एलईडी बल्ब बेचने का परिणाम यह हुआ है कि एक तो इस बल्ब का आयु ज्यादा होता है। दूसरा इन एलईडी बल्ब के कारण, देश में जो बिजली का उपयोग करने वाले छोटे-छोटे परिवार हैं, उनके घरों के 11 हजार करोड़ की बचत होती है। ये 11 हजार करोड़ रुपए आपकी जेब से जाता था। उसको बचाकरके आपके पास रखा है। और एलईडी बल्ब के कारण जिस घर में ढाई सौ, तीन सौ, चार सौ रुपये खर्चा कम हुआ। वो अब, अपने बच्चों को दूध ले पा रहा है, अपने बच्चों को दूध पिला रहा है।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश का नौजवान उसको अपने जनपद में रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...। आप कितने भी होनहार हो, कितने भी काबिल हो, आज उत्तर प्रदेश में नौकरी मिलने की गारंटी है क्या ...। उत्तर प्रदेश में सिफारिश के बिना नौकरी मिल सकती है क्या ...। जान पहचान के बिना नौकरी मिल सकती है क्या ...। नकद नारायण के बिना नौकरी मिल सकती है क्या ...। पैसे दिए बगैर नौकरी मिल सकती है क्या ...। ये पाप बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए भाइयों ...। होना चाहिए कि नहीं चाहिए ...। देश के युवाओं को अगर नौकरी नहीं मिलेगी तो 3 महीना, 6 महीना इंतजार करेगा। ...लेकिन खुद का हक होने के बजाय किसी ओर को भ्रष्टाचार के कारण नौकरी मिल जाती है तो वो उसको सहन नहीं होता है।

इसलिए भाइयों बहनों।

सबका साथ सबका विकास, हर किसी को न्याय होना चाहिए। हमने उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस के चूल्हे दिए। हमने ये नहीं पूछा कि भाई मोदी बनारस का एमपी है तो बनारस वालों को ही मिलेगा। जी नहीं। उत्तर प्रदेश के हर कोने में समान रूप से मिलेगा। हमने ये नहीं कहा कि ये सिर्फ हिन्दू को मिलेगा, मुसलमान को नहीं मिलेगा। जिसका भी आता है नंबर, लाइन में सबको मिलेगा। हमने ये नहीं कहा कि ये जाति को मिलेगा, वो जाति को नहीं मिलेगा। गांव में जो सूची है, सूची के अनुसार बारी-बारी से आने वाले दिनों में हर किसी का हक पूरा कर दिया जाएगा।

भाइयों बहनों।

मेरा पराया नहीं चलता। सरकार को ये करने का हक नहीं है। उत्तर प्रदेश में भेदभाव-सबसे बड़ा संकट है। अन्याय की जड़ों में भेदभाव है। आप मुझे बताइए। भेदभाव है कि नहीं है ...? भेदभाव है कि नहीं है ...? मैं हैरान हूं साहब। दलित को पूछो तो कहता है तो कहता है मुझे हक का नहीं दे रहे हैं, ओबीसी वाले ले जाते हैं। ओबीसी वालों को पूछो तो बोले मेरे हक का नहीं देते, सिर्फ यादव को दे देते हैं। यादव को पूछो तो कहता है कि उनके परिवार से जुड़े हैं, उनको ही मिलता है, बाकी सब मुसलमानों को चला जाता है, यादव को भी नहीं मिलता है। हर कोई शिकायत कर रहा है। भाइयों बहनों। ये भेदभाव नहीं चल सकता है। जिसका भी हक है। किसी भी माता की कोख से पैदा हुआ है, हर किसी को उसके हक का मिलना चाहिए। ये सबका साथ सबका विकास होता है। भारतीय जनता पार्टी उस पर चलती है।

भाइयों बहनों।

गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो गांव में श्मशान भी बनना चाहिए। अगर रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली में भी मिलनी चाहिए। अगर होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलना चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है, भेदभाव मुक्त शासन चलाना चाहिए। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। धर्म के आधार पर तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए, जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ऊंच-नीच के आधार पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। सबका साथ सबका विकास, यही मंत्र को आगे बढ़ाकरके यही मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूं।

भाइयों बहनों।

मैं देशवासियों के सामने कुछ छिपाना पसंद नहीं करता। मैं अपनी मुसीबतें भी बता देता हूं देशवासियों को। निर्णय आपको करना है। क्योंकि आप ही मेरे मालिक हो, आप ही मेरे हाईकमान हो। मैं अपने मालिक को नहीं बताउंगा तो किसको बताउंगा। अपने हाईकमान को नहीं बताउंगा तो किसको बताउंगा।

और इसलिए भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइए। अगर मैं दवाइयों की कीमत कम करूंगा तो दवा बेचने वाले मुझसे नाराज होंगे कि नहीं होंगे। जरा पूरी ताकत से बताइए। नाराज होंगे कि नहीं होंगे। मैंने दवाइयों की कीमत कम कर दी है। जो दवाई 3000 रुपये में कैंसर की मिलती थी वो मैने 70-80 रुपये में लाकर रख दी। जो दवाई 70-80 रुपये में मिलती थी, 7 से 8 रुपये में लाकर रख दी। ये दवाई में मुनाफा कमाने वाले मुझपे गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे ...। करेंगे कि नहीं करेंगे ...। मुझसे नाराज होंगे कि नहीं होंगे ...। मेरा बुरा करने के लिए कुछ तरकीब करेंगे कि नहीं करेंगे ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...।

भाइयों बहनों।

यूरिया की चोरी करते थे, चोरी बंद करवा दिया। नीम कोटिंग कर दिया। उनका सारा मुनाफा खड्ढे में गया, उनका कारखाना बंद हो गया। वो गुस्सा हो गए, वो नाराज हो गये। ये लोग छोटे-छोटे लोग नहीं हैं, बड़े-बड़े लोग हैं। बड़े ताकत वाले हैं। वे जो चाहें वो करवा सकते हैं। वो चाहें तो अखबार भी खरीद सकते हैं, टीवी चैनल भी खरीद सकते हैं। वो चाहें तो मेरे खिलाफ कुछ भी कर सकते हैं। ये सब मैंने किया है ये किसके लिए किया है ...। इन लोगों को नाराज किसके लिए किया है। इन लोगों का गुस्सा मैंने किसके लिए मोल लिया है ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...। मेरी रक्षा कौन करेगा ...।

भाइयों बहनों।

8 नवंबर को रात 8 बजे, जब मैंने कहा मेरे प्यारे देशवासियों। ऐसा करंट लगा, ऐसा करंट लगा कि कुछ लोगों को अब तक होश नहीं आया है। हजार की नोट गई। पांच सौ की नोट गई। भाइयों बहनों। 70 साल से जिन लोगों ने लूट-लूटके खाया था। अब उनका रुपया बाहर निकल रहा है तो गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे। पाई-पाई बैंकों में जमा करने को मजबूर हो गये, तो सर पटकेंगे कि नहीं पटकेंगे ...। मोदी से बदला लेंगे कि नहीं लेंगे ...। मोदी का नुकसान करने के लिए षड्यंत्र करेंगे कि नहीं करेंगे ...। भाइयों बहनों। ये काम मैंने किसके लिए किया है। ये काम मैंने किसके लिए किया है।

भाइयों बहनों।

इस देश के गरीब को हक दिलाने के लिए किया है। इस देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए किया है। देश के नौजवानों को उनका भविष्य बदलने के लिए पैसा काम आए, उसके लिए मैंने हिम्मत की है। और इसलिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए भाइयों बहनों। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। कालेधन के खिलाफ लड़ना है। 70 साल से लूटा है, वो मुझे देश को लौटाना है। जिन्होंने लूटा है, वो उनको लौटाना पड़ेगा। आप मुझे बताइए भाइयों बहनों। जिन्होंने लूट लूटके खाया है, वो गरीबों को लौटाना चाहिए कि नहीं लौटाना चाहिए ...। गरीबों को लौटाना चाहिए कि नहीं लौटाना चाहिए ...। ये पैसा गरीब के हक है कि नहीं है ...।

और भाइयों बहनों।

कभी-कभी ऐसी हवा बना दी जाती है कि चोरी व्यापारी करते हैं। ये सही नहीं है। ये सही नहीं है। व्यापारी तो ज्यादा से ज्यादा क्या करता होगा। 15 का माल 20 में, 20 का माल 22 में बेचता होगा। कभी उसको सरकार को देना होगा 100 रुपया, 80 रुपया देना होगा। मुसीबत की जड़ वो नहीं है। मुसीबत की जड़ तो जो पद पर बैठे हैं। पदों पर बैठकरके लूटने हैं। ये मुसीबत की जड़ है। बाबू। बड़े-बड़े बाबू, ये काम करना है, इतना देना पड़ेगा, ये काम करना है, इतना देना पड़ेगा। तेरे बेटे को नौकरी चाहिए, इतना देना पड़ेगा। नेता लोग, हर कोई कहता है नेता चोरी करता है। ये बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...।

इसलिए भाइयों बहनों।

मेरी लड़ाई इन बड़े-बड़े लोगों से है। छोटे-छोटे व्यापारियों से मुझे कोई परेशानी नहीं है। अरे वो ईमानदारी से जीना चाहते हैं। अगर ईमानदार अफसर होगा, तो ईमानदारी से काम करने को तैयार है। और इसलिए भाइयों बहनों। इस देश में ये लड़ाई मुश्किल है लेकिन मैंने ये मैंने उठाई है। ये इसलिए उठाई है क्योंकि मुझे सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद है। 8 नवंबर की रात 8 बजे का निर्णय, देश के कुछ लोगों को मेरा निर्णय गले नहीं उतरा है। अभी भी वो झूठ फैला रहे हैं। लेकिन देश की जनता भ्रमित नहीं हुई है, उसके गले बराबर उतर गया है कि मैंने कैसी सफाई अभियान चलाया है। उसको बराबर समझ आ गया है। चंडीगढ़ में चुनाव हुआ। भारी बहुमत से 20 साल बाद बीजेपी जीत गयी। महाराष्ट्र में पंचायतों का चुनाव हुआ, भारी बहुमत से जीत गए।

कर्नाटक में चुनाव हुआ, वहां भी जीत गए। गुजरात में पंचायत नगर पालिका का चुनाव हुआ, भारी बहुमत से जीत गए। अभी ओडिशा में चुनाव चल रहा है। ओडिशा में हमारी स्थिति एक-दो पर्सेंट से ज्यादा नहीं थी। आज हम ओडिशा में सत्ताधारी दल के साथ बराबरी का मुकाबला कर रहे हैं। लोग हमें जीता रहे हैं। और मैं उत्तर प्रदेश में भी देख रहा हूं। ईमानदारी की लड़ाई का चुनाव है। जो ईमानदारी के साथ चलना चाहते हैं, आइए भारतीय जनता पार्टी को वोट दीजिए। बेईमानों को निकालना चाहते हैं, आइए भारतीय जनता पार्टी को वोट दीजिए।

भाइयों बहनों।

भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजयी बनाएं। मतदान अवश्य करें। कमल का बटन दबाएं। आपकी अंगुली, उसकी इतनी इतनी ताकत है कि वो उत्तर प्रदेश का भाग्य बदल देगी, आपकी जीवन को सुरक्षा देगी। इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM chairs First meeting of Governing Body of Anusandhan National Research Foundation
September 10, 2024
The scientific community of the country should have faith that there will be no dearth of resources for their endeavours: PM
PM stresses on the need to identify and remove obstacles in the research ecosystem
Focus on Localised solution to Global problems: PM
PM suggests development of a dashboard for easier tracking of information related to research and development
PM stresses on the need for Scientific monitoring of utilisation of resources for Research and Innovation
A programme in hub and spoke mode by pairing universities where research is at nascent stage with top tier established institutions in mentorship mode to be launched
Researchers to be empowered with flexible and transparent funding mechanism towards achieving Ease of Doing Research
ANRF to launch programmes on solution-focussed research in mission mode in select priority areas
ANRF strategies to align with the goals of Viksit Bharat 2047 and follow global best practices adopted by R&D agencies
Centres of Excellence to be set up to support interdisciplinary research in humanities and social sciences

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the first meeting of the Governing Board of Anusandhan National Research Foundation at his residence at 7, Lok Kalyan Marg earlier today. The meeting focussed on discussion about India’s Science and Technology landscape and redesigning of research and development programmes.

During the meeting, Prime Minister said that today a new beginning has been made with the first meeting of the Governing Body of Anusandhan National Research Foundation. Prime Minister stressed on the need to identify and remove obstacles in the research ecosystem of the country. He talked about setting big targets, focusing on attaining them and doing path breaking research. He said that research should focus on finding new solutions to existing problems. He emphasised that problems might be global in nature but their solutions must be localised in accordance with Indian needs.

Prime Minister discussed the need for upgradation and standardisation of institutions. He suggested preparing a list of domain experts on the basis of their expertise. He also talked about developing a dashboard where information related to research and development happening in the country can be easily tracked.

Prime Minister stressed upon the need for Scientific monitoring of utilisation of resources for research and innovation. Saying that this is an ambitious beginning, he said the scientific community of the country should have faith that there will be no dearth of resources for their endeavours. Discussing the positive impacts of Atal Tinkering Labs, Prime Minister suggested that grading of these labs can be done. He also discussed research in various areas like looking for new solutions to the environment change, battery ingredients for EVs, lab grown diamonds, among others.

During the meeting, the Governing Body decided to launch a programme in hub and spoke mode by pairing universities where research is at nascent stage with top tier established institutions in mentorship mode.

Governing Body also discussed several areas of strategic interventions of ANRF which include global positioning of India in key sectors, aligning R&D with national priorities, promoting inclusive growth, capacity building, driving scientific advances and innovation ecosystem, as well as bridging the gap between academic research and industrial applications through industry-aligned translational research.

The ANRF will launch programmes on solution-focussed research in mission mode in select priority areas like Electric Vehicle (EV) mobility, Advanced Materials, Solar Cells, Smart Infrastructure, Health & Medical Technology, Sustainable Agriculture and Photonics. The Governing Body observed that these efforts would impactfuly supplement our march towards Aatmanirbhar Bharat.

While underscoring the translational research with active participation from the industry, the Governing Body also emphasized on promoting fundamental research for advancement of knowledge. It was decided to set up Centers of Excellence to support interdisciplinary research in humanities and social sciences. It was also agreed that there was a need to empower our researchers with flexible and transparent funding mechanism towards achieving ease of doing research.

The Governing Body also directed that the ANRF strategies should align with the goals of Viksit Bharat 2047 and implementation should follow global best practices adopted by research and development agencies across the world.

The meeting was attended by Shri Dharmendra Pradhan, Union Minister of Education as the Vice-President of Governing Body, Principal Scientific Adviser to the Government of India as Member Secretary, Member (Science), NITI Aayog and Secretary, Department of Science & Technology, Department of Biotechnology, Department of Scientific & Industrial Research and Department of Higher Education as its ex-officio members. Other prominent participants included Prof. Manjul Bhargava (Princeton University, USA), Dr. Romesh T Wadhwani (Symphony Technology Group, USA), Prof. Subra Suresh (Brown University, USA), Dr. Raghuvendra Tanwar (Indian Council of Historical Research), Prof. Jayaram N. Chengalur (Tata Institute of Fundamental Research) and Prof. G Rangarajan (Indian Institute of Science).

About Anusandhan National Research Foundation

Anusandhan National Research Foundation (ANRF) has been established to promote research and development and foster a culture of research and innovation throughout India’s Universities, Colleges, Research Institutions, and R&D laboratories. ANRF acts as an apex body to provide high-level strategic direction of scientific research in the country as per recommendations of the National Education Policy. ANRF forges collaborations among the industry, academia, and government departments and research institutions.