The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, today gave its approval for the institutional framework for the National Skill Development Mission in keeping with the commitment made during the Budget Speech for 2015-16.
The National Skill Development Mission will provide a strong institutional framework at the Centre and States for implementation of skilling activities in the country.
The Mission will have a three-tiered, high powered decision making structure. At its apex, the Mission’s Governing Council, chaired by the Prime Minister, will provide overall guidance and policy direction. The Steering Committee, chaired by Minister in Charge of Skill Development, will review the Mission’s activities in line with the direction set by the Governing Council. The Mission Directorate, with Secretary, Skill Development as Mission Director, will ensure implementation, coordination and convergence of skilling activities across Central Ministries/Departments and State Governments. The Mission will also run select sub-missions in high priority areas. Further, the National Skill Development Agency (NSDA), the National Skill Development Corporation (NSDC) and the Directorate of Training will function under the overall guidance of the Mission. The Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) provides a natural home for the Mission, organically linking all three decision making levels and facilitating linkages to all Central Ministries/Departments and State Governments.
Background:
“Today the world focuses on trade in goods but in future the core issue will be how to get skilled people. We need to work in this direction” – Prime Minister of India, Shri Narendra Modi, July 2014.
The majority of India’s vast population is of working age. Urgent and effective action to Skill India is needed to capture the demographic potential of India’s youth. Based on data from the 68th Round of NSSO, it is estimated that only 4.69 percent of India’s total workforce has undergone formal skill training, compared with 52 percent in the USA, 68 percent in the UK, 75 percent in Germany, 80 percent in Japan and 96 percent in South Korea.
Despite efforts to hasten and scale up skilling through the creation of the National Skill Development Fund (NSDF) in 2009, the launch of the NSDC in the same year, and creation of the NSDA in 2013, progress to date has been sporadic.
India continues to face a skilling challenge of vast proportions. Based on the Census 2011 and NSSO (68th Round) data, it is estimated that 104 million fresh entrants to the workforce will require skill training by 2022, and 298 million of the existing workforce will require additional skill training over the same time period.
Acknowledging the formidable scale of this challenge, the government has notified the creation of the first dedicated Department of Skill Development and Entrepreneurship on 31st July, 2014, which became a full-fledged Ministry on 9th Nov, 2014, with NSDA, NSDC and NSDF under its purview. Further, the Training and Apprenticeship verticals, comprising of the entire network of Industrial Training Institutes (ITIs) and Apprenticeship Training schemes, were transferred from the Ministry of Labour and Employment to Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) on 16th April, 2015. These changes have paved the way for a new skilling ecosystem, with closer coordination across the public and private sectors.
भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
सूर्य देव के इ पावन भूमि के हम नमन करीत ही! उम्गेश्वरी माता एवं देवकुंड के इ वैभवशाली भूमि पर अपने सब के अभिनन्दन करीत ही !
साथियों,
औरंगाबाद, तप-त्याग और बलिदान की भूमि है। इस मिट्टी ने अनुग्रह बाबू और जगतपति जगदेव जी के रूप में महान स्वतंत्रता सेनानी दिए। औरंगाबाद हो या गयाजी हो...ये पक्के इरादे वाली धरती है। दशरथ मांझी जी...इसी का प्रतीक रहे हैं। मैं इस क्षेत्र की सभी महान विभूतियों को नमन करता हूं।

साथियों,
कल ही बिहार ने पहले चरण का मतदान किया है। और वाकई बिहार के लोगों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बिहार के इतिहास का अब तक का सबसे अधिक मतदान हुआ है। और इसमें हमारी माताएं-बहने सुबह से ही कतार लगा के खड़ी हो गई और उन्होंने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पहले चरण में करीब पैंसठ परसेंट वोटिंग हुई है...ये दिखाता है कि NDA सरकार की वापसी का मोर्चा...खुद बिहार की जनता ने संभाला हुआ है। बिहार के नौजवानों ने संभाला है, बिहार की माताओं बहनों ने संभाला है, बिहार के किसान भाइयों ने संभाला है। साथियों, पहले चरण के मतदान से ये स्पष्ट है... बिहार के लोग अब किसी भी कीमत पर जंगलराज को लौटने देना नहीं चाहते। बिहार का नौजवान...RJD के झूठे वादों पर नहीं...NDA के ईमानदार इरादों पर वोट दे रहा है। आरजेडी ने झूठे वादों का भ्रम फैलाने की भरसक कोशिश की...इनके वादों पर तो खुद कांग्रेस को ही भरोसा नहीं है... इसलिए वो RJD के घोषणापत्र की बात ही नहीं करती। बिहार के लोगों ने...बिहार के नौजवानों ने भी...RJD के झूठ के पिटारे को खारिज कर दिया है।
साथियों,
बिहार का मतदाता...नरेंद्र-नीतीश के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा कर रहा है...हमारे पक्के इरादों को समर्थन दे रहा है। पहले चरण के मतदान से ये तय है...फिर एक बार...NDA सरकार! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार...बिहार में फिर से...सुशासन सरकार!
साथियों,
मुझे बिहार के सामर्थ्य पर भरोसा है। बिहार के पास मां गंगा का आशीर्वाद है...यहां इतनी ऊपजाऊ भूमि है,यहां इतने परिश्रमी लोग हैं... बिहार को समृद्ध बनाने का संकल्प सच हो सकता है।
साथियों,
आप याद रखिए... आपने जब यहां नीतीश जी को अवसर दिया...तो उनके कार्यकाल के पहले नौ साल दिल्ली में RJD-कांग्रेस की सरकार थी। तब इन लोगों ने मिलकर दिल्ली में बैठे-बैठे दिन-रात एक ही काम किया बिहार से बदला लेना। और वो लगातार बिहार के विकास में रोड़े अटकाते रहते थे। नीतीश जी को काम नहीं करने देते थे। बिहार का एक काम होने नहीं देते थे। 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया...जब पहली बार बिहार में डबल इंजन की सरकार बनी। हमारी डबल इंजन की सरकार ने बिहार के विकास के लिए तीन गुना ज्यादा पैसा दिया...आज बिहार के हर इलाके में...सड़कें बन रही हैं...लंबे-लंबे पुल बन रहे हैं...रेलवे के ट्रैक बन रहे हैं... नए अस्पताल और नए कॉलेज बन रहे हैं।

साथिय़ों,
अब NDA की डबल इंजन सरकार ने बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए नए संकल्प लिए हैं। हमने अपने घोषणापत्र में बताया है कि इन संकल्पों को सिद्धि का रास्ता क्या है। हम इसे कैसे करेंगे ये भी बताया है। अपनी घोषणाओं को हम कैसे पूरा करने वाले हैं।
साथियों,
NDA के पास हर क्षेत्र से और उसकी आवश्यकता के अनुसार वहां के लोगों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग योजना है। कहीं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग पर बल दिया जा रहा है। कहीं टूरिज्म का विकास हो रहा है। कहीं टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों का विस्तार करने वाले हैं। कहीं मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यानि जहां जैसा सामर्थ्य है, वहां वैसी ही इंडस्ट्री लगाई जा रही है। जैसे मगध का हमारा ये क्षेत्र है...यहां हज़ारों एकड़ इलाके में उद्योगों का खाका खींचा गया है। इसके लिए बिजली, सड़क, रेल का नेटवर्क, तेज़ी से बनाया जा रहा है। गया जी में बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है। इसका फायदा...इस पूरे क्षेत्र को होगा।
साथियों,
मोदी और नीतीश जी का ट्रैक रिकॉर्ड सबके सामने है। अब आप याद कीजिए, जब मैं कहता हूं ये करने वाला हूं तो मैं उसे करके ही रहता हूं। मैं आपको याद दिलाता हूं, बिहार के मेरे भाई-बहन मोदी ने कहा था, मोदी ने कहा था- राम मंदिर बनेगा...आप मुझे बताइए, मंदिर बना की नहीं बना? मंदिर बना की नहीं बना? डंके की चोट पर बना कि नहीं बना। 500 साल का अधूरा काम पूरा किया कि नहीं किया। मोदी ने देश को वादा किया था और मैंने कहा था आर्टिकल 370 की दीवार गिरेगी...आप मुझे बताइए.. 370 हटा कि नहीं हटा? और मोदी ने बिहार की इसी धरती से पहलगाम हमले का बदला लेने की बात भी कही थी... और फिर आपने ऑपरेशन सिंदूर में तबाह होते पाकिस्तान को भी देखा है… मैंने बिहार की धरती से जो कहा था वो किया कि नहीं किया?

साथियों,
मोदी ने वन रैंक वन पेंशन,हमारे देश की रक्षा करने वालों, हमारे देश के वीर जवानों, हमारे फौजियों को वादा किया था, हम वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे। आज 7 नवंबर को ही वन रैंक वन पेंशन लागू हुए 11 वर्ष हो रहे हैं,.. 11 वर्ष। हमारे सैनिक परिवार...चार दशकों से OROP की मांग कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस हर बार उनसे झूठ बोलती रही। कांग्रेस ने पांच सौ करोड़ रुपए दिखाकर कहा था कि लो OROP लागू हो गया। और इसके बाद भी उसने पूर्व फौजियों से किया वायदा कभी नहीं निभाया। आप मुझे बताइए अपने फौज के जवानों के किया वादा कोई धोखा कर सकता है क्या?. धोखा करना चाहिए क्या? अगर वे ऐसा धोखा करते हैं तो वो कितने निकम्मे लोग हैं। वो आप जानते हैं कि नहीं जानते हैं? मैंने अपने सैनिक भाइयों को OROP लागू करने की गारंटी दी थी। आप मुझे बताइए, ये गारंटी मैंने पूरी कि नहीं की। ये गारंटी मैंने पूरी कि नहीं की? और साथियों ये ऐसे ही गारंटी पूरी नहीं हुई है। आप जानते हैं इन 11 सालों में हमारे जो फौजी भाई-बहन हैं, जो निवृत्त फौजी भाई-बहन हैं, उनके परिवारों को कितना पैसा मिला है, आप अंदाजा कर सकते हैं। अब तक OROP लागू करने के कारण एक लाख करोड़.. कितना? कितना? कितना? ये आरजेडी वालों को एक लाख करोड़ रुपए कैसे लिखना, एक के पीछे कितने बिंदू लगेंगे, उनको इतना भी समझ नहीं आएगा। एक लाख करोड़ रुपया देश के खजाने से फौजियों के खाते में गए हैं। बताइए...कांग्रेस-आरजेडी वाले ये लोग 500 करोड़ का झूठ बोल रहे थे। यही इनकी सच्चाई है...इनकी राजनीति झूठ पर ही टिकी हुई है।
इसलिए साथियों,
जब हम कहते हैं कि बिहार में एक करोड़ नए रोजगार देंगे...तो देश के बिहार के नौजवानों को हमारी बात पर भरोसा होता है। बीते कुछ सालों में ही बिहार में लाखों भर्तियां हुई हैं...पूरी ईमानदारी से भर्तियां हुई हैं। जबकि साथियों, आपके सामने RJD-कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड भी है...ये वो लोग हैं... जो बिहार के युवाओं से नौकरी के बदले जमीन लिखवा लेते हैं… आपको नौकरी चाहिए तो आपके खेत मेरे परिवारवालों के नाम कर दो, ये खेल चला अदालत ने भी माना और आज ये जमानत पर बैठे हुए हैं। जांच एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं..ये जंगलराज वाले जमानत पर चल रहे हैं...ये आरजेडी-कांग्रेस वाले बिहार के युवाओं को कभी भी नौकरी नहीं दे सकते।
साथियों,
आप औरंगाबाद के लोग तो नक्सलवाद...माओवादी आतंक से भी पीड़ित रहे हैं। वो दिन भुलाए नहीं भूलते...जब अंधेरा होने से पहले ही यहां सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। यहां से आने-जाने वाली बसों को सुरक्षित चलने के लिए नक्सलियों को रंगदारी देनी होती थी। स्कूटर-मोटरसाइकिल से तो आने-जाने की कोई सोच भी नहीं पाता था। इस क्षेत्र की चर्चा...देश और दुनिया में नरसंहारों के लिए होती थी।

साथियों,
जैसे ही जंगलराज की सरकार गई...नीतीश जी के नेतृत्व में आप सुशासन लाए... तो नरसंहार की घटनाएं बंद हो गईं। जब आपने दिल्ली में मोदी को बिठाया...तो मैंने तय किया... कि नक्सलवाद..माओवादी आतंक की कमर तोड़कर करके रहूंगा। हमने नक्सलवाद, माओवादी आतंक के खिलाफ कार्रवाई की। आज बिहार...माओवादी आतंक के डर से मुक्त हो रहा है। माओवादी आतंक अब समाप्ति के कगार पर है। और य़े इसलिए हुआ है...क्योंकि बिहार में डबल इंजन की सरकार है।
साथियों,
जंगलराज और सुशासन राज में क्या अंतर आया है...ये हमने कल मतदान वाले दिन भी देखा है। कल बिहार के हर गरीब..दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े सबने, बिना किसी रोकटोक के वोट डाला। जबकि हमने जंगलराज का वो दौर भी देखा है। जब बूथ लूटे जाते थे...मतदान के दिन...गोलियां चलती थीं, बम फटते थे। खून की नदियां बहाई जाती थीं...गरीबों, दलितों, पिछड़ों की आवाज़ कुचल दी जाती थी।
साथियों,
जंगलराज के गुर्गे...साजिश तो अभी भी बहुत कर रहे हैं...लेकिन मैं चुनाव आयोग की प्रशंसा करूंगा। मैं चुनाव आयोग को बधाई दूंगा कि प्रथम चरण के चुनाव इतने अच्छे तरीके से संपन्न कराए हैं। और मुझे कुछ लोगों ने बताया कि कल जो मतदान का लोकतंत्र का उत्सव चल रहा था । बहुत सारे विदेश के लोग ये हमारे चुनाव देखने के लिए आए थे। हमारा मतदान देखने के लिए आए थे, मतदाताओं के उत्साह उमंग देख करके वो भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे थे।
साथियों,
आपको एक बात हमेशा याद रखनी है। जंगलराज वालों के पास हर वो चीज़ है, जो निवेश और नौकरी के लिए खतरा हैं। ये जंगलराज वालों का खतरा है। ये अभी से बच्चों तक को रंगदार बनाने की बातें कर रहे हैं। खुलेआम कर रहे हैं। ये लोग खुली घोषणा कर रहे हैं...कि भइया की सरकार आएगी तो...कट्टा, दु-नाली, फिरौती, रंगदारी, यही सब चलेगा। और इसलिए आपको इन लोगों से बहुत सतर्क रहना है। बिहार को कट्टा सरकार नहीं चाहिए...बिहार को कुशासन सरकार नहीं चाहिए…

साथियों,
बिहार को भाजपा-NDA पर भरोसा है। क्योंकि NDA ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला। अब बिहार को विश्वास है...कि NDA ही बिहार को विकसित बना करके ही रहेगी। इसलिए बिहार...NDA के ईमानदार संकल्प पत्र पर विश्वास करता है। बिहार की बहनें-बेटियां सब देख रही हैं।
((साथियों ये उमंग और उत्साह यहां पंडाल से भी ज्यादा लोग बाहर हैं.. चारो तरफ जो मैं उत्साह उमंग देख रहा हूं माताओं-बहनों में जो उत्साह देख रहा हूं मैं बिहार का उज्जवल भविष्य देख रहा हूं।))
साथियों
ये एनडीए ही है जिसने पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया...ये NDA ही है...NDA ने सरकारी नौकरी में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया.ये NDA ही है...जिसने विधानसभा और लोकसभा में भी महिलाओं को आरक्षण दिया.. और ये NDA ही है...जो बहनों-बेटियों को स्व-रोजगार के अवसर दे रहा है। लखपति दीदी का अभियान चल रहा है।
साथियो,
ये लोग जो संविधान दिखाने वाले लोग हैं न, उन्हें समान्य समाज के गरीबों की कभी याद नहीं आई। ये मोदी है जिसने सामान्य समाज के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे करके उनकी जिंदगी बदलने का काम किया है। हम सिर्फ घोषणाएं नहीं करते...काम करते हैं। जैसे मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना है..बिहार की एक करोड़ 40 लाख बहनों के खाते में...दस-दस हज़ार रुपए पहुंच चुके हैं। इस पैसे से किसी ने सिलाई मशीन खरीदी...किसी ने कुछ सामान बेचना शुरू किया...हमने जो कहा वो करके दिखाया... इसलिए बहनों को भरोसा है कि...NDA ही उनको जीवन के हर कदम पर आगे भी मदद करेगी।

साथियों,
अभी हमारे सम्राट जी लालटेन वाले की झूठ की बात कह रहे थे मैं आपको 2019 की बात याद दिलाता हूं। 2019 में जनवरी फरवरी महीने में हमने पीएंम किसान सम्मान योजना शुरू की और किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपया भेजना शुरू किया तो बिहार झारखंड और बंगाल जैसे राज्यों में ये पराजय के कारण भयभीत लोग झूठ फैलाने में लगे किसानों को जाके कहने लगे देखिए ये मोदी जी ने जो पैसा भेजा है ना वो आपसे सूद समेत वापस लेने वाला है। डरा रहे थे और झारखंड के एक इलाके में तो लोगों ने पैसा जमा करने से मना कर दिया इतना झूठ चलाते थे आज उस बात को 2019 से 2025 आ गया आज भी किसानों को पैसे देने का काम जारी है। मोदी जो कहता है ना वो काम पूरा करता है।
साथियों,
मोदी वंचितों को वरीयता देता है...पिछड़ों को प्राथमिकता देता है। आप देखिए...बिहार में साठ लाख गरीबों को पक्के आवास मिले हैं। 60 लाख ये पक्के घर...हमारे गरीब परिवारों को, हमारे दलित परिवारों को, हमारे माहदलित परिवारों को मेरे पिछड़े परिवारों को, मेरे अतिपिछड़े परिवारों के टोलों में बनाए गए हैं। उनको एक नई जिंदगी देने का काम किया। घर-घर बिजली, नल, शौचालय, मुफ्त गैस कनेक्शन...ये सबकुछ पहुंच रहा है। इसका फायदा भी वंचितों को ही सबसे ज्यादा हुआ है। मुफ्त अनाज हो या मुफ्त इलाज...इससे गरीब का, वंचित का फायदा हो रहा है।
साथियों,
कांग्रेस ने छोटे किसानों को कभी पूछा तक नहीं। ये मोदी है जो छोटे किसानों की चिंता करता है। हमारी सरकार किसानों के खाते में छह-छह हज़ार रुपए जमा कराती है। और अब तो बिहार एनडीए ने घोषणा की है...जब फिर से यहां NDA सरकार बनेगी, तो तीन हज़ार रुपए बिहार के किसानों को अतिरिक्त दिए जाएंगे। यानि डबल इंजन सरकार...बिहार के किसानों को नौ हज़ार रुपए देगी।

साथियों,
कांग्रेस और RJD ने...आप किसानों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाया था। आप याद कीजिए...उत्तर कोयल बांध परियोजना की चर्चा कबसे चल रही थी... इस क्षेत्र के किसानों ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी। इस बांध के निर्माण का काम पूरा हो...इसके लिए हमने अतिरिक्त पैसा दिया और अब बांध का काम तेजी से चल रहा है। और मुझे मालूम है ये सुशील जी जब सांसद के रूप में काम को लेकर के दिन-रात मेहनत करते थे।
साथियों,
लालटेन वालों ने खेत को सिंचाई के लिए तरसाया...और बिहार को अंधेरे में रखा। हमारी सरकार बिजली कारखाने लगा रही है। कुछ महीने पहले ही...मुझे नबीनगर कारखाने के अगले चरण का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। इससे आपको बिजली भी मिलेगी...और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा।
साथियों,
कांग्रेस और आरजेडी वाले सत्ता के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। औरंगाबाद तो इसका सबसे बड़ा साक्षी है। यहां जो कुटुंबा सीट है...उस पर क्या हुआ, ये पूरे बिहार ने देखा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तक को आरजेडी ने अपमानित किया। आरजेडी ने कांग्रेस को सिर्फ वही सीटें दीं...जहां वो 35-40 साल से नहीं जीत पाई है। आरजेडी ने कांग्रेस की कनपट्टी पर कट्टा रखकर...मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी भी चोरी कर ली... आज भी अनेकों सीटों पर आरजेडी-कांग्रेस वाले आमने-सामने हैं। आप मुझे बताइए...जो अपने साथियों को धोखा दे सकते हैं...वो आपके सगे हो सकते हैं क्या? आपका भला कर सकते हैं क्या? ये वादे पूरे कर सकते हैं क्या?
साथियों,
कांग्रेस और आरजेडी...सिर्फ अपमान की, गाली-गलौज की राजनीति करते हैं। आपने देखा...कांग्रेस के शाही परिवार के नामदार ने छठी मैया की पूजा को ड्रामा कहा। ये लोग महाकुंभ को भी फालतू कहते हैं...इन्हें हमारे हर पर्व-त्योहार से चिढ़ है। ये नामदार...हमारी आस्था को ऐसे ही अपमानित करते हैं। मैं जरा अपनी माताओ-बहनों से पूछना चाहता हूं..छठी मैया का महापर्व हमारी माताएं-बहनें पानी तक नहीं पीती पानी तक नहीं पीती ऐसी साधना करती हैं। अब उनको नौटंकी कहना.. ड्रामा कहना वो छठी मैया का अपमान है कि नहीं है? अपमान है कि नहीं है? जिन्होंने इस महान तपस्या का अपमान किया है उनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? इस चुनाव में उनको सजा दोगे कि नहीं दोगे? सारी माताएं-बहने पूरी ताकत से सजा दोगे कि नहीं दोगे?

साथियों,
याद रखना...11 नवंबर को अपने एक वोट से इन्हें सज़ा देनी है। आपका वोट उन्हे सजा देने की ताकत रखता है। NDA की अब तक की सबसे बड़ी विजय इस चुनाव में पक्की है दोस्तों। और इसलिए 14 तारीख के बाद आपको मैं कह रहा हूं विजयोत्सव की तैयारी कर लीजिए। जनता का मिजाज बताता है और कांग्रेस वालों की बातें भी बताती है कि वो पराजय के कारण अभी से ढूंढने में लग गए हैं। अभी से क्यों हार गए बिहार इसके लिए क्या-क्या कहना है अभी से इसकी प्रैक्टिस करना चालू कर दिया है उन्होंने... और इसलिए भाइयों-बहनों विजयी की ओर आगे बढ़ना है आपके आशीर्वाद से। मैं सभी उस्मीदवारों से आग्रह करूंगा कि जरा आगे आइए.. एक-एक दो-दो कदम आपके इन सभी उम्मीदवारों को आशीर्वाद चाहिए।
मेरे साथ बोलिए..
भारत माता की... जय!
भारत माता की... जय!
भारत माता की... जय!
वंदे.. वंदे.. वंदे.. वंदे.. वंदे..


