Text of the PM’s statement in Lok Sabha

Published By : Admin | March 9, 2015 | 19:36 IST

आदरणीय अध्यक्ष महोदयाजी, 

सदन में और देश में जो आक्रोश है, उस आक्रोश में मैं भी मेरा स्वर मिलाता हूं। यह देश, अलगाववाद के मुद्दे पर, आतंकवाद के मुद्दे पर, दलबन्दी के आधार पर न पहले भी सोचता था, न आज भी सोचता है, न आगे भी सोचेगा। सदन भी, एक स्वर से इस प्रकार की किसी भी हरकत के प्रति अपना आक्रोश भी व्‍यक्‍त करे, जो आज किया है, और मैं इस सदन को विश्‍वास दिलाता हूं, मैं देश को विश्‍वास दिलाता हूं कि सरकार बनने के बाद जो कुछ भी गतिविधियां हो रही है, न वो भारत सरकार से मशवरा करके हो रही है, न भारत सरकार को जानकारी देकर के हो रही है। 

और इसलिए मेरा इस सदन के माननीय सदस्‍यों से आग्रह है कि आप समय आने पर अवश्‍य राजनैतिक टिपण्णियां करें। भारतीय जनता पार्टी वहां पर सरकार में हिस्‍सेदार है, इसके लिए आप भरपूर आलोचना भी करें, और वो आपका हक है और होना भी चाहिए। लेकिन हम ऐसा न करें कि देश की एकता के संबंध में हमारे भिन्न स्वर हैं, यह message न दुनिया में जाना चाहिए, न कश्‍मीर में जाना चाहिए, न देश में जाना चाहिए। और इसलिए मैं इस सदन को और पूरे देश को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं कि यह सरकार ऐसी किसी भी हरकतों को स्‍वीकार नहीं करती है। देश की एकता और अखंडता में कोई समझौता हमें मंजूर नहीं है। संविधान की मर्यादाओं में ही कदम उठाए जाते हैं, आगे भी उठाए जाएंगे। 

दूसरा… मोदी जी चुप क्‍यों हैं? मैंने उस सदन में भी इस विषय में विस्‍तार से अपनी बात कही थी। और इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमें चुप रहना पड़े। हम इन विषयों में वो लोग है, जिन्‍होंने इन्‍हीं आदर्शों के लिए श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को बलि दिया है। और इसलिए कृपा करके हमें देशभक्ति मत सिखाएं। और मैं आपको कहना चाहता हूं हमने कुछ बातों का clarification मांगा है, और जैसे माननीय गृहमंत्री जी ने कहा वो clarification आने के बाद वे भी सदन को जानकारी दी जाएगी। 

और इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं यह आक्रोश किसी दल का नहीं है, यह आक्रोश देश का है। यह आक्रोश उस bench का और उस bench का नहीं है, यह आक्रोश पूरे सदन का है। और हम एक स्‍वर से अलगाववादी ताकतों को, अलगाववाद को समर्थन करने वालों को, और कानून का दुरुपयोग करने वालों को हम हमारा आक्रोश अभिव्‍यक्‍त करते हैं और आने वाले दिनों में सदन जो एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है, उसके लिए जो भी आवश्‍यक कदम उठाने होंगे यह सरकार उठाएगी। 

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Your Excellency प्रधानमंत्रीजी ,
दोनों देशों के delegates,
Media के पूरे साथी,
नमस्कार!
दोभार दान!

ज़ाग्रेब की इस ऐतिहासिक और मनमोहक धरती पर जिस उत्साह, आत्मीयता और स्नेह से मेरा स्वागत हुआ है, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री और क्रोएशिया सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहूंगा ।

किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की यह पहली यात्रा है। और इसका सौभाग्य मुझे मिला है।

Friends,

भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, rule of law, Pluralism, और Equality जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हैं। यह सुखद संयोग है कि पिछले वर्ष भारत के लोगों ने मुझे, और क्रोएशिया के लोगों ने प्रधानमंत्री आंद्रेजी को, लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है। इस जनविश्वास के साथ, हमने अपने तीसरे कार्यकाल में, अपने द्विपक्षीय संबंधों को तीन गुना गति देने का निर्णय लिया है।

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रक्षा क्षेत्र में long-term सहयोग के लिए एक ‘रक्षा सहयोग प्लान’ बनाया जाएगा, जिसमें ट्रेनिंग और मिलिट्री exchange के साथ-साथ रक्षा उद्योग पर भी फोकस किया जाएगा। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां हमारी अर्थव्यवस्थाएँ एक दूसरे के पूरक हो सकती है। हमारे इन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।

हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विश्वसनीय supply chain तैयार करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। हम फार्मा, agriculture, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, क्लीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल energy, सेमीकंडक्टर ऐसे कई महत्वपूर्ण विषयों में सहयोग को बढ़ावा देंगे।

शिपबिल्डिंग और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग बढ़ाया जायेगा। भारत की सागरमाला परियोजना के तहत हो रहे port modernisation, कोस्टल-ज़ोन के विकास और मल्टीमोडल कनेक्टिविटी में क्रोएशिया की कंपनियों के लिए भी व्यापक अवसर हैं। हमने अपने academic institutions और centers के बीच joint research और collaboration पर बल दिया है। भारत अपने स्पेस अनुभव को क्रोएशिया के साथ साझा करेगा।

Friends,

हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध, आपसी स्नेह और सद्भाव का मूल हैं। ‘इवान फिलिप वेज़दिन’ ने 18वीं शताब्दी में, पहली बार यूरोप में संस्कृत व्याकरण प्रकाशित किया। 50 वर्षों से ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में इंडोलोजी विभाग सक्रिय है।

आज हमने अपने सांस्कृतिक और people to people संबंधों को और बल देने का निश्चय किया है। ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में हिन्दी chair के MoU की अवधि 2030 तक बढ़ाई गई है। आने वाले पांच वर्षों के लिए cultural exchange प्रोग्राम तैयार किया गया है।

लोगों के आवागमन को सरल बनाने के लिए मोबिलिटी एग्रीमेंट को जल्द पूर्ण किया जाएगा। क्रोएशियाई कंपनियाँ भारत की आईटी मैनपावर का लाभ उठा सकेंगी। हमने दोनों देशों के बीच टूरिज्म को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।

यहाँ पर योग की लोकप्रियता को मैंने स्पष्ट रूप से अनुभव किया है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है, और मुझे विश्वास है कि हमेशा की तरह क्रोएशिया के लोग इसे धूम-धाम से मनाएंगे।

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Friends,

हम सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली शक्तियों का विरोधी है। 22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले पर संवेदनाओं के लिए, हम प्रधानमंत्रीजी और क्रोएशिया सरकार के हार्दिक आभारी हैं। ऐसे कठिन समय में, हमारे मित्र देशों का साथ हमारे लिए बहुत मूल्यवान था।

हम दोनों सहमत हैं कि आज के वैश्विक वातावरण में भारत और यूरोप की साझेदारी बहुत महत्व रखती है। EU के साथ हमारी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में क्रोएशिया का समर्थन और सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है।

हम दोनों इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलता । डायलॉग और डिप्लोमेसी ही एकमात्र रास्ता है। किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है।

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Friends,

आज यहाँ ‘बाँसकि द्वोरी’ में होना मेरे लिए एक विशेष पल है। जहाँ ‘साकसिनस्की’ ने क्रोएशियन भाषा में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था, मुझे हिन्दी में अपनी बात रखने में एक गर्व और सुकून का अनुभव हो रहा है। उन्होंने सही कहा था, "भाषा एक पुल है”, और आज हम उसे मज़बूती दे रहे हैं।

एक बार फिर, क्रोएशिया में हमारी आवभगत के लिए मैं प्रधानमंत्रीजी का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ। और, प्रधानमंत्रीजी, मैं यह भी आशा करता हूँ कि आप हमें भारत में जल्द से जल्द स्वागत करने का अवसर प्रदान करेंगे।

आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद।