QuotePM Modi addresses a vibrant gathering in Ramtek, Maharashtra, paying homage to esteemed leaders including Baba Jumdevji, Gond Raja Bakht Buland Shah, and Baba Saheb Ambedkar
QuotePM Modi urges the audience to unite and send their blessings to NDA in the upcoming Lok Sabha Elections 2024, symbolizing collective support and solidarity
QuotePM Modi highlights the transformative initiatives undertaken by the NDA government to empower marginalized communities, ensuring social justice and inclusive development
QuoteModi worked to provide facilities to the poor, to reduce their worries: PM Modi in Ramtek
QuotePM Modi urge the people of Maharashtra to vote for the country's unity and progress, cautioning against the divisive agenda of opportunistic alliances


भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
प्रभु श्रीरामचंद्रांच्या पावन भूमिमध्ये,
अणि श्री रघुजी भोसले महाराज्यांच्या शौर्याचा वारसा लाभलेल्या,
या रामटेकच्या पावन भूमिला माझा साष्टांग नमस्कार!

क्या वो छोटी बालिका राम बनके आई है क्या...इस पावन धरा से मैं महान त्यागी बाबा जुमदेवजी…गोंड राजा बख्त बुलंद शहा…और बाबा साहेब आंबेडकर को भी नमन करता हूं।

यहां बाबा जूमदेव जी ने ‘परमात्मा एक सेवा मंडल’ इसके माध्यम से जो नशामुक्ति का अभियान चलाया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। मैं इस अभियान में जुड़े सभी लोगों की सराहना करता हूं।

साथियों,
शाम हो रही है, लेकिन आपका उत्साह देखकर लगता है कि अभी दिन शुरू ही हुआ है। ये आपका उत्साह-उमंग एक बार फिर अपनी जरा मोबाइल की फ्लैश लाइट कीजिए। सबसे सब, मैं फिर पूछता हूं आपको लाइट क्यों की। ये आपकी फ्लैश लाइट से आपके आशीर्वाद सीधे-सीधे यहां पहुंच रहे हैं। ये आपकी फ्लैश लाइट 19 तारीख को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने का संकल्प है। ये जोश है, जो संदेश दे रहा है- फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार।

भाइयों और बहनों,
19 अप्रैल को आपको सिर्फ एक सांसद नहीं चुनना है। आपको अगले एक हजार साल के भारत की नींव मजबूत करने के लिए मतदान करना है। आपको विकसित भारत के संकल्प के लिए मतदान करना है।

साथियों,
आजकल ये टीवी वाले, मीडिया वाले चुनाव को लेकर लगातार सर्वे दिखा रहे हैं। इस सर्वे में NDA की बंपर जीत दिखाई दे रही है। लेकिन मैं आज मीडिया वालों की मदद करना चाहता हूं। ये सर्वे के पीछे, ये मीडिया वाले इतना खर्चा क्यों करते हो भाई। इनको पैसा बचाने का एक फॉर्मूला आज मैं देना चाहता हूं। जब मोदी को गालियां बढ़ जाएं तो रुझान समझ जाइए- फिर एक बार मोदी सरकार। जब ये लोग मेरे स्वर्गीय पिताजी या माताजी को गाली देने लगें तो समझ जाइए- फिर एक बार मोदी सरकार। जब EVM पर सवाल उठने लगें, तो रुझान समझ जाइए- फिर एक बार मोदी सरकार।

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साथियों,
आजकल ये इंडी गठबंधन वाले और उनके लोग ये झूठ भी फैला रहे हैं कि मोदी तीसरी बार सरकार में आया तो लोकतंत्र और संविधान खतरे में पड़ जाएगा। अभी नितिन जी ने उसका बड़ा जमकर के जवाब दिया है। मैं जब से राजनीति में आया हूं, ये कोई ऐसा चुनाव नहीं गया है, जिसमें उन्होंने ये घिसी-पिटी कथा न सुनाई हो। अटलजी की सरकार बनी तब भी ऐसे ही गीत गा रहे थे। इसका मतलब इनकी बैंकरप्सी इतनी है कि इनके पास कोई नया आइडिया भी नहीं है। इमरजेंसी के दौरान क्या लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ा था? पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, अगर इन लोगों के परिवार का सरकार का, एक प्रकार से कब्जा था, चारों तरफ वो ही नजर आ रहे थे। क्या उस समय लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ता था। एक गरीब का बेटा जैसे ही देश का प्रधानमंत्री बन गया, इन्हें लोकतंत्र और संविधान खतरे में दिखाई देने लगा।

ये इंडी गठबंधन वाले, कभी गरीब को आगे बढ़ते हुए नहीं देख सकते। अभी हमारे शिंदे जी एक कहावत बता रहे थे। मराठी में एक और कहावत है - काठी मारल्याने पाणी दुभंगत नाही. यानि पानी में जितनी लाठी मारी जाए, पानी में कभी भेद नहीं हो सकता है। गरीब के इस बेटे पर ये लोग चाहे जितना हमला करें, मोदी देश की जनता की सेवा के संकल्प से पीछे नहीं हटेगा।

साथियों,
ये इंडी गठबंधन वाले पूरी ताकत से देश के लोगों को बांटने में जुटे हैं। वो जानते हैं कि देश के लोग एकजुट हो गए, तो इंडी गठबंधन वालों की राजनीति खत्म हो जाएगी। इसलिए मैं महाराष्ट्र के लोगों से कहूंगा, देशवासियों से कहूंगा- एकजुट होकर, एकजुट होकर देश के नाम पर वोट दीजिए। ये इंडी गठबंधन वाले ताकतवर हुए तो देश को खंड-खंड कर देंगे। आज भी ये एक समाज को दूसरे समाज से लड़ाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। आज भी ये भारत की संस्कृति को निशाना बनाना उसका कोई मौका नहीं छोड़ते। हमारा ये रामटेक वो स्थान है, जहां खुद प्रभु राम के पैर पड़े हैं। इस बार रामनवमी पर अयोध्या में हमारे रामलला, टैंट में नहीं, भव्य मंदिर में दर्शन देंगे। 500 साल बाद ये पल आ रहा है। रामटेक को, पूरे महाराष्ट्र को, पूरे देश को अद्भुत आनंद हो रहा है। लेकिन हम ये ना भूलें कि जब प्राण प्रतिष्ठा का अवसर आया, तो इन इंडी गठबंधन वालों ने इसका भी बहिष्कार किया था। निमंत्रण को ठुकरा दिया। ये लोग सनातन पर हमले करते हैं। सनातन को खत्म करने की सौगंध लेने वालों के साथ रैलियां करते हैं।

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साथियों,
आजकल नवरात्रि का पर्व है। शक्ति की उपासना का पर्व है। ये लोग हिंदू धर्म की शक्ति को भी समाप्त करना चाहते हैं। आप मुझे बताइए, क्या ऐसे इंडी गठबंधन वालों को महाराष्ट्र में एक भी सीट जीतने देंगे? एक भी सीट जीतने देंगे? उनको इनके पापों की सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। ये चुनाव में वोट देकर के उनको सजा देंगे कि नहीं देंगे। साथियों, भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और एनसीपी ये सब मिलकर के आज आपके पास आए हैँ। आपका एक-एक वोट इनको जिताने के लिए तो है, लेकिन उनको सजा देने के लिए भी है।

साथियों,
आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने साजिश के तहत SC-ST-OBC समाज को हर प्रकार से पीछे रखा। कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर की राजनीति को खत्म किया। कांग्रेस ने बाबासाहेब को भारत रत्न से वंचित रखा। जब बीजेपी के समर्थन से केंद्र में सरकार बनी तो बाबासाहेब को भारत रत्न दिया गया। जब 2014 में NDA सरकार बनी, तो एक दलित मां के बेटे, भारत के राष्ट्रपति बने। जब 2019 में फिर NDA सरकार बनी, तो एक आदिवासी मां की बेटी, पहली बार देश की पहली नागरिक राष्ट्रपति बनीं। NDA सरकार में हमने रिकॉर्ड संख्या में ओबीसी समाज से मंत्री बनाए हैं।

साथियों,
ये NDA सरकार है, जिसने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया। ये NDA सरकार है, जिसने मेडिकल की पढ़ाई में ओबीसी के लिए आरक्षण तय किया। ये NDA सरकार थी, जिसने अलग आदिवासी मंत्रालय बनाया। 10 वर्षों में आदिवासी कल्याण का बजट 5 गुणा बढ़ा है। NDA सरकार की नीतियों के कारण ही स्कूल-कॉलेज में SC/ST/OBC युवाओं का नामांकन बहुत अधिक बढ़ा है।

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भाइयों और बहनों,
सबका साथ, सबका विकास का हमारा ये मंत्र संविधान की सच्ची भावना है। लेकिन परिवारवादी पार्टियों ने हमेशा संविधान की इस भावना का अपमान किया। सामाजिक न्याय का झूठ बोलकर ये लोग सिर्फ अपने ही परिवार को आगे बढ़ाते रहे। इन लोगों के राज में दशकों तक SC-ST-OBC परिवार, मूल सुविधाओं से ही वंचित थे। गरीब को सुविधाएं देने का काम, उसकी चिंता कम करने का काम ये गरीब मां के बेटे मोदी ने किया है। आज जब मोदी, शत-प्रतिशत लाभार्थियों को, शत-प्रतिशत योजनाओं के लाभ की गारंटी देता है..तो यही सच्चा सामाजिक न्याय है। यही सच्चा सेकुलरिज्म होता है। क्योंकि उसमें भेदभाव की कोई संभावनाएं ही नहीं बचतीं। इसमें जो हकदार है, वो छूट नहीं जाता। शत-प्रतिशत लोगों को उसका हक का जो लाभ है, उसे पहुंचता है। और उसके कारण भ्रष्टाचार की दुकान भी बंद हो जाती है।

गरीब को पक्के घर देने की गारंटी हो, मुफ्त राशन देने की बात हो, मुफ्त इलाज की बात हो, टॉयलेट, बिजली-पानी-गैस कनेक्शन की गारंटी हो, मोदी की इन गारंटियों के बहुत बड़े लाभार्थी SC-ST-OBC परिवार ही हैं। जिन आदिवासी बाहुल्य जिलों को पहले पिछड़ा मानकर छोड़ दिया गया था। 10 वर्षों में वहां विकास की नई आशा जगी है। इसका परिणाम ये है कि 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें, आकांक्षी जिलों ने, एस्परेशनल डिस्ट्रिक्ट ने, बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसलिए मैं कहता हूं कि जब नीयत सही, तो नतीजे भी सही।

भाइयों और बहनों,
ये कांग्रेस है, जिसने एक देश, एक संविधान लागू नहीं होने दिया। यहां ये संविधान के नाम पर झूठ फैलाने वाले लोग मैं उनको सवाल पूछता हूं, अगर आपके लिए संविधान की इतनी अहमियत थी तो आपने बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को पूरे हिंदुस्तान में लागू करने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाई। 70-75 साल तक बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान पूरे हिंदुस्तान में लागू नहीं हुआ था। कौन जिम्मेवार है? कौन जिम्मेवार है? कौन जिम्मेवार है? ये मोदी है जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को लागू करके दिखाया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में अलगाव और आतंक को हवा देने वाला आर्टिकल-370 बनाए रखा। जम्मू-कश्मीर का संविधान अलग था। हम सबका संविधान अलग था। 370 की एक दीवार खड़ी कर दी गई थी। और मोदी ने जब कहा 370 हटानी है तो कहते थे, आग लग जाएगी। कहीं आग लगी भई। आग लगी क्या। 370 हटी की नहीं हटी। कश्मीर में संविधान लागू हुआ कि नहीं हुआ। बाबासाहेब आंबेडकर की आत्मा जहां होगी, आज मोदी को और हम सबको आशीर्वाद देती होगी।

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लेकिन मोदी ने जब आर्टिकल-370 हटाया तो कांग्रेस के अध्यक्ष क्या कहते हैं, सुना है आपने। कांग्रेस के अध्यक्ष कहते हैं कि ये मोदी जहां जाते हैं वहां 570, 370 बोलते हैं, अरे भई 370 का राजस्थान में क्या लेना-देना। आंध्र में क्या लेना-देना। ये 370 हटाने से देश को क्या फायदा हुआ? क्या ऐसी भाषा कभी हम सुन सकते हैं क्या। ये भी कांग्रेस की दलित, आदिवासी, महिला विरोधी और वोट बैंक की राजनीति का जीता-जागता प्रमाण है। मैं आपको समझाता हूं। आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में इन सभी वर्गों को पहली बार संवैधानिक अधिकार मिला है। वहां मेरे एससी-एसटी भाई-बहनों को आरक्षण नहीं था। वहां पर हमारे वाल्मीकि समाज, हमारे दलित समाज के लोगों को नागरिक के नाते जो हक मिलने चाहिए ना, वो भी प्राप्त नहीं थे। आजादी के इतने सालों बाद भी ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन को जब मैं ये कहता हूं तो चुभने लगता है। आपने हिंदुस्तान के मुकुट को वहां के लोगों को, वहां की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा था। बाबासाहेब आंबेडकर ने SC-ST-OBC महिला उनको जो अधिकार दिए, वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को नहीं थे और आप संविधान के नाम पर देश को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे है।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस, नागरिकता देने वाले कानून, CAA का भी विरोध कर रही है। क्योंकि इसके भी सबसे बड़े लाभार्थी, दलित हैं, बौद्ध अनुयायी हैं। अघाड़ी वाले कितना भी विरोध कर लें, CAA के तहत हर हकदार को नागरिकता मिलकर रहेगी, और ये मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,
ये जो अघाड़ी है, ये जो इंडी-गठबंधन है, ये विरासत और विकास, दोनों के घोर विरोधी हैं। गोसी खुर्द बांध परियोजना को कांग्रेस ने दशकों तक लटकाया। इससे किसानों को कितनी मुश्किलें हुईं। जब आपने NDA की, महायुति की सरकार बनाई, तब इस पर तेज़ी से काम शुरू हुआ। इससे गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और नागपुर जिलों के लाखों किसानों को लाभ हुआ। यहां पीने के पानी और सिंचाई के पानी के लिए एकनाथ जी, देवेंद्र जी और अजीत जी की टीम शानदार काम कर रही है। रात-दिन काम कर रही है। हर घर नल से जल पहुंचे, मोदी की इस गारंटी को पूरा करने में ये मेरे साथी दिन-रात जुटे हुए हैं।

साथियों,
विकसित भारत के निर्माण में हमारे किसान एक मजबूत स्तंभ हैं। महाराष्ट्र में पीएम स्वनिधि के तहत हजारों करोड़ रुपये किसानों के खाते में पहुंचे हैं। आने वाले 5 सालों में हम दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर होना चाहते हैं। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार ने करीब 600 करोड़ रुपये की दाल MSP पर खरीदी थी। और उस समय कृषि मंत्री कौन थे, वो आपको मालूम है। याद है ना। आजकल वो मुझे गाली देने की कतार में खड़े हो गए। सिर्फ 600 करोड़ की दाल। हमने 10 सालों में करीब सवा लाख करोड़ रुपये दलहन और तिलहन किसानों को MSP के रूप में दिए हैं। फर्क साफ दिखता है।

भाइयों और बहनों,
नागपुर और विदर्भ का पूरा क्षेत्र आज आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो रहा है। आज नागपुर में IIM, ट्रिपल आईआईटी, एम्स, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी है। आज नागपुर में मेट्रो की रफ्तार है। गोंदिया में बिरसी एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है। अमरावती में टेक्सटाइल पार्क बन रहा है। रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट पर भी काम हो रहा है, जो टूरिज्म को बहुत बढ़ावा देने वाला है। बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग से इस पूरे क्षेत्र का कायाकल्प होने जा रहा है। ऐसा विकास, एक ईमानदार, मजबूत और स्थिर NDA सरकार ही कर सकती है।

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साथियों,
10 सालों में विकास के बहुत सारे काम हुए हैं। लेकिन ये तो ट्रेलर है। आजकल बड़ी-बड़ी होटल में कोई खाना खाने जाता है ना तो शुरू में थाली आने से पहले ऐपेटाइजर आता है। बड़ी चटाखेदार बानगियां आती हैं। कभी-कभी तो लगता है यार इसी से तो पेट भर गया। लेकिन आपको मालूम है वो ऐपेटाइजर होता है, थाली आनी बाकी है। ये दस साल में मैंने जो काम किया है ना, वो तो ऐपेटाइजर है। अभी तो थाली आनी बाकी है। आने वाले 5 साल में हमें देश को, महाराष्ट्र को बहुत आगे ले जाना है। और इसके लिए...मेरे साथियों में आपको गारंटी देता हूं, आपका सपना ये मोदी का संकल्प है।

साथियों,
मैं आपको गारंटी देता हूं हर पल देश के नाम, हर पल आपके नाम। 24 बाय 7 फॉर 2047। और इसके लिए 19 अप्रैल को, रामटेक से राजू पार्वे जी, भंडारा-गोंदिया से सुनील जी और नागपुर से भाई नितिन गडकरी जी को भारी मतों से विजयी बनाना है। NDA के हर कैंडिडेट को मिला वोट, मोदी को मजबूत करेगा। लेकिन इसके लिए मेरी एक इच्छा है, पूरी करोगे। जरा सबसे सब बताइये पूरी करोगे। गर्मी कितनी ही क्यों न हो। कितनी ही गर्मी क्यों न हो। सुबह-सुबह ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है, करोगे। लोगों से मतदान करवाओगे। मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ोगे। मेरा एक और काम है। करोगे। हमें हर पोलिंग बूथ जीतना है। जीतोगे। हर पोलिंग बूथ जीतना है इस बार। हर पोलिंग बूथ का रिकॉर्ड तोड़ना है, तोड़ोगे।

अच्छा मेरा एक और काम है, करोगे। ये मेरा पर्सनल काम है करोगे। पक्का करोगे। देखिए, आप चुनाव प्रचार में घर-घर जा रहे हैं। तो लोगों को जरूर घर में जाकर बताना कि मोदी जी रामटेक आए थे। और मोदी जी ने आप सबको राम-राम कहा है। मेरे राम-राम पहुंचा दोगे। हर घर में पहुंचा दोगे। जब माताओं-बहनों को, बुजुर्गों को मेरा राम-राम कहोगे ना, तो वो मुझे आशीर्वाद देंगे। वो आशीर्वाद मुझे ऊर्जा देता है। आपके लिए जीने के लिए, आपके लिए जूझने के लिए, आपके लिए दौड़ने के लिए, आपके लिए दिन-रात खपाने के लिए, मुझे वहां से ताकत मिलती है और इसलिए ये मेरा व्यक्तिगत काम है। आप घर-घर जाकर के हरेक को मेरा राम-राम पहुंचाओगे। पक्का पहुंचाओगे।
मेरे साथ बोलिए
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्। वंदे मातरम्।
बहुत-बहुत धन्यवाद

  • Jitendra Kumar April 04, 2025

    🙏🇮🇳
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Dharmendra Singh June 18, 2024

    जय श्रीं राम ||🙏
  • Pradhuman Singh Tomar June 18, 2024

    BJP
  • krishangopal sharma Bjp June 08, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp June 08, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp June 08, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!