This UP poll is about creating history and keeping history-sheeters out, says PM Modi
During this Corona period, a university was started in the name of Raja Mahendra Pratap ji in Aligarh, says PM Modi
Opposition has left no stone unturned to spread the rumor that MSP will end, but the double engine government in UP has increased procurement at MSP: PM Modi
In the name of socialism, earlier governments promoted familialism, while the government of double engine worked on the ground in UP: PM Modi

नमस्कार !
धन्यवाद योगी जी। इतनी विस्तार से आपने सारी बातें रखी हैं। उत्तर प्रदेश से नागरिकों के साथ-साथ देश के नागरिकों को भी ये ध्यान आता होगा कि उत्तर प्रदेश में चहुंदिशाओं में विकास कितना तेजी से हो रहा है। हकीकतों के आधार पर आपने विस्तार से उन बातों को बताया है।

भाइयो और बहनो,

आज मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के सभी नागरिक भाइयों-बहनों को, मुझे वर्चुअली आप सबको नमन करने का, आपसे बात करने का मौका मिला है। इस कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार, आपके सुख-दुख के साथी ऐसे हमारे भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता, आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब ये पूरा क्षेत्र चौधरी चरण सिंह जी, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, मेजर ध्यान चंद जी, जैसे अनेक व्यक्तित्वों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है। इस क्षेत्र ने बाबू जी कल्याण सिंह जी के रूप में एक विजनरी, एक समर्पित, गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछड़ों के लिए काम करने वाला जनप्रतिनिधि देश को दिया है। आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले इस क्षेत्र को, इस क्षेत्र के लोगों को और जब देश आजादी का 75 वर्ष मना रहा है तब देशवासी आपके प्रति गौरव करते है। मैं आज आप सबको प्रणाम करता हूं। साथियो, कल वसंत पंचमी का बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार है। मां सरस्वती के पूजन का दिन है। मैं आप सभी को वसंत पंचमी के इस पावन पर्व के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।

साथियो,
अभी कोरोना की वजह से हम लोग रूबरू मिलते, समूह में बातें करते, उसका तो हमारा एक लंबा अनुभव है, लेकिन अब वर्चुअल मिलने का एक नया अनुभव ले रहे हैं। एक नए युग में नया अनुभव और डिजिटल व्यवस्था में हम मिल रहे हैं। मुझे याद है, इस साल की शुरुआत में, मेरा पहला दौरा मेरठ का ही हुआ था। उस दिन मौसम खराब था, इसलिए मुझे सड़क मार्ग से आना पड़ा था। लेकिन मेरठ एक्सप्रेसवे की वजह से मैं एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ पहुंच गया था। इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने का सौभाग्य देशवासियों ने मुझे दिया था। ये इस बात का सबूत है कि भाजपा की सरकार, जो कहती है, करके दिखाती है, जो काम शुरू करती है, उसे पूरा करके दिखाती है।

भाइयो और बहनो,
आज़ादी के बाद यूपी ने अनेक चुनाव देखे हैं, अनेक सरकारें बनती-बिगड़ती देखी हैं। लेकिन ये चुनाव सबसे अलग है। ये चुनाव यूपी में शांति के स्थायित्व के लिए है, विकास की निरंतरता के लिए है, प्रशासन में सुशासन के लिए है, यूपी के लोगों के तेज़ विकास के लिए है। ये चुनाव सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि की पहचान को बनाए रखने के लिए है। और, ये चुनाव हिस्ट्री शीटर्स को बाहर रखने के लिए है, नई हिस्ट्री बनाने के लिए है। और मुझे खुशी है कि यूपी के लोगों ने ये मन बना लिया है कि दंगाइयों को, माफियाओं को, पर्दे के पीछे रहकर के यूपी की सत्ता हथियाने नहीं देंगे। आज जिन क्षेत्र के मतदाताओं से मैं बात कर रहा हूं, वो अच्छी तरह समझते हैं कि उद्योगों के लिए, व्यापार-कारोबार के लिए कानून-व्यवस्था का राज होना कितना जरूरी है। कोई सोच नहीं सकता था कि यूपी में कभी अपराधी-माफिया काबू में आएंगे। लेकिन योगी जी ने कानून का राज स्थापित किया है। गुंडागर्दी करने वालों को ये समझ आया है।

भाइयो और बहनो,
21वीं सदी में यूपी को लगातार ऐसी सरकार चाहिए, जो डबल तेजी से काम करे, डबल तेजी से विकास करे। और ये काम डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है। 2017 में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद गरीबों के घर बनाने की स्पीड कई गुना बढ़ी है। कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की स्पीड डबल हुई है। मेट्रो कनेक्टिविटी इक्का-दुक्का शहरों से आज उत्तर प्रदेश के 10 शहरों तक पहुंच रही है। LPG गैस कनेक्शन का दायरा जो लगभग आधी आबादी तक ही सीमित था, आज शत-प्रतिशत हो रहा है।

साथियो,
आज हम एक ऐसे संकटकाल से गुजर रहे हैं। पूरा विश्व एक वैश्विक महामारी के संकट के जूझ रहा है। 100 साल में, 100 साल में इतना बड़ा संकट कभी मानव जाति को वैश्विक स्वरूप में नहीं आया। इस संकटकाल में भी यूपी ने डबल इंजन का डबल लाभ देखा है। इसी कोरोना काल में अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के नाम पर विश्वविद्यालय बनना शुरू हुआ। मेरठ में मेजर ध्यान चंद जी के नाम पर खेल विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास भी हो चुका है। टीके और मुफ्त राशन से लेकर रोज़गार तक, यूपी में योगी जी की सरकार ने हर क्षेत्र में तेजी से काम किया है।

साथियो,
आज यूपी में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज शत-प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को दूसरी डोज भी लग चुकी है। अभी योगी जी विस्तार से इसका ब्योरा दे रहे थे। ये यूपी के लोगों का, उन लोगों को करारा जवाब है, जो अफवाहें फैलाकर कभी वैक्सीन पर क्वश्चन मार्क लगा देते थे, प्रश्न चिह्न लगा देते थे, कभी वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को डरा रहे थे। मेरे प्यारे देशवासियों जरा सोचिए, जिन-जिन लोगों ने वैक्सीन के खिलाफ अफवाहें फैलाई, सामान्य मानवी के मन को विचलित किया। आपका मेरी बातों में भरोसा था, आपने मेरी बात को मानकर के वैक्सीन के लिए आगे आए, लेकिन सोच लीजिए, इस प्रकार की विकृत मानसिकता के साथ अगर देश में वैक्सीन के खिलाफ जो बातें बताई गईं थीं, वो लोगों ने मान ली होतीं और वैक्सीन के इतने डोज देश में न लगे होते और तब ओमिक्रॉन जैसा नया वेव आ जाता तो क्या होता। मेरे देश के गरीबों का क्या होता, लेकिन राजनीति की गंदी हरकतों में डूबे हुए लोग मानव के जीवन के साथ खेलने से भी पीछे नहीं रहे और अफवाहें फैला दिए। मैं देशवासियों का आभारी हूं कि आपने इनकी बातों का नहीं माना। वैक्सीन लगवा लिया। मैं आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं कि आपने भी वैक्सीन लगवाके देश को बचाने में मदद की है। आप लोगों ने ऐसे लोगों को दो टूक समझा दिया है कि समाजवादी झूठ, एक पल भी टिक नहीं सकता।

भाइयो और बहनो,

एक्सप्रेसवे हों, एयरपोर्ट हों, मेट्रो हों, ग्रामीण सड़कें हों, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो, गरीबों के लिए आवास हों, हर घर जल पहुंचाने का अभियान हो, बीते सालों में हर काम, हर काम में अभूतपूर्व तेजी आई है। 2017 से पहले जो सरकार थी, उसने एक्सप्रेसवे के नाम पर कैसी लूट मचाई, ये आप मुझसे ज्यादा जानते हैं। योगी जी की सरकार में पूर्वांचल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पूरे हो चुके हैं और 5 एक्सप्रेसवे पर तेज़ी से काम चल रहा है। जब प्रयास ईमानदार हों, तो काम ऐसे ही असरदार होता है। आज़ादी के इतने सालों तक राजधानी से इतने नज़दीक होने के बावजूद मेरठ-अलीगढ़ सहित ये पूरा क्षेत्र दिल्ली से कितना दूर था। पहले जब दिल्ली से ग़ाज़ियाबाद, मेरठ या अलीगढ़ जाने की बात भर ही होती थी, तो लोगों के माथे पर पसीना आ जाता था। इनका विकास भी कागज़ी था और ये समाजवादी भी, ये सिद्ध हो चुका है कि ये सिर्फ और सिर्फ परिवारवादी हैं। जबकि डबल इंजन की सरकार ने ज़मीन पर, जमीन पर काम किया और आज दिल्ली से दूरी सिर्फ कुछ मिनटों की रह गई है।


साथियो,
जिस गाज़ियाबाद को यूपी का उसको गेटवे माना जाता है, उसकी कनेक्टिविटी 5 साल पहले क्या थी ये भी आप भली-भांति जानते हैं। गाज़ियाबाद मेट्रो का विस्तार, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण, और हिंडन एयरपोर्ट से इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी अब बेहतर हुई है। दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम इसे और मजबूती देगा। अलीगढ़ में जो डिफेंस कॉरिडोर का काम शुरू हुआ है, वो इस क्षेत्र में छोटे उद्योगों को बहुत मदद करेगा। इससे युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे। अलीगढ़ का ताला हो, मेरठ का कैंची उद्योग हो या फिर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, सरकार के प्रयासों से अब और सशक्त हो रही है। इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट अभियान से भी मदद मिल रही है।

साथियो,
इस साल के बजट से यूपी के गरीब वर्ग, मध्यम वर्ग, किसान के जीवन में सार्थक बदलाव आने वाला है। जब से बजट आया है तो पूरे देश में इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। ये देश के गरीब की ज़रूरत, मिडिल क्लास और युवा भारत की आकांक्षाओं को बल देने वाला बजट है। गरीब परिवारों, गरीब बहनों के लिए 80 लाख पक्के घर, करीब 4 करोड़ गरीब बहनों के घर नल से जल, देश की पहली राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी, ये जितने भी प्रावधान हैं वो गरीबों को, गरीब परिवारों के युवाओं को गरिमा देंगे, आगे बढ़ने की शक्ति देंगे। पानी से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी एक बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है, जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसे यूपी के अनेक क्षेत्रों को राहत देगा। इस बजट से यूपी के गांवों और शहरों की स्वच्छता के लिए
एक बहुत बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी जो बहुत बड़ी राशि रखी गई है, उससे भी यूपी के गांव, गरीब और किसान को सबसे अधिक सुविधा मिलेगी। वाराणसी-कोलकाता एक्स्प्रेसवे हो, गोरखपुर-सिलीगुड़ी कॉरिडोर हो, बजट में प्रस्तावित ऐसे हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट यूपी की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे और ये प्रोजेक्ट साथ में रोजगार भी लाते हैं।

भाइयों और बहनों,

ये कागज़ी समाजवादी, जो शत-प्रतिशत परिवारवादी हैं, और इनके सहयोगी इतने सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन खेती की समस्या और किसानों की परेशानी को इन्होंने समझा ही नहीं। दशकों से खेती की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जिससे किसान परेशान था, उसको सुधारने का साहस इन्होंने जुटाया ही नहीं। क्योंकि स्थितियों को बदलने में मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए स्थिति ज्यों की त्यों रहे, यही कोशिश इन्होंने की। क्योंकि सोते-सोते सपने देखना, यही तो उनका काम है, लेकिन डबल इंजन की सरकार को खेती और किसान के वर्तमान और भविष्य की चिंता है। इसलिए कृषि का बजट पिछली सरकारों की तुलना में आज छह गुना हो चुका है। पीएम किसान सम्मान निधि के 70 हज़ार करोड़ रुपए में से बहुत बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश के छोटे किसानों को मिलेगा। अपनी उपज की कीमत के लिए कई-कई महीनों किसानों को इंतज़ार करना पड़ता था, डबल इंजन सरकार अब तुरंत MSP को बैंक खाते में जमा कर रही है। जैसे वैक्सीन की अफवाहें फैलाई ना, वैसे ही इसकी भी अफवाह फैलाई। झूठ बोलो, अफवाह फैलाओ, गुमराह करो, इससे ऊपर इनके पास कोई हथियार ही नहीं बचे हैं। MSP खत्म हो जाएगा, ये अफवाहें फैलाने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन यूपी में डबल इंजन की सरकार ने 2017 से पहले की अपेक्षा MSP पर खरीद में कई गुना अधिक वृद्धि की है। इस वर्ष भी यूपी सहित देश के किसानों को लाखों करोड़ रुपए MSP के रूप में मिलने वाले हैं। अफवाहों की राजनीति करने वाले ये वही दल हैं, वही नेता हैं, जिनकी सरकारों ने यूपी की करीब 2 दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों में ताले लगा दिए थे। उनको अलीगढ़ ताले लगाने के लिए याद आया और योगी जी बड़े विस्तार से इसका वर्णन कर रहे थे। गन्ना किसानों का बकाया सालों साल चलता रहता था। योगी जी की सरकार ने बीते 5 सालों में पुराने बकाए सहित डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया है। पिछले सीज़न का भी लगभग पूरा भुगतान हो चुका है और इस बार का भी बकाया तेजी से निपटाया जा रहा है। यही नहीं, योगी सरकार ने नई चीनी मिलें भी बनाईं हैं और अनेक पुरानी चीनी मिलों की क्षमता का विस्तार और आधुनिकीकरण भी किया है। गन्ने से इथेनॉल बनाने की बहुत बड़ी क्षमता अब यूपी में तैयार हो रही है। एक प्रकार से यूपी का इथेनॉल देश को दौड़ाएगा, ये ताकत पैदा कर रही है योगी जी की सरकार। इसलिए तो यूपी के गन्ना किसान भी आज कह रहे हैं कि, फर्क साफ़ है।

साथियो,
एक फरवरी को जो बजट आया है, उसमें यूपी सहित पूरे देश की खेती में पारंपरिकता और आधुनिकता के संगम का भी एक अद्भुत विजन है। एक तरफ गंगा जी के किनारे प्राकृतिक खेती, कैमिकल फ्री खेती, किसानों की लागत कम करने वाली खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों को ड्रोन और दूसरी आधुनिक टेक्नॉलॉजी के व्यापक उपयोग के लिए मदद का प्रावधान किया जा रहा है। इस बजट में मोटे अनाज से अधिक लाभ का प्रोत्साहन भी है और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों पर अधिक निवेश की प्रतिबद्धता भी है। और जब मोटे अनाज की बात करते हैं तो उसका सीधा संबंध छोटे किसानों से आता है। कठिन से कठिन भूमि पर मेहनत करते छोटा किसान जो पैदा करता है, वो ज्यादातर मोटा धान उगाता है।

साथियो,
5 साल पहले तक ये माफियावादी केंद्र की योजनाओं का लाभ यूपी के गरीब, दलित, पिछड़े तक नहीं पहुंचने देते थे। केंद्र की योजनाओं में उनकी मनमानी नहीं चलती थी, भ्रष्टाचार नहीं चलता था इसलिए ये उन योजनाओं में ब्रेक लगाकर रखते थे। घर की कंपनी बंद हो जाती थी। यूपी के लोगों की सेवा की भावना से काम कर रही योगी जी की सरकार ने, पहले के सारे गलत तरीके बदल दिए। इसलिए आपको इस बार भी बहुत सावधान रहकर के मतदाना के लिए जाना है। आप याद कीजिए, अगर इन्हें मौका मिल गया तो, किसानों को मिल रही हज़ारों करोड़ की मदद ये परिवारवादी, नकली समाजवादी बंद करा देंगे। किसानों के बैंक अकाउंट में जो एमएसपी का पैसा जा रहा है, ये परिवारवादी, समाजवादी नकली समाजवादी उसे भी रोक देंगे। आपको इस कोरोना काल में जो मुफ्त राशन मिल रहा है, ये सिर्फ अपने परिवार का पेट भरने वाले लोग नकली समाजवादी आपको भूखा छोड़ेंगे, ऐसे लोग हैं ये। गरीबों को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की जो सुविधा हमारी सरकार ने दी, ये परिवार की सुध के लिए जीने वाले लोग उसे भी बंद करा देंगे। गरीबों के, दलितों के, पिछड़ों के बच्चों को जो स्कॉलरशिप मिलती है, ये परिवार का भला देखने वाले लोग आपकी ओर देखेंगे भी नहीं, और पता नहीं स्कॉलरशिप कहां चली जाए। गरीब के कल्याण की सभी योजनाओं पर ये चीनी मिलों की तरह ताला ही लगाने वाले हैं और कुछ वो कर ही नहीं सकते। आप हमेशा याद रखिएगा, ये मध्यम वर्ग की जेब पर डाका डालकर रियल एस्टेट माफिया को दे देंगे। नोएडा-गाजियाबाद के लोगों से बेहतर इन्हें कौन जानेगा? राशन माफिया से लेकर कमीशन माफिया तक, ठेका माफिया से लेकर खनन माफिया तक, नकली कहने के समाजवादी और पूरी तरह परिवारवादी, फिर पुराने अवतार में आने के लिए तैयार बैठे हैं।

भाइयो और बहनो,
माफिया से इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी माताएं हैं, हमारी बहनें हैं, हमारी बेटियां हैं। उत्तर प्रदेश की बहनों-बेटियों ने, विशेष रूप से गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग और मुस्लिम बहन-बेटियों ने सुशासन के डबल इंजन का अनुभव इन 5 वर्षों में किया है। दंगाइयों और दबंगों को खुली छूट देने वालों की सरकार ने सबसे बड़ा अहित बहनों का-बेटियों का किया है। भाजपा डंके की चोट पर कह रही है कि दबंग और दंगाराज यूपी में नहीं अब नहीं लौट सकेगा। बीते 5 वर्षों में कानून का राज स्थापित करने के लिए पुलिस में लगभग डेढ़ लाख भर्तियां हुई हैं। इससे पहले के 15 सालों में, 15 सालों में सवा लाख से भी कम भर्तियां हुई थीं। इसमें भी अगर बेटियों की भागीदारी देखी जाए, तो 2017 से पहले यूपी में 12 हज़ार से भी कम महिला पुलिसकर्मी थीं। जबकि योगी जी की सरकार ने सिर्फ 5 वर्षों में 20 हज़ार से अधिक बेटियों को पुलिस में भर्ती किया है। नारी की सुरक्षा, सम्मान और अवसर के ऐसे ही अनुभव के कारण यूपी की बहन-बेटियां कह रही हैं कि फर्क साफ है !

भाइयो और बहनो,
जब मैं दंगाइयों को आए दिन बंदूक की नोंक, चाकू की अणी पर खेल खेलने वाले लोग योगी जी की सरकार को सहन नही कर सकते, वे पूरी ताकत लगा देंगे कि योगीजी फिर से न आएं। मैं उत्तर प्रदेश के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर इस प्रकार के तत्व अपना खेल खेलने में थोड़े से भी सफल हुए तो ये देश में उत्तर प्रदेश में पक्का कर लेंगे कि कोई उनको हाथ नहीं लगा सकता है। वे पहले से ज्यादा बेखौफ हो जाएंगे। वे और बर्बादी लेकर आएंगे। ऐसे लोगों को कभी सफल होने नहीं देना है। ऐसी ताकतों को कानून मानने के लिए मजबूर करना ही होगा और इसके लिए योगीजी की सरकार बहुत जरूरी है। यूपी में हर वर्ग, हर सम्प्रदाय की बेटियों को प्रगति के अपने करियर बनाने के अवसरों का एक सिलसिला योगीजी ने शुरू किया है. वो जारी रहेगा। बेटियों की शादी की उम्र को बेटों के बराबर करने के पीछे भी सबसे बड़ी प्रेरणा यही है कि बेटे-बेटी एक समान। यूपी में आज लगभग साढ़े पांच हजार रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से बहुत सारे स्टार्टअप्स में हमारी बेटियां भी डायरेक्टर हैं। इसी प्रकार मुद्रा योजना से भी जो बिना गारंटी के ऋण मिल रहे हैं, इसमें भी लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं हैं। बीते पांच सालों में यूपी में लाखों बहनें गांव-गांव में बैंकिंग सेवा के जुड़ी हैं। इस बजट में भी महिलाओं के लिए पिछले वर्ष की तुलना में बजट में हमने बहुत बड़ी बढ़ोत्तरी की है।

मैं अपनी बहनों और बेटियों से विशेष तौर पर कहूंगा, बीते पांच साल में जो बदलाव आया है। ये दबाव और दंगाई मानसिकता, ये लोग अगर मौका मिला, पिछले पांच साल में जो कानून हमेशा उनके माथे पर लटकता रहा, उसके कारण उनके जो गोरखधंधों में मुसीबतें आईं, वे उसका बदला उत्तर प्रदेश की बहन-बेटियों से लेना चाहते हैं। इन्होंने कैसे-कैसे लोगों के टिकट दिया है। यानि लोकतंत्र में जो लाज-शरम नाम की जो चीज चाहिए, वो भी छोड़ दी है। ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट दिया है, उसी से आपको इनके भावी इरादे का पता चल जाएगा। इसलिए मैं आपसे भारी मतदान करने का आग्रह भी कर रहा हूं। ठंड कितनी ही क्यों न हो, पहले मतदान, फिर जलपान….ये आप जरूर याद रखिएगा। तभी सुरक्षा, सम्मान, समृद्धि सुनिश्चित करने वाली भाजपा सरकार प्रचंड बहुमत के साथ फिर आएगी। आपका एक वोट आपकी आशा, आकांक्षा, अरमान को पूरा करने का, एक नई ताकत के साथ योगी जी की सरकार को काम करने का अवसर देगा। आपका हर वोट कमल के फूल पर पड़ेगा। इसी विश्वास के साथ मैं रू-ब-रू आकर के आपके दर्शन करता, मुझे भी एक नई ऊर्जा मिलती, लेकिन हमें सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय काम करना है और इसी कारण मैं आज वर्चुअली आपके बीच आया हूं। आप भारी मतदान करके 2014 के, 17 के, 19 के सारे रिकॉर्ड तोड़ के, भारी मतदान करके कमल के फूल को खिलाएंगे, ये पूरा विश्वास है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और योगी जी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

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Today, India is becoming the key growth engine of the global economy: PM Modi
December 06, 2025
India is brimming with confidence: PM
In a world of slowdown, mistrust and fragmentation, India brings growth, trust and acts as a bridge-builder: PM
Today, India is becoming the key growth engine of the global economy: PM
India's Nari Shakti is doing wonders, Our daughters are excelling in every field today: PM
Our pace is constant, Our direction is consistent, Our intent is always Nation First: PM
Every sector today is shedding the old colonial mindset and aiming for new achievements with pride: PM

आप सभी को नमस्कार।

यहां हिंदुस्तान टाइम्स समिट में देश-विदेश से अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित हैं। मैं आयोजकों और जितने साथियों ने अपने विचार रखें, आप सभी का अभिनंदन करता हूं। अभी शोभना जी ने दो बातें बताई, जिसको मैंने नोटिस किया, एक तो उन्होंने कहा कि मोदी जी पिछली बार आए थे, तो ये सुझाव दिया था। इस देश में मीडिया हाउस को काम बताने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता। लेकिन मैंने की थी, और मेरे लिए खुशी की बात है कि शोभना जी और उनकी टीम ने बड़े चाव से इस काम को किया। और देश को, जब मैं अभी प्रदर्शनी देखके आया, मैं सबसे आग्रह करूंगा कि इसको जरूर देखिए। इन फोटोग्राफर साथियों ने इस, पल को ऐसे पकड़ा है कि पल को अमर बना दिया है। दूसरी बात उन्होंने कही और वो भी जरा मैं शब्दों को जैसे मैं समझ रहा हूं, उन्होंने कहा कि आप आगे भी, एक तो ये कह सकती थी, कि आप आगे भी देश की सेवा करते रहिए, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स ये कहे, आप आगे भी ऐसे ही सेवा करते रहिए, मैं इसके लिए भी विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

इस बार समिट की थीम है- Transforming Tomorrow. मैं समझता हूं जिस हिंदुस्तान अखबार का 101 साल का इतिहास है, जिस अखबार पर महात्मा गांधी जी, मदन मोहन मालवीय जी, घनश्यामदास बिड़ला जी, ऐसे अनगिनत महापुरूषों का आशीर्वाद रहा, वो अखबार जब Transforming Tomorrow की चर्चा करता है, तो देश को ये भरोसा मिलता है कि भारत में हो रहा परिवर्तन केवल संभावनाओं की बात नहीं है, बल्कि ये बदलते हुए जीवन, बदलती हुई सोच और बदलती हुई दिशा की सच्ची गाथा है।

साथियों,

आज हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस भी है। मैं सभी भारतीयों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

Friends,

आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं, जब 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है। इन 25 सालों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। फाइनेंशियल क्राइसिस देखी हैं, ग्लोबल पेंडेमिक देखी हैं, टेक्नोलॉजी से जुड़े डिसरप्शन्स देखे हैं, हमने बिखरती हुई दुनिया भी देखी है, Wars भी देख रहे हैं। ये सारी स्थितियां किसी न किसी रूप में दुनिया को चैलेंज कर रही हैं। आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है। लेकिन अनिश्चितताओं से भरे इस दौर में हमारा भारत एक अलग ही लीग में दिख रहा है, भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। जब दुनिया में slowdown की बात होती है, तब भारत growth की कहानी लिखता है। जब दुनिया में trust का crisis दिखता है, तब भारत trust का pillar बन रहा है। जब दुनिया fragmentation की तरफ जा रही है, तब भारत bridge-builder बन रहा है।

साथियों,

अभी कुछ दिन पहले भारत में Quarter-2 के जीडीपी फिगर्स आए हैं। Eight परसेंट से ज्यादा की ग्रोथ रेट हमारी प्रगति की नई गति का प्रतिबिंब है।

साथियों,

ये एक सिर्फ नंबर नहीं है, ये strong macro-economic signal है। ये संदेश है कि भारत आज ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ ड्राइवर बन रहा है। और हमारे ये आंकड़े तब हैं, जब ग्लोबल ग्रोथ 3 प्रतिशत के आसपास है। G-7 की इकोनमीज औसतन डेढ़ परसेंट के आसपास हैं, 1.5 परसेंट। इन परिस्थितियों में भारत high growth और low inflation का मॉडल बना हुआ है। एक समय था, जब हमारे देश में खास करके इकोनॉमिस्ट high Inflation को लेकर चिंता जताते थे। आज वही Inflation Low होने की बात करते हैं।

साथियों,

भारत की ये उपलब्धियां सामान्य बात नहीं है। ये सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, ये एक फंडामेंटल चेंज है, जो बीते दशक में भारत लेकर आया है। ये फंडामेंटल चेंज रज़ीलियन्स का है, ये चेंज समस्याओं के समाधान की प्रवृत्ति का है, ये चेंज आशंकाओं के बादलों को हटाकर, आकांक्षाओं के विस्तार का है, और इसी वजह से आज का भारत खुद भी ट्रांसफॉर्म हो रहा है, और आने वाले कल को भी ट्रांसफॉर्म कर रहा है।

साथियों,

आज जब हम यहां transforming tomorrow की चर्चा कर रहे हैं, हमें ये भी समझना होगा कि ट्रांसफॉर्मेशन का जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका आधार वर्तमान में हो रहे कार्यों की, आज हो रहे कार्यों की एक मजबूत नींव है। आज के Reform और आज की Performance, हमारे कल के Transformation का रास्ता बना रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण दूंगा कि हम किस सोच के साथ काम कर रहे हैं।

साथियों,

आप भी जानते हैं कि भारत के सामर्थ्य का एक बड़ा हिस्सा एक लंबे समय तक untapped रहा है। जब देश के इस untapped potential को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे, जब वो पूरी ऊर्जा के साथ, बिना किसी रुकावट के देश के विकास में भागीदार बनेंगे, तो देश का कायाकल्प होना तय है। आप सोचिए, हमारा पूर्वी भारत, हमारा नॉर्थ ईस्ट, हमारे गांव, हमारे टीयर टू और टीय़र थ्री सिटीज, हमारे देश की नारीशक्ति, भारत की इनोवेटिव यूथ पावर, भारत की सामुद्रिक शक्ति, ब्लू इकोनॉमी, भारत का स्पेस सेक्टर, कितना कुछ है, जिसके फुल पोटेंशियल का इस्तेमाल पहले के दशकों में हो ही नहीं पाया। अब आज भारत इन Untapped पोटेंशियल को Tap करने के विजन के साथ आगे बढ़ रहा है। आज पूर्वी भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और इंडस्ट्री पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। आज हमारे गांव, हमारे छोटे शहर भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हो रहे हैं। हमारे छोटे शहर, Startups और MSMEs के नए केंद्र बन रहे हैं। हमारे गाँवों में किसान FPO बनाकर सीधे market से जुड़ें, और कुछ तो FPO’s ग्लोबल मार्केट से जुड़ रहे हैं।

साथियों,

भारत की नारीशक्ति तो आज कमाल कर रही हैं। हमारी बेटियां आज हर फील्ड में छा रही हैं। ये ट्रांसफॉर्मेशन अब सिर्फ महिला सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, ये समाज की सोच और सामर्थ्य, दोनों को transform कर रहा है।

साथियों,

जब नए अवसर बनते हैं, जब रुकावटें हटती हैं, तो आसमान में उड़ने के लिए नए पंख भी लग जाते हैं। इसका एक उदाहरण भारत का स्पेस सेक्टर भी है। पहले स्पेस सेक्टर सरकारी नियंत्रण में ही था। लेकिन हमने स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म किया, उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए Open किया, और इसके नतीजे आज देश देख रहा है। अभी 10-11 दिन पहले मैंने हैदराबाद में Skyroot के Infinity Campus का उद्घाटन किया है। Skyroot भारत की प्राइवेट स्पेस कंपनी है। ये कंपनी हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता पर काम कर रही है। ये कंपनी, flight-ready विक्रम-वन बना रही है। सरकार ने प्लेटफॉर्म दिया, और भारत का नौजवान उस पर नया भविष्य बना रहा है, और यही तो असली ट्रांसफॉर्मेशन है।

साथियों,

भारत में आए एक और बदलाव की चर्चा मैं यहां करना ज़रूरी समझता हूं। एक समय था, जब भारत में रिफॉर्म्स, रिएक्शनरी होते थे। यानि बड़े निर्णयों के पीछे या तो कोई राजनीतिक स्वार्थ होता था या फिर किसी क्राइसिस को मैनेज करना होता था। लेकिन आज नेशनल गोल्स को देखते हुए रिफॉर्म्स होते हैं, टारगेट तय है। आप देखिए, देश के हर सेक्टर में कुछ ना कुछ बेहतर हो रहा है, हमारी गति Constant है, हमारी Direction Consistent है, और हमारा intent, Nation First का है। 2025 का तो ये पूरा साल ऐसे ही रिफॉर्म्स का साल रहा है। सबसे बड़ा रिफॉर्म नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी का था। और इन रिफॉर्म्स का असर क्या हुआ, वो सारे देश ने देखा है। इसी साल डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में भी बहुत बड़ा रिफॉर्म हुआ है। 12 लाख रुपए तक की इनकम पर ज़ीरो टैक्स, ये एक ऐसा कदम रहा, जिसके बारे में एक दशक पहले तक सोचना भी असंभव था।

साथियों,

Reform के इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, अभी तीन-चार दिन पहले ही Small Company की डेफिनीशन में बदलाव किया गया है। इससे हजारों कंपनियाँ अब आसान नियमों, तेज़ प्रक्रियाओं और बेहतर सुविधाओं के दायरे में आ गई हैं। हमने करीब 200 प्रोडक्ट कैटगरीज़ को mandatory क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर से बाहर भी कर दिया गया है।

साथियों,

आज के भारत की ये यात्रा, सिर्फ विकास की नहीं है। ये सोच में बदलाव की भी यात्रा है, ये मनोवैज्ञानिक पुनर्जागरण, साइकोलॉजिकल रेनसां की भी यात्रा है। आप भी जानते हैं, कोई भी देश बिना आत्मविश्वास के आगे नहीं बढ़ सकता। दुर्भाग्य से लंबी गुलामी ने भारत के इसी आत्मविश्वास को हिला दिया था। और इसकी वजह थी, गुलामी की मानसिकता। गुलामी की ये मानसिकता, विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में एक बहुत बड़ी रुकावट है। और इसलिए, आज का भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने के लिए काम कर रहा है।

साथियों,

अंग्रेज़ों को अच्छी तरह से पता था कि भारत पर लंबे समय तक राज करना है, तो उन्हें भारतीयों से उनके आत्मविश्वास को छीनना होगा, भारतीयों में हीन भावना का संचार करना होगा। और उस दौर में अंग्रेजों ने यही किया भी। इसलिए, भारतीय पारिवारिक संरचना को दकियानूसी बताया गया, भारतीय पोशाक को Unprofessional करार दिया गया, भारतीय त्योहार-संस्कृति को Irrational कहा गया, योग-आयुर्वेद को Unscientific बता दिया गया, भारतीय अविष्कारों का उपहास उड़ाया गया और ये बातें कई-कई दशकों तक लगातार दोहराई गई, पीढ़ी दर पीढ़ी ये चलता गया, वही पढ़ा, वही पढ़ाया गया। और ऐसे ही भारतीयों का आत्मविश्वास चकनाचूर हो गया।

साथियों,

गुलामी की इस मानसिकता का कितना व्यापक असर हुआ है, मैं इसके कुछ उदाहरण आपको देना चाहता हूं। आज भारत, दुनिया की सबसे तेज़ी से ग्रो करने वाली मेजर इकॉनॉमी है, कोई भारत को ग्लोबल ग्रोथ इंजन बताता है, कोई, Global powerhouse कहता है, एक से बढ़कर एक बातें आज हो रही हैं।

लेकिन साथियों,

आज भारत की जो तेज़ ग्रोथ हो रही है, क्या कहीं पर आपने पढ़ा? क्या कहीं पर आपने सुना? इसको कोई, हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहता है क्या? दुनिया की तेज इकॉनमी, तेज ग्रोथ, कोई कहता है क्या? हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कब कहा गया? जब भारत, दो-तीन परसेंट की ग्रोथ के लिए तरस गया था। आपको क्या लगता है, किसी देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को उसमें रहने वाले लोगों की आस्था से जोड़ना, उनकी पहचान से जोड़ना, क्या ये अनायास ही हुआ होगा क्या? जी नहीं, ये गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब था। एक पूरे समाज, एक पूरी परंपरा को, अन-प्रोडक्टिविटी का, गरीबी का पर्याय बना दिया गया। यानी ये सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि, भारत की धीमी विकास दर का कारण, हमारी हिंदू सभ्यता और हिंदू संस्कृति है। और हद देखिए, आज जो तथाकथित बुद्धिजीवी हर चीज में, हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं, उनको हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ में सांप्रदायिकता नज़र नहीं आई। ये टर्म, उनके दौर में किताबों का, रिसर्च पेपर्स का हिस्सा बना दिया गया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने भारत में मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम को कैसे तबाह कर दिया, और हम इसको कैसे रिवाइव कर रहे हैं, मैं इसके भी कुछ उदाहरण दूंगा। भारत गुलामी के कालखंड में भी अस्त्र-शस्त्र का एक बड़ा निर्माता था। हमारे यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ का एक सशक्त नेटवर्क था। भारत से हथियार निर्यात होते थे। विश्व युद्धों में भी भारत में बने हथियारों का बोल-बाला था। लेकिन आज़ादी के बाद, हमारा डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम तबाह कर दिया गया। गुलामी की मानसिकता ऐसी हावी हुई कि सरकार में बैठे लोग भारत में बने हथियारों को कमजोर आंकने लगे, और इस मानसिकता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस importers के रूप में से एक बना दिया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री के साथ भी यही किया। भारत सदियों तक शिप बिल्डिंग का एक बड़ा सेंटर था। यहां तक कि 5-6 दशक पहले तक, यानी 50-60 साल पहले, भारत का फोर्टी परसेंट ट्रेड, भारतीय जहाजों पर होता था। लेकिन गुलामी की मानसिकता ने विदेशी जहाज़ों को प्राथमिकता देनी शुरु की। नतीजा सबके सामने है, जो देश कभी समुद्री ताकत था, वो अपने Ninety five परसेंट व्यापार के लिए विदेशी जहाज़ों पर निर्भर हो गया है। और इस वजह से आज भारत हर साल करीब 75 बिलियन डॉलर, यानी लगभग 6 लाख करोड़ रुपए विदेशी शिपिंग कंपनियों को दे रहा है।

साथियों,

शिप बिल्डिंग हो, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग हो, आज हर सेक्टर में गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर नए गौरव को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने एक बहुत बड़ा नुकसान, भारत में गवर्नेंस की अप्रोच को भी किया है। लंबे समय तक सरकारी सिस्टम का अपने नागरिकों पर अविश्वास रहा। आपको याद होगा, पहले अपने ही डॉक्यूमेंट्स को किसी सरकारी अधिकारी से अटेस्ट कराना पड़ता था। जब तक वो ठप्पा नहीं मारता है, सब झूठ माना जाता था। आपका परिश्रम किया हुआ सर्टिफिकेट। हमने ये अविश्वास का भाव तोड़ा और सेल्फ एटेस्टेशन को ही पर्याप्त माना। मेरे देश का नागरिक कहता है कि भई ये मैं कह रहा हूं, मैं उस पर भरोसा करता हूं।

साथियों,

हमारे देश में ऐसे-ऐसे प्रावधान चल रहे थे, जहां ज़रा-जरा सी गलतियों को भी गंभीर अपराध माना जाता था। हम जन-विश्वास कानून लेकर आए, और ऐसे सैकड़ों प्रावधानों को डी-क्रिमिनलाइज किया है।

साथियों,

पहले बैंक से हजार रुपए का भी लोन लेना होता था, तो बैंक गारंटी मांगता था, क्योंकि अविश्वास बहुत अधिक था। हमने मुद्रा योजना से अविश्वास के इस कुचक्र को तोड़ा। इसके तहत अभी तक 37 lakh crore, 37 लाख करोड़ रुपए की गारंटी फ्री लोन हम दे चुके हैं देशवासियों को। इस पैसे से, उन परिवारों के नौजवानों को भी आंत्रप्रन्योर बनने का विश्वास मिला है। आज रेहड़ी-पटरी वालों को भी, ठेले वाले को भी बिना गारंटी बैंक से पैसा दिया जा रहा है।

साथियों,

हमारे देश में हमेशा से ये माना गया कि सरकार को अगर कुछ दे दिया, तो फिर वहां तो वन वे ट्रैफिक है, एक बार दिया तो दिया, फिर वापस नहीं आता है, गया, गया, यही सबका अनुभव है। लेकिन जब सरकार और जनता के बीच विश्वास मजबूत होता है, तो काम कैसे होता है? अगर कल अच्छी करनी है ना, तो मन आज अच्छा करना पड़ता है। अगर मन अच्छा है तो कल भी अच्छा होता है। और इसलिए हम एक और अभियान लेकर आए, आपको सुनकर के ताज्जुब होगा और अभी अखबारों में उसकी, अखबारों वालों की नजर नहीं गई है उस पर, मुझे पता नहीं जाएगी की नहीं जाएगी, आज के बाद हो सकता है चली जाए।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज देश के बैंकों में, हमारे ही देश के नागरिकों का 78 thousand crore रुपया, 78 हजार करोड़ रुपए Unclaimed पड़ा है बैंको में, पता नहीं कौन है, किसका है, कहां है। इस पैसे को कोई पूछने वाला नहीं है। इसी तरह इन्श्योरेंश कंपनियों के पास करीब 14 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास करीब 3 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। 9 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड का पड़ा है। और ये सब Unclaimed पड़ा हुआ है, कोई मालिक नहीं उसका। ये पैसा, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का है, और इसलिए, जिसके हैं वो तो भूल चुका है। हमारी सरकार अब उनको ढूंढ रही है देशभर में, अरे भई बताओ, तुम्हारा तो पैसा नहीं था, तुम्हारे मां बाप का तो नहीं था, कोई छोड़कर तो नहीं चला गया, हम जा रहे हैं। हमारी सरकार उसके हकदार तक पहुंचने में जुटी है। और इसके लिए सरकार ने स्पेशल कैंप लगाना शुरू किया है, लोगों को समझा रहे हैं, कि भई देखिए कोई है तो अता पता। आपके पैसे कहीं हैं क्या, गए हैं क्या? अब तक करीब 500 districts में हम ऐसे कैंप लगाकर हजारों करोड़ रुपए असली हकदारों को दे चुके हैं जी। पैसे पड़े थे, कोई पूछने वाला नहीं था, लेकिन ये मोदी है, ढूंढ रहा है, अरे यार तेरा है ले जा।

साथियों,

ये सिर्फ asset की वापसी का मामला नहीं है, ये विश्वास का मामला है। ये जनता के विश्वास को निरंतर हासिल करने की प्रतिबद्धता है और जनता का विश्वास, यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर गुलामी की मानसिकता होती तो सरकारी मानसी साहबी होता और ऐसे अभियान कभी नहीं चलते हैं।

साथियों,

हमें अपने देश को पूरी तरह से, हर क्षेत्र में गुलामी की मानसिकता से पूर्ण रूप से मुक्त करना है। अभी कुछ दिन पहले मैंने देश से एक अपील की है। मैं आने वाले 10 साल का एक टाइम-फ्रेम लेकर, देशवासियों को मेरे साथ, मेरी बातों को ये कुछ करने के लिए प्यार से आग्रह कर रहा हूं, हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं। 140 करोड़ देशवसियों की मदद के बिना ये मैं कर नहीं पाऊंगा, और इसलिए मैं देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर कह रहा हूं, और 10 साल के इस टाइम फ्रैम में मैं क्या मांग रहा हूं? मैकाले की जिस नीति ने भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोए थे, उसको 2035 में 200 साल पूरे हो रहे हैं, Two hundred year हो रहे हैं। यानी 10 साल बाकी हैं। और इसलिए, इन्हीं दस वर्षों में हम सभी को मिलकर के, अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहना चाहिए।

साथियों,

मैं अक्सर कहता हूं, हम लीक पकड़कर चलने वाले लोग नहीं हैं। बेहतर कल के लिए, हमें अपनी लकीर बड़ी करनी ही होगी। हमें देश की भविष्य की आवश्यकताओं को समझते हुए, वर्तमान में उसके हल तलाशने होंगे। आजकल आप देखते हैं कि मैं मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर लगातार चर्चा करता हूं। शोभना जी ने भी अपने भाषण में उसका उल्लेख किया। अगर ऐसे अभियान 4-5 दशक पहले शुरू हो गए होते, तो आज भारत की तस्वीर कुछ और होती। लेकिन तब जो सरकारें थीं उनकी प्राथमिकताएं कुछ और थीं। आपको वो सेमीकंडक्टर वाला किस्सा भी पता ही है, करीब 50-60 साल पहले, 5-6 दशक पहले एक कंपनी, भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए आई थी, लेकिन यहां उसको तवज्जो नहीं दी गई, और देश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में इतना पिछड़ गया।

साथियों,

यही हाल एनर्जी सेक्टर की भी है। आज भारत हर साल करीब-करीब 125 लाख करोड़ रुपए के पेट्रोल-डीजल-गैस का इंपोर्ट करता है, 125 लाख करोड़ रुपया। हमारे देश में सूर्य भगवान की इतनी बड़ी कृपा है, लेकिन फिर भी 2014 तक भारत में सोलर एनर्जी जनरेशन कपैसिटी सिर्फ 3 गीगावॉट थी, 3 गीगावॉट थी। 2014 तक की मैं बात कर रहा हूं, जब तक की आपने मुझे यहां लाकर के बिठाया नहीं। 3 गीगावॉट, पिछले 10 वर्षों में अब ये बढ़कर 130 गीगावॉट के आसपास पहुंच चुकी है। और इसमें भी भारत ने twenty two गीगावॉट कैपेसिटी, सिर्फ और सिर्फ rooftop solar से ही जोड़ी है। 22 गीगावाट एनर्जी रूफटॉप सोलर से।

साथियों,

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने, एनर्जी सिक्योरिटी के इस अभियान में देश के लोगों को सीधी भागीदारी करने का मौका दे दिया है। मैं काशी का सांसद हूं, प्रधानमंत्री के नाते जो काम है, लेकिन सांसद के नाते भी कुछ काम करने होते हैं। मैं जरा काशी के सांसद के नाते आपको कुछ बताना चाहता हूं। और आपके हिंदी अखबार की तो ताकत है, तो उसको तो जरूर काम आएगा। काशी में 26 हजार से ज्यादा घरों में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के सोलर प्लांट लगे हैं। इससे हर रोज, डेली तीन लाख यूनिट से अधिक बिजली पैदा हो रही है, और लोगों के करीब पांच करोड़ रुपए हर महीने बच रहे हैं। यानी साल भर के साठ करोड़ रुपये।

साथियों,

इतनी सोलर पावर बनने से, हर साल करीब नब्बे हज़ार, ninety thousand मीट्रिक टन कार्बन एमिशन कम हो रहा है। इतने कार्बन एमिशन को खपाने के लिए, हमें चालीस लाख से ज्यादा पेड़ लगाने पड़ते। और मैं फिर कहूंगा, ये जो मैंने आंकडे दिए हैं ना, ये सिर्फ काशी के हैं, बनारस के हैं, मैं देश की बात नहीं बता रहा हूं आपको। आप कल्पना कर सकते हैं कि, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ये देश को कितना बड़ा फायदा हो रहा है। आज की एक योजना, भविष्य को Transform करने की कितनी ताकत रखती है, ये उसका Example है।

वैसे साथियों,

अभी आपने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के भी आंकड़े देखे होंगे। 2014 से पहले तक हम अपनी ज़रूरत के 75 परसेंट मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे, 75 परसेंट। और अब, भारत का मोबाइल फोन इंपोर्ट लगभग ज़ीरो हो गया है। अब हम बहुत बड़े मोबाइल फोन एक्सपोर्टर बन रहे हैं। 2014 के बाद हमने एक reform किया, देश ने Perform किया और उसके Transformative नतीजे आज दुनिया देख रही है।

साथियों,

Transforming tomorrow की ये यात्रा, ऐसी ही अनेक योजनाओं, अनेक नीतियों, अनेक निर्णयों, जनआकांक्षाओं और जनभागीदारी की यात्रा है। ये निरंतरता की यात्रा है। ये सिर्फ एक समिट की चर्चा तक सीमित नहीं है, भारत के लिए तो ये राष्ट्रीय संकल्प है। इस संकल्प में सबका साथ जरूरी है, सबका प्रयास जरूरी है। सामूहिक प्रयास हमें परिवर्तन की इस ऊंचाई को छूने के लिए अवसर देंगे ही देंगे।

साथियों,

एक बार फिर, मैं शोभना जी का, हिन्दुस्तान टाइम्स का बहुत आभारी हूं, कि आपने मुझे अवसर दिया आपके बीच आने का और जो बातें कभी-कभी बताई उसको आपने किया और मैं तो मानता हूं शायद देश के फोटोग्राफरों के लिए एक नई ताकत बनेगा ये। इसी प्रकार से अनेक नए कार्यक्रम भी आप आगे के लिए सोच सकते हैं। मेरी मदद लगे तो जरूर मुझे बताना, आईडिया देने का मैं कोई रॉयल्टी नहीं लेता हूं। मुफ्त का कारोबार है और मारवाड़ी परिवार है, तो मौका छोड़ेगा ही नहीं। बहुत-बहुत धन्यवाद आप सबका, नमस्कार।